सूरजपुर
सांकेतिक चक्काजाम कर धरना-प्रदर्शन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
प्रतापपुर, 31 जनवरी। जिले के किसानों को धान बेचने के बाद उसका राशि आहरण करने कडक़ड़ाती ठंड में सुबह से ही सहकारी बैंक के बाहर कतारबद्ध होना पड़ रहा है। इसके बाद भी दो से तीन दिनों तक इंतजार के बाद ही बैंक में प्रवेश मिल रहा है तब कहीं उनको राशि मिल पा रही है।
ऐसे में प्रतापपुर में सहकारी बैंक की और शाखा नहीं होने के कारण किसानों की परेशानी कम नहीं हो पा रही है। जिससे आक्रोशित किसानों ने प्रतापपुर- अम्बिकापुर मुख्य मार्ग पर सांकेतिक चक्काजाम कर धरना प्रदर्शन किया। एसडीओपी एवं प्रतापपुर पुलिस थाना प्रभारी काफी समझाईस के बाद किसानों ने धरना प्रदर्शन बंद किया।
गौरतलब हो कि पहले किसान धान बेचने के लिए मशक्कत कर रहे थे, लेकिन अब राशि आहरण के लिए बैंक का चक्कर काट रहे है। साथ ही अपने ही राशि को निकालने किसानों को सुबह से शाम तक कभी कभी तो 2 से 3 दिनों तक बैंक के बाहर बैठकर अपनी पारी का इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसे में खाताधारकों के साथ उनके परिजनों को भी परेशान होना पड़ता है।
राज्य शासन द्वारा धान खरीदी के बाद इसमें मिलने वाले रकम को सहकारी बैंक के माध्यम से हितग्राहियों को वितरित की जाती है। इसके अलावा धान का बोनस, पीएम किसान सम्मान निधि संबंधित राशि सहकारी बैंक में ही आता है। इसलिए किसानों की भीड़ बैंक में हमेशा लगा रहता है। इस बार धान बेचने के बाद पैसे लेने के लिए बैंक में किसानों की भीड़ लग रही है।
किसानों ने आरोप लगाते कहा कि सहकारी बैंक मैनेजर की मिली भगत से कोचियों का पैसा तत्काल दिया जा रहा है, मगर गांव गरीब किसान को रोजाना बैंक का चक्कर काटना पड़ रहा है। कोचिया किसानों पैसा निकालने के लिए बैंक मैनेजर से साठगांठ कर किसान के खाता में गए हुए पैसा को आहरित कर रहे हैं।
बैंक में पैसा होने के बाद भी मैनेजर के द्वारा घुमाया जाता है और जो गरीब किसान गांव से आए हुए हैं, उनका रोजाना बैंक का चक्कर काटना पड़ता है। उनके वजह से किसानों को कई लोगों को पैसा का लेन-देन करना होता है और उनको भी अपने जरूरत की समान खरीदनी होती है और वह बैंक का चक्कर काटते हुए थक हार गए हैं।