रायगढ़

टै्रफिक विभाग के पास पहुंचा इंटरसेप्टर वाहन
31-Aug-2024 4:42 PM
टै्रफिक विभाग के पास पहुंचा इंटरसेप्टर वाहन

स्पीड कंट्रोल की मॉनिटरिंग आसान

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 31 अगस्त।
स्टेट और नेशनल हाईवे पर चार पहिया वाहनों की स्पीड कंट्रोल की मानिटरिंग के लिये यातायात विभाग के पास विशेष रूप से इंटरसेप्टर इनोवा वाहन उपलब्ध कराया गया है। इस अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस वाहन से हाईवे में स्पीड कंट्रोल की निगरानी करके होने वाली सडक़ दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने यातायात अमला सतत रूप से प्रयासरत है।

स्पीड कंट्रोल के लिये बनाई गई इस अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इनोवा वाहन से हाईवे पर चार पहिया वाहन चला रहे लोगों पर 2कि.मी. आगे से किसी भी गाड़ी की स्पीड को जांचा जा सकता है। इस वाहन की सहायता से खरसिया व रायगढ़ के बीच ब्लैक स्पाट पर निगरानी रखना आसान हो गया है। रायगढ़ शहर और इसके आसपास पिछले कुछ वर्षो के दौरान सडक़ दुर्घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है। इसका प्रमुख कारण हाई स्पीड से वाहन चलाना होता है।

खरसिया-रायगढ़ के बीच गढउमरिया, छातामुडा चौक, जोरापाली, कांशीचुंआ, नवापाररा, सेंद्रीपाली, कुनकुनी, मुरा चौक, नेशनल हाईवे में ब्लैक स्पाट के रूप में चिन्हांकित है। इसी तरह स्टेट हाईवे में सारंगढ़ रोड के पटेलपाली, कोड़ातराई, बघनपुर, सिसरिंगा घाट धर्मजयगढ़ रोड़, दर्रीपारा लैलूंगा रोड़, देवगढ़, फगुरम इस तरह कुल 16 ब्लैक स्पाट चिन्हांकित किए गए हैं। कुल मिलाकर नेशनल हाईवे में 10 स्टेट हाईवे में 04 तथा अन्य दो स्थानों को जिले में ब्लैक स्पाट के रूप में चिन्हांकित किया गया है।

टै्रफिक डीएसपी रमेश चंद्रा ने इस इंटरसेप्टर वाहन व इसमें लगी मशीन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रायगढ़ यातायात पुलिस थाना को यह वाहन पुलिस मुख्यालय से गत 12 जुलाई को मिला है जिससे जिले के इन संवेदनशील और अति संवेदनशील चौक-चौराहों पर अलग-अलग समय में और अलग-अलग स्थानों पर लगाकर निगरानी रखी जा रही है। इस वाहन में लगा मशीन किसी भी गाड़ी की स्पीड को 2 कि.मी. आगे से कैच कर लेता है। फिर उस गाड़ी चालक को रूकवाकर स्पीड के मानक के अनुसार समझाईश देकर या जुर्माना लगाकर छोड़ा जाता है। यह प्रमाणित साक्ष्य होता है। जिससे वाहन चालक भी इंकार नहीं कर पाता।

विभाग ने अब तक पिछले डेढ़ माह के दौरान 56 प्रकरणों में लगभग 70 हजार का जुर्माना ठोंककर विभाग का राजस्व बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि इस वाहन के प्रति लोगों में विशेषकर वाहन चालकों में जागरूकता लाकर सडक़ दुर्घटनाओं में कारगर अंकुश लगाया जा सकता है। हाइवे पर स्पीड कंट्रोल के लिये यह वाहन यातायात विभाग के लिये रामबाण औषधि की तरह है जिससे होनें वाली दुर्घटनाओं तथा मृतकों व घायलों की संख्या को कम से कम किया जा सकता है।

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