रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 26 दिसंबर। प्रदेश के कर्मचारी और पेंशनर्स से पांच साल पहले भूपेश बघेल ने सरकार में सत्तासीन होने बाद मुख्यमंत्री होने के नाते कहा था कि पहला साल किसानों का है उसके बाद कर्मचारियों की मांगों को पूरा करेंगे। पांच साल तक कर्मचारियों की बात नहीं सुनी गई। महंगाई भत्ता को लेकर प्रदेश में पहली बार लम्बा हड़ताल तक करना पड़ा।
भूपेश बघेल ने कर्मचारी संघ के बड़े नेताओ के प्रतिनिधि मंडल के साथ कभी टेबल टाक नही किया। खड़े खड़े ही बात किए ज्ञापन लिए और निकल लिए। किसानों के लिए जो किए इसको सफल बनाने में कर्मचारियों ने भरपूर योगदान दिया परन्तु पुरे कार्यकाल बीत गया मगर वह समय कभी नहीं आया जब कर्मचारियों के मामले में ठोस कोई निर्णय लिया गया हो। इसका खामियाजा कांग्रेस को विधान सभा चुनाव में सत्ता से विमुख होकर चुकाना पड़ा।
भाजपा सरकार भी आते ही किसान किसान करते नहीं थक रहे है। मोदी की गारंटी पूरा कर रहे हैं। परंतु कर्मचारियों की ज्वलंत मुद्दा लंबित मंहगाई भत्ता पर पूरी सरकार चुप है। कर्मचारियों और पेंशनर्स चकित और शांत है। जारी विज्ञप्ति में भारतीय मजदूर संघ के सहयोगी संगठन राज्य कर्मचारी संघ छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रांताध्यक्ष तथा भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री व छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने चेतावनी देते हुए कहा है कि विष्णुदेव साय सरकार भूपेश बघेल सरकार की गलती न दोहराएं वरना लोकसभा चुनाव में नुकसान भाजपा को नुकसान उठाना पड़ेगा।