बेमेतरा

जिला अस्पताल में सीलन की भरमार, प्लास्टर उखड़ रहा, वाटर कूलर में गंदगी, शौचालय का दरवाजा भी सड़ा हुआ
26-Nov-2023 2:53 PM
जिला अस्पताल में सीलन की भरमार, प्लास्टर उखड़ रहा,  वाटर कूलर में गंदगी, शौचालय का दरवाजा भी सड़ा हुआ

कायाकल्प योजना की टीम के आने से पहले अस्पताल परिसर की सफाई हो रही 

आशीष मिश्रा

बेमेतरा, 26 नवंबर (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। जिला अस्पताल को कायाकल्प योजना के मूल्याकंन के लिए एक बार फिर चमकाने का प्रयास किया जा रहा है। अक्टूबर माह में आई टीम के जाने के बाद अस्पताल परिसर को घिस-घिसकर रंगने का काम जोर-शोर से किया जा रहा है।

‘छत्तीसगढ़’ ने अस्पताल परिसर के अंदर साफ -सफाई व आम मरीजों व अन्य लोगों के लिए उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया, जिसमें कई तरह की खामियां नजर आईं। मरीज कक्ष में बेड पर चादर व तकिये पर कवर की कमी दिखाई दी। वही बेड के रेगजीन फटे हुए मिले, जिन्हें दुरूस्त भी नहीं कराया गया है। महिला वार्ड में पुरूषो की उपस्थिति नजर आई, जिसे लेकर निगरानी की कमी होना बताया गया।

ज्ञात हो कि जिला अस्पताल की कायाकल्प योजना के तहत बीते दो सालों में कमजोर स्थिति रही है। अस्पताल दो साल से आंकलन के मामले में पिछड़ रहा है। अस्पताल की सबसे बड़ी समस्या साफ -सफाई व अनुशासन को लेकर रही है। 

अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में मुंगेली जिला अस्पताल की टीम में शामिल डॉ.एमके राय, डॉ सिदार व अन्य सदस्यों ने जिला अस्पताल का मूल्यांकन किया था। इस दौरान टीम प्रमुख डॉ. राय ने जिला अस्पताल की साफ -सफाई , सीलन व अव्यवस्था को सुधारने की सलाह दी थी। मूल्यांकन के दौरान स्थानीय टीम को जवाब देने में सोचना पड़ रहा था।

कायाकल्प योजना 

कयाकल्प योजना के तहत अस्पतालों मेें साफ -सफाई एवं स्वच्छता को बढ़ाने व अस्पतालों में संक्रमण को कम करने लिए सत्र में जिला व स्टेट की टीम द्वारा मू्ल्यांकन के लिए प्रोत्साहन स्वरूप पुस्कार राशि प्रदान की जाती है।

वाटर कूलर देखकर भी डर लगता है 

पुराने अस्पताल परिसर के ड्रेसिंग रूम के समाने लगे वाटर कू लर में गंदगी जमी हुई है। आम तौर पर इसी वाटर कूलर का लोग सबसे अधिक उपयोग करते हैं। बहुउपयेागी इस वाटर कूलर की सफाई को लेकर कोताही बरती जा रही है। ये साफ देखा जा सकता है। मरीज के परिजन मोहन कुमार ने बताया कि इससे पानी पीने में डर लगता है। इतना गंदा दिखाई दे रहा है।

शौचालय का दरवाजा खराब, सीट भी टूटी-फूटी 

जिला अस्पताल में महिला व पुरूष दोनों प्रसाधन कक्षों की स्थिति ठीक नहीं है। अस्पताल को बेहतर दिखाने के लिए लाखों खर्च किए गए हैं पर लोगों की मुलभूत सुविधा के लिए बनाए गए इस सुविधा स्थल पर सीट तक नहीं बदली गई है। महिला प्रसाधन का दरवाजा सड़ चुका है। दीवार का प्लास्टर गिरने की स्थिति में है। वहीं वास बेसिन व मिरर को देख कर अनुमान लगाया जा सकता है कि इसकी भी सुध नहीं ली जा रही है।

60 नंबर दिए जाने की चर्चा,स्टेट के लिए चयन 

आज से करीब 27 दिन पूर्व मूल्यांकन के लिए पहुंची टीम द्वारा जिला अस्पताल को 60 नंबर दिए जाने की चर्चा है। वहीं जिस तरह की वर्तमान स्थिति दिखाई दे रही है, उस हिसाब से इस अंक को पर्याप्त बताते हुए पार्षद नीलू प्रवीण सिंह राजपूत ने कहा कि अस्पताल में अभी भी स्वच्छता व संक्रमण के बचाव के लिए कारगर प्रयास किया जाना जरूरी है। 

वहीं मुंगेली सीएस डॉ. एमके राय ने बताया कि उन्होंने 90 नंबर दिए हैं, वहीं जिला अस्पताल के सीएस डॉ. एसआर चुरेन्द्र ने बताया कि उनको नंबर के बारे में जानकारी नहीं है, पर स्टेट के लिए अस्पताल का चयन किया गया है। दिंसंबर माह में स्टेट की टीम पहुंचेगी।

महीनों से बंद है ऑपरेशन 

जिला अस्पताल का ऑपरेशन थियेटर वाल सिलिंग के गिरने के बाद से बीते कई महीनो से बंद है। ऑपरेशन एमसीएच भवन में किया जा रहा है, जहां प्रसव, नसंबदी व आर्थो का ऑपरेशन किया जा रहा है। वहीं आंख का ऑपरेशन बंद है।

अधिकांश कमरों में सीलन की समस्या 

जिला अस्पताल में सीलन की भरमार है। जिला अस्पताल परिसर के बरामदे, ऑपरेशन थियेटर, ओपीडी व परिसर के अधिकतर कमरों में सीलन है। हालत ये है कि प्लास्टर की परतें उखड़ गई हैं। नीचे फ्लोर भी कई स्थानों पर डैमेज है।
 

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