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बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी का विरोध
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 28 जुलाई। प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोत्तरी के खिलाफ स्टील उद्योग संगठनों ने तालाबंदी का ऐलान कर दिया है। प्रदेश के डेढ़ सौ से अधिक स्टील उद्योगों में सोमवार की रात 12 बजे से उत्पादन बंद हो जाएगा।
छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन एसोसिएशन के चेयरमैन अनिल नचरानी ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि बिजली दरों में बढ़ोत्तरी वापस लेने के लिए सरकार से गुजारिश की गई थी, लेकिन इस दिशा में कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला। इसके बाद एसोसिएशन ने उद्योग बंद करने का फैसला लिया है। कल रात 12 बजे से प्रदेश के डेढ़ सौ से अधिक स्टील उद्योगों में उत्पादन बंद हो जाएगा।
स्टील उद्योग में उत्पादन बंद होने से प्रदेश के करीब डेढ़ लाख कामगारों पर सीधा असर पड़ेगा। पहली जून से प्रदेश में बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी की गई है। छत्तीसगढ़ में स्टील उद्योगों को 6.10 रूपए प्रति यूनिट की दर से बिजली उपलब्ध कराई जाती रही है। यह बढक़र 7.62 रूपए हो गई है। उद्योग संगठनों का कहना है कि कम खपत वाले उद्योगों को टैक्स मिलाकर करीब 9 रूपए बिल का भुगतान करना पड़ रहा है, जो कि देश में सबसे ज्यादा है।
यह भी कहा गया है कि छत्तीसगढ़ शीर्ष बिजली उत्पादक राज्यों में से एक है, बावजूद इसके बिजली की दरें आन्ध्रा, महाराष्ट्र, और झारखंड से अधिक है। चूंकि राज्य की बिजली संयंत्र कोयला खदानों के पिट हेड पर है। ऐसे में बिजली की लागत सबसे कम होनी चाहिए। स्टील उद्योग को बड़ी मात्रा में बिजली की जरूरत होती है। और कहा जा रहा है कि दाम में बढ़ोत्तरी से संचालन पर भारी बोझ पड़ रहा है।
बताया गया कि छत्तीसगढ़ पॉवर जनरेशन कंपनी द्वारा उत्पादित कुल बिजली का 60 फीसदी हिस्सा स्टील उद्योगों को जाता है। ऐसे में स्टील उद्योग राज्य पॉवर कंपनी के बड़े उपभोक्ता हैं। उत्पादन बंद होने से पॉवर कंपनी को भी बिल के रूप में बड़ा झटका लगेगा। दूसरी तरफ, अडानी समूह ने उद्योगों को 5.15 रूपए में बिजली उपलब्ध कराने का ऑफर दिया है। हालांकि इसके लिए नियामक आयोग की अनुमति जरूरी है।