बिलासपुर

साव भी सीएम की रेस में, मंत्रियों की लिए बिलासपुर से कई नाम
05-Dec-2023 3:05 PM
साव भी सीएम की रेस में, मंत्रियों की लिए बिलासपुर से कई नाम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 5 दिसंबर। कांग्रेस के बीते 5 साल के कार्यकाल में मंत्री पद के लिए तरस गए अभिभाजित बिलासपुर जिले में इस बार न केवल चार भाजपा विधायक मंत्री पद की रेस में दिखाई दे रहे हैं बल्कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए भी एक नाम चल रहा है।

मुंगेली जिले से पुन्नूलाल मोहले सातवीं बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच रहे हैं। धरमलाल कौशिक चार बार तो धर्मजीत सिंह ठाकुर और अमर अग्रवाल पांचवीं बार जीतने वाले विधायक हैं। मोहले सात बार विधानसभा में चुने जाने के अलावा चार बार के सांसद भी हैं। रमन सिंह मंत्रिमंडल में वे खाद्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। मुंगेली जिले की दूसरी सीट लोरमी से अरुण साव बंपर वोटों से जीते हैं। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भाजपा को राज्य में उनके नेतृत्व में बड़ी सफलता मिली है। उनका नाम मुख्यमंत्री पद के दावेदार बताए जा रहे चार लोगों में शामिल है।

बिलासपुर जिले से अमर अग्रवाल सन 2018 के चुनाव में पराजित हुए थे लेकिन उसके अलावा 1998 से लेकर लगातार चुने जाते रहे हैं। सन 2003 में भाजपा की सरकार बनने के बाद मंत्री रहे हैं। उन्हें वित्त, राजस्व, स्वास्थ्य, वाणिज्य कर जैसे महत्वपूर्ण विभागों का अनुभव है।

बिल्हा विधायक कौशिक मंत्रिमंडल में कभी नहीं रहे लेकिन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष, विधानसभा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। बिलासपुर जिले में तखतपुर सीट से विजयी धर्मजीत सिंह ठाकुर ने भी पांचवीं बार जीत दर्ज की है। पिछला चुनाव उन्होंने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से लडक़र जीता था। उसके पहले कांग्रेस से जीतते आए। कांग्रेस की पहली सरकार के दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी वह संभाल चुके हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद पांचवीं बार उन्होंने तखतपुर सीट से भी जीत दर्ज कर ली।

मस्तूरी सीट से पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ कृष्णमूर्ति बांधी हार गए वरना वे भी भाजपा के अनुभवी नेता और मंत्री पद के संभावित नामों में शामिल रहते।

नियमों के मुताबिक प्रदेश मंत्रिमंडल में 13 सदस्य ही हो सकते हैं। बिलासपुर जिले में ही इस समय पांच वरिष्ठ विधायक मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए उपयुक्त हैं। भाजपा नेतृत्व के सामने यह समस्या हो सकती है कि इनमें से किस-किस को मौका दिया जाए। यह माना जा रहा है कि क्षेत्रीय संतुलन और जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल का गठन होगा। इसके चलते एक या दो वरिष्ठ विधायक मंत्री के समकक्ष किसी दूसरे पद में रखे जा सकते हैं।

अभिभाजित जिले की मरवाही सीट से प्रणव कुमार मरपची और बिलासपुर की बेलतरा सीट से सुशांत शुक्ला पहली बार विधानसभा पहुंचेंगे। इनमें मरपची ऐसे विधायक हैं जिन्होंने राज्य बनने के बाद पहली बार मरवाही सीट भाजपा की झोली में डाली। वहीं दूसरी ओर सुशांत शुक्ला को बिलासपुर तथा आसपास की अन्य सीटों पर अपने समाज के वोटों को भाजपा की ओर लौटाने में सफलता प्राप्त हुई। इन्हें भी सरकार में महत्व मिलने की संभावना दिख रही है।

 

 

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