बिलासपुर

सेंट्रल जेल में विचाराधीन बंदी की फिर हुई मौत, पांच दिन में दूसरी घटना
19-May-2022 5:21 PM
 सेंट्रल जेल में विचाराधीन बंदी की फिर हुई मौत, पांच दिन में दूसरी घटना

परिवारवालों को गिरफ्तारी की खबर ही नहीं की थी पुलिस ने, मौत के बाद दी जानकारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 19 मई।
सेंट्रल जेल बिलासपुर में चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर लाए गए एक विचाराधीन बंदी की मौत हो गई। 5 दिन में यह दूसरी घटना है। दोनों ही मामलों में जेल व पुलिस प्रशासन की लापरवाही सामने आ रही है।

जांजगीर जिले के बलौदा का रहने वाला विदेशी राम केंवट मजदूरी करने के लिए कोनी थाना के अंतर्गत ग्राम सेंदरी के रहने लगा था। आज उसे केंद्रीय जेल से सिम्स चिकित्सालय लाया गया जहां तबीयत ज्यादा बिगड़ने के बाद उसकी मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक 14 मई को पुलिस ने उसे रेलवे परिक्षेत्र में चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था और 15 मई को सेंट्रल जेल बिलासपुर भेज दिया गया था। वहां तबीयत बिगड़ने पर 16 मई को उसे सिम्स चिकित्सालय लाकर भर्ती कराया गया था।

जेल अधीक्षक एसके तिग्गा का कहना है कि मृतक आदतन नशेड़ी था। जब उसे जेल लाया गया तो उसे कुत्ते ने काट लिया था। जेल के अस्पताल में उसका इलाज कराया जा रहा था। तबीयत अधिक बिगड़ जाने के कारण सिम्स चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई।

उल्लेखनीय है कि 5 दिन के भीतर किसी विचाराधीन बंदी की सेंट्रल जेल में मौत की यह दूसरी घटना है। पचपेड़ी चौकी के अंतर्गत बिटकुली गांव के छोटे लाल यादव को आबकारी पुलिस ने अवैध शराब रखने के आरोप में पकड़ा था। परिजनों का कहना था कि छोटेलाल के पास से शराब जब्त नहीं हुई थी। आबकारी विभाग ने उसे जबरन फसाया। उसके शरीर में जगह-जगह चोट के निशान थे। आबकारी पुलिस ने उसके साथ मारपीट की है। जबकि आबकारी पुलिस का यह कहना था कि उसका डॉक्टरी मुलाहिजा कराया गया था जिसमें उसे स्वस्थ पाया गया था। इस मामले में भी जेल अधीक्षक ने बताया था कि छोटे लाल के शरीर पर चोट के निशान थे। उसका इलाज पहले जिला अस्पताल में कराया गया फिर सिम्स भेजा गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। जेल प्रशासन ने डॉक्टरी मुलाहिजा के आधार पर बंदी को रख लिया जबकि दोनों को ही चोट लगी थी।

यादव समाज ने इस मामले में पुलिस प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी। समाज के नेताओं ने इस संबंध में कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है।

इधर केवट समाज के उपाध्यक्ष राजू केवट का भी कहना है कि परिवार के किसी भी व्यक्ति को विदेशी राम की गिरफ्तारी की जानकारी नहीं दी गई थी। वह स्वस्थ था, उसकी अचानक मृत्यु संदिग्ध है। गंभीर हालत में सिम्स लाए जाने के बाद परिवार के लोगों को उसके जेल दाखिल होने और इलाज के लिए अस्पताल भेजने की जानकारी दी गई। शव का घंटों से पोस्टमार्टम भी नहीं हुआ है और ना ही हमें उसे देखने दिया जा रहा है, ताकि हम जान  सकें कि किन परिस्थितियों में उसकी मौत हुई।

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