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महासमुंद नगर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास
04-Jul-2022 2:10 PM
महासमुंद नगर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास

  प्रकाश हारे, केवल तीन वोट मिले   
  30 में से एक पार्षद गैरहाजिर, कांग्रेस को 20 मत मिले, 6 मत निरस्त   
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 4 जुलाई।
आज महासमुंद नगर सरकार के खिलाफ कांग्रेस पार्षदों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया। परिषद के कुल तीस पार्षदों में से एक पार्षद हेमलता यादव ने इसमें हिस्सा नहीं लिया। उपस्थित 29 पार्षदों में से 20 ने कांग्रेस के पक्ष में अपना मत दिया। छह पार्षदों का मत खारिज हुआ और सिर्फ तीन मत भाजपा के लिए पड़ा। इस तरह आज प्रकाश चंद्राकर ने अपनी कुर्सी को दी है।

इस सम्मिलन और चुनाव की प्रक्रिया आज पालिका परिसर में सुबह से शुरू हो चुका था। सुबह ठीक 10 बजकर 20 मिनट पर एक बुलेट फ्रुफ कार से उतरकर 20 पार्षदों ने पालिका के अंदर प्रवेश किया। यहां अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही राजनीतिक पार्टी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थे। बारह बजे चुनाव शुरू हुआ और साढ़े बारह बजे मतगणना हुई। इसके बाद परिणाम की घोषणा कर दी गई।
सत्ता पक्ष व विपक्ष के कद्दावर और प्रदेश स्तरीय नेताओं का ध्यान इस पूरे घटनाक्रम पर रहा। कांग्रेस के चुनाव जीतते ही विधायक एवं संसदीय सचिव विनोद चंद्राकर, त्रिभुवन महिलांग अपने समर्थकों के साथ पालिका पहुंचे। हार के बाद प्रकाश चंद्राकर ने कहा कि जीत या हार मायने नहीं रखता। मैं महासमुंद की जनता के साथ आजीवन खड़ा रहूंगा।

प्रशासन ने कल ही इस सम्मिलन और चुनाव की तैयारी पूरी कर ली थी। नगर पालिका कार्यालय के सभाकक्ष में आज 11 बजे से सम्मिलन शुरू हुआ। सिर्फ चुनाव अधिकारी और पार्षदों को प्रवेश दिया गया था। सुरक्षा के दृष्टिकोण से यहां बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात थे। पालिका के दरवाजे के अलावा सडक़ को दोनों ओर से बेरिकेट्स किया गया था।

मालूम हो कि महासमुंद नगर पालिका के इतिहास में इस तरह के अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति दूसरी बार आई है। इससे पूर्व पिछले कार्यकाल में कांग्रेस व राकांपा के आठ पार्षदों ने तात्कालीन नपाउपाध्यक्ष भाजपा की कौशल्या बंसल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। तब श्रीमती बंसल अपनी कुर्सी बचा पाने में सफल हो गई थीं।

इस बार कांग्रेस के 10 पार्षदों ने बीते 20 जून को जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर निलेशकुमार को नपाध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए आवेदन सौंपा था। जिस पर कलेक्टर ने आज चार जुलाई को सम्मिलन कराने के लिए एसडीएम भागवत जायसवाल को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया था।

लगभग ढाई वर्ष पूर्व हुए नगर पालिका परिषद चुनाव में कांग्रेस समर्थित आठ, भाजपा के 14, आम आदमी पार्टी से एक, जोगी कांग्रेस से दो और पांच निर्दलीय पार्षद चुनाव जीतकर पालिका पहुंचे थे। पश्चात जोगी कांग्रेस की राशि त्रिभुवन महिलांग और निर्दलीय डमरूधर मांझी ने कांग्रेस प्रवेश कर लिया। इसके बाद कांग्रेस समर्थित पार्षदों की संख्या 10 हो गई। जनवरी 2020 में पार्षदों ने भाजपा के प्रकाश चंद्राकर को अध्यक्ष और कांग्रेस के कृष्णकुमार चंद्राकर को उपाध्यक्ष चुना था।


 

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