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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 25 मई। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में सात दिन पहले हुई एक तांत्रिक की पत्थर से सिर कुचलकर हत्या की गुत्थी सुलझा ली गई है। पुलिस ने उसके करीबी युवक को ही गिरफ्तार किया है जो संतान की ख्वाहिश में पिछले दस साल से उससे झाड़-फूंक करा रहा था।
19 मई बांधाटोला, मरवाही के संतोष भैना ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसके पिता दशरथ का शव खेत के पास क्षत-विक्षत हालत में मिला है। 18 मई को रात नौ बजे वह खेत में पाले गए मछली की रखवाली के लिए रोज की तरह खेत की झोपड़ी में सोने के लिए चला गया था। सुबह उसकी लाश मिली। किसी ने सिर पर चोट पहुंचाकर उसकी हत्या की है। पुलिस ने धारा 302 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू की तो पता चला कि दशरथ भैना पिछले 10-12 साल से साधु बनकर रहने लगा था। वह झाड़-फूंक भी करता था। मोहल्ले के बिरसू भानु (32 वर्ष) को शादी के बाद संतान नहीं थी। वह उससे झाड़-फूंक कराता था। बिरसू भानू से पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो उसने हत्या का अपराध करना स्वीकार कर लिया। आरोपी बिरसू ने बताया कि झाड़-फूंक कराने के बावजूद कोई फायदा नहीं मिलने के कारण वह गुस्से में था। 18 मई की रात को वह झोपड़ी की ओर गया वहां सोये हुए दशरथ भैना के सिर को पत्थरों से कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
बिल्हा, करगीरोड जैसे छोटे स्टेशनों पर स्टॉपेज समाप्त करने का भी विरोध
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 25 मई। लगातार तीसरे महीने से बड़ी संख्या में एक्सप्रेस और पैसेंजर यात्री गाडि़यों को रद्द किए जाने का आक्रोश आज खुल कर सामने आया। दोपहर 12 बजे छात्र युवा नागरिक रेल्वे जोन संघर्ष समिति ने रेल मंत्री का पुतला जलाकर विरोध प्रदर्शन किया।
गौरतलब है कि कल ही रेल मंत्रालय ने 34 यात्री गाडि़यों को न चलाने के फैसले को एक माह के लिये बढ़ा दिया है। समिति ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि जिस कोयला परिवहन से रेलवे को सर्वाधिक आय होती है, उसी कोयले के लिये छत्तीसगढ़ जैसे कोयला उत्पादक राज्य को यह दिन देखना पड़ रहा है।
विरोध प्रदर्शन में शामिल बिलासपुर शहर के महापौर रामशरण यादव और किशोरी लाल गुप्ता ने कहा कि यदि गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान के पॉवर प्लॉट को कोयले की जरूरत थी तो फिर इसकी व्यवस्था समय रहते करने की जिम्मेदारी रेल प्रशासन और केन्द्र सरकार पर है। अचानक एक साथ पूरा कोयला भेजने के कारण सभी यात्री गाडि़यां रद्द करनी पड़ रही है। यह केन्द्र सरकार की गलत नीतियों का नतीजा है। प्रदर्शन में शामिल महेश दुबे और देवेंन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि केन्द्र सरकार ऊर्जा के अन्य स्त्रोत जैसे सौर ऊर्जा व पवन ऊर्जा का उपयोग बढ़ाये अन्यथा छत्तीसगढ़ में भविष्य में कोई यात्री गाड़ी नहीं चल पायेगी। अभयनारायण राय और रविन्द्र सिंह ने कहा कि यात्री गाडि़यां बंद होने से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था पर गंभीर नुकसान हो रहा है, अतः कम से कम आधी गाडि़या तुरंत चलाई जाए, चाहे इसके कारण अन्य राज्यों में 2-4 घंटे की बिजली कटौती करनी पड़े। नरेन्द्र बोलर और शेख नजीरूद्दीन ने भी छोटे स्टेशनों पर स्टॉपेज बहाल करने के साथ-साथ यात्री गाडि़यों को पुनः चलाने की मांग की।
छात्र युवा नागरिक रेल्वे जोन संघर्ष समिति ने जानकारी दी कि देश में इस समय 91000 मेगावाट क्षमता के सौर और पवन ऊर्जा के पावर प्लॉट तथा 24000 मेंगावाट के गैस आधारित पावर प्लॉट लगे हुए हैं, जिनका उपयोग बहुत कम किया जा रहा है। देश की वर्तमान अधिकतम बिजली की मांग 2,10,000 मेगावॉट है जिसमें से आधा हिस्सा बिना कोयले के बनाया जा सकता है, परन्तु केन्द्र सरकार ऐसा नहीं कर रही है।
आज के पुतला दहन कार्यक्रम में राकेश शर्मा, समीर अहमद, बद्री यादव, राकेश सिंह, मनोज श्रीवास, केशव गोरख, कमलेश दुबे, प्रशांत पाण्डेय, दिलीप साहू, संजय यादव, विनोद जवाहर, अनिल गुलहरे, प्रशांत सिंह. सुदीप श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।
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बिलासपुर, 25 मई। कोरबा की सांसद ज्योत्सना महंत ने 24 जून तक 35 ट्रेनों का परिचालन फिर से बंद करने के फैसले को निरस्त करने की मांग करते हुए रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव को पत्र लिखा है।
सांसद ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में यात्री ट्रेनों का परिचालन बंद करने का सिलसिला निरंतर जारी है। बिलासपुर मंडल के अंतर्गत प्रदेश से होकर जाने वाली लगभग 35 ट्रेनें, जिनमें 23 एक्सप्रेस एवं 12 पैसेंजर हैं, को 24 मई से 24 जून तक कोयले की सप्लाई के नाम पर बंद कर दिया गया है। एक माह पहले ही लगभग 22 ट्रेनों को बंद किया गया था। इनमें कई महत्वपूर्ण ट्रेनें हैं जिनमें प्रतिदिन हजारों यात्री सफर करते हैं। इनमें भगत की कोठी तथा बिलासपुर कटनी रूट पर चलने वाली अन्य ट्रेनें भी शामिल हैं, जो यहां की जनता लाइफ लाइन के समान है। पैसेंजर ट्रेनों को भी बंद किया गया है जिसमें कामकाजी और नौकरीपेशा लोग प्रतिदिन सफर करते हैं।
पत्र में सांसद महंत ने लिखा है कि ट्रेनों का परिचालन ऐसे समय में बंद किया गया है जब शादी समारोह और समर वेकेशन चल रहा है। जिन यात्रियों ने महीने भर पहले टिकट आरक्षित करा लिए हैं, उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन्हें फिर से टिकट निरस्त कर दूसरी ट्रेनों में टिकट करानी होगी। ट्रेनों को इस तरह से बंद करने से यात्रियों में मायूसी छा गई है, साथ ही जन आक्रोश भी बढ़ गया है। सांसद ने याद दिलाया है कि उन्होंने बंद हुई ट्रेनों के परिचालन के संबंध में पूर्व में भी पत्र भेजा था, जिस पर विचार न कर निरंतर जनविरोधी तुगलकी फरमान जारी किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अचानक इतनी संख्या में ट्रेनों के परिचालन को बंद किए जाने का निर्णय उचित नहीं है। प्रजातंत्र में जन भावनाएं सर्वोपरि है इसलिए आग्रह है कि ट्रेनों को बंद किए जाने संबंधी आदेश को निरस्त करें और इनका परिचालन निरंतर जारी रखें। इस संबंध में समुचित निर्देश प्रसारित करने का कष्ट करें।
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बिलासपुर, 25 मई। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 15 साल पहले सेवानिवृत्त लेखाधिकारी से चिकित्सा भत्ते की राशि की रिकवरी करने के आदेश पर रोक लगा दी है।
बिलासपुर के सीपी मिश्रा सन् 2006 में सेवानिवृत्त हुए थे। रिटायर्ड होने के बाद उन्हें पेंशन के साथ चिकित्सा भत्ते का भुगतान भी पात्रता के अनुसार किया जा रहा था। 18 नवंबर 2021 को महालेखाकार ने एक नोटिस जारी की और करीब 92 हजार रुपये वापस लौटाने कहा। नहीं लौटाने पर पेंशन से राशि काटने की बात कही गई। नोटिस में बताया गया कि उन्हें चिकित्सा भत्ते के रूप में अधिक राशि का भुगतान कर दिया गया है। इसके साथ ही चिकित्सा भत्ते की राशि का भुगतान भी बंद कर दिया गया।
इस नोटिस को मिश्रा ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। कोर्ट ने पेंशन में कटौती और राशि की वसूली पर अगले आदेश तक रोक लगाई है। साथ ही महालेखाकार को जवाब दाखिल करने कहा है।
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बिलासपुर, 24 मई। पुलिस लाइन के एक आरआई ने भागवत कथा प्रवचन के कार्यक्रम में पहुंचकर जमकर हंगामा मचाया और कथा बंद करने के लिए कहते हुए कुर्सिंयां तोड़ दी।
घटना सोमवार की बताई गई है। पुलिस लाइन में वहां के निवासियों ने भागवत प्रवचन का कार्यक्रम रखा है। कथा के दौरान शाम को रक्षित निरीक्षक धनेंद्र ध्रुव वहां पहुंचा और हंगामा करने लगा। उसका कहना था कि पुलिस लाइन में इस तरह का कार्यक्रम नहीं होगा, बंद करो। गुस्से में उसने सामने बैठने के लिए रखी गई कुछ कुर्सियों को तोड़ भी दिया। लोगों ने इसका विरोध किया तो वह वहां से चला गया। घटना की लिखित शिकायत आज सिविल लाइन थाने में करते हुए पुलिस लाइन आवासीय परिसर के लोगों ने आरआई पर कार्रवाई की मांग की है।
भारतीय वन अनुसंधान परिषद् के डायरेक्टर को पत्र लिखकर विधायक धर्मजीत सिंह ने सिफारिश वापस लेने की मांग की
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 24 मई। विधायक धर्मजीत सिंह ठाकुर ने भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, आईसीएसआरई के निदेशक को पत्र लिखकर मांग की है कि हसदेव अरण्य में चार कोल ब्लॉक उत्खनन के लिए की गई अपनी अनुशंसा को वापस ले। विधायक ने आशंका जताई है कि राजस्थान सरकार और अडानी ग्रुप के प्रभाव में आकर हसदेव अरण्य में कॉल ब्लॉक आवंटित किया गया है।
पत्र में विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा है कि छत्तीसगढ़ शासन ने आईसीएफआरई को हसदेव और अन्य कोलफील्ड के जैव विविधता अध्ययन की जिम्मेदारी दी थी। इस काम में केंद्र सरकार की संस्था वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (डब्लूआईआई) से भी मदद ली गई थी। डब्ल्यूआईआई ने अपनी जो रिपोर्ट आईसीएफआरई को प्रस्तुत की है उसमें स्पष्ट रूप से हसदेव अरण्य को अत्यंत महत्वपूर्ण जैव विविधता वाला क्षेत्र मानकर पीईकेबी खदान के खुदाई हो चुके हिस्से को छोड़कर खनन की कोई नई अनुमति नहीं देने की सिफारिश की थी। अर्थात पीईकेबी के फेस टू की अनुमति नहीं देने की सिफारिश की। इस प्रस्तावित खदान से 1136 हेक्टेयर क्षेत्र का सघन वन प्रभावित होगा और लगभग 3 लाख पेड़ काटे जाएंगे।
यही नहीं लगभग ऐसा ही निष्कर्ष और आकलन आईसीएफआरई ने खुद की रिपोर्ट में किया है। आईसीएफआरई ने भी पूरे क्षेत्र में खनन के दुष्प्रभाव बताए हैं जिसके अनुसार यहां किसी भी कोल ब्लॉक में खनन की सिफारिश नहीं की जा सकती।
इसके बावजूद आईसीएफआरई ने यह सिफारिश की है कि राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम को आवंटित सभी कोल ब्लॉक में खनन का कार्य किया जा सकता है। इनमें या तो खनन शुरू हो चुका है या खनन की अनुमति मिलने वाली है। ऐसी सिफारिश करना आईसीएफआरई की नीति में शामिल नहीं है।
विधायक ने अपने पत्र में बताया है कि उपरोक्त अध्ययन की पृष्ठभूमि में एनजीटी ने सुदीप श्रीवास्तव के प्रकरण में फैसला दिया है जिसमें स्टडी के लिए कतिपय प्रश्न निर्धारित किए गए। इन सभी प्रश्नों के जो उत्तर आईसीएफआरई रिपोर्ट में दिए गए हैं उसके अनुसार भी तारा, परसा, केते एक्सटेंशन और पीईकेबी में खनन की सिफारिश करना विरोधाभासी है।
उक्त चारों ओर ब्लॉक में से तारा में ही दो तिहाई से अधिक अत्यंत घना जंगल है। यह आईसीएफआरई की ही रिपोर्ट कहती है। यह ब्लॉक नो गो स्टडी में देशभर के 602 कोल ब्लॉक में दूसरा सबसे अधिक घने जंगल वाला ब्लॉक है। केते एक्सटेंशन ब्लॉक का 98 प्रतिशत घना जंगल है और चरनोई का जल ग्रहण क्षेत्र भी है। इसे संरक्षित करने की सिफारिश स्वयं आईसीएफआर ने की है परंतु किस तरह केते एक्सटेंशन को खनन योग्य माना गया, इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं है। यही नहीं गेज झिंक और अटेम नदी का पानी हसदेव में ही आता है। अतः इसे अलग वाटर शेड मानकर अनुमति नहीं दी जा सकती।
एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में आईसीएफआरई की रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद राज्य शासन ने लेमरू एलिफेंट रिजर्व की अधिसूचना जारी कर दी है। उक्त चारों ब्लॉक लेमुरू रिजर्व के 10 किलोमीटर के भीतर बफर जोन में आ रहे हैं। इस कारण से भी इन कोल ब्लॉक में खनन की अनुमति की सिफारिश पर पुनर्विचार कर उसे रद्द करना आवश्यक है।
विधायक ने कहा है कि स्वयं आईसीएफआरई ने वन्य जीव संबंधी विषयों पर डब्ल्यूआईआई को अध्ययन में अपने साथ लिया था। इसमें चेतावनी दी गई थी कि हसदेव अरण्य में किसी भी नए खनन से मानव हाथी संघर्ष बढ़ेगा। यह चेतावनी आईसीएफआरई ने अपनी रिपोर्ट में भी शामिल की है। इसके बावजूद डब्ल्यूआईआई सिफारिशों से हटकर 4 ब्लॉकों में खनन की अनुमति दिए जाने के लिए सहमति जताने का कोई वैज्ञानिक और तार्किक कारण नहीं है। डब्ल्यूआईआई की सिफारिशें आईसीएफआरई के लिए बंधनकारी है।
विधायक धर्मजीत सिंह ने पत्र में लिखा है कि राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम ने आईसीएफआरई को स्टडी के लिए फंडिंग की है। साथ ही निगम के एमओडी ऑपरेटर अदानी कंपनी ने आईसीएफआरई टीम की आवभगत की। इससे यह संदेह उठना स्वाभाविक है कि अपनी ही फाइंडिंग और डब्लू आई आई रिपोर्ट के खिलाफ आईसीएफआरई ने कोल ब्लॉक खनन की सिफारिश उनके प्रभाव में आकर की।
विधायक ने कहा कि आईसीएफआरई एक सम्मानित संस्था है। इस संस्था की किसी भी रिपोर्ट की सत्यता की जांच और पहचान करने की जवाबदारी निदेशक की है। अतः इस अध्ययन से संबंधित समस्त दस्तावेज और डब्ल्यूआईआई द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट और लेमरू एलीफेंट रिजर्व की अधिसूचना के प्रकाश में आईसीएफआरई द्वारा 4 कोल ब्लॉक तारा परसा केते एक्सटेंशन और पीईकेबी में खनन की सिफारिशों की समीक्षा करें और जैव विविधता से परिपूर्ण पूरे हसदेव क्षेत्र को संरक्षित करने की अनुशंसा करें।
25 मई को होगा रेल मंत्री का पुतला दहन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 24 मई। छात्र युवा नागरिक रेल्वे जोन संघर्ष समिति ने रेल मंत्रालय के 34 यात्री गाडिय़ों को नहीं चलाने के फैसले का कड़ा विरोध किया है। इसके विरोध में 25 मई को रेल मंत्री का पुतला दहन कर किया जाएगा। समिति ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि जिस कोयला परिवहन से रेल्वे को सर्वाधिक आय होती है, उसी कोयले के लिये छत्तीसगढ़ जैसे कोयला उत्पादक राज्य को यह दिन देखना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि गत वर्ष देश में कोयले का सर्वाधिक उत्पादन 158 मिलियन टन छत्तीसगढ़ में रहा। यदि भण्डार के हिसाब से देखा जाए तो झारखण्ड और उडीसा में कोयला भण्डार छत्तीसगढ़ से अधिक है। अर्थात छत्तीसगढ़ वर्तमान में ही अपनी क्षमता से अधिक कोयला उत्पादन कर रहा है। इसका सीधा दुष्परिणाम यह हुआ है कि दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे से गुजरने और प्रारंभ होने वाली 34 यात्री गाडिय़ों को पिछले एक महीने से बंद रखा गया, जबकि यह शादी ब्याह और छुट्टियों का सीजन है। इन्हीं यात्री गाडिय़ों को आगे एक महीने तक फिर बंद रखने का फैसला छत्तीसगढ़ की सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था को छिन्न-भिन्न कर देगा। यही नहीं पिछले छह महीने से जो यात्री गाडिय़ां चल भी रही है उनके स्टॉपेज बिल्हा, करगीरोड, खोडरी, खोंगसरा, बेलगहना जैसे स्टेशनों पर समाप्त कर दिए गए हैं। यह भी केवल कोयला परिवहन के लिए किया जा रहा है।
सौर, पवन ऊर्जा तथा गैस पावर प्लॉट का पूरा उपयोग नहीं
छात्र युवा नागरिक रेल्वे जोन संघर्ष समिति ने जानकारी दी कि देश में इस समय 91 हजार मेगावाट क्षमता के सौर और पवन ऊर्जा के पावर प्लॉट तथा 24 हजार मेगावाट के गैस आधारित पावर प्लॉट लगे हुए हैं, जिनका कि उपयोग बहुत कम किया जा रहा है। देश की वर्तमान अधिकतम बिजली की मांग 2 लाख 10 हजार मेगावॉट है जिसमें से आधा हिस्सा बिना कोयले का उपयोग किए भी बनाया जा सकता है परन्तु केन्द्र और राज्य सरकारें अधिकतम बिजली कोयले से ही बना रही है। यह कई मामलों में महंगी भी पड रही है। कोयले पर आधारित बिजली पर हमारी निर्भरता यातायात के यह सबसे सुलभ साधन रेलगाड़ी को आम जनता से दूर कर रही है।
उपरोक्त परिस्थिति में केन्द्र सरकार को नींद से जगाने के लिये छात्र युवा नागरिक रेल्वे जोन संघर्ष समिति 25 मई बुधवार को दोपहर 12 बजे तारबाहर चौक पर केंद्रीय रेल मंत्री का प्रतीकात्मक पुतला दहन करेगी। समिति ने सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं और नागरिकों से समय पर पहुंचने की अपील की है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 24 मई। लडक़े ने शादी से इंकार किया तो उसकी प्रेमिका ने हाई वोल्टेज ड्रामा किया। वह दीवार फांद कर प्रेमी के घर पहुंच गई। उसने शादी नहीं करने पर रेप केस में फंसा देने की धमकी दी। लडक़े वालों की इस शिकायत की पुलिस जांच कर रही है।
घटना रामपुर पुलिस चौकी इलाके की है। जानकारी के मुताबिक पड़ोस के एक लडक़े के साथ युवती का पिछले 4 साल से प्रेम प्रसंग चल रहा है। इस बीच युवती को पता चला कि लडक़े की शादी कहीं और तय कर दी गई है। जब लडक़ी ने शादी के लिए गुहार लगाई तो लडक़े और उसके परिवार के लोगों ने मना कर दिया। वह कई बार लडक़े के घर जाकर समझाने की कोशिश कर चुकी थी। लडक़ी वाले आरोप लगाते हैं कि लडक़ी का किसी और युवक से भी संबंध है। एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें लडक़े के घर का गेट बंद होने के कारण लडक़ी दीवार फांद कर उसके घर जा घुसी। लडक़े और उसके परिवार वालों को उसने शादी के लिए तैयार हो जाने के लिए कहा। साथ ही धमकी दी कि ऐसा न करने पर उसे रेप केस में फंसा देगी। घबराए लडक़ी वालों ने रामपुर पुलिस चौकी में लिखित शिकायत कर दी है।
लडक़े की मां का कहना है कि समाज के लोग और लडक़ी शादी के लिए दबाव डाल रहे हैं मगर बेटा राजी नहीं है। हम नहीं चाहते कि बेटे की शादी उसकी मर्जी के खिलाफ कराई जाए। आए दिन लडक़ी घर के बाहर तमाशा करती है, जिससे हम प्रताडि़त हो रहे हैं। लडक़े की शादी भी एक जगह लगी थी, जहां जाकर लडक़ी ने शादी करवा दी।
रामपुर चौकी पुलिस ने लडक़े वालों की शिकायत दर्ज कर ली है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 24 मई। पुलिस ने शहर की एक नाबालिग को भगाकर ले जाने और बंधक बनाकर रेप करने के आरोपी को वाराणसी से गिरफ्तार किया है।
तोरवा पुलिस ने बताया कि राहुल सोनकर ने एक किशोरी को बहला फुसलाकर अपने साथ भगा ले गया था। उसने लड़की को शिवपुर, वाराणसी स्थित अपने घर में बंधक बनाकर 12 दिन तक रखा और उसके साथ रेप किया। घटना की परिजनों ने रिपोर्ट दर्ज कराई तो एक विशेष पुलिस टीम उसकी तलाश में भेजी गई। आरोपी घर से गायब था, जिसे खोजबीन कर यूपी पुलिस की मदद से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया। नाबालिग को उसके परिजनों को सौंप दिया गया है।
एक और नाबालिग से चकरभाटा इलाके में भी रेप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 24 मई। सिटी कोतवाली इलाके में दसवीं की एक छात्रा को कार सवार दो युवकों ने घर छोड़ने का झांसा देकर अपने साथ बिठाया और एक कमरे में बंधक बनाकर रेप किया। इस दौरान उसे जबरदस्ती शराब पिलाई गई। छात्रा के माता-पिता उसे बेहोशी की हालत में अपने साथ ले गए। चकरभाठा थाने में भी 14 साल की एक बच्ची से बलात्कार करने की घटना सामने आई है।
बिलासपुर के मामले में 16 साल की नाबालिग को उसकी सहेली ने राजीव गांधी चौक में मिलने के लिए बुलाया था। रात करीब 8 बजे जब वह चौक पर पहुंची तो उसकी सहेली ने फोन करके बताया कि वह अपने घर में ही है और पिताजी मना कर रहे हैं इसलिए बाहर नहीं निकल पाएगी। उसने कहा कि कश्यप कॉलोनी का संतोष कुमार पमनानी (26 वर्ष) और कुम्हारपारा निवासी समीर खान (19 वर्ष) उसे लेने के लिए कार में आएंगे और घर छोड़ देंगे। थोड़ी देर बाद युवक पहुंचे। छात्रा उनके साथ घर जाने के लिए बैठ गई लेकिन उसे दोनों युवक उसे पुराना बस स्टैंड के पास स्थित एक बॉयज हॉस्टल में ले गए। लड़की को एक कमरे में बंद कर लिया और शराब पीने कहा। लड़की ने मना किया तो उसके साथ पिटाई की गई। शराब पिलाकर बारी-बारी दोनों आरोपियों ने उसके साथ रेप किया। बॉयज हॉस्टल से लड़की को लेकर वे महाराणा प्रताप चौक के पास एक बार में पहुंचे। यहां लड़की को फिर शराब पिलाई गई। इसके बाद दोनों आरोपी युवक जरहाभाटा चौक में लड़की को छोड़ कर भाग गए। लड़की बेहोशी की हालत में पहुंच चुकी थी। होश आने पर उसने अपने घर पर फोन लगाया और घटना की जानकारी दी। लड़की के माता-पिता उसे जरहाभाटा चौक लेने के लिए पहुंचे। उसे अस्पताल में इलाज के लिए दाखिल कराने के बाद पिता ने कोतवाली थाने में जाकर घटना की रिपोर्ट लिखाई। पुलिस ने दोनों आरोपियों को थोड़ी ही देर में गिरफ्तार कर लिया। दोनों के खिलाफ पोक्सो एक्ट और बंधक बनाकर रखने की धारा लगाई गई है। आरोपियों में संतोष कुमार पमनानी करबला के पूर्व पार्षद बबलू पमनानी का बेटा है।
इधर जिले के चकरभाठा थाने में भी नाबालिग का अपहरण कर रेप करने की घटना सामने आई है। 14 साल की किशोरी अपनी मौसी के घर जाने के लिए शाम के वक्त पैदल निकली थी। उसे अकेले जाते देखकर अचानकपुर ग्राम में इस्लाम खान (19 वर्ष) ने अपनी बाइक रोकी और मौसी के घर तक छोड़ने के नाम पर बिठा लिया। लड़की को झांसा देकर उसे वह एक कमरे में ले गया जहां बंधक बनाकर उसके साथ रेप किया। लड़की किसी तरह से उसके चंगुल से छूटकर भागी और घर आकर घटना की जानकारी दी। परिजनों की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी इस्लाम खान के खिलाफ अपहरण, बंधक बनाने और नाबालिग से रेप की धारा पोक्सो एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया है। आरोपी की तलाश की जा रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 23 मई। तखतपुर में फिर एक बड़ी सड़क दुर्घटना हुई है। चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिनको सिम्स मेडिकल हॉस्पिटल लाया गया है। दो दिन पहले यहां चार मौतें सड़क दुर्घटना में हुई थी।
पुलिस के मुताबिक निगार बंद और बराही के बीच दुपहिया सीजी 10 ईएफ 8340 में बराही का राजेश कैवर्त पिता चिंताराम (27 वर्ष) तखतपुर की ओर आ रहा था, तभी गांव के मोड़ के पास अपनी दोपहिया से गांव बराही की ओर जा रहे रामप्रसाद कश्यप (54 वर्ष) बराही, रुद्र शिवम कश्यप (10 वर्ष), सूर्यप्रभा कश्यप (45 वर्ष) की आमने-सामने की टक्कर हो गई। चारों गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी को राहगीरों की मदद से तखतपुर स्वास्थ्य केंद्र लाया गया।
बताया जाता है कि टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि चारों के सिर में गंभीर चोट आई। सड़क दुर्घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। सभी घायलों को गंभीर स्थिति होने के कारण सिम्स बिलासपुर लाया गया है।
ज्ञात हो कि दो दिन पहले ही एक बड़ी दुर्घटना तखतपुर में हुई थी, जिसमें पूर्व सांसद लखन लाल साहू के भतीजे महेश साहू सहित चार लोगों की मौत हो गई थी।
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बिलासपुर, 22 मई। पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन के सीनियर सेक्शन इंजीनियर के खिलाफ धूप में धरना देने वाली महिला कर्मचारी को रेलवे ने सस्पेंड कर दिया है। दूसरी ओर एक और महिला कर्मचारी ने इसी अफसर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
अनुकंपा नियुक्ति पर पदस्थ महिला कर्मचारी सरस्वती चंद्रा ने शनिवार को एसपी कार्यालय के सामने करीब 5 घंटे तक धरना दिया था और डीआरएम के आश्वासन के बाद वापस लौटी थी। आज उसे डीआरएम कार्यालय बिलासपुर बुलाया गया, जहां पर पक्ष सुनने के बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया। चंद्रा का आरोप है किस सेक्शन सीनियर इंजीनियर मकसूद आलम उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। वह दूसरे लोगों के साथ सोने का दबाव डालते हैं। ऐसा नहीं करने पर नौकरी से निकाल देने की धमकी भी देते हैं।
एसएसई मकसूद आलम का कहना है कि वह शराब पीकर दफ्तर आती है। स्टोर का सामान गायब हो जाता है जिसके चलते उसको चार्ज नहीं देना चाहते हैं। सीसीटीवी कैमरे में सारी बातें दिखाई देती है। गायब रहने के बावजूद अटेंडेंस लगाने पर दबाव डालती है। उन्होंने डीआरएम से कहा है कि मामले में उचित कार्रवाई की जाए।
प्रकरण की जांच के बाद डीआरएम ने महिला को सस्पेंड कर दिया।
इस घटना के बाद एक अन्य महिला कर्मचारी सुंदर बाई कुर्रे ने भी डीआरएम को आवेदन देकर आरोप लगाया है कि उसे उपस्थित रहने के बावजूद अनुपस्थित बता दिया जाता है। एसएसई मकसूद आलम उसे 2 साल से प्रताड़ित कर रहे हैं। रोज गालियां दी जाती हैं। डीआरएम ने शिकायत लेते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 21 मई। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के सीएमडी डॉ. प्रेम सागर मिश्रा को कोयला उद्योग में उनके उत्कृष्ट नेतृत्व शक्ति के लिए इन्सटिट्यूट ऑफ इकॉनॉमिक स्टडीज (आईईएस), नई दिल्ली ने प्रतिष्ठित ’उद्योग रत्न अवार्ड’ प्रदान किया है।
उक्त पुरस्कार समारोह 19 मई को इण्डिया हेबिटैट सेन्टर, नई दिल्ली में आयोजित था। असम के राज्यपाल असम प्रो. जगदीश मुखी ने उन्हें यह अवार्ड प्रदान किया।
कोयला उद्योग में डा. मिश्रा की छवि मंजे हुए माईनिंग इंजीनियर की है, जिन्हें देश की कई बड़ी खदानों में तकनीक एवं नवाचार के सफलतापूर्वक समन्वय का श्रेय जाता है। विशेष रूप से भूमिगत खदानों में डॉ. मिश्रा की विशेषज्ञता का लोहा माना जाता है। वे इसके पूर्व ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के सीएमडी भी रह चुके हैं। डॉ. मिश्रा ने बिजनेस लॉ में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा तथा सीएसआर से संबंधित विषय पर पीएचडी की उपाधि अर्जित की है।
इसके पूर्व भी डॉ. मिश्रा को फरवरी 2019 में वर्ल्ड एचआरडी कांग्रेस ने प्रतिष्ठित सीईओ विद एचआर ओरिएंटेशन पुरस्कार प्रदान किया था। जनवरी 2020 में इण्डियन माईन मैनेजर्स एसोसिएशन (आईएमएमए) ने उन्हें एक्सीलेंस अवार्ड पुरस्कार दिया है।
इन्सटिट्यूट ऑफ इकॉनॉमिक स्टडीज (आईईएस), नई दिल्ली जनजागरूकता की दिशा में काम करने वाली देश की प्रीमियर इंस्टीट्यूट है। यह एक नॉट फॉर प्राफिट संगठन है।
मंच पर सीट सबसे किनारे दी गई थी, हुए नाराज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 21 मई। किसानों को बोनस राशि वितरण के लिए आज रखे गए कार्यक्रम से शहर विधायक शैलेश पांडे बीच में ही बाहर निकल आए। उन्होंने कहा कि किसी कार्यक्रम में बुलाया जाता है तो व्यवस्था सम्मानजनक होनी चाहिए। जनप्रतिनिधि अपमानित होकर किसी कार्यक्रम में कैसे रह सकता है?
जल संसाधन विभाग के प्रार्थना सभा भवन में आज किसानों को बोनस राशि वितरित करने का कार्यक्रम रखा गया था। इसमें जिले के विधायक सांसद के अलावा कांग्रेस के पदाधिकारी भी आमंत्रित किए गए थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुख्य कार्यक्रम का यहां से ऑनलाइन प्रसारण किया जा रहा था।
मंच पर मुख्य अतिथि अपेक्स बैंक के चेयरमैन बैजनाथ चंद्राकर बीच में बिठाए गए थे। उनके एक ओर शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय पांडे तो दूसरी ओर संसदीय सचिव रश्मि सिंह को बिठाया गया था। इसके बाद दोनों ओर सीटों में जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान व जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रमोद नायक तथा जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केसरवानी बैठे हुए थे। उनके बाद कलेक्टर सारांश मित्तर की सीट थी। बाईं ओर सबसे कोने में शहर के विधायक शैलेश पांडे को बैठने की जगह दी गई।
विधायक शैलेश पांडे ने कहा कि जनप्रतिनिधि होने के बावजूद उनका जिला प्रशासन लगातार अपमान करता है। मैं अपमानित होकर कार्यक्रम में भला कैसे रह सकता हूं, इसलिए मैं अपनी बात कहकर कार्यक्रम को बीच में ही छोड़कर वापस लौट रहा हूं। ऐसा कहकर वे बाहर अपनी गाड़ी में बैठे और किसी दूसरे कार्यक्रम के लिए निकल गए।
ज्ञात हो कि पूर्व में भी कई बार विधायक शैलेश पांडे जिला प्रशासन पर उपेक्षा और अपमानित करने का आरोप लगा चुके हैं। पिछले वर्ष राज्य उत्सव के कार्यक्रम में उनको आमंत्रित भी नहीं किया गया था। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर अपनी तीखी नाराजगी भी जताई थी। उन्होंने तब कलेक्टर पर देशद्रोह का अपराध दर्ज करने की भी मांग की थी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 मई। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आदिवासी वर्ग के तीन ऐसे बंदियों को जेल से रिहा करने का आदेश दिया है जो जमानत नहीं करा पाने के कारण पीछे 9 साल से जेल में बंद हैं। इनकी पैरवी के लिए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने पैरवी के लिए वकील उपलब्ध कराया था।
केंद्रीय जेल में 11 अगस्त 2013 से मरवाही का भुवन सिंह विचाराधीन कैदी है। उसने अधिवक्ता रविंद्र शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की और बताया कि वह तथा दो अन्य बंदी जयसिंह और सुखसेन गोंड को कोर्ट ने 29 अप्रैल 2016 को सशर्त जमानत दे दी थी। तीनों ही गरीब परिवार से हैं और उनका अपने परिवार से संपर्क नहीं है। उनके लिए जमानत राशि जमा करने वाला कोई संबंधी या परिचित नहीं है। इसके अभाव में उनकी जेल से रिहाई नहीं हो पा रही है।
हाईकोर्ट में इस याचिका की जस्टिस संजय के अग्रवाल और जस्टिस रजनी दुबे की डबल बेंच ने सुनवाई की। प्रारंभिक सुनवाई के बाद केंद्रीय जेल प्रबंधन से रिपोर्ट मांगी गई और हाईकोर्ट की विधिक सहायता समिति से अभिमत लिया गया। बेंच ने तीनों को व्यक्तिगत बांड पर रिहा करने का आदेश दिया है। इसमें कहा गया है कि सीआरपीसी की धारा 389 (1) में इसका प्रावधान है, जिसके तहत किसी दोषी व्यक्ति की सजा को भी लंबित रखा जा सकता है। आगामी अगस्त माह में इन्हें हाईकोर्ट में एक बार उपस्थित होना पड़ेगा, उसके बाद तय की जाने वाली तिथि पर विचारण न्यायालय में हाजिरी देनी होगी।
डीआरएम ने समस्या सुलझाने का आश्वासन दिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 मई। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के पेंड्रारोड रेलवे कार्यालय के बाहर एक महिला अधिकारी अपने सीनियर पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए कड़ी धूप में सड़क पर धरना देकर बैठ गई। शाम को डीआरएम से आश्वासन मिलने के बाद उसने अपना धरना समाप्त किया।
पेंड्रारोड रेलवे एरिया में सीनियर सेक्शन इंजीनियर कार्यालय है। यहां पर मकसूद आलम वरिष्ठ अधिकारी हैं। इसी कार्यालय में मुख्य कार्यालय अधीक्षक पद पर सरस्वती चंद्रा की पिछले 2 साल से नियुक्ति है। गुरुवार की दोपहर आलम पर प्रताड़ित करने, प्रभार नहीं देने, गाली गलौज करने, कर्मचारियों को उनसे बात करने से रोकने, आदि का आरोप लगाते हुए गेट के सामने धूप में सड़क पर बैठकर महिला अधिकारी ने धरना शुरू कर दिया। आते-जाते हुए कार्यालय के कर्मचारी और दूसरे लोगों को रेलवे कार्यालय के गेट के सामने धूप में बैठे देखकर लोगों ने उसे समझाया। पर वह रोते हुए अपना दुखड़ा सुनाती रहीं और कह रही थी कि जब तक उसे प्रभार नहीं दिया जाएगा, शिकायत दूर नहीं की जाएगी, वह यहां से नहीं उठेगी।
इस बात की जानकारी किसी ने डीआरएम आलोक सहाय को बिलासपुर में दी। शाम 6 बजे उन्होंने फोन पर महिला अधिकारी से बात की और आश्वस्त किया उसकी शिकायतों का निराकरण किया जाएगा। शुक्रवार को उन्होंने आवेदन और दस्तावेज के साथ उनको अपने बिलासपुर कार्यालय में पहुंचने के लिए कहा है।
परिवारवालों को गिरफ्तारी की खबर ही नहीं की थी पुलिस ने, मौत के बाद दी जानकारी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 19 मई। सेंट्रल जेल बिलासपुर में चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर लाए गए एक विचाराधीन बंदी की मौत हो गई। 5 दिन में यह दूसरी घटना है। दोनों ही मामलों में जेल व पुलिस प्रशासन की लापरवाही सामने आ रही है।
जांजगीर जिले के बलौदा का रहने वाला विदेशी राम केंवट मजदूरी करने के लिए कोनी थाना के अंतर्गत ग्राम सेंदरी के रहने लगा था। आज उसे केंद्रीय जेल से सिम्स चिकित्सालय लाया गया जहां तबीयत ज्यादा बिगड़ने के बाद उसकी मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक 14 मई को पुलिस ने उसे रेलवे परिक्षेत्र में चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था और 15 मई को सेंट्रल जेल बिलासपुर भेज दिया गया था। वहां तबीयत बिगड़ने पर 16 मई को उसे सिम्स चिकित्सालय लाकर भर्ती कराया गया था।
जेल अधीक्षक एसके तिग्गा का कहना है कि मृतक आदतन नशेड़ी था। जब उसे जेल लाया गया तो उसे कुत्ते ने काट लिया था। जेल के अस्पताल में उसका इलाज कराया जा रहा था। तबीयत अधिक बिगड़ जाने के कारण सिम्स चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
उल्लेखनीय है कि 5 दिन के भीतर किसी विचाराधीन बंदी की सेंट्रल जेल में मौत की यह दूसरी घटना है। पचपेड़ी चौकी के अंतर्गत बिटकुली गांव के छोटे लाल यादव को आबकारी पुलिस ने अवैध शराब रखने के आरोप में पकड़ा था। परिजनों का कहना था कि छोटेलाल के पास से शराब जब्त नहीं हुई थी। आबकारी विभाग ने उसे जबरन फसाया। उसके शरीर में जगह-जगह चोट के निशान थे। आबकारी पुलिस ने उसके साथ मारपीट की है। जबकि आबकारी पुलिस का यह कहना था कि उसका डॉक्टरी मुलाहिजा कराया गया था जिसमें उसे स्वस्थ पाया गया था। इस मामले में भी जेल अधीक्षक ने बताया था कि छोटे लाल के शरीर पर चोट के निशान थे। उसका इलाज पहले जिला अस्पताल में कराया गया फिर सिम्स भेजा गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। जेल प्रशासन ने डॉक्टरी मुलाहिजा के आधार पर बंदी को रख लिया जबकि दोनों को ही चोट लगी थी।
यादव समाज ने इस मामले में पुलिस प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी। समाज के नेताओं ने इस संबंध में कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है।
इधर केवट समाज के उपाध्यक्ष राजू केवट का भी कहना है कि परिवार के किसी भी व्यक्ति को विदेशी राम की गिरफ्तारी की जानकारी नहीं दी गई थी। वह स्वस्थ था, उसकी अचानक मृत्यु संदिग्ध है। गंभीर हालत में सिम्स लाए जाने के बाद परिवार के लोगों को उसके जेल दाखिल होने और इलाज के लिए अस्पताल भेजने की जानकारी दी गई। शव का घंटों से पोस्टमार्टम भी नहीं हुआ है और ना ही हमें उसे देखने दिया जा रहा है, ताकि हम जान सकें कि किन परिस्थितियों में उसकी मौत हुई।
बिलासपुर की एंटी क्राइम यूनिट करेगी जांच, आईजी ने दिया आदेश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 19 मई। कुछ कोयला खदानों से भारी पैमाने पर की जा रही कोयले की चोरी के वीडियो वायरल होने के बाद आईजी ने पूरे मामले की जांच का आदेश आज जारी किया है।
मालूम हो कि पिछले दो-तीन दिनों से कुछ कोयला खदानों में हो रही चोरी के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इनमें दिखाई दे रहा है कि जेसीबी, ट्रक और ट्रैक्टर लगाकर कोयले की चोरी की जा रही है और इसमें सैकड़ों मजदूर काम कर रहे हैं। एक वीडियो ऐसा भी दिखाई दे रहा है जिसमें कोयला चोरी कर रहे मजदूर वीडियो बनाने वाले एक युवक और युवती को दौड़ा रहे हैं। कोयले को सिर पर ढोकर बाहर निकाला जा रहा है और उसे अलग-अलग लॉट में जमाया जा रहा है, जिसे जेसीबी के जरिए ट्रक व ट्रैक्टरों में भरा जा रहा है।
वीडियो सामने आने के बाद पुलिस महानिरीक्षक रतनलाल डांगी ने बिलासपुर की एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट को जांच का आदेश दिया है। जांच के बिंदु भी तय किए गए हैं, इनमें है- वायरल वीडियो किस खदान एवं किस जिले का है? लोगों को इतनी बड़ी संख्या में खदान में प्रवेश करने से वहां तैनात केंद्रीय सुरक्षा बल क्यों नहीं रोक पा रहा है? एसईसीएल खदानों की सुरक्षा में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों एवं जिला पुलिस के बीच कैसा तालमेल है? पूर्व में कोयला चोरी की रिपोर्ट एसईसीएल के अधिकारियों द्वारा कब तक थानों में दी गई एवं इस पर पुलिस ने क्या-क्या कार्रवाई की है? यदि कार्रवाई नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई? चोरी का कोयला खरीदने वाले सरगना कौन-कौन हैं? वे चोरी का कोयला किन को बेच रहे हैं? इस कोयला चोरी के प्रकरण में क्या किसी अधिकारी-कर्मचारी की सहभागिता भी है?
आईजी ने जांचकर्ता अधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और इस जांच में सहयोग के लिए आवश्यकता अनुसार जिले के अन्य अधिकारी कर्मचारियों का सहयोग लेने कहा है। हालांकि इस रिपोर्ट को कब तक सौंपना है, इस बारे में इस आदेश में कुछ कहा नहीं गया है।
सूत्रों के मुताबिक कोयला चोरी की घटनाएं तीन चार महीने से बढ़ी है। कुछ खदानों से प्रतिदिन डेढ़ सौ से दो सौ ट्रक अवैध कोयला निकाला जा रहा है। कुछ और खदानों से भी हर रोज 100 के आस-पास ट्रकों में कोयले की निकासी हो रही है। बताया जा रहा है कि एसईसीएल का कुल उत्पादन 4 से 500 टन प्रतिदिन है, जबकि यहां से 200 टन चोरी से निकाला जा रहा है। बिलासपुर पुलिस ने अवैध कोयला लेकर आ रहे तीन ट्रकों को कल जप्त किया था। बताया जा रहा है कि कुछ कोल वाशरी और फैक्ट्री मालिकों के पास से ट्रांजिट परमिट लेकर यह कोयला पश्चिम बंगाल और कुछ दूसरे राज्यों में भी भेजा जा रहा है।
भाजपा नेता पूर्व आईएएस ओपी चौधरी ने आज ट्वीट कर वीडियो को अपनी वाल पर शेयर किया और लिखा है कि कोरबा में संगठित माफिया राज का खुला खेल चल रहा है।
राज्य के मूल निवासी विद्यार्थियों को फीस में मिलेगी पूरी छूट
26 और 29 मई तक लिए जाएंगे ऑनलाइन आवेदन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 18 मई। प्रदेश के नर्सिंग महाविद्यालयों में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षाओं का कार्यक्रम घोषित हो गया है। छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल ने बीएससी नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग और पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा तिथि की घोषित कर दी है।
बीएससी नर्सिंग में प्रवेश के लिए परीक्षा 19 जून 2022 को और एमएससी नर्सिंग तथा पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा 3 जुलाई 2022 को होगी। इन परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के फैसले को अमल में लाते हुए इस बार इन परीक्षाओ के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के मूल निवासी परीक्षाथियों से किसी प्रकार का परीक्षा शुल्क नहीं लिया जाएगा।
व्यावसायिक परीक्षा मण्डल के अनुसार बीएससी नर्सिंग के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 26 मई है। एमएससी और पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन 29 मई तक लिए जाएंगे। बीएससी नर्सिंग प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन पत्रों में त्रुटि-सुधार 27 से 29 मई तक किया जा सकेगा। एमएससी और पोस्ट बेसिक नर्सिंग प्रवेश परीक्षाओं के लिए आवेदन पत्रों में त्रुटि-सुधार 30 मई से एक जून तक हो सकेगा। बीएससी नर्सिंग, एमएससी और पोस्ट बेसिक नर्सिंग प्रवेश परीक्षाओं के लिए अलग अलग प्रवेश पत्र जारी किए जाएंगे। प्रवेश परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन करने का तरीका, प्रवेश परीक्षा नियम, पाठ्यक्रम आदि की विस्तृत जानकारी व्यावसायिक परीक्षा मण्डल की वेबसाइट www.vyapam.cgstate.gov.in पर अपलोड की जा चुकी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 18 मई। 10 साल से प्रेम संबंध रखने के बाद युवक ने अपनी प्रेमिका से शादी करने से इनकार कर दिया। इसके बाद युवती ने जहर पीकर अपनी जान दे दी थी। घटना के बाद उसका प्रेमी फरार चल रहा था, जिसे पुलिस ने जांजगीर चांपा जिले से गिरफ्तार किया है।
बिल्हा की रागिनी प्रधान (30 वर्ष) ने बीते 17 अक्टूबर को कीटनाशक पी लिया था। उसे इलाज के लिए बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया, जहां अगले दिन उसकी मौत हो गई। पुलिस जांच से पता चला कि बिल्हा के ही एक युवक जगन्नाथ ध्रुव (36 वर्ष) के साथ उसका 10 साल से प्रेम था। उसने युवती से शादी करने से इंकार कर दिया था। इसके चलते युवती ने आत्मघाती कदम उठाया। युवती की मौत के बाद आरोपी युवक फरार हो गया था। उसे पुलिस ने जांजगीर चांपा जिले के मुलमुला गांव से गिरफ्तार कर लिया। उसके विरुद्ध आईपीसी की धारा 306 के तहत कार्रवाई की गई है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 18 मई। कोरबा और दीपका के खदानों से लाए जा रहे 75 टन अवैध कोयले को सकरी और कोनी पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर जब्त किया है।
तीनों ट्रकों में 25-25 टन कोयला लोड था, जिनकी कीमत करीब 5.25 लाख रुपए है। कोयले को बिलासपुर की फैक्ट्रियों और अवैध डिपो में खपाने के लिए लाया गया था। तीनों ट्रकों के ड्राइवर गिरफ्तार किए गए हैं। गाड़ी मालिक अनुराग श्रीवास्तव, अखिलेश यादव और पंकज सिंह तीनों दीपका कोरबा के रहने वाले हैं। पुलिस ने जब इनसे संपर्क करने की कोशिश की तो सभी का मोबाइल फोन बंद मिला। ड्राइवरों से उनके निवास का पता हासिल किया गया है, उन्हें बुलाकर पूछताछ की जाएगी और संलिप्तता पाए जाने पर उनके विरुद्ध भी अपराध दर्ज किया जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 18 मई। शराब पीकर स्कूल आने वाले लमरीडबरी प्राथमिक स्कूल के शिक्षक विरेन्द्र करवार को निलंबित कर दिया गया है।
जिला शिक्षा अधिकारी बीके कौशिक ने बीईओ कोटा से मिले प्रतिवेदन के आधार पर निलंबन की यह कार्रवाई की है। ग्राम नगोई में 8 अप्रैल को समस्या निवारण शिविर रखा गया था, जिसमें शिक्षक के विरूद्ध ग्रामीणों ने शिकायत की थी। शराब पीकर स्कूल आने के अलावा बिना सूचना के लगातार अनुपस्थित रहने की शिकायत भी की गई थी। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी से शिकायत जांच कराई गई। शिक्षक को नोटिस जारी किया गया था, पर उसने लेकिन उसने जवाब नहीं दिया। जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षक का आचरण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 की धाराओं के तहत कार्रवाई की है। उसे कोटा बीईओ कार्यालय में संलग्न किया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 18 मई। प्रयागराज से बिलासपुर आ रही बस रतनपुर क्षेत्र के चपोरा के पास पलट गई। इससे 10 यात्री घायल हो गए। दुर्घटना के बाद ड्राइवर मौके से फरार हो गया।
घटना आज सुबह 5 बजे की है। बताया जाता है कि बस की रफ्तार तेज थी। रतनपुर थाना प्रभारी शांत कुमार साहू के अनुसार नरेश ट्रांसपोर्ट की यह बस चपोरा में एक मोड़ पर अनियंत्रित होकर पलट गई। पलटने के बाद बस दो पेड़ों के बीच फंस गई।
दुर्घटना के बाद चपोरा के ग्रामीण और राहगीर मदद के लिए पहुंचे और यात्रियों को बस से बाहर निकाला। मामूली घायल 6 लोगों का रतनपुर के स्वास्थ्य केंद्र में इलाज चल रहा है, जबकि 4 गंभीर रूप से घायल यात्रियों को सिम्स हॉस्पिटल लाकर भर्ती कराया गया है। बस का ड्राइवर दुर्घटना के तुरंत बाद घटनास्थल से भाग गया है।
स्मार्ट सिटी का सपना दिखाने वालों को सफाई की परवाह नहीं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 18 मई। शहर को क्लीन सिटी, ग्रीन सिटी और स्मार्ट सिटी बनाने का दावा कर वोट हासिल करने वाले शहर के जनप्रतिनिधियों को अरपा नदी की बदहाली दिखाई नहीं दे रही है। दयालबंद से अपोलो अस्पताल जाने वाली सडक़ से अरपा नदी के पुल से देखने पर इस भीषण गर्मी में नदी में हरियाली छाई है।
मानसून सिर पर है। शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए यहां बायपास पुल सहित तीन पुल बन रहे हैं। नदी के दोनों तरफ स्मार्ट सडक़ का काम शुरू हो चुका है। शहर के नेताओं को अरपा नदी में यही काम नजर आ रहा है। महानदी में रेत पर तरबूज- खरबूजों की खेती होती है। इधर अरपा नदी का बचा-खुचा पानी जलकुंभी ने सोख लिया है।
पर्यावरण प्रेमी प्राण चड्ढा इस स्थिति पर चिंता जताते हुए कहते हैं कि अरपा नदी जैव विविधता के लिए बेहद खतरनाक जलकुंभी की नर्सरी बन गई है। मानसून तक इसका उन्मूलन नामुमकिन है। फिर अरपा नदी में पानी आने के साथ ही जलकुंभी को भी दूर-दूर तक पहुंचा देगा। जहां वह फिर उगेगी और फिर बढ़ेगी।
चड्ढा कहते हैं कि अरपा नदी पर एक के बाद एक पुल या सडक़ बनाने से कहीं अधिक जरूरी इसे वनस्पतियों का दैत्य कहे जाने वाले जलकुंभी से मुक्त कराने की है। अधिकारी और नेताओं को चाहिए कि 22 मई रविवार को जैव विविधता दिवस पर इस समस्या को मिल-बैठकर समझने की कोशिश करें।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 18 मई। शहर को क्लीन सिटी, ग्रीन सिटी और स्मार्ट सिटी बनाने का दावा कर वोट हासिल करने वाले शहर के जनप्रतिनिधियों को अरपा नदी की बदहाली दिखाई नहीं दे रही है। दयालबंद से अपोलो अस्पताल जाने वाली सडक़ से अरपा नदी के पुल से देखने पर इस भीषण गर्मी में नदी में हरियाली छाई है।
मानसून सिर पर है। शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए यहां बायपास पुल सहित तीन पुल बन रहे हैं। नदी के दोनों तरफ स्मार्ट सडक़ का काम शुरू हो चुका है। शहर के नेताओं को अरपा नदी में यही काम नजर आ रहा है। महानदी में रेत पर तरबूज- खरबूजों की खेती होती है। इधर अरपा नदी का बचा-खुचा पानी जलकुंभी ने सोख लिया है।
पर्यावरण प्रेमी प्राण चड्ढा इस स्थिति पर चिंता जताते हुए कहते हैं कि अरपा नदी जैव विविधता के लिए बेहद खतरनाक जलकुंभी की नर्सरी बन गई है। मानसून तक इसका उन्मूलन नामुमकिन है। फिर अरपा नदी में पानी आने के साथ ही जलकुंभी को भी दूर-दूर तक पहुंचा देगा। जहां वह फिर उगेगी और फिर बढ़ेगी।
चड्ढा कहते हैं कि अरपा नदी पर एक के बाद एक पुल या सडक़ बनाने से कहीं अधिक जरूरी इसे वनस्पतियों का दैत्य कहे जाने वाले जलकुंभी से मुक्त कराने की है। अधिकारी और नेताओं को चाहिए कि 22 मई रविवार को जैव विविधता दिवस पर इस समस्या को मिल-बैठकर समझने की कोशिश करें।