रायगढ़
![आंचलिक अग्रवाल महासभा के पदाधिकारियों का मनोनयन आंचलिक अग्रवाल महासभा के पदाधिकारियों का मनोनयन](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1609152357.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 28 दिसंबर। आंचलिक अग्रवाल महासभा के पदों का चयन विगत 24 वर्षों से निर्विरोध होता रहा है। 25 दिसंबर को आंचलिक अग्रवाल महासभा की नवमी कार्यकारिणी का चयन भी उसी परंपरा का निर्वाह करते हुए निर्विरोध हुआ।
आंचलिक अग्रवाल महासभा के अध्यक्ष हेतु 2 नाम आए। पहला नाम महेंद्र अग्रवाल सारंगढ़ एवं दूसरा नाम दुर्गा प्रसाद अग्रवाल झारबंध का आया। इसके बाद सभा में एक अभूतपूर्व दृश्य उपस्थित हुआ। दुर्गा प्रसाद ने बड़ा दिल दिखाते हुए महेंद्र अग्रवाल के पक्ष में अपना नाम वापस लेने की घोषणा की वहीं महेंद्र अग्रवाल ने दुर्गा प्रसाद के पक्ष में अपना नाम वापस लेने की घोषणा की। अंत में वरिष्ठता को देखते हुए दुर्गा प्रसाद को अध्यक्ष पद को ग्रहण करने का सभी ने आग्रह किया जिसे दुर्गा प्रसाद ने नतमस्तक हो स्वीकार किया।
विदित हो कि बरमकेला सभा में आयोजित आंचलिक महासभा के बैठक में पूर्व अध्यक्ष जय नारायण एवं सरायपाली अग्रवाल सभा के अध्यक्ष संजय सांवरिया के मनभेद का भी सुखद पटाक्षेप हुआ। दोनों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाया और गले मिलकर अपना मन भेद मिटाया। आंचलिक अग्रवाल महासभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद अग्रवाल झारबंध, उपाध्यक्ष निरंजन लाल अग्रवाल शिवरीनारायण, महामंत्री महेंद्र अग्रवाल सारंगढ़, संगठन मंत्री संजय सांवरिया सरायपाली, कोषाध्यक्ष मोहन रामअवतार भंवरपुर मनौनीत हुए ।
ज्ञातव्य हो कि अवधेश अग्रवाल सरायपाली वाले की परिकल्पना का यह आंचलिक अग्रवाल महासभा 25 में वर्ष के यौवन की दहलीज पर आ खड़ा हुआ है। प्रथम अध्यक्ष घनश्याम दास सरायपाली, द्वितीय अध्यक्ष नंदकिशोर सारंगढ़ एवं तृतीय अध्यक्ष जय नारायण अग्रवाल ने रामचंद्र मित्तल, ओम प्रकाश सरायपाली, किशन लाल सरिया, ललित अग्रवाल सोहेला एवं अन्य अनेक सहयोगियों के सहयोग से इसे सींचा है। यह वर्ष इसकी रजत जयंती का वर्ष है, हम सब मिलकर इसे धूमधाम से मनाएं और इस आंचलिक अग्रवाल महासभा को और अधिक मजबूती प्रदान करें। इसी आशा और विश्वास के साथ संरक्षक रूपचंद अग्रवाल ने मनोनीत सभी पदाधिकारियों को ढेरों बधाइयां एवं शुभकामनाएं प्रदान किए।