बस्तर
मतान्तरण के चलते विवाद, गांव में तनाव, पुलिस बल तैनात
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 27 अप्रैल। परपा थाना क्षेत्र के ग्राम छिंदबहार में रहने वाले ईश्वर की मौत बीमारी की वजह हो गई। चूंकि ईश्वर के परिजन अपने मूल धर्म को छोडक़र ईसाई समुदाय में शामिल हो गए थे, इसलिए गांव के लोग ईश्वर के शव को दफनाने नहीं दे रहे हैं, जिसके चलते गांव में तनाव की स्थिति आ गई है और मामले को सुलझाने में भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया है, 48 घंटों के बाद भी अब तक मामले का कोई भी हल नहीं निकल पाया है, जिसके कारण शव अभी भी मेकाज के पीएम घर में रखा हुआ है।
जानकारी के मुताबिक 25 अप्रैल को बीमारी के चलते ईश्वर पिता स्व. अर्जुन (65 वर्ष)निवासी छिंदबहार को बेहतर उपचार के लिए मेकाज में भर्ती किया गया, जहाँ उसकी मौत हो गई।
ईश्वर के मौत के बाद उनके परिजनों ने पुलिस को बताया कि वे लोग अपने मूल धर्म को छोडक़र ईसाई समुदाय में शामिल हो गए थे। ईश्वर के मौत की खबर का पता चलते ही गांव के लोग एकजुट हो गए और ईश्वर के शव को गांव में दफनाने से मना कर दिए, जिसके बाद दोनों पक्ष आपस में अड़ गए।
मृतक के परिजनों का कहना है कि वे शव को गांव के ही जमीन में दफऩाएँगे, जबकि गांव वालों का कहना है कि जब तक ईश्वर के परिजन ईसाई समुदाय को छोडक़र अपने मूल धर्म में नहीं आएंगे, तब तक शव को यहां अंतिम संस्कार करने नहीं दिया जाएगा।
मृतक के परिजन जाएंगे कोर्ट
गांव के कुछ लोगों का कहना है कि मृतक ईश्वर के परिजन अपने धर्म में जाना नहीं चाह रहे हैं। उनका कहना है कि ईश्वर के शव को ईसाई धर्म के अनुसार ही अंतिम संस्कार किया जाए, जबकि गांव के लोग इसका पुरजोर विरोध कर रहे है,
48 घंटे से अधिक हुआ समय
बताया जा रहा है कि ईश्वर की मौत 25 अप्रैल को हुई है, जिसके बाद से जैसे ही पुलिस को इस बात की जानकारी मिली कि ईश्वर के परिजन ईसाई समुदाय को मानते है उन्होंने शव को देने से मना कर दिया। उनका कहना था कि जब तक गांव के लोगों की अनुमति नहीं मिलेगी, शव को गाँव नहीं जाने दिया जाएगा। इसी तनाव के चलते पिछले 48 घंटे से अधिक समय होने के बाद भी शव मेकाज के पीएम घर में ही रखा हुआ है।
गांव में बढ़े तनाव के चलते लगी पुलिस फोर्स
दोनों समुदाय के बीच चल रहे विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है, जिसके कारण दोनों पक्ष अपनी बातों को लेकर अडिग है। गाँव में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती किया गया है, जहाँ गाँव में बढ़ रहे तनाव को रोके जाने की बात कही जा रही है, वहीं दो पक्षों के इस विवाद के चलते शव अब तक अपने घर नही पहुँच पाया है।
पुलिस के आला अधिकारी दोनों पक्षों को समझाने में प्रयास कर रही है, लेकिन अब तक कोई भी हल सामने नहीं निकल पाया है।