धमतरी

आजादी का अमृत महोत्सव : गौरव ग्राम कंडेल तक निकाली साइकिल रैली
13-Mar-2021 5:08 PM
आजादी का अमृत महोत्सव : गौरव ग्राम कंडेल तक निकाली साइकिल रैली

संस्कृति मंत्री भगत ने रायपुर से वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर किया रैली को रवाना

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

धमतरी, 13 मार्च। देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारत सरकार के आह्वान पर  आजादी का अमृत महोत्सव के तहत कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य के मार्गदर्शन में जि़ला प्रशासन के द्वारा धमतरी से गौरव ग्राम कंडेल तक साइकल रैली का आयोजन किया गया। इस दौरान नगर के ऐतिहासिक स्थल मकई चौक पर वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर रैली को प्रस्थान किया गया। 

रैली को प्रदेश के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने रायपुर से वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर प्रस्थान किया गया। धमतरी से आयोजित रैली के प्रस्थान के अवसर पर महापौर विजय देवांगन, सभापति अनुराग मसीह, जिला पंचायत अध्यक्ष कांति सोनवानी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

 रैली स्थानीय घड़ी चौक से राष्ट्रीय राजमार्ग होते हुए ग्राम संबलपुर, सांकरा, भोथली, गागरा से गौरव ग्राम कंडेल पहुंची, जहां पर ग्रामीणों ने अभूतपूर्व स्वागत किया। तदुपरांत यहां गांधी स्मारक गार्डन में महात्मा गांधी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। तत्पश्चात मंचीय कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें जिला पंचायत के उपाध्यक्ष नीशु चंद्राकर ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि कंडेल सत्याग्रह के जनक बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव ने ग्रामीणों के स्वाभिमान के लिए आजादी की लड़ाई लड़ी। कंडेल के इतिहास की जानकारी यहां के बच्चे-बच्चे को भी होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि आज के ही दिन वर्ष 1930 में महात्मा गांधी ने दांडी मार्च की शुरुआत की थी, जिसका पुण्य स्मरण किया जा रहा है। वरिष्ठ नागरिकशरद लोहाणा ने आज़ादी का अमृत महोत्सव के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज़ादी की 75वी वर्षगांठ के 75 सप्ताह पहले यह कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसके तहत् हर सप्ताह गतिविधियां आयोजित की जाएगी।

कंडेल नहर सत्याग्रह और गांधी की का धमतरी आगमन

 देश की स्वतंत्रता के 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर 75 सप्ताह पहले भारत सरकार द्वारा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ नामक कार्यक्रम आयोजित किया गया है जिसके तहत राज्य शासन के निर्देशानुसार शुक्रवार को धमतरी से गौरव ग्राम कण्डेल तक सायकल रैली का आयोजन जिला प्रशासन द्वारा किया गया, जिसमें जनप्रतिनिधि, नागरिक, अधिकारियों ने हिस्सा लेकर आजादी पर्व का स्मरण किया।

ज्ञात हो कि वर्ष 1920 में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ कण्डेल नहर सत्याग्रह ग्राम कण्डेल के मालगुजार बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव के नेतृत्व में किया गया था, जो काफी लम्बा चला। दरअसल नहर काटकर पानी चोरी करने का आरोप लगाकर अंग्रेज अफसरों ने भोले-भाले ग्रामीणों पर भारी-भरकम टैक्स लगाया। टैक्स का चुकारा नहीं करने की दशा में जबरिया उनके मवेशियों को बाजारों में नीलामी करने का आदेश दिया। हालांकि स्थानीय नेताओं के हस्तक्षेप के बाद एक भी मवेशी की नीलामी करा पाने में वे असफल रही। मवेशिवयों को एक से दूसरे, दूसरे से तीसरे बाजार ले जाने का सिलसिला चलता रहा।

समाधान न होते देखकर केन्द्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के लिए ग्राम चंद्रसूर के पंडित सुंदरलाल शर्मा ने महात्मा गांधी को कण्डेल नहर सत्याग्रह में सम्मिलित होने आमंत्रित किया, जिसे सहर्ष स्वीकार करते हुए वे 20 दिसम्बर 1920 को ट्रेन से रायपुर पहुंचे। इसके बाद अगले दिन 21 दिसम्बर को कण्डेल के लिए गांधीजी रवाना हुए। इसकी खबर लगते ही अंग्रेज अधिकारियों ने नि:शर्त कण्डेल के ग्रामीणों की जब्त की गई जमीन व मवेशियों को मुक्त कर दिया। हालांकि गांधी जी के ग्राम कण्डेल आगमन की पुष्टि नहीं होती, लेकिन वे धमतरी पहुंचकर स्थानीय मकई चौक पर ऐतिहासिक भीड़ को सम्बोधित किया। इस दौरान गांधीजी ने अपने भाषण में कहा कि वे धमतरी से ‘सत्याग्रह’ शब्द लेकर जा रहे हैं और इसे आगे के स्वतंत्रता आंदोलनों में इस नाम का उपयोग करेंगे। इस तरह ऐतिहासिक कण्डेल नहर सत्याग्रह ने इतिहास में अपनी जगह बना ली।

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