सरगुजा

एमआईसी की बैठक में जर्जर सडक़ों का मुद्दा उठा
30-Aug-2024 10:17 PM
एमआईसी की बैठक में जर्जर सडक़ों का मुद्दा उठा

गुणवत्ताहीन काम पर सदस्यों ने जताई नाराजगी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अंबिकापुर, 30 अगस्त। साढ़े नौ करोड़ रुपए की लागत से कराए डामरीकरण व पैच रिपेयरिंग में गुणवत्ताहीन काम का आरोप लगाते हुए एमआईसी में सदस्यों ने गहरी नाराजगी जाहिर की है। एमआईसी ने सर्व सम्मति से आदेश जारी किया है कि सभी निर्माण कार्यों की दो सक्षम एजेंसियों से जांच कराई जाएगी। इस जांच टीम में कांग्रेस व भाजपा के जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इसके साथ ही गुणवत्ताहीन सडक़ों के निर्माण का भुगतान रोकने का आदेश भी एमआईसी की ओर से जारी किया गया है।

दरअसल, शुक्रवार को नगर निगम में महापौर डॉ. अजय तिर्की की अध्यक्षता में महापौर परिषद की बैठक आयोजित की गई। एमआईसी की बैठक के दौरान शहर में जर्जर सडक़ों का मुद्दा उठाया गया।

इस दौरान ननि के लोनिवि प्रभारी एमआईसी सदस्य शफी अहमद ने बताया कि शहर में नगर निगम द्वारा 9.50 करोड़ रुपए की लागत से 74 सडक़ो में डामरीकरण व पैच रिपयेरिंग का कार्य कराया गया है लेकिन इनमें से 50 प्रतिशत सडक़ें जर्जर हो गई है। बारिश के समय सडक़ों पर गड्ढे हो गए है ऐसे में शहर की जनता का आक्रोश निगम को झेलना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सडक़ों के गुणवत्ता की जांच पूर्व में की गई थी और इस दौरान गुणवत्ता की कमी आने पर भुगतान रोकने निर्देश दिए गए थे।

आज एमआईसी की बैठक में भी उन्होंने कहा कि ठेकेदारों द्वारा कराए गए निर्माण के गुणवत्ता की जांच सक्षम एजेंसियों से कराई जाए। इस समिति में भाजपा के एक व कांग्रेस के दो जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए और तब तक के लिए के ठेकेदार एक भुगतान रोका जाए जिसपर सभी महापौर व सभी सदस्यों ने सहमति जताई।

बैठक में बताया गया कि पूर्व में भी जिन सडक़ों के निर्माण का कार्य कराया गया है उनके अनुबंध में 3 से 5 साल तक संधारण मरम्मत का प्रावधान है और जिन ठेकेदारों ने नियमानुसार मेंटेनेंस का काम नहीं किया है, उनकी निगम में जमा 10 प्रतिशत की अमानत राशि को राजसात किया जाए।

नगर निगम 15 सितंबर के बाद शहर में पैच रिपेयरिंग कार्य कराएगा। इसके लिए निगम के पास 15 लाख तक खर्च करने का प्रावधान है इसके साथ ही निगम के आश्रय शुल्क मद में में भी 2.44 करोड़ रुपए जमा है। इस राशि का उपयोग भी पैच रिपेयरिंग के कार्य हेतु किया जा सकता है। निगम ने मद से पैच रिपेयरिंग का काम करने के निर्देश दिए ताकि लोगों को परेशानियों से मुक्ति मिल सके।

बैठक में बताया गया कि गांधी चौक डाटा सेंटर के नीचे संचालित दुकानों को सी मार्ट के लिए 15 जुलाई 2022 को दिया गया था और दुकान के अनुबंध की अवधि जुलाई 2024 में खत्म हो गई है। पुन: इस दुकान के आबंटन के लिए नई निविदा बुलाई जाने पर एमआईसी के सदस्यों ने सहमति दी।

6 घंटे फ्लड लाइट उपयोग का 6 हजार

एमआईसी की बैठक में महापौर ने बताया कि गांधी स्टेडियम में फ्लड लाइट लगाईं गई है और विभिन्न आयोजकों द्वारा गांधी स्टेडियम में मैच कराने के लिए आवेदन दिए जा रहे है। फ्लड लाइट के उपयोग से खपत होने वाले विद्युत बिल का भुगतान निगम करेगी। फ्लड लाइट के लिए अलग से ट्रांसफामर लगाया जा रहा है। फ्लड लाइट का उपयोग 1 घंटा करने पर 50 यूनिट तक विद्युत खपत होगा। ऐसे में 6 घंटे में 3 से 4 हजार रुपए का खर्च आएगा  जबकि समय समय पर मेंटेनेंस व अन्य कार्य भी होंगे। इस लिए फ्लड लाइट का उपयोग करने के लिए 6 घंटे का 6 हजार रुपए शुल्क निर्धारण किया गया। आयोजकों को फ्लड लाइट का उपयोग करने के लिए अमानत राशि 10 हजार रुपए पहले जमा करानी होगी और अमानत राशि से ही शुल्क का समायोजन किया जाएगा व अमानत राशि खत्म होने पर पुन: राशि जमा करना होगा। ननि का कर्मचारी फ्लड लाइट के उपयोग का यूनिट वार लॉगबुक संधारण करेगा।

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