बस्तर

सीएम की सोच आंगनबाड़ी बने महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण का सशक्त केंद्र- शर्मा
12-Jul-2021 8:28 PM
सीएम की सोच आंगनबाड़ी बने महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण का सशक्त केंद्र- शर्मा

जगदलपुर, 12 जुलाई। राज्य की भूपेश सरकार के मंशानुरूप छत्तीसगढ़ स्वस्थ और सुपोषित हो, इसके लिए जरूरी है कि प्रदेश की आंगनबाडिय़ां महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण के सशक्त केंद्र के रूप में विकसित हो। उक्त बातें बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी शहर अध्यक्ष राजीव शर्मा ने कही।

 उन्होंने आगे बताया कि राज्य के 10 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को भूपेश सरकार ने मॉडल केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना का क्रियान्वयन शासन/प्रशासन के सहयोग से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। सुपोषण अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के साथ ही रेडी -टू-इट की गुणवत्ता एवं वितरण की व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखने के भी आवश्यक निर्देश दिए हैं।

वजन त्यौहार का प्रदेशव्यापी आयोजन आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से शुभारंभ किया जा चुका है राज्य सरकार द्वारा संचालित सुपोषण अभियान के सार्थक परिणाम भी आए हैं. सुपोषण अभियान के तहत पौष्टिक आहार स्वास्थ्य सुविधाएं एवं नियमित रूप से परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराने से लगभग 32 फीसद की कमी आई है।

 मई 2021 की स्थिति में लाखों बच्चे कुपोषण से बाहर आ चुके हैं तथा हजारों महिलाएं एनीमिया से मुक्त हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, नोनी सुरक्षा योजना, सुचिता योजना, महतारी जतन योजना, सामाजिक विकास एवं महिला सशक्तिकरण योजनाओं की प्रगति ने इस राज्य की तस्वीर बदल दी है।

श्री शर्मा ने बताया कि विभाग के अधीन गठित महिला स्व- सहायता समूह सामाजिक सरोकार को बेहतर बनाने के साथ-साथ गौठान एवं अन्य गतिविधियों से जुडक़र सामाजिक एवं आर्थिक रूप से स्वावलंबन की ओर अग्रसर हैं। राज्य में लगभग 50 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं, जिनमें 3 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल एवं नर्सरी स्कूल के रूप में विकसित किया जा चुका है। सरकार की मंशा एवं योजना के अनुरूप लगभग 10 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल केंद्र के रूप में विकसित किए जाने की है। राज्य में रेडी-टू- ईट के निर्माण में तथा गरम भोजन प्रदाय कार्य में महिला स्व-सहायता समूह संलग्न हंै, राज्य की तस्वीर बदलने की यह महती योजना कारगर व मिल का पत्थर साबित होगी। महिलायें रोजगार से जुडऩे लगीं, दैनिक व अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होने लगीं।

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