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जांजगीर-चांपा में डीएमएफ फंड के खर्च में अनियमितता का मामला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 मार्च। जांजगीर-चांपा समेत प्रदेश के कई जिलों में डीएमएफ राशि के खर्च को लेकर बसपा, और भाजपा के विधायकों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर कई सवाल दागे। इस पर सीएम ने कहा-सारी बातें वेग में की जा रही है। शिकायत नहीं मिली है, शिकायत मिलते ही जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
मंगलवार को प्रश्नकाल में बसपा के केशव चंद्रा ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि जिले में 112.73 करोड़ की राशि डीएमएफ में जमा हुई थी, और इससे कराए गए कार्यों की सूची में लंबी है। क्या यह राशि शासी परिषद की अनुमोदन से खर्च की गई है। चंद्रा ने कहा इस राशि से प्रशिक्षण के नाम पर 16 करोड़ की बड़ी राशि खर्च की गई है। केवल खर्च दिख रहा है, काम नहीं। उन्होंने यह भी पूछा क्या 2019 के बाद डीएमएफ राशि का ऑडिट कराया गया है। सीएम बघेल ने कहा कि अभी ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिली तो जांच कराएंगे, कार्रवाई भी होगी। केशव चंद्रा ने आरोप लगाया कि किसी का अनुमोदन नहीं लिया गया, कौन ठेकेदार है क्या काम किया है यह भी पता नहीं। करोड़ों की राशि का बंदरबांट हुआ है। इसलिए सदन में कह रहा हूं। इसे ही शिकायत मानकर कार्रवाई करें। मैंने कलेक्टर को कई बार शिकायत की थी, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ क्योंकि सकल कर्म वहीं हुआ है। सीएम बघेल ने कहा यह शिकायत नहीं है। आप जनरल बात कह रहे हैं जो वेग में है। सभी काम गाइडलाइन के अनुसार ही कराए जाते हैं। इसलिए कहीं गड़बड़ है, तो शिकायत करिए जांच कराएंगे। केशव चंद्रा ने कहा कि मैं स्वयं व्यक्तिगत रूप से आपको (बघेल) शिकायत करूंगा।
भाजपा के नारायण चंदेल ने 16 करोड़ के प्रशिक्षण की अनुमति देने वाले अफसर का नाम पूछा, तो सौरभ सिंह ने डीएमएफ गाइडलाइन के अनुसार हर वर्ष तैयार होने वाले ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की। उन्होंने कहा प्रदेश के किसी भी जिले में ऑडिट नहीं हुआ है। सीएम बघेल ने कहा कि इसकी जानकारी अलग से दे दूंगा।