सारंगढ़-बिलाईगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़-भटगांव, 23 अप्रैल। नगर भटगांव अंतर्गत आने वाले ग्रापं देवसागर में मंगलवार को मां भगवती हिंगलाज भवानी के मंदिर में मेले का भव्य आयोजन किया गया। मेले में हजारों ने पूजा-अर्चना कर मन्नतें मांगी। माता हिंगलाज में प्रसाद के रूप में पुजारी द्वारा माता में चढ़ी हल्दी श्रध्दालु को दिया जाता है।
बताया जाता है कि चैत्र पूर्णिमा को इस क्षेत्र के धरनी हीन जो जमीन पर लेट कर कर नापते मां हिंगलाज की मंदिर जाते है, और पूर्व रात्रि में मंदिर पहुंच कर लेटे रहते है। माता हिंगलाज उनकी मनोकामना पूरी करती है।
विदित हो कि सुबह पांच बजे जमींदार परिवार द्वारा पूजा-अर्चना के बाद हल्दी पानी का छींटा देकर उठाया जाता है। उसके बाद जमीन नापने वाले धरनीहीन उठकर देवी की पूजा-अर्चना कर मेले का आनंद लेते है। खास बात यह भी है कि जिस मां की गोद सुनी रहती है, एवं अन्य परेशानियों में जो शरीरिक रूप से परेशान रहते है, ऐसे लोग मां की दरबार में जमीन नापते आते है और मन्नत मांगते है। जिसकी मन्नत पूरी होती है वे दूसरे साल चैत्र पूर्णिमा के दिन अपने बच्चों के साथ आते है व मां हिंगलाज का दर्शन कर आशीर्वाद लेते है।
माता हिंगलाज भटगांव जमींदार की कुलदेवी के रूप मे मानी जाती है। प्रभा देवी के स्वर्गवास हो जाने के बाद उनकी छोटी बहन इंदिरा कुमारी ने पूजा-अर्चना जारी रखी। इसके बाद उनके गोद पुत्र पुष्पेंद्र प्रताप सिंह द्वारा किया जा रहा है।
क्षेत्र में यह बात देवसागर मंदिर के बारे में चर्चित है कि आज भी मेला के दिन रात्रि 9 बजे के बाद कोई भी आदमी मेला परिसर में नहीं ठहरता।