विधानसभा
भाजपा विधायकों ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर उठाया सवाल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 मार्च। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने वन विभाग द्वारा बुलाए गए टेंडर में अनियमितता और इसके दोषी अफसरों पर अब तक कार्रवाई न होने को लेकर वनमंत्री मोहम्मद अकबर को घेरा। मंत्री को घोषणा करनी पड़ी कि नोटिस का जवाब मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
प्रश्नकाल में कौशिक ने कहा कि वन विभाग ने वर्ष 2019-20 में निर्माण कार्य से संबंधित 37 टेंडर बुलाए थे। इनमें से 33 निविदाओं में अनियमितता पाई गई। इसके लिए 6 आईएफएस, और 3 राज्य वन सेवा के अफसर को दोषी पाया गया था, लेकिन इन पर अब तक कार्रवाई नहीं की गई। मैंने तीसरी बार यह प्रश्न लगाया है। कार्रवाई कब तक होगी। वन मंत्री ने स्वीकार किया कि टेंडर में अनियमितता पाई गई है। इसके दोषियों को शोकाज नोटिस दी गई है। उनका उत्तर आना बाकी है। इसके बाद निर्णय लिया जाएगा। कौशिक ने अध्यक्ष बताया कि अफसरों ने टेंडर के नियम अनुसार 30 दिन के बदले 21 दिन कर दिया था। इस पर वन मंत्री ने कहा यह कार्रवाई भी किसी शिकायत पर नहीं हुई है। बल्कि एपीसीसीएफ ने अपनी जांच में पकड़ा था, और नोटिस दी गई है। दोषी अफसरों को 15 दिन पहले दोबारा नोटिस दी गई है। नेता प्रतिपक्ष ने पूछा कि क्या जवाब एक का भी नहीं आया है। उन्होंने कहा कि जब भंडार क्रय नियम का पालन ही नहीं हो रहा, तो इसे समाप्त कर दें। कौशिक ने यह भी कहा कि यह गड़बड़ी बीजापुर, जगदलपुर, धमतरी, बलरामपुर समेत पूरे प्रदेश में की गई है। यदि नियम है, तो उनका पालन होना चाहिए। इसलिए पूछ रहा हूं कब तक कार्रवाई करेंगे। मंत्री अकबर ने कहा कि अफसरों के जवाब मिलते ही कार्रवाई की जाएगी। साथ ही नियमों का पालन भी कराएंगे। भाजपा के अजय चंद्राकर ने सवाल उठाया कि 37 में से 33 निविदा गलत हुए हैं। क्या किसी चहेते को काम देने के लिए ऐसा किया गया। वहीं शिवरतन शर्मा ने कहा कि विधानसभा में प्रश्न लगने के लिए नोटिस जारी की गई है। दोनों नोटिस की डेट बताई जाए। मंत्री अकबर ने उपलब्ध कराने की बात कहीं।