राजनांदगांव
आने-जाने के लिए पैदल ही नाप रहे रास्ता, बाहर से सुबह का नाश्ता करने मजबूर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 5 जनवरी। खेल के लिए चर्चित राजनांदगांव शहर में आयोजित राष्ट्रीय बास्केटबाल टूर्नामेंट के पहले और दूसरे दिन अव्यवस्था देखकर खिलाडिय़ों के मनोबल पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। देश के 30 राज्यों से पहुंचे बच्चों को सुविधाओं के नाम पर ठेंगा दिखाया जा रहा है। यानी बच्चों के खानपान की व्यवस्था बेहद लचर स्थिति में है। सुबह के नाश्ते से लेकर दोपहर और रात के भोजन में भी लापरवाही दिख रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक 4 से 7 जनवरी तक आयोजित इस प्रतियोगिता में राजनंादगांव को मेजबानी का मौका मिला है। बताया जा रहा है कि आयोजन में शामिल खिलाडिय़ों के लिए लगभग 12 लाख रुपए का बजट भोजन और नाश्ते के लिए दिया गया है। बेहतर व्यवस्था की उम्मीद लेकर पहुंचे अलग-अलग राज्यों के खिलाडिय़ों को बाहर पैदल आने-जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। भोजन के नाम पर पतली दाल और सूखी रोटी परोसी जा रही है। खराब व्यवस्था को देखकर खिलाड़ी अपनी जेब ढ़ीली कर बाहर भोजन करने के लिए मजबूर हो गए हैं।
बताया जा रहा है कि बिना टेंडर के शिक्षा विभाग ने खानपान की व्यवस्था खुद सम्हाली है। जिसके चलते तय समय पर नाश्ता और भोजन नहीं मिल पा रहा है। शिक्षा विभाग ने चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचाने के इरादे से पूरे आयोजन की व्यवस्था को तार-तार कर दिया है। पहले और दूसरे दिन ही खराब खानपान व्यवस्था से खिलाड़ी परेशान हो चले हैं। इधर प्रतियोगिता के लिए 100 से ज्यादा खिलाड़ी पहुंचे हैं। इतनी बड़ी संख्या में आए खिलाडिय़ों के लिए सिर्फ दर्जनभर बस की व्यवस्था की गई है। खिलाडिय़ों के ठहरने से लेकर खेल मैदान तक आने-जाने के लिए बस की किल्लत से उनके प्रदर्शन पर भारी पड़ रही है। कई खिलाड़ी आटो में पैसे देकर आना-जाना कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि खिलाडिय़ों के रूकने और ठहरने की व्यवस्था भी बेहद खराब है। ठंड के मौके पर बच्चों को ब्लैंकेट और चादर की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है। कुल मिलाकर शिक्षा विभाग की लापरवाही का खामियाजा न सिर्फ खिलाड़ी भुगत रहे हैं, बल्कि शहर की खेल प्रतिष्ठा भी प्रभावित हो रही है। अव्यवस्था के संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी राजेश सिंह से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।