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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 31 मई। शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि छत्तीसगढ़ सहित देश के लगभग सभी राज्यों के कुछ जिलों में प्रलोभन देकर धर्मांतरण किया जा रहा है, जिन मूलभूत सुविधाओं के अभाव में लोग प्रलोभनवश धर्म परिवर्तन कर रहे हैं, उन्हें ऐसी सुविधाएं मुहैया कराने की दिशा में सरकार को पहल करनी चाहिए। धर्म परिवर्तन में जितने भी कानूनी दांव पेंच हैं, उन पर पुन: विचार किया जाना चाहिए। केवल एक नियम कि कोई जबरदस्ती धर्म परिवर्तन नहीं कर सकता है, ऐसा मान कर हम शांत बैठ गए जिसकी वजह से धर्म परिवर्तन लगातार हो रहे हैं।
आज नेहरू नगर भिलाई में शिक्षाविद् आईपी मिश्रा के निवास पहुंचे अनंत श्री विभूषित पश्चिमाम्नाय द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि जो सुविधाएं धर्म परिवर्तन कराने वाले देते हैं, वो उन व्यक्तियों को अगर शासन देने लगे तो निश्चित तौर पर धर्म परिवर्तन बंद हो जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि झारखंड और छत्तीसगढ़ के भी कुछ जिलों में धर्म परिवर्तन हो रहा है। हमने जो सर्वे करवाया है उसकी रिपोर्ट के अनुसार देश के हर राज्य के 4 से 5 जिलों में धर्मांतरण करवाया जा रहा है। धर्म परिवर्तन करने वालों की जो आवश्यकताएं हैं अगर शासन उनकी कमियों को दूर करने का प्रयास करे तो धर्म परिवर्तन अवश्य बंद हो जाएगा।
हम मानते हैं सडक़ आदि सुविधाओं का व्यापक विकास हुआ है, लेकिन बहुत से गांव और जिले हैं जहां बहुत से लोगों को मौलिक सुविधाएं अभी भी नहीं मिलती हैं, सरकार को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि ऐसी ही जगहों पर प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने की शिकायतें हैं।
देश के बड़े बड़े उद्योगपति और धनाढ्य समाजसेवियों के सहयोग से अगर कुछ सुविधाएं ऐसे क्षेत्रों में दी जाएं तो भी धर्म परिवर्तन के मामले खत्म हो सकते हैं।
नशा बुरी चीज है, नशा करने के बाद व्यक्ति का स्वाभाविक ज्ञान नशे की वजह से नष्ट हो जाता है इसलिए शराब जैसे नशे को बंद करने सरकार को पहल करनी चाहिए। हर व्यक्ति को अपने धर्म का ज्ञान होना चाहिए और उसके परिपालन से ही उसे शांति, सुख और संतोष की जीवन में प्राप्ति होती है।
शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने कहा कि हिंदू राष्ट्र की घोषणा हो चाहे न हो, हम 100 करोड़ हैं। शास्त्रों में ज्ञान का आधार होता है, लेकिन बहुमत के आधार पर ही पूरा देश चल रहा है इस बात को ध्यान में रखना जरूरी है।