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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 4 सितंबर। लगातार धूम्रपान और आनुवंशिकी कारणों की वजह से प्रोस्टेट कैंसर के रोगियों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर में प्रतिमाह औसतन 30 प्रोस्टेट कैंसर रोगी पहुंच रहे हैं जिनमें बड़ी संख्या धूम्रपान करने वालों की है। चिकित्सकों ने ऐसे रोगियों को तंबाकू या इसके किसी भी उत्पाद का प्रयोग न करने और शीघ्र इलाज कराने की सलाह दी है जिससे इस पर समय रहते नियंत्रण पाया जा सके।
यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अमित शर्मा ने बताया कि भारत में प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में तीसरा सबसे अधिक पाया जाने वाला कैंसर है। यह मुख्यत: 50 वर्ष या अधिक उम्र के पुरुषों में होता है। विभाग में इसके औसतन 30 रोगी प्रतिमाह आ रहे हैं। इसका प्रमुख लक्षण मूत्र प्रवाह में अवरोध होना और हड्डियों में दर्द है। डॉ. शर्मा का कहना है कि लगातार तंबाकू या इसके उत्पादों का सेवन और आनुवंशिकी कारणों से इस प्रकार के रोगी ज्यादा आ रहे हैं।
निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने कहा है कि रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब एम्स के यूरोलॉजी विभाग में यूरो-आंकोलॉजी का स्पेशल क्लीनिक प्रत्येक बुधवार को दोपहर 2.30 से 3.30 बजे आयोजित किया जाएगा। इस क्लीनिक में प्रोस्टेट कैंसर के साथ किडनी, यूरीनरी ब्लैडर, टेस्टिस और पेनिस कैंसर के रोगियों का भी इलाज संभव होगा।
विभाग वर्तमान में यूरोलॉजी संबंधी सभी प्रकार की बीमारियों के लिए प्रबंधन, इलाज, सर्जरी और फॉलोअप संबंधी सुविधाएं प्रदान कर रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 4 सितंबर। मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना अंतर्गत संचालित मोबाइल मेडिकल यूनिट की स्लम बस्तियों में बढ़ती आमद और स्वास्थ्य कैम्पों का आयोजन ऐसे गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए वरदान बन गये है जो बीमार होकर भी अस्पताल नहीं जा पाते थे। स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार के साथ गरीबों का त्वरित इलाज कर उन्हें स्वस्थ बनाने की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उठाए गए कदम का ही परिणाम है कि मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना गरीब परिवारों का दिल जीत रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया के दिशा-निर्देशन में 1 नवंबर 2020 को प्रदेश के 14 नगर पालिक निगमों में प्रारंभ हुई इस योजना से अभी तक 8 लाख 11 हजार से अधिक मरीजों को उपचार हो चुका है।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा जिला स्तर पर गठित अर्बन पब्लिक सर्विस सोसायटी के माध्यम से संचालित इस योजना से न सिर्फ त्वरित उपचार किया जाता है, बल्कि मोबाइल मेडिकल यूनिट में उपलब्ध सुविधाओं के माध्यम से अलग-अलग प्रकार की जांच कर बीमारी का पता लगाकर उन्हें स्वस्थ बनाने की दिशा में कदम उठाया जाता है। विभाग द्वारा इस सेवा के संबंध में सतत् मॉनीटरिंग भी की जाती है।
सुविधा को बेहतर बनाने के साथ स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित करने फेस रीडिंग, रियल टाइम जीपीएस, सीसीटीवी कैमरा आदि की व्यवस्था भी की गई है। जन शिकायत निराकरण हेतु निदान 1100 टोल-फ्री नंबर की सुविधा के साथ-साथ फीडबैक मशीन की सुविधा भी नागरिकों हेतु एमएमयू में उपलब्ध है। जिसके माध्यम से लोग अपनी प्रतिक्रिया भी व्यक्त करते हैं। खास बात यह भी है कि इस योजना अंतर्गत उपलब्ध सेवा को लेकर इलाज कराने वाले मरीजों के बीच किए गए सर्वे में 93 प्रतिशत लोगों ने इसे बहुत बढिया बताया है।
नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना को गरीबों और जरूरतमंदों के लिए बहुत अच्छी योजना बताते हुए कहा कि हर गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति चाहता है कि जब वह बीमार पड़े तो उसे अपने इलाज के लिए भटकना न पड़े। छोटी-छोटी बीमारी के लिए अपने काम धंधे बंद कर डाक्टरों से अपॉइंटमेंट लेना और कतार में लग कर इलाज कराने से हर कोई बचना चाहता है। लोगों की जरूरतों को ध्यान रख छत्तीसगढ़ में शुरू की गई मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना अब इन्हीं उद्देश्यों और लक्ष्यों को पूरा कर रही है। यहां इलाज कराकर ठीक होने वाली पार्वती बाई ने बताया कि सुबह से शाम तक अपने मुहल्ले में ही कैंप लग जाने से इलाज में बहुत सहूलियत होती है। महिला चिकित्सक होने से अपनी समस्या आसानी से बता सकते हैं।
हमें निजी डाक्टर के पास नहीं जाना पड़ता। घर के पास आसानी से उपचार की सुविधा मिलने से हम झुग्गी इलाकों की महिलाओं को बहुत लाभ हो रहा है।
मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत वर्तमान में 14 नगर पालिक निगम क्षेत्रों में 60 मोबाइल मेडिकल यूनिट संचालित की जा रही है। पहले चरण में रायपुर में 15, कोरबा में 8, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, रायगढ़, जगदलपुर, अम्बिकापुर में 4-4, भिलाई में 3 और रिसाली, भिलाई चरोदा, धमतरी, बिरगांव, चिरमिरी में 2-2 मोबाइल मेडिकल यूनिट संचालित है। दूसरे चरण में जिलावार 155 निकायों को भी इस योजना से लाभान्वित करने और 60 नए मोबाइल मेडिकल यूनिट संचालित करने की तैयारी की जा रही है, जिसमें बलौदाबाजार भाटापारा, रायगढ़ में 4, रायपुर, कबीरधाम, राजनांदगांव, बालोद, बिलासपुर और कोरिया में 3-3, जांजगीर-चाम्पा में 6, बेमेतरा, दुर्ग, मुंगेली, बलरामपुर, सूरजपुर, जशपुर, कांकेर और दंतेवाड़ा में 2-2, गरियाबंद, कोरबा, गौरेला पेण्ड्रा मरवाही, सरगुजा, नारायणपुर, कोंडागांव, सुकमा सहित बीजापुर में 1-1 मोबाइल मेडिकल यूनिट का संचालन कर योजना का विस्तार किया जाएगा। इस पहल से सभी निकायों में रहने वाले जरूरमंद और गरीब परिवारों का उपचार और भी आसान हो जाएगा।
लैब टेस्ट के लिए नहीं काटना पड़ता चक्कर, दवा भी मिलती है मुफ्त
आमतौर पर किसी क्लीनिक या अस्पताल में जाने के बाद बीमारी का पता लगाने के लिए कई चिकित्सक खून या यूरीन सहित अन्य प्रकार की जांच कराने कहते हैं। इस प्रकार की जांच के लिए मरीजों को कई लैब में चक्कर तक काटना पड़ता है। कुछ मरीज जांच कराने में भी असमर्थ होते हैं। मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से लगने वाले कैंप में पूरी टीम के साथ जांच की सुविधा भी उपलब्ध होती है। यूनिट में एमबीबीएस डाक्टर के साथ फार्मासिस्ट, लैब टेक्निशियन, मरीजों की सेवा के लिए एएनएम तथा एमएमयू चालक सेवाएं दे रहे हैं। एमएमयू के माध्यम से 41 प्रकार के विभिन्न लैब टेस्ट किए जाते हैं। इनमें खून, मल-मूत्र, थूक, टीबी, थायराइड, मलेरिया, टाइफाइड आदि की जांच की जाती है। एमएमयू में पैरासिटामाल, ब्रूफेन, मेटफार्मिन, एटेनोलोल, बी-काम्प्लेक्स, आयरन, फोलिकएसिड, सिफालेक्सिन, एमोक्सिसिलिन, लिमसी, ओआरएस, टिटेनस इंजेक्शन, रैबिज इंजेक्शन आदि दो सौ प्रकार की दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। इसके साथ ही ब्लड-प्रेशर मापने की मशीन, शुगर टेस्ट की मशीन, ईसीजी मशीन, आक्सीजन सिलेण्डर आदि की भी व्यवस्था है।
8 लाख से अधिक मरीज उठा चुके हैं लाभ
1 नवम्बर 2020 को प्रदेश के 14 नगर पालिक निगम में शुरू हुई 60 मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से अब तक लगभग 13 हजार 835 शिविर स्लम क्षेत्रों में लगाये गये है। मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत मोबाइल मेडिकल यूनिट और दाई दीदी क्लीनिक से 8 लाख 50 हजार से अधिक मरीजों का उपचार किया जा चुका है।
रायपुर में सबसे अधिक 3639 शिविर में 2 लाख 13 हजार 307 मरीज लाभान्वित हुए हैं और 193825 मरीजों को दवा का वितरण किया गया है। कोरबा में 1656 कैंप में 93825, बिलासपुर में 971 कैंप में 73702, दुर्ग में 975 कैंप में 56220 और राजनांदगांव में 967 शिविर में 57139 मरीज लाभान्वित हुए हैं। इसी तरह भिलाई में 731 कैंप में 48238, रिसाली में 491 कैंप में 28271 भिलाई चरोदा में 483 कैंप में 26312, अंबिकापुर में 849 कैंप में 50228, जगदलपुर में 904 कैंप में 43097 रायगढ़ में 887 कैंप में 48788, कोरिया चिरमिरी में 389 कैंप में 17067, बीरगांव में 452 कैंप में 25422 मरीज लाभान्वित हुए हैं। दाई-दीदी क्लीनिक में 685 कैंपों में 45088 महिलाएं इससे लाभन्वित हुई है। कुल 1 लाख 56 हजार 384 मरीज श्रम विभाग में पंजीकृत वाले हैं।
6 लाख 92 हजार 961 को दवा वितरित
मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत 10 माह में 6 लाख 92 हजार 961 मरीजों को दवाओं को वितरण किया गया है। रायपुर में सर्वाधिक 1 लाख 93 हजार 825, बिलासपुर में 70707, कोरबा में 64836, भिलाई में 45368, दुर्ग में 48209, राजनांदगांव में 54675, रायगढ़ में 47249, अंबिकापुर में 36591, बीरगांव में 21097, रिसाली में 20406, भिलाई चरोदा में 22256, चिरमिरी में 11081, जगदलपुर में 33859 मरीजों को दवाइंयों का वितरण किया गया है।
1 लाख 71 हजार 716 का हुआ लैब टेस्ट
मोबाल मेडिकल यूनिट के माध्यम से 811356 कैंपों में लगभग 1 लाख 71 हजार 716 का लैब टेस्ट भी हुआ है। सबसे अधिक रायपुर नगरीय क्षेत्र के मरीजों का लैब टेस्ट हुआ। रायपुर में 43714, बिलासपुर में 10057, कोरबा में 18251, अंबिकापुर में 14269, दुर्ग में 9815, भिलाई में 9580 और राजनांदगांव में 12799 मरीजों का लैब टेस्ट हुआ है।
प्रतिदिन 59 मरीजों को मिल रहा स्वास्थ्य लाभ
मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से स्लम इलाकों में कैंप लगाकर इलाज एवं स्वास्थ्य जांच की जाती है। अब तक लगाए गए शिविर में स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने वाले मरीजों का औसत देखे तो प्रति एमएमयू 59 मरीजों को इसका लाभ मिल रहा है। दाई-दीदी क्लीनीक के माध्यम से प्रति एमएमयू 66 महिलाओं को स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना अंतर्गत दाई-दीदी क्लीनिक देश की ऐसी पहली योजना है जिसमें महिला चिकित्सक से लेकर अन्य सभी स्टाफ महिलाएं है। महिलाओं द्वारा महिलाओं के इलाज होने से स्लम सहित आसपास की महिलाएं बेझिझक अपना उपचार करा पाती है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 4 सितंबर। राजधानी की टिकरापारा क्षेत्र में श्री प्रयास विद्यालय संचालित है जिसे पुलिस परिवार द्वारा चलाया जाता है। श्री प्रयास विद्यालय में गरीब व अनाथ बच्चों को शिक्षा दी जाती है।
शिक्षा के साथ-साथ खेल कूद व अन्य गतिविधियां भी किया जाता है अभी पिछली बारिश में श्री प्रयास में अध्ययनतरण एक अनाथ बच्ची का घर पिछली बारिश में ढह गया था। जिससे वह बच्ची बहुत दुखी थी, लेकिन पुलिस परिवार द्वारा उन्हें आश्वासन दिया गया था कि उन्हें नया मकान बना कर देंगे पुलिस परिवार व वहां पढऩे वाले बच्चे चंदा इक_ा कर उस बच्ची के लिए नया मकान का निर्माण कराया गया।
वहीं कल उस बच्ची को नए मकान की चाबी सौंपा गया। जिससे बच्चे के चेहरे पर खुशी के आंसू छलक पड़े जिसे देख पुलिस परिवार के सदस्य भी भावुक हो गए। टिकरापारा थाना प्रभारी संजीव मिश्रा द्वारा नए मकान की चाबी बच्ची के हाथ में सौंप दिया गया। श्री प्रयास में अभी 400 बच्चे अध्ययनरत हैं। अभी पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने श्री प्रयास के बच्चों के लिए डिजिटल ब्लैकबोर्ड व खेलकूद सामान के लिए 10 लाख रुपए की स्वीकृति दी थी।
रायपुर, 4 सितंबर। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा के तहत राज्य सरकार की प्राथमिकता वाले कार्य नरवा, गौठान, चारागाह, धान संग्रहण चबूतरा, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी भवन, चेक डेम निर्माण आदि कार्य स्वीकृत कर पंजीकृत मजदूरों के लिए ज्यादा से ज्यादा मानव दिवस कार्य सृजित किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में निर्मित गौठानों में स्व-सहायता समूह की महिलाओं को बड़ी संख्या में मल्टी एक्टीविटी व्यवसायों से जोडक़र आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त करने की दिशा में काम किया जाए।
उन्होंने मनरेगा से अनुसूचित जाति, जनजाति और कमजोर वर्गों के लिए भी कार्य दिवस में वृद्धि करने के निर्देश दिए। उन्होंने अपूर्ण कार्यों को निर्धारित समय-सीमा में गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया।
रायपुर, 4 सितंबर। विगत दिनों सेंट्रल सेक्टर के कोटे की बिजली, पावर ग्रिड भाटापारा एवं रायगढ़ तथा एनएसपीसीएल भिलाई के पावर ट्रांसफार्मर के ओवर लोडिंग के कारण पूरी नही मिलने के कारण तकनीकी समस्या उत्पन्न हुई थी। इसी कारण छत्तीसगढ के पास सरप्लस बिजली होने के बाद भी बिजली छत्तीसगढ पहुंच नहीं पा रही थी। और उद्योगों में पावर कट की स्थिति बनी थी।
पावर कंपनी डंगनिया मुख्यालय में राज्य के प्रमुख औद्योगिक संगठनों उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, छग मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन, छत्तीसगढ रि-रोलर्स एसोसिएशन के साथ सीएसपीडीसीएल के प्रबंध संचालक हर्ष गौतम एवं एसडी तैलंग सीएसपीडीसीएल, व अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण के साथ 28 अगस्त को हुई थी, जिसमे तकनीकी जानकारी तो दी गयी साथ ही समस्या को हल करने के लिये की जा रही कार्यवही की जानकारी भी दी गई। आश्वासन दिया गया कि विद्युत कटौती से प्रदेश के उद्योगो को राहत देने समाधान शीघ्र निकाला जायेगा।
विगत सप्ताह से पावर उद्योगो को बिजली सतत् मिल रही है जिससे उद्योगों में हर्ष है। उल्लेखनिय है कि पावर कंपनी के तकनीकी जानकर इंजीनियरो द्वारा की गई स्थानीय व्यवस्था से समाधान निकाला गया है, जबकि सेंट्रल सेक्टर की तकनीकी समस्या को सेंट्रल सेक्टर के उपक्रमों द्वारा हल करना एक बडी चुनौती बनी हुई है।
छत्तीसगढ के उद्योगों के साथ साथ कृषि पम्पों को एक साथ बढी हुई मांग में भी लगातार बिना पावर कट के विद्युत आपूर्ति करने में सफल हो रही पावर कंपनी को उद्योग संघ द्वारा माना जा रहा है कि तकनीकी दक्ष इंजीनियरो की मेहनत के फलस्वरुप ही संभव हो पाया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 3 सितंबर। राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक 1 जून 2021 से अब तक राज्य में 808.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून से आज 3 सितम्बर तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार सुकमा जिले में सर्वाधिक 1179.3 मिमी और बालोद जिले में सबसे कम 566.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।
राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सरगुजा में 731.4 मिमी, सूरजपुर में 1002.2 मिमी, बलरामपुर में 812.8 मिमी, जशपुर में 837.6 मिमी, कोरिया में 833 मिमी, रायपुर में 643.5 मिमी, बलौदाबाजार में 754 मिमी, गरियाबंद में 713.2 मिमी, महासमुंद में 619.2 मिमी, धमतरी में 691.4 मिमी, बिलासपुर में 806.9 मिमी, और बीजापुर में 930.6 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की गई।
मुंगेली में 763 मिमी, रायगढ़ में 692.5 मिमी, जांजगीर चांपा में 815.2 मिमी, कोरबा में 1157.6 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 967.6 दुर्ग में 710.5 मिमी, कबीरधाम में 648.8 मिमी, राजनांदगांव में 617 मिमी, बेमेतरा में 918.2 मिमी, बस्तर में 833.1 मिमी, कोण्डागांव में 826.8 मिमी, कांकेर में 724.3 मिमी, नारायणपुर में 953.4 मिमी, दंतेवाड़ा में 882 मिमी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 3 सितंबर। लंबित महंगाई भत्ता समेत 14 सूत्रीय मांगों को लेकर अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर अवकाश सा माहौल रहा। प्रदेश के अधिकारी कर्मचारी अवकाश पर रहे। आंदोलन में प्रदेश के सभी जिलों के सरकारी सेवकों ने अपने-अपने कार्यालय में अवकाश का आवेदन देकर वाहनों की चाबी अधिकारियों को सौंप दिए। इसी तरह मंत्रालय-संचालनालय के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी अवकाश आवेदन दे दिया।
शुक्रवार के इस आंदोलन से शासन स्कूल शिक्षा विभाग की परीक्षाओं की तिथियां बढ़ गई है। जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समग्र शिक्षा द्वारा बेस लाइन आंकलन समय सारिणी की तिथीयों में परिवर्तन कर दिया गया है। कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा, और प्रमुख प्रवक्ता विजय कुमार झा ने बताया कि ‘कलम रख-काम बंद आंदोलन‘ के तहत 28 प्रतिशत लंबित मंहगाई भत्ता, वेतन विसंगति सहित 14 सूत्रीय मांगों की तरफ सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए एक दिनी सामूहिक अवकाश आंदोलन में छग. लघु वेतन चतुर्थ वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष बिन्देश्वर राम रौतिया, वाहन चालक संघ अध्यक्ष मनीष ठाकुर के नेतृत्व में कार्यालयों की चाबी व वाहनों की चाबी कार्यालय में जमा कराये गए। इसके अतिरिक्त रविशंकर विश्वविद्यालय के 3 सौ कर्मचारी, और 90 शिक्षकों ने अवकाश आवेदन रजिस्ट्रार को सौपकर आंदोलन में शामिल होने की सूचना दी है।
इसी तरह नगर निगम रायपुर के सभी कर्मचारी-अधिकारियों ने आयुक्त नगर निगम को अवकाश आवेदन पत्र दिए हंै। इस आंदोलन में प्रदेश के समस्त जिला, तहसील, विकास खण्डों के शासकीय सेवक जो विगत 2 वर्षो से मंहगाई भत्ता से वंचित है। इस आंदोलन का समर्थन क्रांतिकारी कोरोना योद्वा संघ, छत्तीसगढ़ डाटा एट्री आपरेटर संघ, पर्यटन और संस्कृति विभाग, निगम मण्डल कर्मचारी महासंघ, छग.स्टेट सिविल सप्लाईज कारपोरेशन लि. कर्मचारी संघ, राज्य नगरीय प्रशासनिक सेवा संघ, प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ, सहायक शिक्षक फेडरेशन, शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ, छग. क्रांतिकारी, और एलबी संघ, शालेय प्रधान पाठक संघ, राज्य अभियोजन अधिकारी संध, पंजीयक एवं मुद्रांक अधिकारी कर्मचारी संघ, राज्य उपभोक्ता निकाय प्रतिपोषण आयोग कर्मचाारी संघ, मानवाधिकारी आयोग कर्मचारी संघ, प्रदेश ग्राम पंचायत सचिव संघ, नगरीय निकाय कर्मचारी महासंघ ने करते हुए आंदोलन में भाग लेने की सूचना दी है।
कार्यालयों में फेडरेशन के प्रमुख प्रवक्ता विजय कुमार झा, संभागीय संयोजक अजय तिवारी, महामंत्री उमेश मुदलियार, बीपीकुरील, सीएल दुबे, दिनेश मिश्रा, नरेश वाढ़ेर, नगर निगम में अजय वर्मा, संतोष पाण्डेय, महेन्द्र गढ़ेवाल, रमेश साहू के नेतृत्व में अवकाश आवेदन आयुक्त नगर निगम रायपुर को सौपा गया। लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग में सुरेन्द्र त्रिपाठी, आलोक जाधव, विक्रय-क्रय विभाग में गौतम हाजरा, अक्की कश्यप, पिताम्बर ठाकुर, अमरेन्द्र झा, सिविल सप्लाइज में डीएल चौधरी, के नेतृत्व में अवकाश आवेदन पत्र प्रस्तुत किए गए।
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में यशवंत वर्मा, एके डोए, दीपक झा के नेतृत्व में नारेबाजी कर आवेदन भरवाएं गए। तृतीय वर्ग कर्मचारी संध व उनके सहयोगी संगठनों के सदस्य ओसीएम चौक में एकत्र होकर इदरीश खॉन, उमेश मुदलियार के नेतृत्व में रैली के रूप बूढ़ातालाब धरना स्थल पहुंचे, और कर्मचारी नेताओं ने संबोधित किया।
हड़ताल को भाजपा का समर्थन
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रदेश में कर्मचारी संघ की हड़ताल का समर्थन किया है। श्री साय ने कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अपने 32-33 महीनों के शासनकाल में हर वर्ग को त्रस्त करने और अपने हक़ के लिए सडक़ पर उतरने के लिए विवश किया है। उन्होंने ने कहा कि न्याय योजना के नाम पर लफ्फाजी करती कांग्रेस सरकार कर्मचारियों की न्यायोचित मांगों पर संजीदा होकर संवेदनशील पहल कर उन्हें राहत प्रदान करे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 3 सितंबर। किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने ग्रामीण भूमिहीन परिवारों के लिए बनाई गई न्याय योजना में सीमांत किसानों को भी शामिल करने की मांग की है।
यहां जारी एक बयान में छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते तथा महासचिव ऋ षि गुप्ता ने कहा है कि भूमिहीन ग्रामीण परिवारों के लिए न्याय योजना में पात्रता की जो शर्तें रखी गई है, उसमें संपूर्ण कृषि भूमिहीनता के नाम पर सीमांत किसानों को इस योजना के दायरे से बाहर रखने से इस योजना के औचित्य पर ही प्रश्न चिन्ह लग जाता है। इससे 18 लाख ग्रामीण परिवारों को सरकार की मदद मिलने का दावा भी संदेह के घेरे में है।
उन्होंने कहा है कि प्रदेश में 30 लाख सीमांत किसान परिवार है। इनमें से 22 लाख किसान परिवारों के पास एक एकड़ से भी कम कृषि भूमि है और इनका गुजारा खेतों और मनरेगा में मजदूरी करके, वनोपज संग्रहण और अन्य शारीरिक श्रम के जरिये ही होता है। सरकारी सर्वे के अनुसार, यही वह तबका है, जो जिसे न्यूनतम समर्थन मूल्य का भी लाभ नहीं मिलता और पलायन का शिकार भी होता है।
लगभग भूमिहीनता से ग्रस्त यह तबका योजना के लिए पात्रता की सभी शर्तें पूरी करता है। किसान सभा नेताओं ने कहा है कि कृषि अर्थशास्त्र में भी इन अति-सीमांत किसान परिवारों को भूमिहीन किसानों की श्रेणी में ही रखा जाता है, इसलिए इस तबके को न्याय योजना के दायरे से बाहर रखने से पूरी योजना की उपादेयता और औचित्य पर ही प्रश्न चिन्ह लग जाता है।
किसान सभा नेताओं ने इस योजना के क्रियान्वयन के लिए मात्र 2 सौ करोड़ रुपये आबंटित करने को भी अपर्याप्त बताया है और कहा है कि इससे केवल 3.33 लाख ग्रामीण भूमिहीन परिवारों को ही मदद दी जा सकेगी, जबकि इस योजना के संपूर्ण क्रियान्वयन के लिए कम-से-कम 1 हजार करोड़ रुपयों की जरूरत है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 3 सितंबर। प्रशासनिक लापरवाही के चलते ग्रामवासियों के निस्तार के लिए कानूनन सुरक्षित रखे गए भूमियों पर इस कदर बेजा कब्जा हो गया है कि ग्रामीणों के निस्तार के लिये इंच भर भूमि बाकी नहीं रह गया है। बेजा कब्जा कर अपने ही पैर में कुल्हाड़ी मारने वाले ग्रामीण निस्तारी के विकराल समस्या को देखते हुए बेजा कब्जा हटाने लिखित सहमति दे पंचायत प्रस्ताव के साथ तकरीबन 3 वर्ष पूर्व तत्कालीन जिलाधीश को ज्ञापन भी सौंपा था पर बेजा कब्जा हटाना तो दूर ग्राम में झांकने एक अदना सा राजस्व अधिकारी भी नहीं पहुंचा। बीते कल गुरुवार को ग्रामीणों ने जिलाधीश सौरभ कुमार से मुलाकात कर ज्ञापन सौंप ध्यानाकर्षण कराते हुए ग्रामहित में बेजा कब्जा हटवाने की मांग की।
आरंग विकास खंड के उपतहसील मंदिरहसौद के अंतर्गत आता है निस्तारी समस्या से जूझ रहा ग्राम कुंडा जो ग्राम पंचायत टेकारी का आश्रित ग्राम है। 3 वर्ष पूर्व सन् 2018 की 28 मई को ग्राम प्रमुखों के एक प्रतिनिधि मंडल ने तत्कालीन सरपंच गणेशराम लहरे व ग्रामीण सभा अध्यक्ष हेमंत कश्यप के अगुवाई में किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा के साथ बेजा कब्जा हटाने संबंधी ग्रामीणों के हस्ताक्षरयुक्त सहमति व पंचायत प्रस्ताव युक्त ज्ञापन ले तत्कालीन जिलाधीश से मिला? था व रायपुर कलेक्टर जनदर्शन में भी यह ज्ञापन दिया था जिसका टोकन नंबर 110918000690 है ।
ज्ञापन सौंपने के बाद भी बेजा कब्जा हटाने कोई प्रशासनिक सुगबुगाहट न होने से आक्रोशित ग्रामीणों ने श्री शर्मा से संपर्क साधा था जिन्होंने राजनैतिक कारणों से बेजा कब्जा हटाने के मामलों में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कन्नी काटने की कोशिशों की जानकारी देते हुए सन् 2011 मे सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये एक फैसले के परिपालन में निस्तारी भूमियों से अवैध कब्जा हटवाने प्रशासनिक बाध्यता की बात कहते हुये उन्हें बतलाया कि इस फैसले के अनुसार तो प्रदेशों व केन्द्र शासित राज्यों के मुख्य सचिवों को समय-समय पर सुप्रीम कोर्ट को पालन प्रतिवेदन भी देना आदेशित है।
ग्रामीणों को उन्होंने इस संबंध में जिलाधीश से मुलाकात करने का सुझाव दिया था। बेजा कब्जा हटवाने प्रतिबद्ध ग्रामीणों के एक प्रतिनिधि मंडल ने ग्राम के निवासी प्रमुख कृषक व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नरेंद्र तिवारी तथा मयंक तिवारी के साथ जिलाधीश से मुलाकात कर ग्राम में मुहबाये खड़े निस्तारी समस्या की जानकारी देते हुये ज्ञापन सौंप बेजा कब्जा हटवाने प्रभावी कार्यवाही का आग्रह किया।
प्रतिनिधि मंडल में ग्रामीण सभा अध्यक्ष हेमंत कश्यप, ग्राम के निर्वाचित पंचगण श्रीमती खोरबाहरिन पटेल, श्रीमती मनीषा वर्मा, श्रीमती खिलेश्वरी बंदे के अतिरिक्त ग्राम प्रमुख बिसौहाराम वर्मा, सुकलाल वर्मा , तुलसीराम वर्मा, मनबोधन निषाद , राजेंद्र वर्मा, भूषण लाल बंदे , मनहरण वर्मा, बिसेसर पटेल , संतोष वर्मा, यशवंत कुमार वर्मा आदि शामिल थे। श्री तिवारी के अनुसार जिलाधीश ने बेजा कब्जा हटवाने का अधिकार पंचायत को होने की जानकारी देते हुये शीध्र ही अधीनस्थ राजस्व अमला को कुंडा भेजने का आश्वासन दिया है ।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 3 सितंबर। कृषि कानूनों के खिलाफ, और उपजों की खरीदी के लिए गारंटी कानून पारित करने की मांग को लेकर 28 तारीख को राजिम में किसान महापंचायत होगा। इसमें संयुक्त किसान मोर्चा के राकेश टिकैत, योगेन्द्र यादव सहित कई अन्य नेताओं के जुटने की उम्मीद है।
केंद्र सरकार द्वारा औद्योगिक घरानों के हित में तथा किसान, कृषि और आम उपभोक्ता विरोधी कानूनों को रद्द करने की मांग और न्यूनतम समर्थन मूल्य में सभी कृषि उपजों को खरीदी करने की गारंटी कानून पारित करने की मांग को लेकर जारी किसान आंदोलन का 26 सितंबर को दस महीने पूरा हो रहा है साथ ही किसान आंदोलन के समर्थन में किए गए भारत बंद का 25 सितंबर को एक साल पूरा हो जाएगा।
छत्तीसगढ़ में भी महापंचायत के आयोजन के लिए प्रदेश के विभिन्न किसान, मजदूर और नागरिक संगठनों की बैठक मां दंतेश्वरी हर्बल किसान समूह के रायपुर कार्यालय हर्बल इस्टेट के परिसर में हुईं। इसमें पूर्व विधायक जनक लाल ठाकुर, किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही ने संबोधित किया।
बैठक में खेती बचाओ आंदोलन के टिकेश्वर साहू, अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संगठन के विश्वजीत हारोड़े, आदिवासी भारत महासभा से सौरा, अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा) के राष्ट्रीय संयोजक डॉ.राजाराम त्रिपाठी, छत्तीसगढ़ खेतीहर मजदूर किसान मोर्चा से ठाकुर रामगुलाम सिंह, किसान विकास संघ से रघुनंदन साहू, छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संचालक मंडल सदस्यों पारसनाथ साहू, गजेंद्र कोसले, हेमंत टंडन, वेगेंद्र सोनबेर, डॉ. ईश्वर दान, संदीप के साथ साथ अठारह संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में करनाल हरियाणा में किसानों के ऊपर हुए लाठी चार्ज की घोर निन्दा की गई और शहीद किसानों को श्रद्धांजलि दी गई।
बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने गरियाबंद जिला के राजिम में होने वाली राज्य स्तरीय किसान महापंचायत को सफल बनाने का आह्वान किया है और जानकारी दी कि इसके लिए ग्रामीण स्तर से तैयारी शुरू कर दिया है। छत्तीसगढ़ के किसान नेताओं तेजराम विद्रोही, जागेश्वर जुगनू चंद्राकर, गोविंद चंद्राकर, पंकज चंद्राकर ने दिल्ली के सिंघू बॉर्डर में संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं राकेश टिकैत, डॉ. दर्शन पाल सिंह, योगेंद्र यादव, मेघा पाटकर, डॉ. सुनीलम को छत्तीसगढ़ आने के लिए आमंत्रित किया है, साथ ही कृषि विशेषज्ञ डॉ. देवेंदर शर्मा को फोन कर आमंत्रित किया है। इस सिलसिले में देश के शीर्ष किसान नेताओं से मुलाकात कर उनका छत्तीसगढ़ आगमन सुनिश्चित करने के लिए डॉ. राजाराम त्रिपाठी आज शाम ही दिल्ली कूच कर गए हैं।
18 पत्रकारों को 90 लाख की आर्थिक मदद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 3 सितंबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार मीडिया के साथियों के हर सुख-दुख में साथ खड़ी है। उनकी पेशेगत चुनौतियों और मुश्किलों को कम करने के लिए राज्य सरकार लगातार कदम उठा रही है। मीडिया कर्मियों की मुश्किलें जितनी आसान होंगी छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता की राह भी उतनी ही आसान होगी।
राज्य सरकार छत्तीसगढ़ की गौरवशाली पत्रकारिता और उसके उच्च आदर्शों को संरक्षण देते रहने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री श्री बघेल कोविड-19 से दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पत्रकार कल्याण कोष से स्वीकृत सहायता राशि के चेक वितरित कर रहे थे।
पत्रकार कल्याण कोष से आज 53 मीडिया कर्मियों के विभिन्न प्रकरणों में स्वीकृत कुल एक करोड़ 15 लाख रूपए की आर्थिक सहायता की राशि जारी कर दी गई। इन मीडिया कर्मियों में 18 मीडिया कर्मियों को, जिनकी मृत्यु कोविड-19 से हुई है, उनके परिजनों को पांच-पांच लाख रूपए के मान से कुल 90 लाख रूपए की आर्थिक सहायता मंजूर की गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कोविड-19 से दिवंगत 18 मीडिया कर्मियों में से 11 मीडिया कर्मियों के परिजनों को आर्थिक सहायता के चेक वितरित किए। अन्य मीडिया कर्मियों के परिजनों तक स्वीकृत सहायता राशि के चेक पहुंचाए जा रहे हैं। कार्यक्रम में दिवंगत मीडिया कर्मियों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के पत्रकार आर्थिक चिंताओं से मुक्त होकर निष्पक्ष पत्रकारिता के अपने दायित्वों को अच्छी तरह पूरा कर सकें, इसीलिए पत्रकार कल्याण कोष की स्थापना की गई है। पत्रकार कल्याण कोष से पत्रकारों और उनके परिजनों को बीमारियों के उपचार के लिए पूर्व में 50 हजार रूपए तक सहायता दी जाती थी, राज्य सरकार ने इन नियमों में संशोधत करते हुए इस राशि को बढ़ाकर 2 लाख रूपए तक कर दिया है। आकस्मिक मृत्यु के प्रकरण में पत्रकार कल्याण कोष से 5 लाख रूपए की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि मीडिया के साथियों ने हर बार की तरह कोरोना संकट के समय में भी अपने दायित्वों को पूरी जिम्मेदारी के साथ पूरा किया। छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता के इतिहास में कोरोना-काल की पत्रकारिता आने वाली पीढ़ी के लिए हमेशा उदाहरण प्रस्तुत करेगी। संक्रमण के खतरों के बावजूद मीडिया के साथियों ने फील्ड में लगातर सक्रिय रहकर काम किया। बहुत से मीडिया-कर्मी संक्रमित भी हुए। उनके परिजन भी संक्रमित हुए। इन मीडिया कर्मियों और उनके परिजनों के उपचार की बेहतर से बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए शासन ने हर जरूरी इंतजाम किए। इलाज के बावजूद इनमें से अनेक साथियों को बचाया नहीं जा सका। कोरोना काल में हमने जिन साथियों को खो दिया। मुख्यमंत्री ने दिवंगत मीडिया कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, उनके परिजनों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की।
श्री बघेल ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हम सभी ने बहुत सी चुनौतियों का सामना किया। संक्रमित लोगों की पहचान करने से लेकर उनके उपचार की व्यवस्था करने का काम शासन के लिए जितना चुनौतीपूर्ण था, मीडिया के लिए उतना ही चुनौतीपूर्ण लोगों तक सही सूचनाएं पहुंचना, अफवाहों को लेकर आगाह करना और सकारात्मक वातावरण को बनाए रखना भी था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के वरिष्ठ मीडिया कर्मियों के लिए वरिष्ठ मीडिया कर्मी सम्मान निधि योजना संचालित की जा रही है। इस योजना में पूर्व में सम्मान निधि के रूप में 5 हजार रुपए प्रति माह दिए जाने का प्रावधान था, नई सरकार ने इसे बढ़ाकर 10 हजार रुपए प्रति माह कर दिया है। योजना में संशोधन करते हुए अर्हता की आयु 62 वर्ष से घटाकर अब 60 वर्ष कर दी गई है। इस योजना के लिए पात्र मीडियाकर्मी आजीवन लाभ उठा सकेंगे। पत्रकारों को अधिमान्यता प्रदान करने के नियमों में भी संशोधन करते हुए अब विकासखंड स्तरीय अधिमान्यता का भी प्रावधान किया गया है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन स्तर पर काम करने वाले साथियों को भी सुविधाओं का लाभ मिलने लगा है।
श्री बघेल ने कहा कि अपने वादे के अनुरूप राज्य सरकार पत्रकार सुरक्षा कानून के निर्माण की दिशा में भी लगातार आगे बढ़ रही है। शीघ्र ही यह कानून तैयार होकर विधानसभा में प्रस्तुत हो जाएगा। उन्होंने कोरोना-काल में छत्तीसगढ़ के पत्रकारों द्वारा की गई उत्कृष्ट सेवाओं के लिए उनकी सराहना की।
जनसम्पर्क आयुक्त डॉ. एस. भारतीदासन ने कहा कि आज इस कार्यक्रम में जिन मीडिया कर्मियों अथवा उनके परिजनों को सहायता राशि दी जा रही है, उनमें से ज्यादातर कोरोना काल में संकटग्रस्त हुए हैं। जनसम्पर्क विभाग द्वारा पत्रकार कल्याण कोष के अंतर्गत बीमारी अथवा संकटग्रस्त मीडिया कर्मियों तथा उनके परिजनों को आर्थिक सहायता राशि देने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के कल्याण तथा पत्रकारिता के संरक्षण के लिए राज्य शासन द्वारा जनसम्पर्क विभाग को जो दायित्व सौंपे गए हैं, उन सभी दायित्वों का निर्वहन तत्परतापूर्वक किया जा रहा है।
इस अवसर पर प्रेस क्लब रायपुर के अध्यक्ष दामू आम्बेडारे, कोषाध्यक्ष सुश्री शगुफ्ता शिरिन और कार्यकारिणी सदस्य मनोज नायक और दुर्ग प्रेस क्लब की अध्यक्ष सुश्री भावना पाण्डेय भी उपस्थित थीं। कार्यक्रम का संचालन जनसम्पर्क विभाग के संयुक्त संचालक संजीव तिवारी ने किया। आभार प्रदर्शन अपर संचालक जनसम्पर्क उमेश मिश्रा ने किया। कार्यक्रम में अपर संचालक जनसम्पर्क जेएल दरियो उपस्थित भी थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 सितंबर। देश को टीबी (क्षय रोग) से मुक्त करने के लिए केन्द्र सरकार अभियान चला रही है। अगले चार साल में देश को टीबी से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इस सिलसिले में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने वर्चुअल बैठक की, जिसमें छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी शामिल हुए।
इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने वर्ष 2025 तक भारत को क्षयरोग (टीबी) मुक्त करने के लक्ष्य पर राज्यों के स्वस्थ्यमंत्रियों से चर्चा की। बैठक के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रेजेंटेशन भी दिखाई गई जिसमें कुपोषण, भीड़ वाली जगह, कमजोर रोगप्रतिरोधक क्षमता को टीबी के प्रसार की मुख्य वजह मानकर इनपर चर्चा की गई।
इसके साथ ही वर्तमान में टीबी की गिरती दर 3 फीसदी और वर्ष 2025 तक लक्ष्य प्राप्ति के लिए निर्धारित 15 फीसदी की दर पर भी विचार-विमर्श हुआ। वहीं जनवरी 2021 से जुलाई 2021 तक टीबी पर नियंत्रण पाने के लक्ष्य प्राप्ति में देश 67 फीसदी और छत्तीसगढ़ 50 फीसदी पर रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिखाई गई प्रेजेंटेशन के अनुसार टीबी के उपचार के लिए 90फीसदी की लक्ष्य सीमा निर्धारित की गई थी, जिसमें देश ने औसत 81 फीसदी प्राप्त की है और छत्तीसगढ़ 83 फीसदी पर रहा है। पोषण योजना के क्रियान्वयन में देश का औसत 57 फीसदी और छत्तीसगढ़ 49 फीसदी पर रहा है।
टीएस सिंहदेव ने इस बैठक को संबोधित करते हुए सबसे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को नव दायित्व के लिए शुभकामनाएं व्यक्त की। इसके उपरांत उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में टीबी रोकथाम की स्थिति निर्धारित लक्ष्य के अपेक्षाकृत अच्छी नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने बताया कि कोरोना संक्रमण की वजह से हमारी गतिविधियां प्रभावित हुई है लेकिन इसे बहाना नहीं बनाया जा सकता, हमें काम करना है और काम करने के विषय में हम लोगों ने एक एक्शन प्लान तैयार किया है। जिसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का मार्गदर्शन मिल रहा है।
वर्तमान समय में छत्तीसगढ़ में पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर मिलाकर 18,233 एक्टिव केस हैं, प्राइवेट सेक्टर में 3,919 केस हैं और इन्हें अपडेट करने की आवश्यकता पड़ सकती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे पास जो उपलब्ध ट्रूनेट मशीन है बड़े पैमाने पर हमने कोरोनावायरस में टेस्टिंग लगाई हैं। 160 के ऊपर जो हमारे पास ट्रू नोट मशीन है, अब कम से कम हर जिले में औसतन दो मशीनें टीबी की जांच के लिए उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है, यह प्लान एक्शन एक्टिव केसेस ढूंढने के लिए बनाया है।
1 सितंबर से लेकर 15 अक्टूबर तक का इसमें कम्युनिकेशन जिला स्तर पर माइक्रो प्लान बनाने के लिए फॉर्मेशन ऑफ ट्रेनिंग एंड फील्ड लेवल मीडिया सेंट्रलाइजेशन, इंगेजमेंट ऑफ पीआरए, मेंबर इंगेजमेंट ऑफ टी बी चैंपियंस, डोर-टू-डोर सैंपल टेस्टिंग इत्यादि के सुझाव दिये गये हैं। इसके साथ ही श्री सिंहदेव ने महीने में दो बार राज्य के साथियों के साथ विभाग के साथ समीक्षा करने की जवाबदारी को स्वीकार करते हुए कहा कि हमने प्लान किया है कि छत्तीसगढ़ में दो टीबी सर्वाइवर को आईडेंटिफाई करके और उनको एंबेसडर या प्रेरक के रूप में जन-जागरूकता के लिए सुनिश्चित किया जायेगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि नई गाइडलाइंस के हिसाब से मैनेजमेंट का ड्रग रेजिस्टेंट और टी बी प्रिवेंशन थेरेपी का 1 बैच 26 और 27 अगस्त को पूरा किया जा चुका है। प्रोग्राम मॉनिटरिंग के संदर्भ में विभाग समय समय पर समीक्षा कर रहा है। एमडी-एनएचएम के माध्यम से 20 अगस्त को रिव्यू ईसीएस 20-21 फरवरी को किया गया, मेडिकल कॉलेज का फरवरी 2021 और अगस्त 2021 को समीक्षा की गई।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में हम सभी को और अधिक काम करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया को आश्वस्त किया कि इस जवाबदारी को हम पूरी गंभीरता से लेंगे और टी बी मुक्त भारत कार्यक्रम में आपके सहभागी के रूप में काम करेंगे। इस बैठक में अन्य राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री व अधिकारीगण उपस्थित रहे एवं सभी ने अपनी ओर से टीबी मुक्त भारत के लिए सुझाव दिए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 सितंबर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के विशेषज्ञों ने कार्डियोवस्कुलर रोगियों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि इन रोगियों के इलाज में ईसीजी काफी मददगार हो सकता है। अकेले एम्स की इमरजेंसी और ट्रामा विभाग में लगभग 25 सौ रोगी प्रतिवर्ष इन रोगों से पीडि़त होने के बाद भर्ती होते हैं। इनमें सबसे अधिक रोगी हाइपरटेंशन के और उसके बाद हार्टअटैक के रोगी शामिल होते हैं। ऐसे में ईसीजी का समय पर प्रयोग जीवनरक्षक हो सकता है। ये सभी विशेषज्ञ एम्स के ट्रेनिंग कार्यक्रम एडल्ट एंड पीडियाट्रिक ईसीजी में भाग ले रहे थे।
मुख्य अतिथि एम्स के निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने कहा कि एम्स में रोगियों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। यदि इन हृदय रोगों को प्रारंभिक चरण में पहचान कर इलाज शुरू कर दिया जाए तो रोगियों को बेहतर परिणाम दिए जा सकते हैं। इसमें ईसीजी की मदद से इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी का परीक्षण सुगमता के साथ किया जा सकता है। अत: चिकित्सकों और तकनीकी कर्मचारियों को ईसीजी का सतत् प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है।
डॉ. चंदन डे ने बताया कि वर्ष 2020 में एम्स में 2149 रोगी हाइपटेंशन के, 305 रोगी सीवीए और सात रोगी पूर्णत: हृदय ब्लाकेज वाले एडमिट किए गए। वहीं इस वर्ष 14 जून तक एम्स में 1043 रोगी हाइपरटेंशन के और 29 केस सीवीए के आ चुके हैं। रोगियों की यह संख्या चिंता का विषय बनी हुई है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की ट्रेनिंग की मदद से चिकित्सकों और तकनीकी कर्मचारियों को हृदय रोगों को प्रथम चरण में ही पहचानने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। इससे हृदयरोगियों को शीघ्र चिकित्सा मिल सकेगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ. अविनाश इंग्ले, डॉ. शिवम पटेल, डॉ. प्रशांत बडोले, डॉ. सत्यजीत सिंह, डॉ. वरूण आनंद और डॉ. संतोष कुमार राठिया ने विशेषज्ञ व्याख्यान दिए। इस अवसर पर हृदय रोगों पर क्विज का आयोजन भी किया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 1 सितंबर। राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया ने बुधवार को शाम 7 बजे नई दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ सदन पहुंचकर छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू से मुलाकात की और उनका कुशलक्षेम जाना। देर रात संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने भी नई दिल्ली में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू से सौजन्य मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली।
गौरतलब है कि गृह मंत्री श्री साहू को एक पखवाड़ा पहले 19 अगस्त को नई दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां 20 अगस्त को उनका स्वास्थगत ऑपरेशन हुआ। मंत्री श्री साहू को 31 अगस्त को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। अस्पताल से डिस्चार्च होने के उपरांत वे छत्तीसगढ़ भवन में आराम कर रहे हैं।
श्री साहू लगभग एक सप्ताह दिल्ली में आराम करने के बाद रायपुर लौट आएंगे। चिकित्सकों ने मंत्री श्री साहू को चार-पांच सप्ताह तक आराम करने की सलाह दी है। मंत्री श्री साहू वर्तमान में पूरी तरह से स्वस्थ है।
रायपुर, 2 सितंबर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी ने बयान जारी कर कहा कि बस्तर में भाजपा के चिंतन शिविर में जारी किए गए वीडियो जिसमें की पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह भाजपा के विधायक बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर सहित भाजपा के नेता मांदर की थाप पर ए पान वाला बाबू के धुन में आदिवासी नृत्य करने का स्वांग कर रहे हैं जो घोर आश्चर्य जनक है और जिसका श्रेय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जाता है। भूपेश राज में धुर नक्सल इलाके में भाजपा नेता मांदर की थाप पर उन्मुक्त होकर नाच रहे है।
तिवारी ने कहा कि रमन राज के पंद्रह सालों में नक्सलियों की तूती जिस बस्तर में बोलती थी वहां आज भयमुक्त होकर डॉ. रमन सहित पूरी भाजपा नृत्य कर रही है लगातार पंद्रह सालों के शासन में रहने के बाद भाजपा के नेता पहली बार बस्तर संस्कृति को अपनाने का प्रयास कर रहे हैं जिस प्रकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने अल्प शासनकाल में छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ की संस्कृति को पूरे विश्व में उकेरा है छत्तीसगढ़ संस्कृति का डंका पूरे विश्व में बज रहा है जिसे देखा अब अभिनेत्री करीना कपूर के साथ सेल्फी खिंचवाने वाले भाजपा के आला नेता अब मांदर की थाप पर आदिवासी नृत्य करने का ढोंग कर रहे हैं।
भाजपा के नेता तीन दिवसीय चिंतन शिविर में इस बात का मंथन कर रहे हैं कि किस प्रकार भाजपा के चौदह विधायकों को अगले चुनाव में कैसे बचाया जा सके उस पर गहन चिंतन करते हुए भाजपा नेता आदिवासी नृत्य करने का स्वांग रच रहे हैं।
रायपुर, 2 सितंबर। नगर निगम रायपुर के नगर निवेश विभाग मुख्यालय उडऩदस्ता की टीम ने नगर निगम जोन 6 के नगर निवेश विभाग की टीम के साथ मिलकर नगर निगम आयुक्त प्रभात मलिक के आदेशानुसार जोन कमिश्नर विनोद पाण्डेय के नेतृत्व एवं जोन कार्यपालन अभियंता रधुमणि प्रधान, सहायक अभियंता ओपी वर्मा, उपअभियंता संस्कार शर्मा, मेघा साहू की उपस्थिति में जोन 6 के तहत आने वाले शहीद पंकज विक्रम वार्ड नम्बर 58 के क्षेत्र टिकरापारा मुख्य मार्ग में फत्तेशाह मार्केट से सिद्धार्थ चौक होकर पुजारी पार्क टिकरापारा मुख्य मार्ग तक अभियान चलाकर सडक़ पर कब्जा कर व्यवसायरत लगभग 30 दुकानों के सडक़ पर से कब्जे हटाने की कार्यवाही कड़ाई के साथ व्यवस्था सुधार की दृष्टि से की, वहीं स्थल पर सडक़ को घेरकर बनाए गए लगभग 6 शेड हटाकर सडक़ को कब्जामुक्त करवाया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 सितंबर। कलेक्टर सौरभ कुमार ने राजस्व अधिकारियों की मासिक समीक्षा बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा तथा अन्य मामलों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। बैठक में उन्होंने जिले में किए जा रहे गिरदावरी का कार्य की समीक्षा की और आवश्यक प्रगति नही होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इस कार्य को 20 सितंबर तक पूर्ण करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने कहा कि राजस्व प्रकरणों को शीघ्रता से निराकरण किया जाए। राजस्व अधिकारी यह ध्यान रखें कि प्रकरणों के निराकरण में दबाव या किसी तरह के प्रलोभनों से प्रभावित न हों। नियमों के तहत ही प्रकरणों को निराकृत करें। प्रकरणों को ऑनलाइन एंट्री भी करें। कलेक्टोरेट के रेडक्रॉस सभाकक्ष में आयोजित इस बैठक में जिले एवं अनुविभागों के सभी राजस्व अधिकारी उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 सितंबर। जिला प्रशासन एंव समाज कल्याण विभाग ने शहर को भिक्षुक मुक्त करने अभिनव पहल की शुरुआत की है। आज छत्तीसगढ़ राज्य का पहला भिक्षुक पुनर्वास केन्द्र का संचालन मोवा स्थित आश्रय स्थल में प्रारंभ किया गया ।
वर्तमान समय में रायपुर शहर के चौक -चौराहों मे छत्तीसगढ़ राज्य के एवं बाहर के व्याक्तियों द्वारा भी भिक्षावृत्ति में कई बार संलिप्ता देखी गई है। कई बार यह बात भी परिलक्षित होती है कि भिक्षावृत्ति एक व्यवसाय के रूप में चल रहा है। जिसके चलते इनके अपराध में लिप्त होने से इनकार नहीं किया जाता है।
भिक्षावृत्ति की आड में बहुत सारे असामजिक तत्वों के द्वारा अपराधिक कार्य को अंजाम दिए जाते है जिससे निजात पाना पुलिस एंव प्रशासन के लिए एक चुनौती होती है। इस कारण शासन -प्रशासन के समक्ष भिक्षावृत्ति मे लिप्त व्यक्तियों के बेहतर पुनर्वास की आवश्यकता हमेशा बनी रहती हैं।
इन्ही सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए शहर में भिक्षावृत्ति मे लिप्त व्यक्तियों के बेहतर पुनर्वास एंव उन्हे समाज एवं विकास की मुख्यधारा में जोडने के उद्देश्य से जिला प्रशासन, समाज कल्याण विभाग एवं संगी मितान सेवा संस्था के द्वारा इस अभिनव पहल की शुरूवात की गई है।
समाज कल्याण विभाग रायपुर के संयुक्त संचालक भूपेंद्र पांडे ने बताया कि प्रशासन का उद्देश्य शहर को भिक्षावृत्ति जैसे बराईयों से मुक्त करने के साथ ही वृद्ध, असशक्त, विधवा एवं परित्यक्त लोगों को आश्रय स्थल भी प्रदान करना है।
राज्य का प्रथम भिक्षुक पुनर्वास केन्द्र के संचालन करने से पूर्व शहर में भिक्षावृत्ति मे लिप्त व्यक्तियों के चिन्हांकन का कार्य समाज कल्याण विभाग से कराया जा कर एक विस्तृत कार्य योजना तैयार किया गया। कार्य योजना पर जिला प्रशासन अनुमोदन के उपरांत पुलिस विभाग के सहयोग से पूरी योजना को अमली जामा पहनाया गया।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में इस योजना को जमीनी स्तर पर सफल बनाने हेतु जिला प्रशासन समाज कल्याण विभाग, पुलिस विभाग, नगर निगम रायपुर, संगी मितान सेवा संस्थान एंव गैर सरकारी संगठन आपस में मिलकर कार्य में जुटे है। उन्होंने बताया कि भिक्षुक पुनर्वास केन्द्र मोवा रायपुर की शुरूवात उपरोक्त सभी पक्षो को आत्मसात करते हुए की गई है।
शुरूवात के प्रथम दिवस मे पुलिस प्रशासन के सहयोग से 21 भिक्षावृत्ति में लिप्त व्याक्तियों जिसमे 12 पुरूष एंव 9 महिलाऐ है को भिक्षुक पुनर्वास केन्द्र मोवा मे दाखिल कराया गया। अब इसके पश्चात भिक्षुक पुनर्वास केन्द्र में दाखिल व्यक्तियों को जिला स्तर पर गठित रैफरल यूनिट के समक्ष पेश किया जावेगा जिसके द्वारा उनके बेहतर पुनर्वास हेतु विभिन्न विभागों के सहयोग से निर्णय लिया जावेगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 सितंबर। राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक 1 जून 2021 से अब तक राज्य में 800.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून से आज 2 सितम्बर तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार सुकमा जिले में सर्वाधिक 1167.1 मिमी और बालोद जिले में सबसे कम 560.2 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर 2 सितंबर। 8 महीने से ड्यूटी से गायब महिला आरक्षक वृंदावन के एक आश्रम में मिली है। रायपुर पुलिस ने उसे काफी मशक्कत के बाद ढूंढ निकाला लेकिन उसने लौटने से इंकार कर दिया।
राजेंद्र नगर रायपुर के महावीर नगर इलाके में रहने वाली महिला सिपाही अंजना सहिस पीएचक्यू में पदस्थ थीं। वह करीब 8 माह पहले ड्यूटी से नदारद हो गई। इस बीच रायपुर पुलिस की ओर से उसे ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए कई बार पत्र भेजा और संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। बीते 19 अगस्त को रायगढ़ में रहने वाली उनकी मां ने वहां के थाने में अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। रायगढ़ पुलिस ने जीरो में अपराध दर्ज करके उसे राजेंद्र नगर रायपुर थाने में भेज दिया। राजेंद्र नगर पुलिस ने 21 अगस्त को अंजना की तलाश के लिए टीम बनाई। अंजना के मोबाइल फोन और सिम कार्ड को सर्विलांस में लिया गया। उसका सिम कार्ड बंद मिला लेकिन मोबाइल फोन का लोकेशन कटनी में मिला। कटनी में यह हैंडसेट एक पुजारी के बेटे के पास से था, जिसने बताया कि इस फोन को उसने वृंदावन में एक महिला पुलिस से खरीदा है जिसने उसे अपना पहचान पत्र भी दिखाया था। इसके अलावा अंजना के एक बैंक खाते का भी पता चला जिसमें वृंदावन से ही लेन-देन किया जा रहा था।
राजेंद्रनगर पुलिस तलाश करते हुए वृंदावन पहुंची और आखिरकार गायब महिला आरक्षक एक शेड में पूजा सामग्री व फूल बेचती हुई मिल गई। रायपुर पुलिस ने उसे वापस चलने कहा तो वह पुलिस कर्मियों से उलझ गई। उसने कहा कि वह वयस्क है और किसी अपराध में उसकी तलाश नहीं है। वह अपनी मर्जी से यहां रह रही है अतः वे वापस जाएं। काफी अनुरोध के बाद आरक्षक ने स्थानीय थाने में जाकर अपना बयान दर्ज कराया। पुलिस ने आरक्षक की मां से भी बात कराई लेकिन उसने लौटने से इंकार कर दिया। पुलिस उसका बयान लेकर वापस लौट गई है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 1 सितंबर। मध्य भारत में उत्तम गुणवत्ता के साथ की पार्टी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रसिद्ध एनएच एमएमआई सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल द्वारा कल रायपुर विवेकानंद एयरपोर्ट में एयरपोर्ट अथॉरिटी के सहयोग से एयरपोर्ट में निशुल्क मेडिकल इंस्पेक्शन रूम की शुरुआत की गई 7 हॉस्पिटल के फैसिलिटी डायरेक्टर श्री नवीन शर्मा ने बताया कि इस इंस्पेक्शन रूम में सभी प्रकार की स्वास्थ्य इमरजेंसी की सुविधा जैसे अनुभवी डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, 24 घंटे डेडीकेटेड एंबुलेंस एवं श्री मेडिकल की सभी सुविधा उपलब्ध रहेगी एयरपोर्ट में या विमान से आते समय अगर कोई मेडिकल इमरजेंसी होती है तो तत्काल मरीज को इंस्पेक्शन रूम में ले जाकर प्राथमिक उपचार दिया जाएगा और जरूरत पडऩे पर हॉस्पिटल में एडमिट किया जाएगा 7 एयरपोर्ट में मेडिकल इंस्पेक्शन रूम के उद्घाटन के समय हॉस्पिटल के फैसिलिटी डायरेक्टर श्री नवीन शर्मा, एमएमआई ट्रस्ट के चेयरमैन श्री सुरेश गोयल, एवं श्री रामअवतार अग्रवाल जी, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया रायपुर के डायरेक्टर श्री राकेश रंजन सहाय जी , एनएच एमएमआई हॉस्पिटल से डॉ ईश्वर चंद, प्रखर केसरिया, धर्मा राव, केवीएसएम प्रसाद, संतोष हरि प्रसाद, एजीएम श्री रवि भगत एवं अमित आनंद मौजूद थे ।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 1 सितंबर। प्रदेश की छठवीं, सातवीं, और ग्यारहवीं की कक्षाएं कल से शुरू होंगी। विद्यार्थियों को कक्षाओं में एक दिन के अंतर में बुलाया जाएगा।
स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत सभी निजी एवं शासकीय विद्यालयों में छठवीं, सातवीं, एवं ग्यारहवी की कक्षाएं शुरू करने के संबंध में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए संबंधित ग्राम पंचायत तथा स्कूल की पालक समिति की अनुशंसा प्राप्त की जाए। शहरी क्षेत्रों के लिए संबंधित वार्ड पार्षद, और स्कूल की पालक समिति की अनुशंसा प्राप्त की जाए। उनकी अनुशंसा प्राप्त होने पर यह कक्षाएं 2 सितंबर से शुरू की जाए।
यह कक्षाएं उन्हीं जिलों में प्रारंभ की जाए जिनमें कोरोना की पॉजिटिविटी दर 7 दिनों तक एक प्रतिशत से कम हो। विद्यार्थियों को कक्षाओं में एक दिवस के अंतर पर बुलाया गया। अर्थात प्रतिदिन केवल आधी संख्या में ही विद्यार्थी बुलाए जाए। किसी भी कक्षाओं को यदि सर्दी, खांसी, बुखार आदि हो तो उसे कक्षा में नहीं बैठाया जाए।
ऑनलाइन कक्षाएं यथावत संचालित की जाती रहेगी। किसी भी विद्यार्थी के लिए उपस्थिति अनिवार्य नहीं होगी। केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी कोरोना संक्रमण से बचाव के निर्देशों का पूर्णत: पालन सुनिश्चित किया जाएगा। सभी शिक्षण संस्थाओं के कमरों की साफ-सफाई ठीक प्रकार से की जाए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 1 सितंबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित संक्षिप्त कार्यक्रम में राज्य की जनसंख्या में अन्य पिछड़ा वर्ग तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की गणना के लिए छत्तीसगढ़ क्वांटीफायबल डाटा आयोग के मोबाइल एप और वेब पोर्टल लांच किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस एप में अपने से संबंधित जानकारी दर्ज कर एप के माध्यम से गणना के लिए सर्वे कार्य का प्रदेशव्यापी शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर कहा कि समाज के हर वंचित तबके तक न्याय पहुंचाना और सभी वर्गों के लिए हर तरह के अवसरों की समानता निर्मित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस दिशा में राज्य सरकार ने किसानों, वनवासियों, मजदूरों और भूमिहीनों के कल्याण के लिए अनेक कदम उठाएं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा 4 सितंबर 2019 को एक अध्यादेश जारी करके अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया गया था। साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए भी 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन के इस निर्णय को कुछ लोगों ने अदालत में चुनौती दी, जिसके बाद माननीय उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के इस निर्णय के क्रियान्वयन पर स्थगन देते हुए राज्य शासन को क्वाइंटिफिएबल डेटा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। श्री बघेल ने कहा कि उच्च न्यायलय के आदेश के परिपालन के लिए, और आरक्षण के प्रावधानों को विधिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए क्वाइंटिफिएबल डाटा आयोग का गठन किया गया है।
आयोग अपने काम को सुव्यवस्थित और सटीक तरीके से पूरा कर सके इसके लिए पोर्टल और मोबाइल एप का निर्माण किया गया है। जिसका आज लोकार्पण किया गया। यह मोबाइल एप आयोग के साथ-साथ आवेदकों के लिए भी काफी सुविधाजनक होगा, और एक पारदर्शी व्यवस्था के साथ पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों की गणना हो सकेगी।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के अन्य पिछड़ा वर्ग तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों से इस सर्वे में डेटा संकलन के काम में अधिक से अधिक सहयोग प्रदान करने की अपील की। गणना हेतु चिप्स द्वारा तैयार ‘सीजीक्यूडीसी‘ मोबाईल एप चिप्स प्ले स्टोर में उपलब्ध है, जिसे डाउनलोड करके निर्धारित प्रपत्र में चाही गई जानकारी अपलोड की जा सकती है। इसके अलावा च्वाईस सेंटर में वेब पोर्टल के जरिए भी गणना के लिए जानकारी दर्ज की जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में सर्वे के लिए 5549 सुपरवाईजर नियुक्त किए गए हैं। जिनमें से शहरी क्षेत्रों में 1103 तथा ग्राम पंचायत क्षेत्रों में 4446 सुपरवाईजरों की नियुक्ति की गई है। मोबाइल एप को इंस्टाल करने के बाद एप में आवेदक को पंजीयन करना होगा। पंजीयन के लिए एप में लॉगिन के चार विकल्प दिए गए हैं। आधार कार्ड, राशन कार्ड नंबर, राशन कार्ड के मुखिया के मोबाइल नम्बर अथवा आवेदक के स्वयं के मोबाईल नंबर के आधार पर एप में लॉगिन किया जा सकता है।
लॉगिन के बाद एप में एक प्रपत्र में आवेदक से संबंधित जानकारी जानकारी भरकर अपलोड करना होगा। अपलोड की गई जानकारी संबंधित आवेदक के ग्राम पंचायत, नगर पंचायत अथवा नगरीय निकाय के वार्ड के लिए नियुक्त सुपरवाईजर के पास स्वयं ही फारवर्ड हो जाएगी। आवेदक के क्षेत्र में अधिकृत सुपरवाईजर को जैसे ही आवेदक की जानकारी मिलेगी, वह उसका सत्यापन करेगा। इसके बाद डाटा सर्वर में सुरक्षित हो जाएगा। यही डाटा राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की गणना में सहायक होगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, कलेक्टर रायपुर सौरभ कुमार, चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी समीर विश्नोई, छत्तीसगढ़ क्वांटिफिएबल डॉटा आयोग के सचिव बीसी साहू बैठक में उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 1 सितंबर। जैसी शिक्षा वैसी परीक्षा को लेकर रायपुर एनएसयूआई के द्वारा संयुक्त रुप से पिछले 1 महीने से लगातार विश्वविद्यालय में ऑनलाइन परीक्षा कराए जाने की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन एवं ज्ञापन दिया जा रहा है आज उसी कड़ी में हजारों की संख्या में छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय परिसर का घेराव किया।
जिला महासचिव संकल्प मिश्रा ने बताया की एनएसयूआई द्वारा पिछले 1 महीने से लगातार विभिन्न तरीको से विश्वविद्यालय परिसर में कुलपति को ज्ञापन, दंडवत प्रणाम कर भी प्रदर्शन कर अपनी मांग को मुखर किया गया एनएसयूआई की यह मांग है कि कक्षाएं ऑनलाइन ली गई है तो परीक्षा भी ऑनलाइन कराया जाए इसको लेकर विश्वविद्यालय एवं विश्वविद्यालय से प्रमाणित महाविद्यालय के लगभग 6 हजार छात्रों ने मिलकर विश्वविद्यालय के मेन गेट का घेराव किया।
इस गिरोह के दौरान पंडित रविशंकर की मूर्ति के नीचे प्रदर्शन कर रहे पदाधिकारियों एवं छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय के कुलपति से मिलने की मांग रखी गई उसके बाद कुलपति प्रोफेसर वर्मा द्वारा 25 पदाधिकारियों का डेलिगेशन को अपने कक्ष में बुलाया और उनसे उनकी मांगों को लेकर विस्तृत चर्चा की, और उसके बाद उनको आश्वासन दिलाया कि विश्वविद्यालय द्वारा एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई जाएगी। जिसमें परीक्षा को ऑनलाइन कराए जाने को लेकर कमेटी अपना जांच करेगी।
शाम एनएसयूआई के पदाधिकारियों द्वारा उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल से मुलाकात कर उनको छात्रों की परिस्थिति से अवगत कराया और उनसे भी यह मांग की गई जैसी शिक्षा दी गई है वैसे ही परीक्षा ली जाए और मंत्री उमेश पटेल ने एनएसयूआई के पदाधिकारियों को आश्वासन दिलाया की जल्दी से छात्र हित में निर्णय लिया जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 1 सितंबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से यहां उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के पदाधिकारियों ने मुलाकात की।
कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा, उपाध्यक्ष महेन्द्र चन्द्राकर एवं सदस्यगणों ने चालू खरीफ सीजन में अनियमित एवं खण्ड वर्षा की वजह से फसलों के खराब होने की आशंका देखते हुए प्रभावित कृषकों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रूपए की सहायता दिए जाने की घोषणा का स्वागत करते हुए इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताया। परिषद के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने राज्य में किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों की सराहना की और कहा कि इससे गांवों में खुशहाली का एक नया दौर शुरू हुआ है।
श्री बघेल ने कृषक कल्याण परिषद के पदाधिकारियों एवं सदस्यों से अपने-अपने क्षेत्रों में लगातार भ्रमण कर किसानों से सतत् संपर्क बनाए रखने तथा उनकी समस्याओं का निदान करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है। किसानों की खुशहाली और समृद्धि से राज्य समृद्ध होगा।
उन्होंने सदस्यों को कृषि, उद्यानिकी, मत्स्यपालन, पशुपालन विभाग की योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ किसानों एवं ग्रामीणों को दिलाने की बात कही, ताकि ग्रामीण किसान खेती के साथ-साथ कृषि आधारित अन्य आयमूलक गतिविधियों को अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकें। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के सदस्य बसंत टाटी, नागेन्द्र नेगी, नंदकुमार पटेल, जानकी राम सेठिया, खम्मन पटेल, भगवान सिंह पटेल, शरद यादव, संजय गुप्ता, डेरहा राम साहू, जगदीश दीपक, श्रवण चन्द्राकर, चुन्नीलाल वर्मा एवं श्रीमती शशि गौर उपस्थित रहे।