बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 27 नवंबर। शासकीय प्राथमिक शाला एवं पूर्व माध्यमिक शाला लालपुर में रविवार को संविधान दिवस मनाया गया। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को पुष्प अर्पित कर संविधान की प्रस्तावना का वाचन कर संविधान की महत्ता पर चर्चा की गई। प्रधानपाठक बृजपाल सिंह डाहिरे ने भारत के संविधान विषय पर विस्तृत जानकारी दी। विद्यार्थियों द्वारा गीत, कविता, भाषण, कहानी, चुटकुला से प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर माध्यमिक शाला प्रधान पाठक रामायण मन्हरे, शिक्षक घनश्याम साहू, मोतीराम पात्रे, प्राथमिक शाला प्रधान पाठक बृजपाल सिंह डाहिरे, शिक्षिका माधुरी चतुर्वेदी, शिक्षक शांत कुमार पटेल आदि उपस्थित रहे।
बच्चों ने शाला परिसर में मनाया संविधान दिवस
शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सिंघौरी में संविधान दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षकों सहित सभी बच्चों ने देश के संविधान की शपथ ली। प्रधान पाठक मीनाक्षी शर्मा ने बताया कि 26 नवंबर 1949 को देश की संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को अपनाया था। इसलिए इस दिन की याद में हर साल देश में संविधान दिवस मनाया जाता है। संकुल समन्वयक धनीराम बंजारे ने बताया कि संविधान तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह 18 दिन लगे थे। यह 26 नवंबर 1949 को पूरा हुआ और इसे अपनाया गया। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ। साल 2015 में भारत सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था। इस अवसर पर सरस्वती साहू, राजेश्वरी ठाकुर, आगेश्वरी साहू, देवेंद्र साहू, नूतेश्वर चन्द्राकर व प्रशांत बघेल उपस्थित रहे।
संविधान से ही सामाजिक समरसता और भाईचारा
शासकीय प्राथमिक शाला अतरगवा में संविधान दिवस की वर्षगांठ धूमधाम से मनाया गया। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के छायाचित्र पर पुष्प माला अर्पित किए गए। शिक्षिका संजीवा राय ने संविधान के उद्देशिका का वाचन कर रक्षा के लिए संकल्प दिलवाया। राजकुमार बनर्जी प्रधान पाठक ने संविधान निर्माता डॉ.अंबेडकर की जीवनी पर प्रकाश डाला। शिक्षक कुमार वर्मा ने कहा कि संविधान से समाज में सामाजिक समरसता और भाई चारा की भावना को जागृत कर मूल्यों की रक्षा कर सकते हैं। राजेश कुमार ठाकुर ने बताया कि 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्म समर्पित किया गया और इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। इस अवसर पर शाला प्रबंधन समिति के सदस्य अनिता माथुर, हेमपुष्पा कंठले आदि उपस्थित थे।