दुर्ग

ग्रामीणों की शिकायत, ब्लॉस्टिंग के कंपन से मकानों में दरार
06-Jan-2024 2:59 PM
ग्रामीणों की शिकायत, ब्लॉस्टिंग के कंपन से मकानों में दरार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 6 जनवरी।
जिले के ग्रामीण क्षेत्र में संचालित कुछ खदानों में गहरे बोर खोदकर ब्लास्टिंग किए जा रहे हैं खदानों में किए जाने वाले बोर ब्लास्टिंग की वजह से गांव दहल जाता है। ग्रामीणों की शिकायत है कि ब्लास्टिंग के कंपन की वजह से मकानों में दरारें आ रही है।

खनिज महकमा के अनुसार जिले में कुल 159 पत्थर खदानें संचालित है इनमें सर्वाधिक 75 खदाने पाटन विकास खंड के ग्राम चुनकट्टा, सेलूद , ढौर, मुड़पार, पेंड्री, अचानकपुर सहित अनेक ग्रामों में संचालित है जिले में संचालित 138 खदानों को जिला स्तरीय पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण( डिया )से  ईसी जारी है जिसके आधार पर अब तक चल रही थी जो कि वर्तमान में रद्द कर दिया गया है अब राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण(सिया) से ईसी जरूरी है जिले में 21 खदानों को ही ईसी जारी है। 

मोरध्वज साहू का कहना है कि वे सेलूद के जिस मकान में रहते है वहां खदानों में किए जाने वाले बोर ब्लास्टिंग की वजह से जबरदस्त कंपन होता है। अचानकपुर के एक मानिकपुरी परिवार की महिला ने बताया कि खदान में ब्लास्टिंग के दौरान उनके मकान में कंपन होता है इससे दरारे भी आ रही है वहीं ग्राम के साहू परिवार के एक सदस्य बताया कि ब्लास्टिंग का इतना जबरदस्त रहता है कि मकान में दरारें आने लगी है कंपन की वजह से ददार के पास प्लास्टर भी झडऩे लगा है ब्लास्टिंग के दौरान मकान में लगी शीट में झनझनाहट के साथ आवाज होती है वहीं पेंड्री निवासी मनोज कुमार का कहना है कि उनके यहां भी ब्लास्टिंग से मकान में दरारें आ रही है। 

जानकारों का कहना है कि बोर (हेल्को ) ब्लास्टिंग के लिए डीजीएमएस से अनुमति लेना होता है ऐसी ब्लास्टिंग से एक साथ बहुत ज्यादा माल निकालता जिसकी गौण खनिज के लिए अनुमति नहीं होती है। 

ऐसा कुछ नहीं कंट्रोल में है ब्लास्टिंग - जिला खनिज अधिकारी
जिला खनिज अधिकारी दीपक मिश्रा का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं है कंट्रोल में ब्लास्टिंग हो रही है निर्धारित फ्रिक्वेंसी में ही खदानों में ब्लास्टिंग हो रही है। बोर करके ही ब्लास्टिंग की जाती है, इसके लिए कितना गहरा बोर किया जाना है। ऐसा नियम नहीं है सभी खदाने आबादी से 100 एवं नेशनल हाइवे से 50 मीटर से अधिक दूरी पर है। ग्रामीण पहले भी ऐसी शिकायत किए थे मगर जांच में कहीं दरार नहीं मिली साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि डिया की ईसी रद्द होने के बाद से सिर्फ सिया की अनुमति वाले खदानों में माइनिंग हो रही है। 
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news