दुर्ग
वन्यजीवों के साथ पर्यावरण संरक्षण का लिया संकल्प
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
उतई, 13 मार्च। वेदमाता गायत्री परिवार ट्रस्ट कोडिय़ा एवं शौर्य युवा संगठन द्वारा संचालित बाल संस्कारशाला के बच्चों ने रविवार को शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम अंतर्गत भिलाई स्थित मैत्री बाग चिडिय़ाघर का भ्रमण किया।
बाल संस्कारशाला के आचार्य आदित्य भारद्वाज ने बच्चों को जानकारी देते हुए बताया कि गायत्री परिवार एवं शौर्य संगठन द्वारा छोटे बच्चों को नैतिक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रत्येक रविवार को संस्कारशाला चलाई जाती है। इस संस्कारशाला में नैतिक शिक्षा के साथ समाज निर्माण के कौशल का प्रशिक्षण दिया जाता है।
साथ ही बच्चों को सामाजिक मुद्दों पर जागरूक भी किया जाता है। पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए मैत्री बाग चिडिय़ाघर का भ्रमण कराया गया।
आचार्य गायत्री निषाद ने बच्चों को मैत्री बाग चिडिय़ाघर के बारे में जानकारी दी कहा इसे गार्डन ऑफ फ्रेंडशिप के नाम से भी जाना जाता है। यह प्रदेश का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जिसे सोवियत संघ रूस और भारत के बीच दोस्ती के प्रतीक के रूप में स्थापित किया गया था। यह छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा और सबसे पुराना चिडिय़ाघर है। चिडिय़ाघर को मनोरंजन के साथ वन्यजीव संरक्षण, शिक्षा और अनुसंधान के दृष्टि से तैयार किया जाता है।
यशस्वी, विधि, अमन और नारायण ने भ्रमण को बहुत ही मनभावन और यादगार बताते हुए सराहना की। चिडिय़ाघर की यह यात्रा यादगार, समृद्ध और रोमांचक थी। हिमांशु, गौरव, संजना, कामेश, रोहन ने कहा यह यात्रा एक ही समय में शिक्षाप्रद, जानकारीपूर्ण और मजेदार रही। हमने पहली बार कई सारे जानवरों और पक्षियों को देखा। कई दिनों के बाद भी चिडिय़ाघर यात्रा दिमाग में यादगार रहेगी।
चिडिय़ाघर भ्रमण के साथ बच्चों ने खेलकूद, वनभोज और सांस्कृतिक प्रस्तुति भी दी। गायत्री परिवार व शौर्य संगठन पदाधिकारी सहित 35 बच्चे भ्रमण कार्यक्रम में शामिल हुए।
भ्रमण कार्यक्रम को सफल बनाने में वेदमाता गायत्री परिवार ट्रस्ट कोडिय़ा प्रमुख उमेश साहू, शौर्य युवा संगठन अध्यक्ष फलेंद्र पटेल, सचिव आदित्य भारद्वाज, सांस्कृतिक व कला विभाग सह-प्रभारी गायत्री निषाद, सलाहकार जितेंद्र दीपक, बीरू, जामिन यादव, नारायणी, वरिष्ठ परिजन गोवर्धन साहू, प्रीतम यादव व मैत्री बाग प्रबंधन का विशेष सहयोग रहा।