जशपुर
विष्णुदेव 25787, रायमुनी 17749 से, गोमती 256 वोटों से ह़ुए विजयी
निर्दलीय प्रदीप खेस्स को 7417 वोट मिले, प्रदीप दीवान 1366 को वोट मिले
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 3 दिसंबर। बीजेपी का अभेद किला माने जाने वाला जशपुर एक बार फिर से बीजेपी के हाथ में आ गया है। 2018 के चुनाव में तीनों सीट कांग्रेस ने जीते थे। वहीं इस बार तीनों सीट बीजेपी ने अपने कब्जे में करने में सफलता हासिल की है।
पूरे प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी कांटे की टक्कर की बात कही जा रही थी,जो सही साबित हुई। जशपुर जिला के तीनों सीट में कांग्रेस को जबरदस्त टक्कर मिली है। जहां कांग्रेस की जीत पक्की मानी जा रही थी, वहां भी उसे जबरदस्त शिकस्त मिली है।
कांग्रेस प्रत्याशी जशपुर से विनय भगत, कुनकुरी से यूडी मिंज और पत्थलगांव से रामपुकार सिंह तीनों हार गए। तीनों के परिणाम पहले ही राउंड से ही पीछेे रहे। रामपुकार सिंह ने 17वें राउंड के बाद बढ़त बनाई थी, लेकिन अंत तक पहुंचते-पहुंचते उन्हें भी 256 मतों से हार का सामना करना पड़ा।
विष्णु अधिक मतों से विजयी
जशपुर जिला के तीनों विधानसभा में सबसे अधिक मतों से कुनकुरी विधानसभा से बीजेपी के प्रत्याशी विष्णुदेव साय सबसे अधिक 25787 मतों से विजयी हुए। यहां कांग्रेस से संसदीय सचिव यूडी मिंज मैदान पर थे।
पहले ही राउंड में यूडी मिंज 2235 वोटों से पीछे रहे और अंत तक पीछे ही रहे। कुछ राउंड में अंतर कम जरूर हुआ,लेकिन उसके बाद बढ़ता ही गया और अंतिम परिणाम में बीजेपी से चार बार के सांसद रहे विष्णुदेव साय की जीत हुई।
रायमुनी भी शुरू से ही जीतीं
जशपुर विधानसभा से बीजेपी की प्रत्याशी रायमुनी भगत 17749 वोटों से जीत मिली है। यहां से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में वर्तमान के विधायक रहे विनय भगत मैदान पर थे। पहले राउंड में ही रायमुनी भगत 1757 वोटों से आगे रहीं और लगातार आगे ही बढ़ती गईं। 6वें राउंड में ही रायमुनी भगत और विनय भगत के बीच 11500 का अंतर हो चुका था। इसे पाटने में कहीं भी विनय भगत को बढ़त नहीं मिली। अंतत: रायमुनी भगत बड़े अंतर से जशपुर विधानसभा में जीत हासिल की है।
पत्थलगांव में कांटे की टक्कर
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश में सबसे वरिष्ठ और उम्रदराज विधायक रामपुकार सिंह और वर्तमान में बीजेपी से सांसद गोमती साय के बीच मुकाबला था। पहले ही राउंड से गोमती से साय 1336 वोटों से आगे रही और 16वें राउंड तक बढ़त बनाए रहीं। लेकिन 17वें राउंड में रामपुकार सिंह 1150 मतों से बढ़त बना ली। लेकिन अंत तक पहुंचते-पहुंचते वे 256 मतों से हार गए।
रिकाउंटिंग चलती रही
256 वोटों से हार होने पर रामपुकार सिंह ने पुनर्गणना की मांग करते हुए गणना फिर से कराना शुरू कराया। समाचार लिखे जाने तक पुनर्गणना समाप्त नहीं हुई थी।