दुर्ग

इनर हैप्पीनेस शिविर -02 का समापन
28-Mar-2024 2:35 PM
इनर हैप्पीनेस शिविर -02 का समापन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कुम्हारी, 28 मार्च। गर्मी की छुट्टियों में बच्चों के लिए नगर में 22 से 28 मार्च तक एक अनोखा शिविर का आयोजन किया जा रहा है, इनर हैप्पीनेस शिविर- 02, जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों में आंतरिक प्रसन्नता को बढ़ाना एवं भविष्य को बेहतर करना है।

आज के समय में जहां बच्चों में पढ़ाई व प्रतिस्पर्धा जनित तनाव को समझने एवं उन्हें दूर करने की तथा बच्चों की कोमल भावनाओं को सहेजने की आवश्यकता है किन्तु माता-पिता अपने काम व एकल परिवार व्यवस्था के कारण इसे समझ  नहीं पाते और बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं ऐसे में बच्चा अवसाद में आ जाता है, और कभी-कभी डिप्रेशन में जाने लगता है।  इसी के मद्देनजर विचक्षण जैन विद्यापीठ ट्रस्ट ने एक सार्थक प्रयास किया है। जैन संतों के द्वारा प्रेरित इस संस्था का उद्देश्य बच्चों का सर्वांगीण विकास करना ही है। बच्चों के व्यवहार को समझना, उनके शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं आध्यात्मिक विकास पर कार्य करते हुए एक संपूर्ण संवेदनशील व्यक्तित्व का निर्माण करना ही संस्था का मूल उद्देश्य है।

आज जहां अधिकतर शिक्षा संस्थानों में भौतिक शिक्षा को ही अधिक महत्व दिया जाता है, वहीं संस्था द्वारा भौतिक शिक्षा के साथ साथ बच्चों में निगेटिविटी को कम करने तथा बच्चों के जीवन में सहनशीलता, संयम, मैत्री व करुणा के भाव उत्पन्न हों यह प्रयास किया जाता है। जीवन मूल्यों व आध्यात्मिकता के प्रति उनकी रुचि बढ़े, जिससे जीवन में कभी भी विपरीत परिस्थितियां आने पर उनकी आंतरिक प्रसन्नता कम न हो। जिस तरह सूखे पेड़ पौधे के बजाय हरियाली पसंद आती है, ठीक उसी तरह दुखी ,गमगीन व्यक्ति के बजाय एक खुश व हंसमुख व्यक्ति को सभी पसंद करते हैं। ऐसा व्यक्तित्व ही परिवार समाज व देश के लिए उपयोगी बन सकता है।    

कुम्हारी कैवल्य धाम तीर्थ के करीब स्थित विचक्षण जैन विद्यापीठ परिसर में इस समय 600 से अधिक बच्चों का शिविर चल रहा है। जहां यह बच्चे जैन समाज के संत उपाध्याय परम पूज्य मनीष सागर जी महाराज साहब जो स्वयं इंजीनियर व जीवन प्रबंधन में पीएचडी हैं उनकी निश्रा में आर्ट ,क्राफ्ट, सेल्फ डिफेंस, स्पोर्ट्स, संगीत ,भक्ति व मनोरंजन के साथ व्यक्तित्व विकास,अध्यात्म एवं संस्कारों की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

शिविर सुबह 5 बजे से प्रारंभ होता है, जिसमें बच्चे  शरीर एवं मन के लिए योग ज्ञान एवं प्रार्थना करते है इसके पश्चात पूजा, मंदिर दर्शन करते हैं। इसके बाद  बच्चों के विभिन्न विषयों की कक्षाएं होती है  पश्चात  विभिन्न विषयों की कक्षाएं एवं शाम चार से पांच बजे तक विभिन्न खेल एवं सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग होती है। संध्या सांस्कृतिक होते हैं, जिसमें बच्चे एवं विभिन्न स्थानों से आये हुए कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं।

रात 9 बजे एक विशेष सेशन प्लीज, थैंक यू एवं सॉरी का होता है जिसमें दिन भर में यदि कोई गलती हुई उसके लिए क्षमा मांगा जाता है अगर किसी ने हमारी मदद की है तो उसे धन्यवाद एवं किसी से कुछ मदद चाहिए तो उससे  विनती  करना यह उनकी दैनिक चर्या में शामिल हो यह अभ्यास कराया जाता है।

दिन भर में विशेष क्लासेस होती है, जिसमें साधु एवं साध्वी वृंद बच्चों को व्यवहारिक ज्ञान के साथ साथ वे सभी गुण जो उनके जीवन में होने चाहिए उनको विभिन्न विषयों के  से  तर्कों , उदाहरणों ,कथाओं व प्रयोगों के माध्यम से समझा कर ये उनके व्यक्तित्व में आ जाए इसका प्रयास करते हैं। आज हर कोई बच्चों के व्यवहार को लेकर परेशान है । माता -पिता चाहते हैं कि उनका व्यवहार शिष्ट शालीन हो ,लेकिन हम देखते हैं कि बच्चों का व्यवहार कुछ अटपटा व असभ्य होता जा रहा  है। इसे बदलने के लिए हम  प्रयास करते हैं, उन्हें डांटते हैं समझाते हैं पर असर नहीं होता।  विचक्षण जैन विद्यापीठ में उनके व्यवहार को बदलने के लिए एक नई तकनीक अपनाई जा रही है। उनके व्यवहार को बदलने के लिए उनका विश्वास बदलें। दृष्टिकोण बदलने से दृश्य अपने आप बदल जाते हैं, दिशा बदलने से दशा  अपने आप बदलने लगती है। इसलिए उन्हें सही दिशा की ओर अग्रसर करने के लिए उनकी सोच को बदला जा रहा है। बस इस सोच को बदलने का नाम ही इनर हैप्पीनेस शिविर 2.0 है।

इनर हैप्पीनेस शिविर - 02 में 50 से अधिक कार्यकर्ता जो छत्तीसगढ़ के  सभी स्थानों से आए हैं, यहां रहकर शिविर के सफल और व्यवस्थित संचालन में अपना योगदान दे रहे हैं । शिविर में तकनीकी पक्ष का पूरा उपयोग किया गया पेपरलेस वर्किंग के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शिविर की व्यवस्था  किया गया। इस तरह की आयोजन विचक्षण जैन विद्यापीठ के सामाजिक सरोकारों को पूर्ण करने की दिशा में एक कदम है। निश्चित रूप से इस तरह के आयोजनों से बच्चों के चरित्र के निर्माण एवं  उनमें परिवारिकता एवं सामाजिकता के गुण को विकसित करने में मदद मिलती है, जो आज के समय की आवश्यकता है जिससे एक स्वस्थ सुदृढ चरित्र वाले एवं विकासोन्मुख समाज की स्थापना में मदद मिलेगी।

उक्त शिविर के विस्स्थाहै में संस्था के अध्यक्ष राजेश सावन सूखा ने बताया कि यह नॉन प्रॉफिट मोटिव संस्था है ,और  संस्था द्वारा सत्र 2024 25 से जे ई ई, नीट व सीए फाउंडेशन की तैयारी के लिए विशेष योग्यता एवं अनुभव वाले फैकल्टी को रखा गया है जो बच्चों को इन विषयों की एडवांस ट्रेनिंग देंगे। जो पूर्णत: निशुल्क रहेगी।

किसी संस्था द्वारा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए इस तरह की पहल स्वागत योग्य है निश्चित रूप से यह बच्चों के भविष्य एवं उनकी सही दिशा व दशा तय करेगी। यही सोच संस्थानों की भी होनी चाहिए जिससे भविष्य में बच्चे एक बेहतर इंसान बन सकेंगे।
 

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