छत्तीसगढ़ » रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 सितंबर। छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन विभागीय कर्मचारियों द्वारा जारी 20 अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन के आज 35 वें दिन 4 दैनिक वेतन भोगी कर्मियों की मृत्यु हो गई है। इससे आंदोलनकारियों में व्यापक असंतोष व्याप्त है तथा मृतक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के आश्रितों को 5 लाख मुआवजा एवं समान पद पर अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने की मांग की गई है।
दैनिक वेतन भोगी वन विभागीय कर्मचारी संघ के प्रांत अध्यक्ष कमल नारायण साहू, महामंत्री रामकुमार सिन्हा एवं संरक्षक तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ विजय कुमार झा ने मांग की है कि आंदोलन के दौरान कल संचानालय खाद्य में पदस्थ वाहन चालक योगेश वानखेड़े द्वारा 4 माह से वेतन न मिलने व सेवा समाप्ति के कारण आत्महत्या का अप्रिय निर्णय लेना पड़ा। इसी प्रकार जंगल सफारी व पंडरी वन विभाग के एक-एक कर्मचारी सेवा समाप्ति के भय से भयाक्रांत होकर हृदय गति रुक जाने से परलोक धाम सिधार गए। आज ही मुंगेली जिले के एक वाहन चालक की मृत्यु हुई है, जिसे हड़ताल से वापस जाने के बाद सेवा में न रखने की धमकी देकर भगा दिया गया था, उसकी मृत्यु हुई है। जिसकी पत्नी 6 माह के गर्भावस्था में है। आज आंदोलन के 35 वें दिन आंदोलनकारियों का नेतृत्व उपाध्यक्ष अरविंद शर्मा, राजकुमार चौहान, कोषाध्यक्ष प्रीतम निषाद, नरेश पटेल, शुभम जयसवाल, रोहित पटेल, गिरधर जैन, आकाश, हारून दास मानिकपुरी, बिंदेश्वरी, कांशी राम देवांगन एवं कांशीराम धु्रुव ने किया।
हड़ताल स्थगित
इस बीच इन दैवेभो ने कर्मियों ने अपनी हड़ताल स्थगित कर दी है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों से तीन महीने में कार्रवाई का आश्वासन दिए जाने के बाद स्थगित की गई है।
रायपुर, 22 सितंबर। श्री बालाजी मंदिर गुढिय़ारी में तीन दिवसीय सुदर्शन चक्र लक्ष्मीनरसिंह यज्ञ का आयोजन जारी है। गुरूवार को आंध्रा समाज की महिलाओं ने श्री ललिता सहस्त्र नाम का वाचन किया उसके उपरांत महालक्ष्मी सुदर्शन होम हुआ। कल शनिवार को श्री विष्णु सहस्त्र नाम, लक्ष्मीनरसिंह कल्याण और पूर्णाहुति के साथ भोग-भंडारा होगा। विधायक विकास उपाध्याय परिवार, और आंध्रा एसोसिएशन का संयुक्त आयोजन है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 सितंबर। रायपुर-आरंग नेशनल हाइवे में चोरी का लोहा भरा ट्रक पुलिस ने जप्त किया है। पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि हाईवे में लगातार अवैध लोहा एवं स्क्रैप ले जा रहे हंै। इस पर आरंग थाना पुलिस ने चेकिंग पाइंट लगाया। इसी दौरान चोरी के लोहे से भरे ट्रक के बारे में जानकारी मिलने पर महासमुंद की ओर से ट्रक कमांक सीजी 04 एलक्यू 1852 आने पर रोककर ट्रक चालक से पुछताछ करने पर अपना नाम धरमराज नाग जूनानी थाना राजा खरियार जिला नुआपाड़ा ओडिशा बताया। ट्रक में लोहे का सेट्रींग, लोहे का एगल , चैनल साकअप , बेरिंग होना व परिवहन करने के संबंध में कोई भी दस्तावेज नही मिला। जिसपर धरमराज नाग के कब्जे से लोहे की सेन्ट्रिग 35 नग दरवाजा लोहे का एगल व चैनल 25 नग , 10 केजी का बॉट , साकअप 1 बेरिंग , नल का वाल्व एवं वाहन के पट्टे व पुर्जे कीमत करीब 4 लाख रूपये और ट्रक सीजी 04 एलक्यू 1852 का आरसी फिटनेस नहीं होने पर जप्त किया गया। आरोपी से जप्त संपत्ति के संबंध में पूछताछ करने पर संतोषप्रद जवाब नहीं दिया जो चोरी की संपत्ति होने की पूर्ण संदेह पर आरोपी धरमराज नाग के विरुद्ध धारा 41 / 379 का अपराध पाये जाने को गिरफ्तार कर न्यायालय रायपुर में पेश किया गया है। माल दावेदार की तलाशी की जा रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 सितंबर। अधिकार वंचित आदिवासी संघर्ष समिति रायपुर के सदस्य के नाते भाजपा के वरिष्ठ विधायक ननकीराम कंवर ने आदिवासियों की 12 जातियों को एसटी कोटे में शामिल करने के लिए पीएम मोदी का आभार माना है। कंवर ने आज एक पत्रकारवार्ता में बताया कि उन्होंने इस बाबत अप्रैल 22 में श्री मोदी को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य के 12 जाति समुदाय के लोगों को भारत के संविधान के अनुच्छेद 42 के अन्तर्गत अधिसूचित अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल कराने हेतु निवेदन प्रस्तुत किया गया है। चूंकि मात्रात्मक त्रुटि के कारण इन्हे अनुसूचित जनजाति मे शामिल नहीं किया जा सका है। जैसे सौंरा (संवरा, सवर,सवरा), भारिया. भूमिया (भूईया, भूईयाँ, भूयां, मिया). धनवार (धनुहार, धनुवार). नगेशिया किसान (नागसिया), धांगड़, विंझिया. गदवा, कोडाकू. कोंद (कोंध), पंडो. पन्डो, पण्डो. मरिया, भारिया, गोंड, गोंड़ उपरोक्त समुदायों को अनुसूचित जनजाति मे शामिल करने हेतु भारत सरकार के केबिनेट बैठक 13 फरवरी 2019 को प्रस्ताव पास किया जा चुका है। और प्रकरण जनजाति कार्य मंत्रलाय भारत सरकार नई दिल्ली मे लंबित है।
अतएव आपसे आग्रह है कि छत्तीसगढ़ राज्य के अनुसूचित जनजाति की सूची मे उक्त समुदायों को मात्रात्मक वृटि समावेश/संशोधन करने के लिए अनुसूचित जनजाति संशोधन विल भारत के संविधान अनुच्छेद 342 के तहत अगामी संसद सत्र में प्रस्तुत कराने समुचित कार्यवाही करना चाहेंगे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 सितंबर। मोवा इलाके में मोबाईल नम्बर ब्लॉक करने के नाम पर मंगेतर से मारपीट और गाली गलौज का मामला सामने आया है। पुलिस ने युवती की शिकायत पर 294,323,506 का अपराध दर्ज किया। पूरा मामला यह है कि डभरापारा पंडरी में रहने वाली पुष्पलता ने अपने मंगेतर पर गाली गलौज और मारपीट का आरोप लगाया है। कुछ महीने पहले ही पुष्पलता का नरेश के साथ मंगनी हुई थी। उसके बाद नरेश ने पुष्पलता का मोबाइल नम्बर लिया। दोनों में फोन पर बात करते थे। कुछ दिनों पहले पुष्पलता और नरेश के बीच किसी बात को लेकर तू-तू मैं-मैं हो गई। जिसके बाद पुष्पलता ने नरेश का नम्बर ब्लाक कर दिया। इस बात से नाराज मंगेतर ने बुधवार की शाम सेंट मैरी स्कूल के पास रास्ते से जाते समय युवती को रोक कर गाली गलौज और मार पीट करने लगा। पुलिस ने शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।
उधर कोटा राम दरबार के पास रहने वाले सुनील यादव के साथ उसके मामा के लडक़े ने गाली-गलौज करते हुए मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी। गोपी यादव ने इस मारपीट के अलावा सुनील के दाहिने पसली के पास दांत से काट खाया, सुनील की रिपोर्ट पर सरस्वती नगर पुलिस ने धारा 294, 506, 323 के तहत दर्ज कर लिया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 सितंबर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित भृत्य परीक्षा 25 सितंबर को एक पाली में दोपहर 12 बजे से दोपहर 2 बजे तक आयोग द्वारा निर्धारित परीक्षा केन्द्रों में संचालित किया जाएगा। यह भर्ती मंत्रालय में रिक्त 90 पदों के लिए हो रही है। इसके लिए जुलाई-अगस्त में पीएससी में आवेदन आमंत्रित किए थे। इसमें करीब ढाई लाख बेरोजगार युवाओं ने आवेदन जमा किया था। इस पद के लिए सायकल चलाना आना अनिवार्य है। और न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 8वीं पास रखी गई। राज्य में पहली बार भृत्य पदों की भर्ती पीएससी द्वारा की जा रही है। इसे लेकर पीएससी की काफी किरकिरी भी हुई थी। इस पर पीएससी का कहना था कि भृत्य भी लोकसेवक में शामिल हैं, और आयोग का गठन ही लोकसेवकों की भर्ती के लिए किया गया है। आवेदकों में अधिकांशत: 8वीं से कहीं ज्यादा शैक्षणिक योग्यता वाले हैं। इनमें एमए-एमबीए और इंजीनियरिंग की भी अभ्यर्थी शामिल हैं। परीक्षा के सुचारू रूप से संचालन के लिए डिप्टी कलेक्टर को प्रभारी अधिकारी परीक्षा शाखा सुश्री रूचि शर्मा को नोडल अधिकारी एवं केदार पटेल, सहायक संचालक कौशल विकास विभाग रायपुर को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 सितंबर। राजधानी में मानसून की विदाई के साथ ही मौसम में बदलाव देखने को मिला है। मंगलवार से ही मौसम बड़ा फेरबदल हुआ है। जिसके चलते कुछ जगहों पर बारिश देखी जा रही है। कहीं बारिश तो कहीं पर बादलों का डेरा। गुरूवार को भी कई जगहों पर हल्की बारिश हुई है। जिसके कारण प्रदेश के भरी बारिश के साथ बिलासपुर, बस्तर, सरगुजा संभाग में अधिकतम तापमान में हल्की गिरावट दर्ज की गई। वातावरण में आद्र्रता भी दर्ज किया गया है। छत्तीसगढ़ और उसके आसपास के राज्यों में अगले 24 घंटे के भीतर भारी बारिश हो सकती है।
मौसम विज्ञानी ने बताया कि मानसून दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और उससे लगे क्षेत्र से 20 सितंबर को प्रारंभ हो गया है। दक्षिण-पश्चिम मानसून के विदाई की रेखा खाजूवाला, बीकानेर, जोधपुर, और नलिया है। एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे लगे उत्तर तटीय उड़ीसा-तटीय पश्चिम बंगाल के ऊपर स्थित है, इसके साथ ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढऩे की संभावना है। एक द्रोणिका निम्न दाब के क्षेत्र से दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश तक, 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। प्रदेश में कल दिनांक 21 सितंबर को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पडऩे की संभावना है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ वज्रपात होने तथा भारी वर्षा भी होने की संभावना है। भारी वर्षा का क्षेत्र मुख्यत: मध्य छत्तीसगढ़ रहने की संभावना है।
रायपुर, 22 सितम्बर। स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रसन्ना आर. ने सभी कलेक्टरों को परिपत्र जारी कर प्रदेश में जो लोग कोविड वैक्सीन की दूसरी खुराक और प्रिकॉशन डोज लेने से रह गए हैं, उन्हें जल्द ये टीके लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रदेश में कोविड-19 महामारी के दौरान संक्रमण से बचाव तथा उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए परिपत्र में कहा है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण एक प्रभावी माध्यम है। कोविड संक्रमण के विरूद्ध प्रतिरक्षा विकसित करने के लिए प्रथम एवं द्वितीय डोज़ के साथ ही प्रिकॉशन डोज़ भी लगवाया जाना अति आवश्यक है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 सितंबर। निजी विद्यालयों को अपने यहां अध्ययनरत बच्चों को नि:शुल्क गणवेश, और पुस्तकें देेने के सरकार के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। सरकार ने आरटीई के अंतर्गत सभी बच्चों को गणवेश और पुस्तकें देने के आदेश जारी किए थे।
इसके खिलाफ मैत्री विद्यालय निकेतन ने संस्थान में हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल की एकल पीठ ने प्रकरण की सुनवाई की। यह बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निजी गैर अनुदान प्राप्त विद्यालयों को निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निशुल्क पाठ्य पुस्तक गणवेश और लेखन सामग्री उपलब्ध कराने के लिए बाध्य कर रहा है। अंतरिम आदेश में कोर्ट ने फिलहाल याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए आदेशित किया है। प्रकरण पर नवंबर के पहले हफ्ते अगली सुनवाई होगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 सितंबर। राजधानी के गांधी चौक स्थित महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय एवं विप्र महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम बुधवार को संपन्न हुआ। 12 दिन तक शिक्षण प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद शिक्षकों को मुख्य अतिथि सत्यनारायण शर्मा, शिक्षण समिति अध्यक्ष अजय तिवारी, योग आयोग के अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा ने प्रमाण पत्र सौंपे।
पूर्व शिक्षा मंत्री सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि उच्च शिक्षा में बदलाव आवश्यक है क्योंकि अब प्रतिस्पर्धा का जमाना है और सभी को हर मोर्चे में सफल साबित होना होगा। शिक्षक जितना अध्ययनशील होगा उसके लिए उतना अच्छा होगा।
दूसरे राज्य के लोगों ने कंपनी के लिए इसी के जरिये 500 एकड़ जमीन खरीदी, मुआवजा भी लिया
एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान पर अब तक केवल तत्कालीन एसडीएम को नोटिस
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 सितंबर। कोरबा जिले में 23 आदिवासी जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाये जाने के मामले में जिला स्तरीय छानबीन समिति की रिपोर्ट को राज्य स्तरीय कमेटी में कार्रवाई के लिए रुकी हुई है। इस मुद्दे को उठाने वाले संगठन छत्तीसगढिय़ा क्रांति सेना ने आरोप लगाया है कि निर्णय लेने में देरी कर आरोपियों को बचाने का और उन्हें फरार होने का मौका दिया जा रहा है। इधर सामान्य प्रशासन विभाग ने तत्कालीन एसडीएम को नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर जवाब मांगा है।
ज्ञात हो कि सन् 2013-14 में 23 लोगों का स्थायी आदिवासी जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया था। छत्तीसगढिय़ा क्रांति सेना के प्रदेश महामंत्री दिलीप मिरी ने इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक कोरबा से की थी। इसमें बताया गया था कि ये जाति प्रमाण पत्र फर्जी दस्तावेज और रिकॉर्ड में कूट रचना करके तैयार किए गए। जिन 23 लोगों को मुंडा, उरांव जाति का प्रमाण पत्र दिया गया वे दूसरे राज्यों के हैं।
उल्लेखित ग्राम ढुरेना में इनका परिवार कभी नहीं रहा। ये सभी आर्यन कोल बेनिफेशरी (एसीबी) कंपनी के मजदूर हैं। इनके नाम पर करीब 500 एकड़ जमीन खरीदी गई जिनमें ही एसीबी कंपनी का कोल वाशरी या पावर प्लांट उद्योग स्थापित किया गया। रेल कॉरिडोर के लिए दीपका-पेंड्रारोड के बीच इस भूमि के कुछ हिस्से का अधिग्रहण होने पर 40 करोड़ रुपये का मुआवजा भी प्राप्त किया गया। जिन स्थानों पर जमीन खरीदी गई उनमें कटघोरा, पाली व रायगढ़, घरघोड़ा, फगुरम इलाके शामिल हैं। छत्तीसगढ़ के भोले आदिवासियों की जमीन औने-पौने दाम पर डरा-धमका कर कंपनी ने इन फर्जी आदिवासियों के नाम पर खरीदी ताकि वह उद्योग की स्थापना कर सके। तत्कालीन एसडीएम गजेंद्र सिंह ठाकुर जो अभी राजनांदगांव जिला पंचायत में सीईओ हैं पर कई आरोप लगाए हैं।
क्रांति सेना ने कहा कि मूल छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जाति, जनजाति का एक भी कागज कम पड़ जाने पर जाति प्रमाण पत्र बन नहीं पाता जिससे उन्हें विशेष जाति का लाभ मिलने से वंचित होना पड़ता है वहीं, दूसरी ओर दूसरे राज्य के लोगों का बिना मिसल, वंश वृक्ष देखे बिना प्रमाण पत्र बना दिया गया।
उन्होंने प्रमाण पत्र जारी करने वाले एसडीएम, तहसीलदार तथा रिपोर्ट तैयार करने वाले पटवारी के विरुद्ध भई कार्रवाई की मांग की है।
कोरबा कलेक्टर संजीव झा ने कहा है कि फर्जी पाए गए आदिवासियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लिए गए लाभ की वसूली भी की जाएगी।
जिन लोगों का स्थायी जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया गया है उनमें रघुनाथ बानरा, नंदूलाल, ईश्वर एक्का, रंजीत लकड़ा, जोरमुण्डा बुधन सिंह, गवरियल, मोतीराम, सिकुर, तुबीड, राजू, हिजकेल, कमल, शिवम उरांव, सिकन्दर, विनोद टुडू, पाण्डव होन, पिताम्बर, सेनाराम, जोगेंदर, विश्वनाथ, मघुरा, कुंवर मांझी तथा राम तिर्की शामिल हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 सितंबर। प्रदेश में शराबबंदी के लिए बनाई गई कमेटी के अध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा का बड़ा बयान आया है।
शराबबंदी को लेकर उन्होंने कहा कि शराबबंदी जनता का मुद्दा नहीं,यह केवल बीजेपी का मुद्दा है।आम जनता को शराब बन्दी से मतलब नहीं है। बीजेपी महिला मोर्चा के प्रदेश भर में शराबबंदी की मांग को लेकर आंदोलन पर कहा, कि महंगाई से ध्यान हटाने किया जा रहा आंदोलन।
शराबबंदी का मुद्दा इससे ध्यान हटाने षडय़ंत्रवश किया जा रहा। यहां बता दें कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में शराबबंदी का वादा किया था। उसके बाद सरकार ने इसके लिए शर्मा की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय विधायकों की अधिकारिक कमेटी बनाई थी। इस कमेटी की अब तक आधा दर्जन से अधिक बैंठकें हो चुकी हैं, लेकिन फैसला नहीं हो पाया है। हाल की एक बैठक में समिति ने शराबबंदी वाले राज्यों का दौरा करने का फैसला किया है, लेकिन उस पर भी समिति के सदस्य नहीं निकले थे। इस समिति से भाजपा, जोगी कांग्रेस, और बसपा ने दूरी बनाए रखी है। इन दलों ने अपने विधायकों को सदस्य नहीं बनाया है। इस बीच भाजपा महिला मोर्चा ने अगले माह एक बड़े प्रदर्शन की तैयारी की है। इसी सिलसिले में पूरे प्रदेश में महिला मोर्चा की सदस्य अपने-अपने क्षेत्र के शराब दूकानों के सामने प्रदर्शन कर रही है। जिसमें कांग्रेस के नेताओं को बुलाया जा रहा है। इसी सिलसिले में श्री शर्मा से पत्रकारों ने सवाल किया था।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 सितंबर। रियल एस्टेट प्रमोटरों के लिए 23 से 30 सितंबर तक छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) के कार्यालय में प्रशिक्षण सह-कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) की रजिस्ट्रार डॉ. अनुप्रिया मिश्रा ने बताया कि रियल एस्टेट के प्रोजेक्ट पंजीयन के लिए प्रमोटरों को प्रोजेक्ट के संबंध में ऑनलाईन आवदेन करना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि ऑनलाईन आवेदन करने के बाद प्रमोटरों को प्रोजेक्ट की हार्ड कॉपी में दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने बताया कि रियल एस्टेट प्रोजेक्ट रजिस्टेशन प्रक्रिया (एसओपी) में कुछ आंशिक संशोधन करते हुए स्पष्टीकरण जारी किया गया है, यह रेरा के वेबसाईट पर भी उपलब्ध है।
छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) की रजिस्ट्रार डॉ. अनुप्रिया मिश्रा ने बताया कि रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के पंजीयन के संबंध में संभागवार आयोजित की जा रही प्रशिक्षण सह-कार्यशाला में प्रमोटरों को पंजीयन से संबंधित विभिन्न जानकारियां दी जाएंगी। इस प्रशिक्षण सह-कार्यशाला में संबंधित संभाग के प्रमोटर्स कार्यशाला में हिस्सा ले सकेंगे।
डॉ. अनुप्रिया मिश्रा ने बताया कि रायपुर संभाग के प्रमोटर्स के प्रतिनिधियों के लिए कार्यशाला 23 और 26 सितम्बर, बिलासपुर संभाग के लिए 27 सितम्बर, दुर्ग संभाग के लिए 28 सितम्बर, सरगुजा संभाग के लिए 29 सितम्बर और बस्तर संभाग के लिए 30 सितम्बर की तिथि निर्धारित की गई है। निर्धारित तिथियों में कार्यशाला दोपहर 3.30 बजे से सायं 4.30 बजे तक छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण कार्यालय रायपुर के सभागृह में आयोजित होगी।
ट्रांसपोटरों की 24 घंटे की हड़ताल का असर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 सितंबर। बीपीसीएल के परिवहन कर्ता ट्रंासपोटरों की हड़ताल बुधवार शाम खत्म हो गयी। इस हड़ताल का असर गुरूवार सुबह देखने को मिला। राजधानी स्थित बीपीसीएल के पेट्रोल पंप ड्राई हो गए है। बीपीसीएल के 28 ट्रंासपोटरों ने 5वर्ष के लिए होने वाले टेंडर की दरों का विरोध करते हुए मंगलवार को हड़ताल कर दी थी। कुपनी ने वर्ष 22-27 के लिए ट्रंासपोर्टिग कोंट्रेक्ट दर,वर्तमान दर से 40 प्रतिशत पर देने की तैयारी की थी। ट्रांसपोर्टर बढ़ती मंहगाई को देखते हुए टेंडर की दरों में 10 प्रतिशत की वृद्धि की मांग कर रहें है। कंपनी के नकारात्मक रूख को देखते हुए करीब 300 टैंकर-ट्रक खड़े कर दिए थे। पर ट्रांसपोटर्स ने कलेक्टर,एसएसपी के साथ-साथ स्पीकर डॉ मंहत से मुलाकात कर हस्तक्षेप कराया। बताया गया है कि बीपीसीएल लखौली डिपो के स्थानीय अधिकारियों ने कंपनी मुख्यालय से चर्चा कर निर्एाय लेने का भरोसा कलेक्टर को दिया। इसके बाद बुधवार रात से हड़ताल खत्म कर दी गई। 24 घंटे से अधिक चली हड़ताल की वजह से प्रदेश में सप्लाई प्रभावित हुई है। राजधानी में ही कंपनी के पंप में पेट्रोल-डीजल की किल्लत हो गयी है। दोपहर तक बीपीसीएल के पंप ड्राई रहे शाम तक आपूर्ति सामान्य होने की जानकारी दी गई।
संघ ने 2021-22 के लिए छात्रवृत्ति योजना के प्रस्ताव मंगवाए
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 सितंबर। भाजपा द्वारा बीते डेढ़ वर्षों से आदिवासी मेधावी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं मिलने का मुद्दा उठाते ही राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा संचालित शिक्षा प्रोत्साहन योजना के तहत वर्ष 2021-22 के लिए शैक्षणिक छात्रवृत्ति योजना हेतु सभी प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति के माध्यम से प्रस्ताव मंगवाए गए हैं। सभी प्रस्ताव मिलने के बाद पात्र छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन माध्यम से छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाएगा। भाजपा प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने अपने वीडियो बयान में कहा था कि 75त्न अंक प्राप्त करने वाले 10-12 वीं के बच्चों को 25-25 हजार रूपए दिए जाने थे लेकिन 20-21 से यह राशि नहीं मिली है।
बुधवार शाम संघ ने एक बयान जारी कर कहा कि योजना के तहत बीते तीन सालों में 22 हजार से अधिक मेघावी छात्र-छात्राओं को 20 करोड़ 10 लाख 56 हजार 500 रूपए की छात्रवृत्ति प्रदान की गई।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा मेघावी छात्र-छात्राओं के लिए, प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं के लिए और व्यवसायिक कोर्स हेतु छात्रवृत्ति तथा गैर व्यवसायिक स्नातक कोर्स हेतु अनुदान योजना संचालित की जा रही है।
वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक 8493 मेघावी छात्रों को दो करोड़ 71 लाख 53 हजार रूपए की छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। इसी तरह पिछले तीन सालों में 8898 प्रतिभाशाली छात्रों को 14 करोड़ 85 लाख 71 हजार 500 रूपए की छात्रवृत्ति दी गई है। इसके अतिरिक्त 3877 गैर व्यवसायिक छात्रों को 2 करोड़ 10 हजार रूपए की छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। इसी तरह गैर व्यवसायिक स्नातक कोर्स हेतु 734 छात्रों को 53 लाख 22 हजार रूपए प्रदान किए गए हैं।
इस प्रकार राज्य सरकार द्वारा पिछले तीन सालों में 20 करोड़ 10 लाख 56 हजार 500 रूपए प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को शिक्षा प्रोत्साहन योजना के तहत प्रदान किया गया है। वर्ष 2020-21 में कोरोना महामारी के कारण 10वीं की परीक्षा नहीं होने से इसे जीरो ईयर घोषित किया गया।
प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं हेतु शिक्षा प्रोत्साहन योजना के तहत प्रत्येक प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति क्षेत्र में हर साल तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के बच्चों में से कक्षा 10वीं में 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को 15 हजार रूपए एवं कक्षा 12वीं में 75 प्रतिशत या उसके अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को 25 हजार रूपए की राशि दी जा रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 सितंबर। अमलीडीह स्थित दिव्य कॉलोनी में एक युवक ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। मौके से कोई सुसाइट नोट नहीं मिला है। मौत का कारण अज्ञात है। शव का पंचनामा कर पीएम के लिए भेजा गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। यह मामला राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र का है। 28 वर्षीय जितेंद्र मनमानी ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है। न्यू राजेंद्र नगर थाना प्रभारी योगिता खापर्डे ने बताया कि महावीर नगर स्थित कुकरेजा फार्म हाउस में युवक ने फांसी लगाई है?। सूचना मिलते ही मौके का जायजा लिया गया। शव की शिनाख्त जितेंद्र मनवानी मूलत: अंबिकापुर निवासी के रूप में हुई है। मौके से किसी प्रकार का सुसाइट नोट नहीं मिला है। मामले की जांच की जा रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 सितंबर। राज्य के सबसे बड़े पोस्ट ऑफिस घोटाले की मुख्य आरोपी आकांक्षा पांडे की जमानत खारिज कर दी गई है। प्रथम एडीजे संतोष तिवारी की कोर्ट में जमानत याचिका खारिज हो गई।15 महीनों से फरार आरोपी आकांक्षा पांडे ने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद रायपुर कोर्ट में सरेंडर किया था।लोअर कोर्ट में जमानत याचिका खारिज होने के बाद पुलिस ने कोर्ट से गिरफ्तार कर जेल भेजा था ।राजधानी समेत प्रदेश के करीब 100 से ज्यादा लोगो के 20 करोड़ से अधिक के पैसे रविवि पोस्ट आफिस में जमा करने के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप है।सरस्वती नगर थाना में धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज है। इस मामले में डाक विभाग ने हाथ खड़े कर दिए हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि विभागीय जांच में यह बात सामने आई है कि पांडे दंपति ने डिपाजिटर से रकम तो ली लेकिन उसे डाकघर के लेजर में एंट्री न करते हुए खुद ही इस्तेमाल करते रहे। इस तरह से उन्होंने ने करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की। रकम भुगतान की जवाबदेही विभाग की नहीं बनती है।
तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 सितंबर। तबादले के बाद भी नवीन पदस्थापना जगह पर जॉइनिंग नहीं देने पर सरकार ने राज्य प्रशासनिक सेवा के विवादित अफसर भागवत प्रसाद जायसवाल को नोटिस जारी किया है। उनसे तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
जायसवाल महासमुंद एसडीएम रहे हैं। उनके खिलाफ कई गंभीर शिकायतें हुई है। इसके बाद उन्हें हटाकर बिलाईगढ़-सारंगढ़ नए जिले में पदस्थ किया गया। उन्हें एक सितंबर को नए जिले में अनिवार्य रूप से कार्यभार ग्रहण करना था।
बिलाईगढ़-सारंगढ़ नए जिले का शुभारंभ 3 तारीख को किया गया। इस कार्यक्रम में जायसवाल न तो उपस्थित हुए, और न ही कार्यभार ग्रहण किया। यही नहीं, इस सिलसिले में विभाग को कोई सूचना तक नहीं दी। सरकार ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है।
सामान्य प्रशासन विभाग में तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। यह भी कहा है कि किसी तरह जवाब न मिलने की स्थिति में यह मान लिया जाए कि आपको इस पर कुछ नहीं कहना है। शासन के आदेश की अवहेलना के लिए सिविल सेवा आचरण नियम के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि जायसवाल के खिलाफ महासमुंंद में किसानों ने कंपनी विशेष को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया था, और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। जायसवाल का कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। इसके बाद भी उन्हें हटाया गया।
दूसरे राज्य के लोगों ने कंपनी के लिए इसी के जरिये 500 एकड़ जमीन खरीदी, मुआवजा भी लिया
एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान पर अब तक केवल तत्कालीन एसडीएम को नोटिस
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 सितंबर। कोरबा जिले में 23 आदिवासी जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाये जाने के मामले में जिला स्तरीय छानबीन समिति की रिपोर्ट को राज्य स्तरीय कमेटी में कार्रवाई के लिए रुकी हुई है। इस मुद्दे को उठाने वाले संगठन छत्तीसगढिय़ा क्रांति सेना ने आरोप लगाया है कि निर्णय लेने में देरी कर आरोपियों को बचाने का और उन्हें फरार होने का मौका दिया जा रहा है। इधर सामान्य प्रशासन विभाग ने तत्कालीन एसडीएम को नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर जवाब मांगा है।
ज्ञात हो कि सन् 2013-14 में 23 लोगों का स्थायी आदिवासी जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया था। छत्तीसगढिय़ा क्रांति सेना के प्रदेश महामंत्री दिलीप मिरी ने इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक कोरबा से की थी। इसमें बताया गया था कि ये जाति प्रमाण पत्र फर्जी दस्तावेज और रिकॉर्ड में कूट रचना करके तैयार किए गए। जिन 23 लोगों को मुंडा, उरांव जाति का प्रमाण पत्र दिया गया वे दूसरे राज्यों के हैं।
उल्लेखित ग्राम ढुरेना में इनका परिवार कभी नहीं रहा। ये सभी आर्यन कोल बेनिफेशरी (एसीबी) कंपनी के मजदूर हैं। इनके नाम पर करीब 500 एकड़ जमीन खरीदी गई जिनमें ही एसीबी कंपनी का कोल वाशरी या पावर प्लांट उद्योग स्थापित किया गया। रेल कॉरिडोर के लिए दीपका-पेंड्रारोड के बीच इस भूमि के कुछ हिस्से का अधिग्रहण होने पर 40 करोड़ रुपये का मुआवजा भी प्राप्त किया गया। जिन स्थानों पर जमीन खरीदी गई उनमें कटघोरा, पाली व रायगढ़, घरघोड़ा, फगुरम इलाके शामिल हैं। छत्तीसगढ़ के भोले आदिवासियों की जमीन औने-पौने दाम पर डरा-धमका कर कंपनी ने इन फर्जी आदिवासियों के नाम पर खरीदी ताकि वह उद्योग की स्थापना कर सके। तत्कालीन एसडीएम गजेंद्र सिंह ठाकुर जो अभी राजनांदगांव जिला पंचायत में सीईओ हैं पर कई आरोप लगाए हैं।
क्रांति सेना ने कहा कि मूल छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जाति, जनजाति का एक भी कागज कम पड़ जाने पर जाति प्रमाण पत्र बन नहीं पाता जिससे उन्हें विशेष जाति का लाभ मिलने से वंचित होना पड़ता है वहीं, दूसरी ओर दूसरे राज्य के लोगों का बिना मिसल, वंश वृक्ष देखे बिना प्रमाण पत्र बना दिया गया।
उन्होंने प्रमाण पत्र जारी करने वाले एसडीएम, तहसीलदार तथा रिपोर्ट तैयार करने वाले पटवारी के विरुद्ध भई कार्रवाई की मांग की है।
कोरबा कलेक्टर संजीव झा ने कहा है कि फर्जी पाए गए आदिवासियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लिए गए लाभ की वसूली भी की जाएगी।
जिन लोगों का स्थायी जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया गया है उनमें रघुनाथ बानरा, नंदूलाल, ईश्वर एक्का, रंजीत लकड़ा, जोरमुण्डा बुधन सिंह, गवरियल, मोतीराम, सिकुर, तुबीड, राजू, हिजकेल, कमल, शिवम उरांव, सिकन्दर, विनोद टुडू, पाण्डव होन, पिताम्बर, सेनाराम, जोगेंदर, विश्वनाथ, मघुरा, कुंवर मांझी तथा राम तिर्की शामिल हैं।
रायपुर, 22 सितंबर। सकल जैन समाज रायपुर (पश्चिम) के तत्वाधान में दिनांक 23 सितंबर से 25 सितंबर तक विराट प्रवचन माला जीने की कला पर राष्ट्र संत श्री ललितप्रभ सागर जी एवं डॉ. मुनि श्री शांतिप्रिय सागर जी का प्रवचन प्रात: 9 बजे से 10.30 बजे तक समता कालोनी स्थित मैक कॉलेज, आडिटोरियम में रखा गया है।
उक्त जानकारी देते सकल जैन समाज रायपुर (पश्चिम) के पीआरओ चित्रांक चोपड़ा ने देते हुए बताया कि शुक्रवार 23 सितंबर को प्रात: 7.45 बैंड-बाजे के साथ एम.जी. रोड़ स्थित जैन दादाबाड़ी से जुलुस में राष्ट्र संत श्री ललितप्रभ सागर जी एवं डॉ. मुनि श्री शांतिप्रिय सागर जी मैक कॉलेज आएंगे। जुलुस में पुरुष सफेद पोशाक व महिलाएं लाल बंध़ेज साड़ी में रहेंगी। सकल जैन समाज रायपुर (पश्चिम) के अध्यक्ष-योगेन्द्र भंडारी, उपाध्यक्ष-राजकुमार बैद, सचिव-संजय गंगवाल व कोषाध्यक्ष देवानंद बरडिय़ा ने सभी से सपरिवार अधिकाधिक संख्या में उपस्थि होने की अपील की है।
रायपुर, 22 सितंबर। राष्ट्र-संत श्री ललितप्रभ जी महाराज ने कहा कि मानसिक खुशहाली से बढक़र जीवन की कोई दौलत नहीं होती है। मन की शांति से ही स्वर्ग के रास्ते खुलते हैं। मन में शांति है तो थोड़े से साधन भी सुख दे देते हैं, नहीं तो ढेर सारे साधन भी इकठ्ठे कर लो पर उससे कुछ होने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा कि जिसका मन शांत है उसे एक या दो घंटे की नहीं पूरे 24 घंटे की सामायिक का लाभ मिल जाता है क्योंकि शांति में जहाँ एक तरफ बह्मा, विष्णु, महेश तीनों देवों का वास होता है वहीं दूसरी तरफ महावीर का मौन और मीरा की मस्ती भी छिपी रहती है।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग शांति पाने के लिए तीर्थ जाते हैं तो कुछ लोग गुटखा, शराब और तंबाकू जैसे नशे में डूब जाते हैं। इससे कुछ घंटे तो शांति मिल सकती है, पर सदाबहार शांति पाने के लिए व्यक्ति को हर हाल में खुश रहना सीखना होगा।
संत प्रवर मंगलवार को धर्म शांति सेवा ट्रस्ट द्वारा आम्रपाली स्थित शांति विजय गुरु मंदिर में आयोजित प्रवचन सभा के समापन पर श्रद्धालु भाई बहनों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति आज शरीर से कम दिमाग से ज्यादा बीमार है । चिंता और तनाव आज की सबसे बड़ी बीमारियाँ है।
बाहर से मुस्कुराता हुआ दिखाई देेने वाला इंसान भीतर में हजारों तरह की चिंताएँ पाले बैठा है। मकड़ी के जाले से भी ज्यादा उलझने इंसान के दिमाग में है। अगर पूजा-प्रार्थना-इबादत और धर्म-आराधना करते हुए व्यक्ति के दिमाग का ई.सी.जी. किया जाए तो पता चलेगा कि वह अंदर ही अंदर कहाँ भटक रहा है।
शांति के दो दुश्मन:गुस्सा और चिंता-गुस्से और चिंता को मानसिक शांति के दुश्मन बताते हुए संतश्री ने कहा कि गुस्से से दिमाग में स्क्रेच आ जाते हैं।
सोचने, बोलने और निर्णय लेने की क्षमता कमजोर हो जाती है, व्यक्ति सांड सरीखा बन जाता है। एक बार गुस्सा करने से व्यक्ति की दस हजार ज्ञान कोशिकाएं जलकर नष्ट हो जाती है, मेमोरी पॉवर कमजोर हो जाता है और बी.पी. व हार्ट अटैक की संभावना बीस गुना बढ़ जाती है। इसलिए व्यक्ति गुस्सा, चिंता और तनाव करना बंद करे ऐसा करने से उसकी सारी दवाईयाँ अपने आप बंद हो जाएगी। हम गुस्सा करने की बजाय अपनी बात प्रेम से कहें। अगर घर के दादा दादागिरी करना छोड़ दे तो वे कुलदेवता की तरह पूज्य बन जाएंगे।
चिंता है आत्मघातक रोग-चिंता को आत्मघातक रोग बताते हुए संतश्री ने कहा कि चिंता करना तो खुद पर कुल्हाड़ी चलाने जैसा है। व्यक्ति बचपन से लेकर पचपन तक या तो अतीत की चिंता करता है या फिर आने वाले कल की। उन्होंने कहा कि बीत गई सो बात गई तकदीर का शिकवा कौन करे जो तीर कमां से निकल गया उस तीर का पीछा कौन करे। व्यक्ति चिंता करने की बजाय कल का इंतजाम और आज का चिंतन करे।
हर होनी का स्वागत करें- चिंतामुक्त जीवन जाीने का पहला मंत्र देते हुए संतश्री ने कहा कि जीवन में जो भी हो, जैसा भी हो हर होनी का स्वागत करें। चाहे राजा का अंगूठा कट जाए या मंत्री को जेल में जाने पड़े विश्वास रखें, इसमें भी प्रभु की ओर से कोई न कोई भलाई छिपी होती है। जब वह चोंच के साथ चुग्गा देता है और बच्चे को जन्म देने से पहले माँ के आँचल को दूध से भर देता है फि र हम किस बात की चिंता करें। व्यक्ति चिंता की चिता जलाए और चेतना को जगाए।
शराबबंदी के लिए बनाई गई कमेटी के अध्यक्ष भी हैं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 सितंबर। प्रदेश में शराबबंदी के लिए बनाई गई कमेटी के अध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा का बड़ा बयान आया है।
शराबबंदी को लेकर उन्होंने कहा कि शराबबंदी जनता का मुद्दा नहीं,यह केवल बीजेपी का मुद्दा है। आम जनता को शराब बन्दी से मतलब नहीं है। बीजेपी महिला मोर्चा के प्रदेश भर में शराबबंदी की मांग को लेकर आंदोलन पर कहा कि महंगाई से ध्यान हटाने किया जा रहा आंदोलन। शराबबंदी का मुद्दा इससे ध्यान हटाने षड्यंत्रवश किया जा रहा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 21 सितम्बर। महासमुंद में 22 वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता का शुभारम्भ कल अध्यक्ष जिला पंचायत उषा पटेल ने किया। कार्यक्रम का आयोजन मिनी स्टेडियम महासमुंद में हुआ। श्रीमती पटेल ने मशाल जलाकर खेल प्रतियोगिता का शुभारम्भ किया। इसके साथ ही राज्य स्तरीय क्रीड़ा प्रतियोगिता का आगाज हो गया। स्कूली छात्राओं द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई। प्रतियोगिता में शामिल सभी जोन के खिलाडिय़ों ने मार्च पास्ट किया। शुभारम्भ अवसर पर बस्तर और रायपुर संभाग के बीच हैण्डबॉल का शो मैच हुआ। कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने टॉस कराया। उन्होंने खिलाडिय़ों को खेल भावना के साथ खेल खेलने की बात कही। उन्होंने खिलाडिय़ों को जीत की शुभकामनाएं दी। साथ में जिला पंचायत सीईओ एस.आलोक, वनमण्डलाधिकारी पंकज राजपूत भी खिलाडिय़ों का उत्साह बढ़ाने पहुंचे थे।
मुख्य अतिथि श्रीमती पटेल ने भाग लेने वाले सभी खिलाडिय़ों को निर्धारित नियमों एवं विधियों का निष्ठापूर्वक पालन करने की शपथ दिलायी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में खेल प्रेमी उपस्थित थे। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को एकाग्रता, अनुशासन के साथ खेल खेलने के लिए प्रेरित किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 21 सितंबर। 58 प्रतिशत आरक्षण की याचिका खारिज होने को लेकर सरकार पर लग रहे आरोपों पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पत्रकार ों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती रमन सरकार के लापरवाही के कारण हाईकोर्ट में आरक्षण रद्द हुआ। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के 58 प्रतिशत आरक्षण को बिलासपुर उच्च न्यायालय द्वारा रद्द किये जाने का फैसला आया। इस दुर्भाग्यजनक स्थिति के लिये पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह प्रदेश की जनता से माफी मांगे।
उन्होंने कहा कि भाजपा की नीयत खोरी के कारण आरक्षण के खिलाफ फैसला आया। रमन सरकार ने अपने दायित्व का ईमानदारी से निर्वहन नहीं किया था। उनकी सरकार की लापरवाही, अकर्मण्यता और गैर जिम्मेदाराना रवैये का नतीजा यह फैसला है। रमन सरकार ने 2011 में आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 58 प्रतिशत करने का निर्णय लिया था। 2012 में हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी थी। सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न निर्णयों जिसमें इंदिरा साहनी का फैसला प्रमुख के अनुसार कोई भी राज्य सरकार यदि 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण करती है तो अत्यंत विशेष परिस्थितियों, विचार एवं तथ्यों के साथ कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करना होगा। इसका भी ख्याल नहीं किया गया। जब आरक्षण को बढ़ाने का निर्णय हुआ उसी समय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार राज्य सरकार को अदालत के सामने आरक्षण को 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने की विशेष परिस्थितियों और कारण को बताना था।
तत्कालीन रमन सरकार अपने इस दायित्व का सही ढंग से निर्वहन नहीं कर पायी। 2012 में बिलासपुर उच्च न्यायालय में 58 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ याचिका दायर हुई तब भी रमन सरकार ने सही ढंग से उन विशेष कारणों को प्रस्तुत नहीं किया जिसके कारण राज्य में आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 58 प्रतिशत किया गया।
मरकाम ने कहा रमन सरकार ने आरक्षण में संशोधन के पहले सुप्रीम कोर्ट के पूर्ववर्ती फैसले को ध्यान में नहीं रखा। बाद में दोबारा संशोधित जवाब पेश करते हुए कुछ डेटा प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया, लेकिन वो भी प्रर्याप्त नहीं थे।
आरक्षण को बढ़ाने के लिये तत्कालीन सरकार ने तत्कालीन गृहमंत्री ननकी राम कंवर की अध्यक्षता में 2010 में मंत्रिमंडलीय समिति का भी गठन किया था। रमन सरकार ने उसकी अनुशंसा को भी अदालत के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया जिसका परिणाम है कि अदालत ने 58 प्रतिशत आरक्षण के फैसले को रद्द कर दिया।
कांग्रेस की सरकार बनने के बाद अंतिम बहस में तर्क प्रस्तुत किया गया मंत्रिमंडलीय समिति के बारे में जानकारी दी गयी लेकिन पुराने हलफनामे उल्लेख नहीं होने के कारण अदालत ने स्वीकार नहीं किया। इस प्रकरण में जब राज्य सरकार की अंतिम बहस हुई तो खुद महाधिवक्ता मौजूद रहे थे। उन्होंने मंत्रिमंडलीय समिति की हजारों पन्नों की रिपोर्ट को कोर्ट में प्रस्तुत किया था।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 21 सितंबर। सडक़ दुर्घटनाओं में प्रभावितों के परिवारजनों को यथाशीघ्र बीमा राहत पहुंचाने एडीजी प्रदीप गुप्ता ने बीमा कंपनियों के अधिकारियों के साथ बैठक की। ऐसी बैठक पहली बार हुई जिसमें इन बीमा कंपनियों ने लंबित प्रकरणों की जानकारी साजा नहीं किया। एडीजी ने उन्हें अगले महीने होने वाली बैठक में छत्तीसगढ़ के प्रकरणों के कंपनीवार सूची प्रस्तुत करने कहा। कंपनी के लोगों ने देशभर के आंकड़े दिए, लेकिन छत्तीसगढ़ के आंकड़े नहीं थे। बजाज एलायंस के अधिकारी ने बताया कि रायपुर एक प्रकरण में साढ़े तीन करोड़ का बीमा क्लैम दिया गया। बैठक में संजय शर्मा, एआईजी भी मौजूद थे। बैठक में उपस्थित बजाज एलायंस कंपनी के प्रतिनिधि द्वारा अवगत कराया कि छत्तीसगढ़ देश के उन 17 प्रदेशों में शामिल है, जिनसे सडक़ दुर्घटनाओं की 90 प्रतिशत से अधिक की प्राथमिकी 48 घण्टे के पूर्व प्राप्त हो जाती है। पूरी देश में वर्ष 2020-21 की स्थिति में बीमा व्यवसाय 12569 करोड़ रूपयों का रहा है। बीमा क्लेम में धोखाधड़ी में वृद्धि के कारण बीमा प्रीमियम की दर भी बढ़ी है। सडक़ दुर्घटनाओं में 85 प्रतिशत बीमित व्यक्ति 40 वर्ष से कम आयु के परिवार के मुखिया/प्रमुख आय उपार्जित करने वाले व्यक्ति है, एवं उन पर निर्भर अधिकांश बच्चे 9 से 16 वर्ष के आयुवर्ग से है।
बीमा प्रकरणों के निराकरण हेतु प्रभावितों द्वारा अत्यंत विलंब से तथा अपूर्ण प्रपत्रों के साथ क्लेम केस प्रस्तुत करने, अपराधिक विवेचना परिवहन विभाग से संबंधित अभिलेख, बीमित पर निर्भरता, आयु आय, अपंगता आदि संबंधी प्रमाणित आवश्यक दस्तावेज के अभाव सहित अन्य कारणों में पूरे देश में लगभग 10,22,269 प्रकरण लंबित है। समस्त जिलों में इस हेतु नियुक्त नोडल/राजपत्रित पुलिस अधिकारियों की सूची भी वितरित की गई तथा प्रकरणों के यथाशीघ्र निराकरण हेतु विभिन्न संभाग मुख्यालय में बीमा प्रतिनिधियों, विवेचको तथा सर्वसंबंधितों की कार्यशाला के आयोजन का निर्णय लिया गया।
बीमा क्लैम के लिए जल्द ही पोर्टल
उल्लेखनीय है कि सडक़ दुर्घटना बीमा प्रकरणों के शीघ्र निराकरण हेतु आवश्यक प्रपत्रों के लिये राष्ट्रीय सूचना केन्द्र द्वारा एक पोर्टल भी बनाया जा रहा है। इससे बीमा कंपनियों को सुगमता से आवश्यक प्रपत्र प्राप्त हो सकेंगे। समस्त विवेचना अधिकारियों को सडक़ दुर्घटनाओं से संबंधित प्रपत्रों को यथाशीघ्र अपलोड किये जाने हेतु भी निर्देशित किया गया है।