राजनांदगांव
स्वास्थ्य महकमे के मॉकड्रिल से संतुष्ट दिखे कलेक्टर और स्वास्थ्य अफसर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 3 जनवरी। वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव को लेकर जल्द ही शुरू होने वाले टीकाकरण से पहले प्रशासन की निगरानी में हुए मॉकड्रिल में टीके को पुख्ता इंतजाम और लाभार्थियों का टीकाकरण के तकनीकी तरीके से स्वास्थ्य महकमा का मैदानी अमला को वास्तविकता से रूबरू हुए। फिलहाल वैक्सीनेशन शुरू होने को लेकर समूचे देश में पूर्वाभ्यास किया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि राजनंादगांव में भी कोरोना टीकाकरण शुरू होगा। इसी कड़ी में शनिवार को मॉकड्रील के जरिये स्वास्थ्य कर्मियों को तकनीकी जानकारी और टीकाकरण करने के तरीके सिखाए गए।
बताया जा रहा है कि टीकाकरण शुरू होने पर 6 घंटे में 100 लोगों को इसका डोज दिया जाएगा। वहीं सेंटरों तक 20 मिनट में वैक्सीन को पहुंचाया जाएगा। बताया जा रहा है कि मॉकड्रिल में बेहोशी और रिएक्शन को भी शामिल किया गया था। टीकाकरण होने के करीब आधे घंटे के भीतर बेहोशी और रिएक्शन की समस्या खड़ी होने की आशंका जताई जा रही है। इसके मद्देनजर बेहोशी हालत में अस्पताल पहुुंचाने का अभ्यास भी किया गया।
बताया जा रहा है कि राजनांदगांव कलेक्टर टीके वर्मा भी कुछ सेंटरों में मॉकड्रिल के तहत निरीक्षण करने पहुंचे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से राजनंादगांव शहर के बख्शी स्कूल और शंकरपुर स्कूल को सेंटर बनाया गया। वहीं डोंगरगढ़ में भी खालसा स्कूल को सेंटर बनाया गया। बताया जा रहा है कि कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत ही वैक्सीनेशन होंगे। लाभार्थियों को सेंटर में प्रवेश से लेकर टीकाकरण तक अलग-अलग जांच प्रक्रिया से गुजरना होगा। महिला और पुरूषों के लिए अलग-अलग टीकाकरण कक्ष बनाए जाएंगे। लोगों को टीका लगने के बाद तगड़े निगरानी में भी रखा जाएगा। पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही लाभार्थियों को घर भेजा जाएगा। इस बीच शनिवार को मॉकड्रील के दौरान ऐसी स्थिति नजर आई, जैसे वैक्सीनेशन के दौरान परिस्थितियां होंगी। इस बीच राजनंादगांव जिले में 14 हजार स्वास्थ्य कर्मियों को टीकाकरण के लिए पंजीकृत किया गया है।
केंद्र सरकार के गाईड लाइन में स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण किए जाने का निर्देश मिला है। बताया गया है कि टीकाकरण के दौरान हड़बड़ी नहीं किए जाने की स्वास्थ्य कर्मियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। किसी भी विपरीत परिस्थिति निर्मित होने पर विशेषज्ञों को सेंटरों में रखा जाएगा, ताकि विशेषज्ञ विपरीत परिस्थितियों को सम्हाल सके।