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लोकल-पर-वोकल पर आधारित हो ई-कामर्स पॉलिसी
06-Jul-2020 4:09 PM
लोकल-पर-वोकल पर आधारित हो ई-कामर्स पॉलिसी

रायपुर, 6 जुलाई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के राष्ट्रीय अभियान के चलते कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र भेजकर मांग की है कि सरकार ई कॉमर्स पालिसी को जल्द से जल्द लागू करे जिसमें सभी वर्गों के व्यापार के लिए समान नीति बने। इससे विदेशी ई कॉमर्स कंपनियां देश के रिटेल व्यापार पर भारी डिस्काउंट, लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचना जैसी व्यापारिक प्रवृतियों न चला सकें।  ई कॉमर्स के लिए एक रेगुलेटर के गठन की व्यवस्था हो तथा ई कॉमर्स के जरिये बिकने वाले प्रत्येक उत्पाद पर अनिवार्य रूप से निर्मित देश का नाम और उस वस्तु में कितना वैल्यूए एडिशन किया गया है यह साफ रूप से अंकित हो।
कैट राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि श्री गोयल को बताया गया कि विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों ने चीन के गुणवत्ता रहित सस्ते उत्पाद के लिए भारत को एक डंपिंग ग्राउंड बना दिया है।  निर्मित मूल देश का विवरण और वैल्यू एडिशन के विवरण लिखने से यह स्पष्ट हो सकेगा की वो वस्तु कहां बनी है और ग्राहक अपनी मर्जी के अनुसार खरीद सकेंगे।
श्री पारवानी ने बताया कि कोरोना के बाद देश में व्यापार करने का तौर-तरीका बदल रहा है और ग्राहकों के खरीददारी करने के तरीके में भी बड़ा परिवर्तन आ रहा है।  कोरोना के डर से ग्राहक बाजार में नहीं आ रहे हैं और व्यक्तिगत संपर्क करने में कतरा रहे हैं और इसी के बीच अगस्त के प्रथम सप्ताह से देश में त्योहारी मौसम शुरू हो जाएगा जो राखी से शुरू होकर दिवाली तक चलेगा। लोग ई कॉमर्स से खरीददारी करने पर ज्यादा जोर देंगे। 

श्री पारवानी ने बताया कि इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार को अब ई कॉमर्स पालिसी को तुरंत घोषित करना चाहिए जिससे देश के व्यापारी भी डिजिटल प्लेटफार्म पर अपने ई शोरूम खोल सकें जिसके द्वारा अपने ग्राहकों को सामन वितरित कर सकें । देश में एक निष्पक्ष और साफ सुथरा ई कॉमर्स व्यापार चलाने के लिए एक ठोस ई कॉमर्स नीति की आवश्यकता है जिससे बड़ी ई कॉमर्स कंपनियों की मनमानी को रोका जा सके और सभी लोगों को व्यापार करने तथा खरीददारी करने के समान अवसर मिलें।

श्री पारवानी ने यह भी बताया कि ई कॉमर्स पॉलिसी को केन्द्र सरकार के लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत के आव्हान को ध्यान में रखते हुए देश में बने उत्पादों तथा खास तौर पर देश के कोने-कोने में भारतीय कलाओं के द्वारा बने उत्पादों को बेचने में प्रमुखता देने के लिए ई कॉमर्स पॉलिसी में विशेष प्रावधान किए जाएं जिससे देश का आम व्यापारी भी अपने आपको ई कॉमर्स से जोड़ सके।

 

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