जशपुर
खेत-खलिहान में फसल बचाने जुगाड़ कर रहे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 7 दिसंबर। बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान मिचौंग का असर सोमवार से ही दिखाई देने लगा है। सोमवार की रात से ही क्षेत्रों में लगातार हल्की बारिश होने से लोगों को घरों में ही दुबकने को मजबूर कर दिया है। लगातार बारिश ने अब किसानों को चिंता को और बढ़ा दी है।
उल्लेखनीय है कि इन दिनों बंगाल की खाड़ी में उठे मिचौंग तूफान का असर थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में अब मौसम में बदलाव होने के कारण किसानों को चिंता सताने लगी है। क्योंकि अभी तक धान फसल की कटाई नहीं हो पाई है, साथ ही कुछ किसान कटाई कर लिए हैं, तो मिंजाई नहीं कर पाए हैं। जिससे इस बरसात से फसल को नुकसान होने का भय सताने लगा है। साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि कई किसान मौसम को देखते हुए हार्वेस्टर मशीन से करना चाह रहे हैं, लेकिन अब इस हल्की बरसात के चलते खेतों में नमी आ गई है, जिससे हार्वेस्टर मशीन भी नहीं चल पा रहा है, ऐसे में अब मौसम साफ होने के बाद ही कटाई व मिंजाई का काम शुरू होगा। लगातार बारिश व आसमान में घने बादल के साथ तेज हवा चलने से ठंड भी बढ़ गई है।
मंगलवार से लगातार घने बादल व बूंदाबांदी के बीच हवा चलने से खेतों में धान के फसल जमीन पर गिरने लगे हैं। ऐसे में जमीन पर गिरे धान फसल की कटाई करना काफी मुश्किल होगा। साथ ही बेमौसम बारिश की बूंदों से धान के दाने भी झडऩे लगे हैं, जिससे अब किसानों को नुकसान का भय सताने लगा है। जिन किसानों ने कटाई-मिंजाई करके खलिहान में रखे हैं,उसे बचाने की जुगाड़ में लग गए हैं, लेकिन अगर तेज बारिश होती है तो उसे बचाना काफी मुश्किल होगा। वहीं किसानों का कहना है कि जब तक मौसम साफ नहीं होगा, तब तक धान की बिक्री भी नहीं होगी, ऐसे में अब चारों तरफ से नुकसान ही दिखाई दे रहा है।
बेमौसम बरसात का असर सब्जी फसल पर भी पड़ रहा है, जिससे किसानों को डबल नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। वहीं किसानों का कहना है कि धान कटाई के साथ सब्जी फसल की खेती भी शुरू हो गई है। ऐसे में अगर मौसम साफ होने के बाद पाला पडऩे की संभावना बढ़ जाएगी, जिससे सब्जी फसल को काफी नुकसान होगा। हालांकि अभी किसान धान फसल को बचाने की जुगत में लगे हैं।