रायपुर
होने की समय सीमा तय नहीं बृजमोहन ने उठाया मामला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 26 जुलाई। सिंचाई कॉलोनी को तोडक़र व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स बनाने का मामला सोमवार को विधानसभा में उठा। उन्होंने जानना चाहा कि क्या शांति नगर सिंचाई कॉलोनी में बने पुराने शासकीय आवासों, बंगलों, गार्डन व अन्य निर्माण को तोडक़र नया व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बनाने का निर्णय लिया गया है? कितने आवास व अन्य निर्माण तोड़े जाएंगे, क्या उसका मूल्य का आंकलन किया गया?
आवास और पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने लिखित जवाब में बताया कि जर्जर आवास के मूल्य का आंकलन नहीं किया गया है। शासकीय कर्मचारियों को दिए जा रहे आवास के मूल्यों का भी आंकलन नहीं किया गया है। साथ ही इस प्रोजेक्ट के वर्तमान में समय एवं लागत बता पाना संभव नहीं है। अधिकारियों को व कर्मचारियों को जो आवास दिया जा रहा है उक्त आवासों के अनुमानित लागत नहीं निकाला गया है। कर्मचारियों का जो आवास तैयार होना है उनका भी अनुमानित लागत नहीं किया गया है।
श्री अकबर ने लिखित उत्तर में बताया कि इस कार्य के लिए छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल को निर्माण एजेंसी घोषित किया गया है। रीडेवलपमेंट योजना के अंतर्गत अधिकार संपन्न मंत्री समूह का गठन किया गया है। उन्होंने यह निर्णय लिया है। जिनका अनुमोदन मंत्रिपरिषद से कराया गया है। शांति नगर में 314 आवास तोड़े जाएंगे पर इन आवासों के मूल्य का आकलन छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा नहीं किया गया है।
उन्होंने बताया कि 22 भवनों को तोडऩे की कार्रवाई की गई है। यह योजना पीपीपी मॉडल के तहत की जाएगी। प्रस्तावित प्रोजेक्ट आवास एवं पर्यावरण विभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल का है। वर्तमान में इस प्रोजेक्ट पर कितना समय लगेगा व कितना लागत लगेगा दोनों बताना संभव नहीं है। श्री अकबर ने बताया कि यह भूमि जो 37.2 एकड़ है राजस्व रिकार्ड में शासकीय भूमि चिन्हित है, और मास्टर प्लान में आवासीय दर्ज है। शांति नगर कॉलोनी में 292 शासकीय अधिकारियों कर्मचारी निवासरत है, जिसमें गृह विभाग के अधीन आने वाले 30 शासकीय आवासों को डिस्मेंटल योग घोषित किया गया है। प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने यह नहीं बताया कि यह योजना कितने का है और कब पूरा होना है।