बलरामपुर
बंदियों को दी मानवाधिकार पर जानकारी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलरामपुर, 13 दिसम्बर। नालसा के तत्वावधान व राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रामानुजगंज अशोक कुमार साहू के मार्गदर्शन में 10 दिसम्बर ‘‘विश्व मानवाधिकार दिवस’’ के अवसर पर जिला जेल रामानुजगंज में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। उक्त विधिक साक्षरता शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामानुजगंज श्रीकांत श्रीवास उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री लोकेश कुमार व जेल के समस्त कर्मचारीगण एवं विचाराधीन बंदी उपस्थित थे।
उक्त विधिक साक्षरता शिविर में द्वितीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीकांत श्रीवास द्वारा उपस्थित समस्त बंदियों को संबोधित करते हुए मानवाधिकार के विषय में विस्तार पूर्वक बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि मानव अधिकार का मतलब मनुष्यों को वो सभी अधिकार देना है, जो व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता एवं प्रतिष्ठा से जुड़े हुए हैं। यह सभी अधिकार भारतीय संविधान के भाग-3 में मूलभूत अधिकारों के नाम से मौजूद है, और इन अधिकारो का उल्लघन करने वालों को न्यायालय द्वारा सजा दी जाती है। मानवधिकार में स्वास्थ्य , आर्थिक , सामाजिक और शिक्षा का अधिकार शामिल है। मानवाधिकार वे अधिकार है जिनसे मनुष्य को नस्ल, जाति, राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग आदि के आधार पर वंचित या प्रताडि़त नहीं किया जा सकता।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव लोकेश कुमार द्वारा उपस्थित समस्त बंदियों को विधिक सेवा प्राधिकरण के स्थापनाा के उद्देश्य, नि:शुल्क कानूनी सहायता एवं सलाह, नालसा हेल्प लाईन नम्बर 15100, राष्ट्रीय लोक अदालत, घरेलू हिंसा, टोनही प्रताडऩा अधिनियम के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया।
कार्यक्रम के अंत में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्री श्रीवास एवं सचिव श्री कुमार के द्वारा जेल में बंदियों की संख्या तथा की क्षमता, बंदियो के लिए चिकित्सा व्यवस्था, स्वास्थ्य विज्ञान की स्थिति, बंदियों को प्रदत्त सुविधा, टायलेट की व्यवस्था, रसोई घर तथा भोजन की गुणवत्ता और खाना बनाने का प्रबंध, मनोरंजन के साधन, सहबंदियों के कपड़े की दशा एवं पीने के पानी की व्यवस्था, ग्रंथालय एवं अन्य सुविधाये, जेल में लीगल एड क्लिनिक की व्यवस्था, आदि का निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के दौरान कैदियों के वार्ड एवं बैरक में जाकर उनसे चर्चा भी की गया। वर्तमान में बढ़ रहे ठंड को देखते हुए कैदियों से उन्हे ठंड से बचाव हेतु मिलने वाले सुविधाओं व गर्म कपडे, कम्बल के संबंध में जानकारी ली।