रायगढ़
![वेदांता के खदान से दर्जन से अधिक गांवों की उजड़ जाएगी हरियाली वेदांता के खदान से दर्जन से अधिक गांवों की उजड़ जाएगी हरियाली](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1719825991G_LOGO-001.jpg)
सडक़ हादसों में होगी वृद्धि, ग्रामीणों में उठ रहे विरोध के स्वर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 1 जुलाई। वेदांता एल्युमिनियम ने रायगढ़ जिले के खरसिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम बर्रा में कोल ब्लॉक आबंटित हुआ है, और इसका उत्पादन शुरू करने के लिये कंपनी कागजी प्रक्रिया पूरी करने में लगी है। इससे पहले क्षेत्र के लोग कोयला उत्खनन को लेकर इस बात को लेकर आक्रोश है कि क्षेत्र की हरियाली खत्म होनें के साथ-साथ आदिवासियों के बीच अशांति का माहौल बन जाएगा चूंकि हरा सोना उगलते खेत प्रदूषण की चपेट में आ जायेंगे इतना ही नहीं बर्रा सहित आसपास के एक दर्जन गांव में कोयला ट्रांसपोटिंग के कारण दिन व रात परेशानी खड़ी हो जाएगी। साथ ही साथ दुर्घटनाओं में भी वृद्धि होनें की आशंका व्यक्त की है।
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र ग्राम जोबी बर्रा के साथ-साथ उसके अंतर्गत आने वाले गांव बरझर, बर्रा, जोबी, करूवाडीह, कुरू, मिनगांव, नागोई, पुछियापााली और रामपुर की जमीनें आ रही है और यहां के ग्रामीण अपने विधायक पूर्व मंत्री उमेश पटेल से भी शिकायत करके वेदांता के इस कोल ब्लॉक के उत्पादन पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं।
क्षेत्र के लोगों की मांग पर पूर्व मंत्री व खरसिया विधायक उमेश पटेल भी उनके समर्थन के लिये आगे आ सकते हैं। देखना यह है कि आदिवासी क्षेत्र में वेदांता के इस कोल ब्लॉक की स्वीकृति मिलने के बाद कागजी प्रक्रिया पूरी करने से पहले क्षेत्र के लोगों को विश्वास में नही लिया गया और न ही उन्हें इस बात की जानकारी दी गई कि कोयला उत्खनन के बाद उनकी परेशानियां कितनी बढ़ जाएगी।
बहरहाल देखना यह है कि बर्रा कोल ब्लॉक 31.44 हे. भूमि पर फैलेगा। जिसके कारण आधा दर्जन से भी अधिक गांव नक्शे से भी गायब हो सकते हैं। इसी बात की चिंता को लेकर आदिवासी बाहुल्य इलाके में बड़े आंदोलन की तैयारियां शुरू हो चुकी है। एक अन्य जानकारी के अनुसार वेदांता के कथित अधिकारी राजनीतिक पहुंच के अलावा अधिकारियों से सांठगांठ करके अपने कोल ब्लॉक को शुरू करने के लिये जोर शोर से लग गए हैं।