राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबागढ़ चौकी, 4 जनवरी। कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं पितरों की शांति के लिए आयोजित श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ में प्रतिदिन भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन व्यास पीठ से कथावाचक पं. विनोद बिहारी गोस्वामी ने गुरू की महिमा का वर्णन करते कहा कि गोविंद की कृपा से ही गुरू मिलते हैं और गुरू की कृपा से ही नारायण मिलते हैं। उन्होंने कहा कि गुरू के समान कोई दाता नहीं है और गुरू अपने शिष्यों में कोई भेद नहीं करता है। ईश्वर ने भी गुरू को भगवान से भी श्रेष्ठ दर्जा दिया है।
शनिवार को श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन भागवताचार्य पं. गोस्वामी ने कहा कि विश्वास से बढक़र कोई चीज नहीं है। उन्होंने कहा कि धरती के कण-कण व हर जीव में भगवान है। प्रभु राम ने तो रेत के बालू से ही भगवान शिव की आराधना कर रामेश्वरम में शिव को प्रकट कर दिया, इसलिए विश्वास से बड़ी कोई चीज नहीं है। यदि आपको विश्वास है और आप निश्चल भाव से भगवान की भक्ति कर रहे हैं तो ईश्वर को पा लेना बड़ा ही सहज है।
उन्होंने कहा कि सांसारिक मोह-माया ही हमें ईश्वर से दूर करती है, इसलिए ज्ञानेन्द्रियों को वश में करना जरूरी है, क्योंकि मन से बड़ा कोई चंचल व द्रुतगामी नहीं है। मन इतना तेज है कि वह पल-पल में ही हजारों मील की यात्राएं कर लेता है। यदि मन को हमने नियंत्रित कर लिया और मन पर काबू पा लिया तो फिर हमें कोई असफल नहीं कर सकता है, क्योंकि सारे विकारों की जड़ है। मन ही हमें भटकाता है और हमें सांसरिक मोह माया की ओर ले जाता है। सांसारिक वासनाएं ही हमें ईश्वर से दूर करती है। पं. गोस्वामी ने अहंकार को इंसान का सबसे बड़ा शत्रु बताया है। जिसने भी अपने रंग, रूप, पद, प्रतिष्ठा, बल, धन संपदा का अभिमान किया, उसका अंत निश्चित रूप से तय हो जाता है।