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रायपुर, 6 अप्रैल। कलिंगा विश्वविद्यालय ने बताया कि विज्ञान संकाय ने कलिंगा विश्वविद्यालय सभागार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के भविष्य के पहलुओं पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन - ढ्ढष्टस्न्रस्ञ्ज 2024 की मेजबानी की। कार्यक्रम में 252 ऑफ़लाइन और 105 ऑनलाइन प्रतिभागियों ने भाग लिया और सम्मेलन में अपने शोध निष्कर्ष प्रस्तुत किए। पहले दिन के सत्र की शुरुआत उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों और अतिथियों द्वारा ज्ञान और ज्ञान की प्रतीक देवी सरस्वती की प्रतिष्ठित प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई।
विश्वविद्यालय ने बताया कि इस कार्यक्रम में कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर. श्रीधर, महानिदेशक डॉ. बायजू जॉन के साथ-साथ डीन-अकादमिक मामले डॉ. राहुल मिश्रा और विज्ञान संकाय के डीन डॉ. आर. जयकुमार भी उपस्थित रहे। डॉ. सी एस शुक्ला, प्रोफेसर-प्लांट पैथोलॉजी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। डॉ. सुषमा दुबे, विभागाध्यक्ष-जीवन विज्ञान की देखरेख और मार्गदर्शन में स्वागत समिति द्वारा सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया गया।
विश्वविद्यालय ने बताया कि डॉ. सी एस शुक्ला ने प्रकाश डाला कि विज्ञान किस प्रकार मानव कल्याण को लाभ पहुंचाता है। डॉ. श्रीधर ने निवारक दवाओं और बेहतर कृषि उत्पादों को विकसित करने में अनुसंधान के महत्व पर जोर दिया और प्रतिभागियों को नई प्रगति के बारे में सीखना जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ जॉन ने बीमारी के कारण से लेकर बीमारी की रोकथाम तक अनुसंधान के विकास पर भी जोर दिया।
विश्वविद्यालय ने बताया कि मुख्य वक्ता का संबोधन डॉ. तरूण कुमार ठाकुर, प्रोफेसर, पर्यावरण विज्ञान विभाग, आईजीएनटीयू, अमरकंटक, उ.प्र. द्वारा दिया गया। उन्होंने वैश्विक जलवायु परिवर्तन पर प्रकाश डालते हुए भूमि उपयोग गतिशीलता और सी स्टॉक परिवर्तनों पर एक अद्भुत और जानकारीपूर्ण व्याख्यान दिया।