सारंगढ़-बिलाईगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 14 अप्रैल। ग्राम बनहर में राम मन्दिर प्रांगण में चल रहे राम कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के अन्तर्गत चौथे दिवस पर कथा ब्यास आकृति तिवारी ने कहा कि स्वरुप सेवा में आनंद नहीं आता, क्योंकि मन ब्यग्र है, चंचल है, मन ईश्वर को छोड़ कर बार-बार विषयों की और जाता है।
मनुष्य का मन संसार व्यवहार इतना तदरुप हो जाता है कि वह पाप करता है, और उसे अपने पापो का ज्ञान भी नही रहता है। स्वरुप सेवा करते करते ह्रदय पिघले आखे गीली हो और ह्रदय में सात्विक सेवा भाव जागे तो मानव की सेवा सफल हुई, जीव शुद्ध होकर परमात्मा की सेवा करे तो राम जी उसके प्रेम से प्रसन्न होते है।
राम ही केवल प्रेम पियारा।
जानले ही सो जान मिहारा।।
कलयुग में नाम सेवा प्रधान है राम जी ने भी तो कुछ ही जीवों का उदार किया था, परंतु उनके बाद उनके नाम से अनेकों का उदार किया था। आज के इस राम कथा में आज राम जन्मोत्सव कार्यक्रम में भक्तों की अपार भीड़ थी।
जन्मोत्सव कार्यक्रम को भी धूमधाम के साथ मनाया गया।