जशपुर

बगिया के बाबू विष्णुदेव के दादा भी विदर्भ प्रांत के विधायक रहे
11-Dec-2023 3:02 PM
बगिया के बाबू विष्णुदेव के दादा भी विदर्भ प्रांत के विधायक रहे

अब तक का राजनीतिक सफर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुर, 11 दिसंबर।
यह है बगिया गांव और यह  बगिया के बेटे सीएम विष्णुदेव साय का घर है, जिसका नाम श्री राम सदन है, जहां 21 फरवरी 1964 को जमींदार परिवार में रामप्रसाद साय जसमनी देवी के पुत्र के रूप में जन्म लिया। ज्ञात हो कि इनके दादाजी स्व. बुधनाथ साय 1947 से 1952 तक तत्कालीन विदर्भ प्रदेश में मनोनीत विधायक रहे। 

विष्णुदेव की प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में हुई और आगे की पढ़ाई छठवीं से 11वीं तक कुनकुरी के लोयोला हायर सेकेंडरी स्कूल में 1981 तक पढ़ाई की। कॉलेज की पढ़ाई करने अम्बिकापुर गए लेकिन पिता के निधन हो जाने से घर का भार इनके कंधों पर आ गया। इसके बाद विष्णुदेव  घर में मां की देखरेख में खेती किसानी करने लगे। उस समय गांव में पढ़े लिखे होने कारण 1989 में वार्ड पंच बने फिर 1990 में निर्विरोध सरपँच, सरपँच बनते ही इन्हें तपकरा विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी बनाया गया और पहली बार 26 साल की उम्र में तत्कालीन मध्यप्रदेश की विधानसभा में विधायक बनकर पहुंचे। इसके बाद 27 मई 1991 में इनका विवाह कौशल्या देवी से हुआ। विष्णु साय दाम्पत्य जीवन में तीन रत्न हुए बड़ी बेटी निवृत्ति साय जिनकी शादी धमतरी जिले में हुई है, वहीं मंझली बेटी स्मृति साय कॉम्पिटिशन एग्जाम की तैयारी कर रही है, तो तीसरा रत्न तोषेन्द्र साय मैट्स यूनिवर्सिटी  रायपुर से इंग्लिश लिटरेचर के साथ जर्नलिज्म की पढ़ाई पूरी कर फिटनेस इंस्ट्रक्टर के रूप में काम कर रहा है।

अभी विष्णुदेव साय के घर में उनकी माँ जसमनी देवी और सबसे छोटे भाई जयप्रकाश साय खुशखबरी सुनने के लिए मौजूद है। धर्मपत्नी कौशल्या देवी अपने बच्चों के साथ रायपुर पहुंची हैं।  विष्णुदेव के दादा स्व. बुधनाथ साय 1947 से 1952 तक विधायक मनोनीत हुए थे। जनसंघ के समय विष्णुदेव के बड़े पिताजी स्व. नरहरि प्रसाद साय सन् 1962 से 1967 तक लैलूंगा विधानसभा से विधायक रहे। 1972 से 1977 तक बगीचा विधानसभा से विधायक रहे। 1967 से 1979 तक सांसद व केंद्रीय मंत्री भी रहे। बड़े पिताजी स्व. केदारनाथ 1967 से 1972 तक तपकरा विधानसभा से विधायक थे ।

साय की विशेष रूचियां
विष्णुदेव साय की राजनीति के अलावा कुछ विशेष रूचियां भी हैं। इसमें बैडमिंटन, फुटबॉल, किताबें पढऩा, आदिवासियों का उत्थान और उनके विकास के लिए काम करना, गरीबों की सेवा करना शामिल हैं।

जशपुर जिले में जश्न का माहौल
जशपुर जिले के कुनकुरी के विधायक विष्णुदेव साय को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए जाने की घोषणा होते ही जिले भर में उत्सव का महौल बन गया। उत्साहित भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ, शहरवासी सडक़ में उतर आए और आतिशबाजी का दौर शुरू हो गया। पूरा जशपुरांचल क्षेत्र जय जूदेव, विष्णुदेव साय के जयकारे से गूंजने लगा। लोग एक दूसरे को बधाई देते नजर आए। मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा होते ही जशपुर में दीपावली जैसा दृश्य बन गया।

मां बोली- मेरे बेटे को सेवा करने का मिला मौका
छत्तीसगढ़ विष्णु देव साय के छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री चुने जाने पर उनकी मां जशमनी देवी ने कहा- मैं बहुत खुश हूं कि मेरे बेटे को छत्तीसगढ़ की सेवा करने का मौका मिला है। मेरे लिए इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है।

जीवन परिचय
विष्णुदेव साय का जन्म 21 फरवरी 1964 को छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के बगिया गांव में हुआ। एक किसान परिवार में जन्में साय के पिता का नाम राम प्रसाद साय और माता का नाम जशमनी देवी है। विष्णुदेव साय के शिक्षा की बात करें तो उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के बगिया प्राथमिक स्कूल से हुई और आगे की पढ़ाई छठवीं से 11वीं तक कुनकुरी के लोयोला हायर सेकेंडरी स्कूल में हुई। चार भाइयों में सबसे बड़े विष्णुदेव पारिवारिक कारणों से आगे की पढ़ाई छोडक़र घर में पिताजी के साथ खेती-किसानी करने लगे थे। विष्णुदेव साय ने वर्ष 1991 में कौशल्या देवी से शादी की। उनके एक बेटा और दो बेटियां हैं।

राजनीतिक परिचय
गांव में पढ़े-लिखे विष्णुदेव साय 1989 में वार्ड पंच बने फिर 1991 में बगिया पंचायत के निर्विरोध सरपंच निर्वाचित हुए। सरपंच बनते ही इन्हें तपकरा विधानसभा सीट से 1991 से 1998 तक भाजपा प्रत्याशी बनाया गया और पहली बार 26 साल की उम्र में तत्कालीन मध्यप्रदेश की विधानसभा में विधायक बने। इसके बाद 27 मई 1999 को सांसद चुने गए और 2014 तक सांसद के पद पर रहकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहे। 2014 से 2019 तक केंद्रीय इस्पात एवं खनन राज्य मंत्री रहे। 2020 से 2022 तक छत्तीसगढ़ में प्रदेश अध्यक्ष के पद जिम्मेदारी निभाई। वहीं 2022 से विशेष आमंत्रित राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य रहे। छत्तीसगढ़ के 2023 विधानसभा चुनाव में कुनकुरी विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी यूडी मिंज को 25 हजार 787 मतों से पराजित कर पुन: विधायक बने।

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