सारंगढ़-बिलाईगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 1 जुलाई। जिले के गोमर्डा अभ्यारण क्षेत्र स्थित गांव व जंगल में जंगली हाथियों का एक दल पिछले एक साल से डेरा डाले हुए हैं। इस कारण आसपास के ग्रामीण भयभीत है, हालांकि ग्रामीण तथा वन विभाग के लोग जंगली हाथियों के विचरण का नजर बनाए रखे हुए हैं।
हाल के दिनों में रात के समय जंगल से हाथियों का दल गांव की ओर रुख करने लगे हैं। इस कारण लोगों में अनहोनी की आशंका है, डर की वजह से ग्रामीण रात भर रतजागा कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जंगल में लगभग 25 हाथियों का झुंड है। रात को जंगल से निकल कर गांव की ओर आते हैं, फिर सुबह में जंगल की ओर चले जाते हैं। इस कारण गांव के बुजुर्ग, महिला व बच्चे शाम होते ही घरों में दुबके रहने को मजबूर है, इस समय सहसपानी,मल्दा, कनकबीरा, अचानक पाली, नरेश नगर सहित दो दर्जन से अधिक गांव में हाथियों का झुंड विचरण कर रहे हैं।
क्षेत्र के किसानों की फसल को नुकसान पहुंचाया है। जनहानी तो अभी तक नही हुई है, लेकिन फसल मकान को भारी नुकसान हुआ है। वन विभाग की माने तो गोमर्डा अभ्यारण वन्यप्राणियों के लिए काफी अच्छा है, वन्यप्राणी बेखौफ जंगलों में विचरण कर रहे। पिछले 13 जून 2023 से हाथियों का एक समूह जंगल में विचरण कर रहा है।
लम्बे समय से क्षेत्र में हाथियों का रहवास करना जंगल की अनुकूलता को दर्शाता है। हाथियों का ग्रुप शांत है, किसी प्रकार की कोई जन हानी नही पहुंचा है। फसलों की जो क्षति हुई है उन सभी लगभग 150 किसानों को मुआवजा राशि दे दिया गया है। बहरहाल पिछले 1 साल से हाथियों का क्षेत्र में होना, हाथियों को जंगल में मिल रहे अनुकूल वातावरण को दर्शाता है। अब देखना होगा की क्या इन बेजुबान वन्य प्राणियों के लिए सरकार इस क्षेत्र में कोई स्थाई योजना बनाती है या फिर इन्हें यूं ही भटकते रहना पड़ेगा।