राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 4 जनवरी। अवैध बिल को निरस्त करने और जारी करवाने वाले अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की मांग उठाते निगम के नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु ने राज्यपाल अनुसुईया उईके के नाम छग राज्य विद्युत वितरण कंपनी मर्यादित राजनांदगांव के मुख्य कार्यपालन अभियंता टीके मेश्राम को ज्ञापन सौंपा।
नेता प्रतिपक्ष श्री यदु ने ज्ञापन में कहा कि कांग्रेस ने जनता से कई झूठे वादे कर सत्ता में आई है। सरकार बनते ही अपने सारे वादे भूल गई और जनता को लगातार बेवकूफ बनाकर लूट रही है। बिजली बिल में हाफ योजना के नाम पर उपभोक्ताओं से अवैध वसूली कर रही है। राजनांदगांव जिले में उपभोक्ताओं से बंद/खराब मीटर के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। प्रदेश सरकार ने अधिकारियों को मनमानी का खुला छूट दे रखा है, भ्रष्टाचार चरम पर है, आम उपभोक्ताओं को नियम विरूद्ध तरीके से अनाप-शनाप बिल थमाया जा रहा है और बिल भुगतान के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जिले के कई वार्डों व ग्रामों में जैसे कौरिनभाठा, ढ़ाबा, रेवाडीह, पेंड्री बसंतपुर, सिंगदई, मोहड़, जंगलेसर, खैरा, भोथली, गठुला, तिलई, बोरी, घुमका, सुंदरा, पार्रीकला, फरहद, पनेका, भर्रेगांव, मासूल, कलडबरी, झूराडबरी, देवादा के उपभोक्ताओं द्वारा अपनी पीड़ा बताई है कि कई वर्ष पूर्व उनका मीटर बंद/खराब हो गया था। जिसको बदलने विभाग के आला अधिकारियों से निवेदन भी किया था, किन्तु मीटर नहीं बदला गया, जब तक मीटर नहीं बदला गया, तब तक पिछला खपत के आधार पर औसत यूनिट का बिल दिया। जिसको उन उपभोक्ताओं द्वारा जमा कर दिया गया व कोई बकाया राशि भी शेष नहीं था, किन्तु कई वर्षों बाद मनमाने तरीके से बिल थमाया जा रहा है, वो भी बिना सूचना के अचानक मनमाने बिल मिलने से उपभोक्ताओं के होश उड़ गए और ऊपर से विभाग की मनमानी कि पैसा नहीं पटाया तो लाइन काट देंगे। अधिकारियों के रवैये से राजनांदगांव की गरीब जनता के सामने आत्महत्या के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं रह गया।
उन्होंने कहा कि ज्ञापन के माध्यम से सरकार और विभाग के अधिकारियों को भाजपा पार्षद दल एवं भाजपा युवा मोर्चा आगाह करती है कि यदि इस अवैध तरीके से जारी बिल को तत्काल निरस्त करें और इस प्रकार का बिल जारी न करें। साथ ही जिन उपभोक्ताओं द्वारा बिल का भुगतान कर दिया है, उनको भुगतान की राशि वापस दिलाया जाए।
इस अवैध व दूषित कार्रवाई करने वाले अधिकारी को तत्काल निलंबित किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि एक सप्ताह के अंदर उपभोक्ताओं का बिल निरस्त/माफी नहीं होती है व जिम्मेदार अधिकारी को तत्काल निलंबित नहीं किया जाता है तो उग्र आंदोलन की जाएगी। जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रदेश सरकार व विद्युत विभाग के आला अधिकारियों की होगी।