रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 26 दिसंबर। किसानों को पुराने बोनस का भुगतान करने के बाद अब कर्मचारियों के बीच हलचल बढ़ रही है। सरकार के रूख को लेकर नाराजगी शुरू हो रही है। वे सोशल मीडिया में अपने नेताओं से प्रश्न कर रहे हैं कि क्या मिल पाएगा कर्मचारियों को उनका हक हमारे डी ए, सातवें वेतन मान का एरियर्स सहित कई मुद्दे लंबित हैं।
उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ के किसानों को 7 साल पहले का बोनस और कर्मचारी वर्तमान महंगाई भत्ते से वंचित हैं ।
छत्तीसगढ़ के कर्मचारी अधिकारियों में इस समय चर्चा का बाजार गर्म है क्या संघर्ष, आंदोलन, और निरंतर अपनी मांगों के लिए जद्दोजहद ही छत्तीसगढ़ के कर्मचारी अधिकारियों की नियति बन चुकी है?विषय चिन्तन योग्य है।आचार संहिता के समय डी ए की घोषणा होने के बाद भी कर्मचारी ठगे गए नई सरकार से उम्मीदें हैं और ये उम्मीदें इसलिए भी हैं क्योंकि उनके घोषणा पत्र में तमाम तरह के वादे हैं।
किसानों एवं अन्य मुद्दों पर सरकार ने कार्रवाई शुरू भी कर दी है जिसे देखते हुए छत्तीसगढ़ के कर्मचारी अधिकारी भी आशान्वित हो रहे हैं कि जल्द ही उनकी भी बारी आए और उनके गंभीर आर्थिक नुकसान की भरपाई हो सके।कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन पुन: तत्पर है।
संयोजक कमल वर्मा के नेतृत्व में फेडरेशन के विभिन्न वरिष्ठ पदाधिकारियों ने मुख्य मंत्री सहित सरकार एवं भाजपा के कई नेताओं से मिलकर अपनी चिंता से अवगत कराया है। आगामी रणनीति पर चर्चा चल रही है जल्द ही फेडरेशन की बैठक में कर्मचारी हितों में हो रहे विलंब पर एक कांक्रीट डिसीजन एवं रणनीति पर चर्चा होगी। लोकसभा चुनाव सामने हैं आचार संहिता के पूर्व अपनी मांगों के लिए एक भरपूर प्रयास आवश्यक है अन्यथा इंतजार और लंबा होगा।
कर्मचारियों का कहना है कि नई सरकार गठन के बाद सीएम साय और मंत्रियों को बधाई देने वाला ऐसा कोई संगठन नहीं जिसने उनसे डीए की मांग न की हो।
उसके बावजूद अब तक आदेश जारी नहीं किया है।