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रायपुर, 11 अप्रैल। भा.प्र.सं. रायपुर ने बताया कि शैक्षिक उत्कृष्टता में एक मील का पत्थर बनाकर 13वां वार्षिक दीक्षांत समारोह मनाया। भारतीय प्रबंध संस्थान (भा.प्र.सं.) रायपुर ने अपना 13वां वार्षिक समारोह सोमवार, 10 अप्रैल, 2024 को आयोजित किया, जिसमें उसके स्नातक छात्रों की शैक्षिक उपलब्धियों और सफलताओं को समर्पित किया गया। समारोह, जो नया रायपुर में संस्थान के कैम्पस पर आयोजित किया गया था, गर्व और उत्सव से भरा एक ऐतिहासिक अवसर था।
आईआईएम रायपुर ने बताया कि परिवार के सदस्य, मित्र, और प्रतिष्ठित मेहमान श्रवण में थे, जिनके सामने 22 छात्र आउटबाउंड ग्रेजुएट, 298 पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम ग्रेजुएट, 184 ई-पीजीपी ग्रेजुएट, और 11 फेलो और एग्जीक्यूटिव फेलो प्रोग्राम इन मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स ने अपनी समारोही डिग्री और मेडल प्राप्त किए। इनके साथ ही, 124 अलुमनाई भी उपस्थित थे जिन्होंने बैच 2018-20 और 2019-21 से अपनी डिग्री ऑनलाइन प्राप्त की थी और समारोह में शारीरिक रूप से सम्मानित किए गए।
आईआईएम रायपुर ने बताया कि विशिष्ट अतिथियों और प्रतिष्ठित वक्ताओं ने इस घटना को समृद्ध किया, जो युवा स्नातकों को पेशेवर यात्रा पर उत्साहित एवम प्रेरित किया। समारोह के मुख्य अतिथि श्री जी वी प्रसाद थे, जो डॉ. रेडीज लेबोरेटरीज के सह-अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं, जिन्होंने समारोह भाषण दिया। श्री पुनीत डालमिया, शासी मंडल के अध्यक्ष, ने गर्मजोशी से स्वागत भाषण दिया, जबकि भा.प्र.सं. रायपुर के निदेशक प्रो. राम कुमार काकानी ने निदेशक की रिपोर्ट में संस्थान की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
आईआईएम रायपुर ने बताया कि शासी मंडल के अध्यक्ष, श्री पुनीत डालमिया ने स्नातक बैच को बधाई दी और उन्हें आजीवन शिक्षा को ग्रहण करने की सलाह दी। उन्होंने कहा जीवन के उतार-चढ़ावों और चुनौतियों का सामना करते समय, अनंत समय की भारतीय मूल्यों को अपनी मार्गदर्शिका बनाए रखें। जैसे ही आप भा.प्र.सं. रायपुर को छोडक़र अवसरों से भरी दुनिया में कदम रखेंगे, आप सिर्फ एक डिग्री ही नहीं बल्कि उत्कृष्टता की विरासत भी लेकर जाएंगे।
आईआईएम रायपुर ने बताया कि यहां आपके द्वारा प्राप्त किया हुआ ज्ञान एक उपकरण है, न केवल आपकी व्यक्तिगत सफलता के लिए बल्कि समाज के बड़े भले के लिए भी। मुख्य अतिथि श्री जी वी प्रसाद ने स्नातक छात्रों को भारत के भविष्य के नेता बनने के लिए प्रोत्साहित किया, जो संभावना और वादे से भरा है, जबकि वे नई विचारधारा, प्रतिरोधशीलता और निरंतर शिक्षा को ग्रहण करके दुनिया में कदम रखते हैं। उन्होंने उन्हें सलाह दी कि वे चुनौतियों का सामना करें और समाज में सार्थक योगदान दें, सकारात्मक परिवर्तन को बढ़ावा देने वाली पहलों में सक्रिय भाग लें। प्रबंधन शिक्षा आपको अपने कार्य जीवन के तीन पहलुओं के लिए तैयार करती है।