रायपुर

आधी रात से आईपीसी खत्म, अब बीएनएस
30-Jun-2024 5:53 PM
आधी रात से आईपीसी खत्म, अब बीएनएस

  अब कुल 358 धाराएं 20 नए जुड़े, 33 अपराधों में सजा की अवधि बढ़ी  

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 जून।
रविवार रात  12 बजते ही अंग्रेजियत वाले  आईपीसी के  कानून खत्म हो जाएंगे। इसके तुरंत बाद 1 जुलाई शुरू होते ही इनकी जगह बने तीन नए आपराधिक कानून लागू हो जाएंगे। इनमें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) 2023 लागू हो जाएंगे।

नए कानून लागू होने पर घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए थाने जाने की जरूरत नहीं होगी। अगर पीडि़त चाहेगा तो इसकी ऑनलाइन रिपोर्ट भी हो सकेगी। किसी भी थाने में एफआईआर दर्ज कराई जा सकेगी। गिरफ्तारी होने पर सूचना देना जरूरी होगा। फॉरेंसिक सबूत उठाने और वीडियोग्राफी करानी जरूरी है।

 चूंकि नए आपराधिक कानूनों में जांच, ट्रायल और अदालती कार्यवाहियों में तकनीक के इस्तेमाल पर खासा जोर दिया गया है। इसलिए एनसीआरबी ने मौजूदा क्राइम एंड क्रिमनल ट्रेकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम  एप्लिकेशन में 23 संशोधन  (फंक्शनल मॉडिफिकेशन) किए हैं। ताकि नए सिस्टम में भी आसानी से कंप्यूटर से एफआईआर दर्ज होने समेत सीसीटीएनएस संबंधित अन्य तमाम कार्य करने में कोई समस्या न आए।

ई-समन नाम से तीन नए ऐप भी बनाए गए
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एन आई सी ) ने भी नए कानूनों के तहत क्राइम स्पॉट, अदालती सुनवाई और इलेक्ट्रॉनिक तरीके से अदालती समन की तामील की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की सुविधा के लिए ई-साक्ष्य, न्यायश्रूति और ई-समन नाम से तीन नए ऐप भी बनाए हैं। बीपीआर एंड डी  के मार्गदर्शन में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 5,84,174 कर्मचारियों को ट्रेंड किया। यूजीसी ने शिक्षकों और छात्रों को भी इनसे अवगत कराने के लिए 1200 यूनिवर्सिटी और 40 हजार कॉलेजों और अखिल भारतीय तकनीकी परिषद ने करीब नौ हजार संस्थानों को इनके बारे में जागरूक किया।

भारतीय न्याय संहिता
भारतीय दंड संहिता की 511 धाराओं को घटाकर 358 धाराएं कर दी गई हैं। इसमें 20 नए अपराध जोड़े गए हैं, 33 अपराधों में सजा अवधि बढ़ाई गई है, 83 अपराधों  में जुर्माने की रकम बढ़ाई गई है, 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान है और छह अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान किया गया है।

बदली प्रमुख धाराएं 

धारा 124
राजद्रोह से संबंधित धारा को अब देशद्रोह कहा जाएगा। इसे राज्य के विरुद्ध अपराधों की श्रेणी में रखा गया है।
धारा 144
घातक हथियार से लैस होकर गैरकानूनी सभा में शामिल होने वाली धारा को अब सार्वजनिक शांति के विरुद्ध अपराधों की श्रेणी में रखा गया है।
धारा 302
हत्या से संबंधित मामलों को अब धारा 101 के तहत सजा दी जाएगी।
धारा 307
हत्या के प्रयास में दोषियों को अब धारा 109 के तहत सजा दी जाएगी।
धारा 376
दुष्कर्म से संबंधित अपराधों की सजा को अब धारा 63 में परिभाषित किया गया है। सामूहिक दुष्कर्म की सजा धारा 70 के तहत दी जाएगी।
धारा 399
मानहानि के मामले अब धारा 356 के तहत देखे जाएंगे।
धारा 420
धोखाधड़ी या ठगी के अपराध को अब धारा 316 के तहत रखा गया है।

सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम में बदलाव
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की जगह ली है। इसमें 531 धाराएं हैं, जो कि सीआरपीसी की 484 धाराओं से अधिक हैं। नए कानून में 177 प्रावधान बदले गए हैं, नौ नई धाराएं और 39 उपधाराएं जोड़ी गई हैं, और 35 धाराओं में समय सीमा तय की गई है।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम
नए भारतीय साक्ष्य अधिनियम में 170 प्रावधान हैं, जबकि पहले वाले कानून में 167 प्रावधान थे। नए कानून में 24 प्रावधान बदले गए हैं।

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