सारंगढ़-बिलाईगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 15 अप्रैल। रायगढ़ लोकसभा चुनाव नामांकन के पूर्व अपने पूरे उफान पर नजर आ रहा है। चुनाव आते ही आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है वहीं जनता को भ्रमित करने का भी सिलसिला प्रारंभ हो गया है। ऐसा ही एक मामला रायगढ़ लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी को लेकर चल रहा है जिसमें उड़ते-उड़ते एक खबर सोशल मीडिया पर आई की कांग्रेस प्रत्याशी डॉक्टर मेनका सिंह को आदिवासी न होने का दावा किया गया है।
इस खबर ने चुनावी मैदान में हल चल मचा दिया है बताया जा रहा है सर्व आदिवासी समाज का लेटर पैड बनाकर कांग्रेस प्रत्याशी की छवि धूमिल कर चुनाव हराने की साजिश बताई जा रही है। जिसको लेकर अब सारँगढ़ सर्व आदिवासी समाज मैदान पर उतर आई है और काफी आक्रोशित भी नजर आ रहे है। ऐसा ना हो की ये गैर आदिवासी का मुद्दा विपक्षी पार्टी पर उल्टा ना पड़ जाए।
सर्व आदिवासी समाज के प्रमुख जन और जिले के अध्यक्ष रामनाथ सिदार ने प्रमुख आदिवासी जन के साथ आज प्रेस वार्ता की समाज के प्रभुत्व जन ने स्पष्ट शब्दों में सर्व आदिवासी समाज के शिकायत को भ्रमित करने और मिथ्या से लबरेज बताया। समाज प्रमुख तेजराम सिदार रामनाथ सिदार जिलाध्यक्ष ने कहा कि मेरी रायगढ़ आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष से चर्चा हुई और मैं खुद यहां का जिला अध्यक्ष हूं। इस लोकसभा का वोटर भी हूं लेकिन हमें उक्त शिकायतों की जानकारी नहीं। समाज को दो वर्गों में बांटना, समाज के नाम से अनर्गल प्रेस विज्ञप्ति जारी कर समाज की छवि को धूमिल करने जैसा है। आदिवासी लोग सीधे होते हैं और जन्म से ही आदिवासी होते हैं जिनकी जाति को बदला नहीं जा सकता और जिसे चुनाव आयोग ने प्रमाणित कर चुनाव लडऩे की अनुमति दी हो उस पर ऊंगली उठाना, आदर्श आचार संहिता को चैलेंज करने और उल्लघंन जैसा है। यह एक साजिश है, एक आदिवासी महिला के लिए ऐसी बातें करना आदिवासियों के साथ-साथ महिलाओं का भी अपमान है और यह बातें चुनाव के समय ही क्यों ? मेरे जानते भर में सारंगढ़ राज परिवार को मुख्यमंत्री के रूप में केंद्रीय मंत्री के रूप में संसद के रूप में बार-बार रायगढ़ लोकसभा की जनता ने चुनाव जिताया और आदिवासियों ने आदिवासी नेता स्वीकार किया। बार-बार इस परिवार को आशीर्वाद दिया, जिस प्रकार से डॉ. मेनका देवी सिंह हमेशा से आदिवासी समाज के बीच में रही हर कार्यक्रमों में अपना मार्गदर्शन और सहयोग दिया और इनका परिवार जिसने कभी किसी की बुराई नहीं की किसी का बुरा नहीं चाहा, शांत सरल और सहज रूप से समान भाव से सभी के बीच में रहे हैं। हमेशा आदिवासियों के हित में उनके जीवन उत्थान को ऊपर उठने की दिशा में कार्यरत रहे है। सारंगढ़ महल परिवार हम सबके लिए सम्माननीय है।