बेमेतरा

बारिश में भीगीं हजारों क्विंटल धान से भरी बोरियां
29-Nov-2023 3:41 PM
बारिश में भीगीं हजारों क्विंटल धान से भरी बोरियां

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 29 नवंबर।
मंगलवार को दिन भर हुई बारिश से खुले आसमान के नीचे पड़ा हजारों क्विंटल धान भीग गया। सोमवार को बदली के बाद मंगलवार को हुई बारिश से फिर जिले भर के खरीदी केन्द्रों मे रखा धान भीग गया। 

ज्ञात हो कि अक्सर धान खरीदी के वक्त बारिश होती है। ऐसे में यदि पहले से ही बोरियों को सुरभित करने की व्यवस्था कर ली जाती तो बोरियां नहीं भींगतीं। धान भीगने से किसान चिंतित है, क्योंकि हर समिति में धान की नमी जांच के बाद ही खरीदी हो रही है।

इसके अलावा बारिश के कारण धान कटाई भी बाधित हुई है। मंगलवार को बारिश के चलते दिन में अधिकतर समय कामकाज ठप रहा तो, वहीं भीगा धान खराब होने की आशंका भी जताई जा रही है। गौरतलब हो कि सोमवार को दिन भर बदली छाई रही। बावजूद समिति के जिम्मेदारों ने सुध नहीं ली और खरीदे धान की बोरियों को ढकने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं बनाई गई। नतीजतन मंगलवार को हुई बारिश में हजारों  क्विंटल धान भीग गया। किसान रामाधार साहू ने कहा कि प्रशासन की अव्यवस्था का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है। इसके अलावा शासन को भी बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान होता है।

समिति प्रभारी को हर तरह की व्यवस्था बनाने के मिले हुए हैं निर्देश 

समिति प्रभारियों के अनुसार धान को बारिश से बचाने के लिए हर व्यवस्था की गई है। जिले के खरीदी केंद्रों में करीब 12 लाख  क्विंटल से अधिक धान रखा हुआ है। अधिकारियों के अनुसार संग्रहण केंद्र में धान को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी केंद्र के प्रभारियों की है। बारिश में धान ना भीगे इसके लिए हर तरह की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। बावजूद धान की सुरक्षा को लेकर खरीदी केंद्रों के प्रभारी की लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

लाखों रुपए फंड मिलने के बावजूद लापरवाही 

जानकारी के अनुसार खरीदी केन्द्रों में खरीदे गए धान की सुरक्षा के लिए शासन की ओर से समितियों को प्रति  क्विंटल 5 रुपए की दर से भुगतान किया जाता है। जिसमें चौकीदार, बारिश से धान को भीगने से बचाने तिरपाल की व्यवस्था, भूसी खरीदी समेत अन्य कार्य शामिल होते हैं। शासन से मिलने वाला यह फंड लाखों रुपए का होता है। जिसमें समिति प्रमुख बड़े पैमाने पर हेर फेर करते हैं। फंड की जांच होने पर बड़े खुलासे होंगे।

फटे तिरपाल से कर रहे धान की सुरक्षा  

समिति प्रभारी की लापरवाही की जानकारी मिलने ‘छत्तीसगढ़’  संवादाता सेवा सहकारी समिति देवरबीजा पहुंची। जहां हजारों  क्विंटल धान खुले में पड़ा हुआ था। इसी प्रकार फंड मिलने के बावजूद धान को फटे हुए तिरपाल से ढका गया। जो बारिश में धान को भीगने से बचाने के लिए नाकाफी था। देवरबीजा समिति में पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी सिंगल लेयर का स्टेक बनाया गया है, जबकि नियमानुसार धान की बोरियों को रखने के लिए भूसी का दो लेयर का स्टेक बनाया जाता है ताकि बारिश की स्थिति में नीचे रखी बोरियां भीगे ना। पिछले साल शिकायत पर यहां अधिकारी जांच के लिए पहुंचे थे।

इसी प्रकार सेवा सहकारी समिति कंतेली में सैकड़ों क्विंटल धान बारिश में भीगता रहा, लेकिन उसकी सुध लेने वाला समिति का कोई भी कर्मी मौजूद नहीं था। किसानों से खरीदे गए धान खुले आसमान के नीचे भीगता रहा। इसी प्रकार कई धान का स्टेक को तिरपाल से ढका नहीं गया। ऐसी स्थिति में कंतेली समिति में हजारों  क्विंटल धान भीग गया।

जिले के खरीदी केन्द्रों से सिर्फ 3 प्रतिशत धान का उठाव 

जिले के 129 खरीदी केन्द्रों मे अब तक 25 हजार 389 किसानों से 12 लाख 33 हजार 208 क्विंटल धान की खरीदी हुई है। इसके विपरीत खरीदी केंद्रों में से अब तक सिर्फ तीन प्रतिशत धान का उठाव हुआ है। वही 97 प्रतिशत धान का उठाव अभी भी शेष है। जानकारी के अनुसार वर्तमान में सिर्फ मिलर के द्वारा ही धान का उठाव किया जा रहा है। बेमेतरा जिले के खरीदी केंद्रों से बेमेतरा, दुर्ग, रायपुर व बिलासपुर जिले के मिलरों द्वारा धान का उठाव किया जा रहा है। धान का उठाव धीमी गति से होने के कारण समिति प्रबंधकों में भी नाराजगी है।

कलेक्टर पदुम सिंह एल्मा ने कहा कि बारिश के दौरान कई खरीदी केंद्रों में टीम को जांच के लिए भेजा गया था कि वहां धान की सुरक्षा को लेकर पर्याप्त ब्यवस्था बनाई गई है या नहीं। रिपोर्ट मांगी गई है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
 

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