सामान्य ज्ञान
ग्रीन पोयम्स, कवि और गीतकार गुलजार द्वारा लिखित नवीनतम पुस्तक है। यह पुस्तक कविता के रूप में लिखी गई है। इस पुस्तक का प्रकाशन ‘पेंगुइन इंडिया’ ने किया है। सेवानिवृत राजनयिक पवन के.वर्मा द्वारा ‘ग्रीन पोयम्स’ पुस्तक का अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है।
लेखक ने इस पुस्तक में सारी कायनात को कुदरत से मिली नेमतों नदियों, जंगलों, पहाड़ों, बर्फ, बारिश, बादल, आकाश, धरती और अंतरिक्ष को अपने शब्दों में ढाला है। लेखक इस पुस्तक में अपनी पहचान के एक पेड़ और एक उजाड़ से कुंएं के बारे में भी बताते हैं। उन्होंने इसके अलावा कुल्लू, मनाली, चंबा और थिंपू को भी अपनी लेखनी का हिस्सा बनाया है।
गीतकार और फिल्म निर्देशक गुलजार को वर्ष 2002 में साहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष 2004 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है।
अजमोदा, अजवायन से मिलता-जुलता होता है, लेकिन इसका पौधा अजवायन के पौधे से थोड़ा बड़ा होता है और इसके दाने भी अजवायन से बड़े आकार के होते हैं। यह बहुत गुणकारी और अनके व्याधियों को दूर करने की क्षमता रखने वाला पौधा होता है।
विभिन्न भाषाओं में नाम- संस्कृत- अजमोदा। हिन्दी- अजमोदा। मराठी- अजमोदा। गुजराती- वोडिअजमोदा। बंगाली- रान्धुनी। तेलुगू- अजमोद। कन्नड़- अजमोदवोमा। तमिल- अशम्तवोवम। फारसी- करफ्स। अरबी- हवुलफर्त केरफस। लैटिन- कैरम राक्सबरघियानम।
यह चरपरा, तीक्ष्ण, जठराग्नि बढ़ाने वाला, कफ तथा वात को नष्ट करने वाला, गरम, जलन करने वाला, हृदय को प्रिय, बलकारक तथा हलका है और नेत्र रोग, कफ, वमन, हिचकी तथा वस्तिगत रोगों को दूर करने वाला है। इसके पौधे अजवायन की तरह, लेकिन उससे थोड़े बड़े लगभग 3 फीट ऊंचे होते हैं। इसके पत्ते बड़े कटावदार और कंगूरेदार होते हैं। वैसे तो यह सारे भारत में पैदा होता है पर पंजाब और उत्तरप्रदेश में विशेष तौर पर इसकी पैदावार होती है।
ग्रैंड कैन्यन अमेरिका के एरजिना राज्य में कोलोराडो और उसकी सहायक निदयों द्वारा करोड़ों वर्षो के अंतराल पर चट्टानों की परतों को काट-काट कर बनायी गई यह दुनिया की सबसे बड़ी घाटी (कैन्यन) है।
ग्रैंड कैन्यन का निर्माण तब हुआ जब कोलोराडो पठार पृथ्वी की भीतरी हलचलों के कारण ऊपर उठ रहा था। ग्रैंड कैन्यन की लंबाई 446 किलोमीटर और गहराई 6 हजार फीट से भी ज्यादा है। पृथ्वी का 2 अरब वर्षों का भूगिर्भक इतिहास इसमें मौजूद है।
सऊदी अरब पर मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम वारयस या एमईआरएस का सबसे ज्यादा कहर टूटा है। सऊदी स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 688 संक्रमित लोगों में से 282 लोगों को इस वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात में एमईआरएस की चपेट में आने वाले यात्रियों के कारण वायरस यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका तक फैल चुका है। शोधकर्ताओं के अनुसार जानलेवा मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम वारयस ऊंटों से इंसानों तक फैलता है। पुराने शोधों से यह पता चलता है कि यह वायरस ऊंटों में करीब 20 सालों से पाया जाता है और अब यह इंसानों तक पहुंचने की कोशिश में है।
गर्म इलाकों में पाए जाने वाले ऊंट एमईआरएस कोरोनावायरस के महत्वपूर्ण कुंड हो सकते हैं। यह वायरस सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिन्ड्रोम (सार्स) से जुड़ा हुआ है। यह 10 साल पहले पूर्वी एशिया में सामने आया था। तब इस वायरस का संक्रमण पशुओं से इंसानों में हुआ था और इसके कारण 800 से ज्यादा लोगों की जान गई। सार्स की तरह एमईआरएस में फेफड़ों का इनफेक्शन होता है। इसके शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। जिसमें बुखार, थकान, कफ, गला खराब जैसे सामान्य लक्षण होते हैं। इसका सामान्य लक्षण है 38 डिग्री (100 डिग्री फॉरेनहाइट) के ऊपर बुखार, बाद में सांस लेने में मुश्किल हो सकती है। एमईआरएस के कारण गुर्दा तुरंत नाकाम हो जाता है।
नई दिल्ली स्थित अग्रसेन की बावली कनॉट प्लेस के पास मौजूद है। इस सीढ़ीनुमा कुएं में करीब 105 सीढिय़ां हैं। 14वीं सेंचुरी में राजा अग्रसेन ने इसे बनाया था। इस बावली में पानी अब नहीं है।
अग्रसेन की बावली भारत सरकार द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और अवशेष अधिनियम 1958 के अतंर्गत संरक्षित है। अनगढ़ तथा गढ़े हुए पत्थर से निर्मित यह दिल्ली की बेहतरीन बावलियों में से एक है।
इस बावली का निर्माण सूर्यवंशी सम्राट महाराजा अग्रसेन ने करवाया था, इसलिए इसे अग्रसेन की बावली कहते हैं। कऱीब 60 मीटर लंबी और 15 मीटर ऊंची इस बावली के बारे में विश्वास है कि महाभारत काल में इसका निर्माण कराया गया था। बाद में अग्रवाल समाज ने इस बावली का जीर्णोद्धार कराया। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि 14वीं शताब्दी में इस बावली का निर्माण हुआ था। इसकी एक विशेषता यह भी है कि दिल्ली के हृदय कनॉट प्लेस के समीप हेली रोड के हेली लेन में स्थित यह बावली चारो तरफ़ से मकानों से घिरी है, जिससे किसी बाहरी व्यक्ति को पता भी नहीं चलता कि यहां कोई बावली है। बावली की स्थापत्य शैली उत्तरकालीन तुग़लक़ तथा लोदी काल (13वी-16वी ईस्वी) से मेल खाती है। लाल बलुए पत्थर से बनी इस बावली की वास्तु संबंधी विशेषताएं तुग़लक़ और लोदी काल की तरफ़ संकेत कर रहे हैं, लेकिन परंपरा के अनुसार इसे अग्रहरि एवं अग्रवाल समाज के पूर्वज अग्रसेन ने बनवाया था। इमारत की मुख्य विशेषता है कि यह उत्तर से दक्षिण दिशा में 60 मीटर लम्बी तथा भूतल पर 15 मीटर चौड़ी है।
अरबी में लिखी गई अल- बरूनी की कृति ‘किताब-उल-हिन्द’ की भाषा सरल और स्पष्ट है। यह एक विस्तृत ग्रंथ है जो धर्म और दर्शन त्योहारों खगोल-विज्ञान कीमिया रीति-रिवाजों तथा प्रथाओं सामाजिक जीवन भार-तौल तथा मापन विधियों मूर्तिकला कानून मापतंत्र विज्ञान आदि विषयों के आधार पर अस्सी अध्यायों में विभाजित है।
अल- बरूनी ने प्रत्येक अध्याय में एक विशिष्ट शैली का प्रयोग किया जिसमें आरंभ में एक प्रश्न होता था फिर संस्कृतवादी परंपराओं पर आधारित वर्णन और अंत में अन्य संस्कृतियों के साथ एक तुलना। आज के कुछ विद्वानों का तर्क है कि इस लगभग ज्यामितीय संरचना जो अपनी स्पष्टता तथा पूर्वानुमेयता के लिए उल्लेखनीय है का एक मुख्य कारण अल- बरूनी का गणित की ओर झुकाव था। अल- बरूनी ने लेखन में भी अरबी भाषा का प्रयोग किया था। उन्होंने संभवत: अपनी कृतियां उपमहाद्वीप के सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए लिखी थीं।
वह संस्कृत पाली तथा प्राकृत ग्रंथों के अरबी भाषा में अनुवादों तथा रूपांतरणों से परिचित था-इनमें दंतकथाओं से लेकर खगोल-विज्ञान और चिकित्सा संबंधी कृतियां सभी शामिल थीं।
क्षुरिकोपनिषद
क्षुरिकोपनिषद, कृष्ण यजुर्वेद से सम्बन्धित उपनिषद है। इसके मंत्र तत्व-ज्ञान के प्रति बंधक घटकों को काटने में क्षुरिका (छुरी-चाक़ू) के समान समर्थ हैं। इसमें कुल पच्चीस मंत्र हैं।
यहां कहा गया है कि सबसे पहले योग-साधना के लिए स्वच्छ आसन और स्थान पर बैठकर प्राणायाम की विशेष क्रियाओं- पूरक, कुम्भ और रेचक-का अभ्यास करके शरीर के सभी मर्मस्थानों में प्राण का संचार करना चाहिए। उसके उपरान्त नीचे से ऊपर की ओर उठते हुए ब्रह्मरन्ध्र में स्थित परब्रह्म तक पहुंचने का प्रयास करना चाहिए।
विश्व पर्यावरण दिवस हर वर्ष 5 जून को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य पर्यावरण से संबंधित मामलों के बारे में विश्व में जागरूकता पैदा करना और इसके प्रति राजनीतिक ध्यान आकर्षित करना और कार्यवाई को प्रोत्साहित करना है। अतीत में आयोजित विश्व पर्यावरण दिवस विषयक समारोहों में भूमि और जल, ओजोन परत, जलवायु परिवर्तन, मरूस्थलीकरण और टीकाऊ विकास आदि के प्रति विशेष ध्यान आकृष्ट करना शामिल है।
विश्व पर्यावरण दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1972 में स्थापित किया गया था। यह स्टाकहोम में मानवीय पर्यावरण पर आयोजित सम्मेलन के उद्घाटन के उपलक्ष्य में घोषित किया गया था।
ओबेरान , यूरेनस के बड़े चंद्रमाओं में से सबसे बाहरी और दूसरा सबसे बड़ा चन्द्रमा है। इसकी कक्षा है 5 लाख 83 हजार 420 किमी युरेनस से और व्यास है- 1523 किमी।
मिथकों के अनुसार ओबेरान शेक्सपियर के नाटक ’मिडसमर नाईट्स ड्रीम’ में परियों का राजा और टाईटेनीया का पति है। ओबेरान की खोज 1787 मे हर्शेल ने की थी।
उम्ब्रीएल और ओबेरान एक जैसे हं,ै लेकिन ओबेरान 35 प्रतिशत बड़ा है। यूरेनस के सभी बड़े चन्द्रमा 40-50 प्रतिशत बर्फ और शेष चट्टानो से बने है। इनमें चट्टानों की मात्रा शनि के बड़े चन्द्रमा जैसे रीया के थोड़ा ज्यादा है। ओबेरान की सतह क्रेटरों से भरी हुई है और स्थायी है। इसके क्रेटर एरीयल और टाईटेनिया से ज्यादा और बड़े है। इसके कुछ क्रेटरों में कैलीस्टो की तरह धारियां हैं। कुछ क्रेटरों की सतह धुंधली है शायद किसी गहरे पदार्थ के कारण। ओबेरान के दक्षिणी गोलार्ध में एक गहरी दरार है जो इसकी भूतकाल की भूगर्भीय गतिविधि को दर्शाती है। इस पर एक छ: किमी ऊंचा पर्वत भी है। इसे एक साधारण
भारत में मुगल राजशाही की स्थापना करना वाला शासक बाबर का असली नाम ज़हिर उद-दिन मुहम्मद (14 फरवरी 1483 - 26 दिसम्बर 1530) था, जिसका मूल मध्य एशिया था । वह भारत में मुगल वंश का संस्थापक था। वो तैमूर लंग का परपोता था और विश्वास रखता था कि चंगेज खां उसके वंश का पूर्वज था ।
बाबर का जन्म फऱगना घाटी के अंदिजन नामक शहर में हुआ था जो अब उज्बेकिस्तान में है। बाबर का मूल मंगोलिया के बर्लास कबीले से संबंधित था पर उस कबीले के लोगों पर फारसी तथा तुर्क जनजीवन का बहुत असर रहा था, वे इस्लाम में परिवर्तित हुए तथा उन्होने तुर्केस्तान को अपना निवास स्थान बनाया । बाबर की मातृभाषा चागताई भाषा थी पर फ़ारसी, जो उस समय उस स्थान की आम बोलचाल की भाषा थी, में भी वो प्रवीण था । उसने चागताई में बाबरनामा के नाम से अपनी जीवनी लिखी ।
मंगोल जाति (जिसे फ़ारसी में मुगल कहते थे) का होने के बावजूद उसकी जनता और अनुचर तुर्क तथा फ़ारसी लोग थे । उसकी सेना में तुर्क, फारसी, पश्तो के अलावा बर्लास तथा मध्य एशियाई कबीले के लोग भी थे।
बाबर के चचेरे भाई मिजऱ्ा मुहम्मद हैदर ने लिखा है कि उस समय, जब चागताई लोग असभ्य तथा असंस्कृत थे तब उन्हे ज़हिर उद-दिन मुहम्मद का उच्चारण कठिन लगा । इस कारण उन्होंने इसका नाम बाबर रख दिया । कहा जाता है कि अपने पुत्र हुमायुं के बीमार पडऩे पर उसने अल्लाह से हुमायुं को स्वस्थ्य करने तथा उसकी बीमारी खुद को दिये जाने की प्रार्थना की थी । इसके बाद बाबर का स्वास्थ्य बिगड़ गया और अंतत: वो 1530 में 48 वर्ष की उम्र में मर गया । उसकी इच्छा थी कि उसे काबुल में दफऩाया जाए पर पहले उसे आगरा में दफऩाया गया । लगभग नौ वर्षों के बाद शेरशाह सूरी ने उसकी इच्छा पूरी की और उसे काबुल में दफऩा दिया ।
कामधेनु का वर्णन पौराणिक गाथाओं में एक ऐसी चमत्कारी गाय के रूप में मिलता है जिसमें दैवीय शक्तियां थीं और जिसके दर्शन मात्र से ही लोगों के दु:ख और पीड़ा दूर हो जाती थ। यह कामधेनु जिसके पास होती थी उसे हर तरह से चमत्कारिक लाभ होता था। उसका दूध अमृत के समान था।
कृष्ण कथा में अंकित सभी पात्र किसी न किसी कारणवश शापग्रस्त होकर जन्मे थे। कश्यप ने वरुण से कामधेनु मांगी थी फिर लौटाई नहीं, इसलिए वरुण के शाप से वे ग्वाले हुए। जैसे देवताओं में भगवान विष्णु, सरोवरों में समुद्र, नदियों में गंगा, पर्वतों मे हिमालय, भक्तों में नारद, सभी पुरियों में कैलाश, सम्पूर्ण क्षेत्रों में केदार क्षेत्र श्रेष्ठ है, वैसे ही गऊओं में कामधेनु सर्वश्रेष्ठ है। कामधेनु सबका पालन करने वाली है। माता स्वरूपिणी हैं- सब इच्छाएं पूर्ण करने वाली हंै।
जब भगवान विष्णु स्वयं कच्छपरूप धारण करके मन्दराचल के आधार बनें। इस प्रकार मन्थन करने पर क्षीरसागर से क्रमश: कालकूट विष, कामधेनु, उच्चैश्रवा नामक अश्व, ऐरावत हाथी, कौस्तुभ्रमणि, कल्पवृक्ष, अप्सराएं, लक्ष्मी, वारूणी, चन्द्रमा, शंख, शांर्ग धनुष धनवन्तरि और अमृत प्रकट हुए। मथे जाते हुए समुद्र के चारों ओर बड़े जोर की आवाज उठ रही थी। इस बार के मन्थन से देवकार्यों की सिद्धि के लिये साक्षात् सुरभि कामधेनु प्रकट हुईं।
मंगल पाण्डेय 34 वीं बंगाल नेटिव इनफ़ैन्ट्री में एक सिपाही थे। 29 मार्च , 1857 को बैरकपुर परेड मैदान कलकत्ता के निकट मंगल पाण्डेय ने रेजीमेण्ट के अफ़सर लेफ़्टीनेण्ट बाग पर हमला कर उसे जख्मी कर दिया। जनरल जान हेएरसेये के अनुसार मंगल पाण्डेय किसी प्रकार के मजहबी पागलपन में था। जनरल ने जमादार ईश्वरी प्रसाद को मंगल पांडेय को गिरफ़्तार करने का आदेश दिया पर जमादार ने इंकार कर दिया। सिवाय एक सिपाही शेख पलटु को छोडक़र सारी रेजीमेण्ट ने मंगल पाण्डेय को गिरफ़्तार करने से मना कर दिया।
मंगल पाण्डेय ने अपने साथियों को खुलेआम विद्रोह करने के लिए कहा पर किसी के ना मानने पर उसने अपनी बंदूक से अपनी जान लेने की कोशिश की। परन्तु वह इस प्रयास में वह सिफऱ् घायल हुआ। 6 अप्रैल, 1857 को मंगल पाण्डेय का कोर्ट मार्शल कर दिया गया और 8 अप्रैल को फ़ांसी दे दी गयी।
जमादार ईश्वरी प्रसाद को भी मौत की सजा दी गई और उसे भी 22 अप्रैल को फ़ांसी दे दी गई। सारी रेजीमेण्ट को खत्म कर दिया गया और सिपाहियों को निकाल दिया गया। सिपाही शेख पलटु को तरक्की देकर बंगाल सेना में जमादार बना दिया गया ।
अन्य रेजीमेण्ट के सिपाहियों को यह सजा बहुत ही कठोर लगी। कई इतिहासकारों के मुताबिक रेजीमेण्ट को खत्म करने और सिपाहियों को बाहर निकालने ने विद्रोह के प्रारम्भ होने मे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी, असंतुष्ट सिपाही बदला लेने की इच्छा के साथ अवध लौटे और विद्रोह ने उन्हें यह मौका दे दिया।
1. जल प्रदूषण को मापने हेतु निम्नलिखित में से कौन सी जांच की जाती है?
(अ) बायोमेडिकल ऑक्सीजन डिमाण्ड (ब) बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमाण्ड (स) बायोमैकेनिकल ऑक्सीजन डिमाण्ड (द) इनमें से कोई नहीं
2. डी.डी.टी. क्या होता है?
(अ)प्रतिजैविक (ब) जैव अपघटीय प्रदूषक (स) अजीव अपघटनीय प्रदूषक (द) इनमें से कोई नहीं
3. एफेड्रा पौधे का कौन सा भाग एफेड्रिन औषधि उत्पन्न करता है?
(अ) जड़ (ब) तना (स) पत्ती (द) पुष्प
4. केसर किससे उत्पन्न होता है?
(अ) हिबिस्कस के पुंकेसरों से (ब) इंडिगोफेरा की जड़ों से (स) क्रोकस के वर्तिका तथा वर्तिकाग्र से (द) मूसा के दलों से
5. निम्नलिखित में से एक मानव निर्मित धान्य है?
(अ) हॉर्डियम वुल्गेयर (ब) ट्रिटिकेल (स) जिया मेज (द) ट्रिटिकम वुल्गेयर
6. प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में क्या बाहर निकलता है?
(अ) हाइड्रोजन (ब) कार्बन डाइऑक्साइड (स) ऑक्सीजन (द) क्लोरीन
7. प्रकाश संश्लेषण कब होता है?
(अ) रात्रि में (ब) दिन और रात्रि में (स) दिन में अथवा रात्रि में (द) केवल दिन में
8. स्ट्रिस कैंकर क्या है?
(अ) नींबू की एक प्रजाति (ब) नींबू का प्रसिद्ध कीट (स) नींबू का एक रोग (द) इनमें से कोई नहीं
9. रिंग रोग के नाम से निम्न में से किसे जाना जाता है?
(अ) शैथिल रोग (ब) मोजैक रोग (स) बंकी टॉप (द) वार्ट रोग
10. निम्नलिखित में से कौन कवक जनित पादप रोग नहीं है?
(अ) मूंगफली का टिक्का रोग (ब) गन्ने का लाल सडऩ रोग (स) बाजरा का ग्रीन इयर रोग (द) तंबाकू का मोजेक रोग
11. आलू में ब्लैक हार्ट रोग किसकी कमी से होता है?
(अ) तांबे की कमी (ब) बोरोन की कमी (स) ऑक्सीजन की कमी (द) पोटैशियम की कमी
12. व्यापारिक कार्क किससे प्राप्त होती है?
(अ) जाइलम से (ब) फ्लोएम से (स) कॉर्क कैम्बियम से (द) संवहन कैम्बियम से
13. पादपों में बना खाद्य पदार्थ पौधे के विभिन्न अंगों में किसके द्वारा पहुंचाता है?
(अ) जाइलम (ब) कार्टेक्स (स) फ्लोएम (द) पिथ
14. जिस ग्रह की परिभ्रमण गति सबसे अधिक है?
(अ) पृथ्वी (ब) मंगल (स) बृहस्पति (द) शुक्र
15. पूर्ण सूर्यग्रहण के समय सूर्य का कौन सा भाग दिखाई देता है?
(अ) कोई नहीं (ब) किरीट (स) प्रकाशमंडल (द) वर्णमंडल
16. सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के परिक्रमण की चाल?
(अ) वर्ष भर एक समान रहती है (ब) अधिकतम होती है, जब पृथ्वी सूर्य के निकटतम होती है (स) अधिकतम होती है, जब पृथ्वी सूर्य से अधिकतम दूरी पर होती है (द) न्यूनतम होती है, जब पृथ्वी सूर्य के निकटतम होती है
17. मनुष्य का कान निम्नलिखित आवृत्ति विस्तार में संवेदनशील होते हैं?
(अ) 20 से 20 हजार हर्ट्ज (ब) 20 से 2 हजार हर्ट्ज (स) 20 से 2 सौ हर्ट्ज (द) 200 से 20 हजार हर्ट्ज
18. गिल्फर्ड ने सेकंड ऑर्डर स्तर पर बुद्घि को कितने कारकों में बांटा है?
(अ) दो में (ब) 120 में (स) एक दर्जन से भी अधिक में (द) सात भागों में
19. निम्नलिखित में से कौन सामाजीकरण का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है?
(अ) परिवार (ब) विद्यालय (स) समुदाय (द) समाज
20. किस समाज में सर्वप्रथम वर्ग संरचना विकसित हुई?
(अ) आदिम समाज (ब) जनजातीय समाज (स) कृषक समाज (द) औद्योगिक समाज
21. सामुदायिक विकास योजना की सबसे छोटी इकाई कौन सी होती है?
(अ) जिला (ब) ब्लॉक (स) तहसील (द) गांव
22. भारत में विवाह एवं परिवार पुस्तक के लेखक कौन हैं?
(अ) पी.एन. प्रभु (ब) जे.एच. हट्टïन (स) के. एम. कपाडिया (द) एस.सी. दुबे
23. द सोशल एनाटॉमी ऑफ एन एग्रीकल्चरल कम्युनिटी पुस्तक के लेखक कौन हैं?
(अ) ए. आर. देसाई (ब) चाल्र्स जे. गालपिन (स) जॉन एम. जिलटी (द) टी. लिन. स्मिथ
24. सिंधु सभ्यता में दास प्रथा का अनुमान निम्न में से किससे लगाया जाता है?
(अ) खुदाई में प्राप्त कुछ वस्तुओं द्वारा (ब) श्रमिकों के लिए निर्मित आवास द्वारा (स) मोहनजोदड़ो और हड़प्पा के कुछ मकानों की रूपरेखा के आधार पर (द) उपर्युक्त सभी
25. सिंधु सभ्यता की मुहरों पर बने स्वास्तिक के चिह्नï से किस देवता की उपासना का अनुमान लगाया जाता है?
(अ) अग्नि देवता (ब) नाग देवता (स) पशुपति शिव (द) सूर्य देवता
26. सिंधु सभ्यता का समूचा क्षेत्र किस आकार में फैला है?
(अ) वृत्ताकार में (ब) त्रिभुजाकार में (स) चतुर्भुजाकार में (द) आयताकार में
27. राजा बनने के पूर्व वह अंग का राज्यपाल था और उसे कूणिक के नाम से जाना जाता था- यह कथन मगध के किस शासक से संबंधित है?
(अ) बिम्बिसार (ब) अजातशत्रु (स) उदयिन (द) शिशुनाग
28. यूनानी कला के सम्मिश्रण से कला की शैली का विकास हुआ?
(अ) गंधार कला शैली (ब) मथुरा कला शैली (स) अमरावती कला शैली (द) इनमें से कोई नहीं
सही जवाब- 1.(स) बायोमैकेनिकल ऑक्सीजन डिमाण्ड, 2.(स) अजीव अपघटनीय प्रदूषक, 3.(ब) तना, 4.(स) क्रोकस के वर्तिका तथा वर्तिकाग्र से, 5.(ब) ट्रिटिकेल, 6.(स) ऑक्सीजन, 7.(द) केवल दिन में, 8.(स) नींबू का एक रोग, 9.(अ)शैथिल रोग, 10.(द) तंबाकू का मोजेक रोग, 11.(स) ऑक्सीजन की कमी, 12.(स) कॉर्क कैम्बियम से, 13.(अ) जाइलम, 14.(स) बृहस्पति, 15.(ब) किरीट, 16.(ब) अधिकतम होती है, जब पृथ्वी सूर्य के निकटतम होती है, 17.(अ) 20 से 20 हजार हर्ट्ज, 18.(स) एक दर्जन से भी अधिक में, 19.(अ) परिवार, 20.(द) औद्योगिक समाज, 21.(द) गांव, 22.(अ) पी.एन. प्रभु, 23.(स) जॉन एम. जिलटी, 24.(ब) श्रमिकों के लिए निर्मित आवास द्वारा, 25.(द) सूर्य देवता, 26.(ब) त्रिभुजाकार में, 27.(ब) अजातशत्रु, 28.(अ) गंधार कला शैली।
वायु प्रदूषण पूरी दुनिया में अकाल मृत्यु का चौथा सबसे बड़ा कारण रहा
वायु प्रदूषण ने आम लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाकर बीते कुछ वर्षों में न सिर्फ आर्थिक बोझ को बढ़ाया बल्कि यह घातक और जानलेवा भी साबित हो रहा है। 2019 में उच्च रक्तचाप, तंबाकू के इस्तेमाल और कुपोषित आहार के बाद वायु प्रदूषण ही पूरी दुनिया में अकाल मृत्यु का चौथा सबसे बड़ा कारण रहा है। भारत में 2019 में 16.7 लाख मौतों का कारण वायु प्रदूषण रहा। इनमें 50 फीसदी यानी 851,698 मौतें देश के महज पांच राज्यों में ही हुई हैं।
इन पांच राज्यों की सूची में उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और राजस्थान शामिल हैं। वायु प्रदूषण के सर्वाधिक भुक्तभोगी यह पांच राज्य न सिर्फ बड़ी आबादी वाले हैं बल्कि इन राज्यों में प्रति व्यक्ति आय भी बेहद कम है। वायु प्रदूषण के कारण इन राज्यों में समयपूर्व मौतें और रुग्णता बढ़ी है जिससे इन पांच राज्यों को 2019 में 36,803 बिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत का नुकसान उठाना पड़ा।
वहीं, 2019 में 17 लाख मौतों में 58 फीसदी मौतें बाहरी वायु प्रदूषण (आउटडोर एयर पॉल्यूशन) के कारण हैं जबिक 36 फीसदी मौतें भीतरी यानी घर के भीतर होने वाले वायु प्रदूषण के कारण हैं। घर में वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारक प्रदूषित ईंधन से खाने का पकाया जाना है।
2019 में वायु प्रदूषण के यह नतीजे नए नहीं हैं बल्कि बीते कुछ वर्षों से यह प्रवृत्ति चली आ रही है। वहीं, सर्वाधिक चिंताजनक है कि इसके शिकार बच्चे होते हैं। यदि 1990 से 2018 तक उपलब्ध ग्लोबल बर्डन डिजीज (जीबीडी), 2017 के आंकड़े बताते हैं कि पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को ही सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण जनित निचले फेफड़ों का संक्रमण (एलआरआई) होता है। जीबीडी 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक 1990 में पांच वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों की डायरिया से 16.73 फीसदी (4.69 लाख मौतें) हुई थीं जबकि 2017 में नियंत्रण से यह 9.91 फीसदी (एक लाख) पहुंच गईं।
वहीं, निचले फेफड़ों के संक्रमण से 1990 में 20.20 फीसदी (5.66 लाख मौतें) हुईं थी जो कि 2017 में 17.9 फीसदी (1.85 लाख) तक ही पहुंची। यानी करीब तीन दशक में एलआरआई से मौतों की फीसदी में होने वाली गिरावट की रफ्तार बेहद मामूली है, जिसका अर्थ है कि इस दिशा में प्रयास बहुत धीमे किए जा रहे हैं। वायु प्रदूषण में पार्टिकुलेट मैटर 2.5 एक प्रमुख प्रदूषक है। इसका तय मानकों से कई गुना ज्यादा होना और वायु प्रदूषण जनित मौतों का सीधा संबंध देखा गया है। जहां पीएम 2.5 प्रदूषण ज्यादा रहा है और वहां होने वाली मौतें भी ज्यादा रही हैं। ऐसा कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में बताया जा चुका है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानकों के मुताबिक पीएम 2.5 का सालाना सामान्य सांद्रण 10 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से नीचे का है। जबकि ऐसे राज्य जहां 20 गुना ज्यादा पीएम 2.5 प्रदूषण है और वहां मौतें भी सबसे ज्यादा हैं। (downtoearth.org.in)
देश में उत्पन्न 78 प्रतिशत सीवेज बिना उपचारित नदियों में प्रवाहित किया जा रहा है
भारत में शहरीकरण के साथ ही शहरों पर सीवेज का बोझ भी बढ़ता जा रहा है। इसके साथ ही बढ़ती जा रही है सीवेज की उपचार की समस्या। यह समस्या दशकों से बनी हुई है। इस समस्या को दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की आवश्यकता है। हालांकि इस दिशा में काम जरूर हुए हैं लेकिन वे ऊंट के मुंह में जीरा ही साबित हो रहे हैं। अनुमान है कि देश में उत्पन्न 78 प्रतिशत सीवेज बिना उपचारित नदियों में प्रवाहित किया जा रहा है। यह अनुपचारित सीवेज स्वच्छ भारत की राह में सबसे बड़ी बाधा है।
मौजूदा समय में 55-56 मिलियन टन म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट हर साल शहरों से निकलता है। अनुमान है कि 2030 तक 165 मिलियन टन सॉलिड वेस्ट हर साल निकलेगा। ऐसे में इसे उपचारित करने की चुनौती बड़ी है। अगर सीवेज की बात करें तो भारत में 72,368 मिलियन लीटर (एमएलडी) सीवेज प्रतिदिन उत्पन्न होता है जबकि उपचार क्षमता 31,841 एलएलडी ही है। हैरानी की बात यह भी है कि अधिकांश सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) अपनी क्षमता से बहुत कम सीवेज का उपचार कर रहे हैं। इस कारण भारत का कुल 28 प्रतिशत सीवेज ही उपचारित हो पाता है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े बताते हैं कि 10 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश- अंडमान एवं निकोबार दीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, लक्ष्यद्वीप, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम और नागालैंड अपने सीवेज का उपचार ही नहीं करते। इसके अलावा 13 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जो अपने सीवेज का 20 प्रतिशत से भी कम हिस्सा उपचारित करते हैं। इनमें झारखंड, केरल, त्रिपुरा, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, जम्मू एवं कश्मीर, दमन दीव, आंध्र प्रदेश, गोवा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और पुदुचेरी शामिल हैं।
सात राज्य- सिक्किम, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र 50 प्रतिशत से कम सीवेज उपचारित करते हैं। केवल पांच राज्य- गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब और चंडीगढ़ की 50 प्रतिशत से अधिक सीवेज उपचारित करते हैं। शहरों का अनुपचारित सीवेज नालों के माध्यम से सीधे नदियों में बहा दिया जाता है जिससे न केवल नदियां प्रदूषित होती हैं बल्कि जलीय जीवों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
अनुमान के मुताबिक, 2050 तक शहरों में 416 मिलियन यानी 41.6 करोड़ लोग और रहने लगेंगे। इस तरह देश की 58 प्रतिशत आबादी की रिहाइश शहरों में होगी। देश के सकल घरेलू उत्पाद में शहरों में रहने वाली आबादी की हिस्सेदारी अभी 62 से 63 प्रतिशत है जो 2030 में बढ़कर 75 प्रतिशत हो जाएगी। इस प्रकार के आर्थिक विकास के गंभीर परिणाम निकलेंगे। शहरों से उत्पन्न सीवेज शहरीकरण की सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरेगा। (downtoearth.org.in)
-रिचर्ड महापात्रा
ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूदा महामारी का आर्थिक प्रभाव बेहद नुकसानदेय होने वाला है क्योंकि वहां ज्यादातर अनौपचारिक और कम कमाई करने वाली मजदूर रहते हैं
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की तरफ से पेश किए गए ताजा आंकड़े उसी बात को दोहराते हैं जिसकी पहले से संभावना थी। लेकिन, मौजूदा वित्त वर्ष के लिए यह इस बात का संकेत देते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था गहरी नींद की अवस्था में गिरती जा रही है।
इसके पीछे कारण है ग्रामीण इलाकों में मांग और खपत में आई कमी, जो देश की दो-तिहाई आबादी का भरण-पोषण करती है। यह भी इसके बावजूद कि सिर्फ कृषि ही ऐसा सेक्टर है जिसने 2020-21 में 20.40 लाख करोड़ रुपये के सकल मूल्य के साथ सकारात्मक वृद्धि दर्ज कराई। इस साल मानसून भी सामान्य से बेहतर रहने वाला है।
2019-20 और 2020-21 के बीच भारत के सकल घरेलू उत्पादन में 10.56 लाख करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज हुआ है। यह -7.3 फीसदी की नकारात्मक वृद्धि है। लेकिन खपत पर मौजूद आंकड़े वही दोहराते हैं जिसकी उम्मीद थी: अर्थव्यवस्था में आई गिरावट के कारण निजी खपत में सामूहिक स्तर पर गिरावट हुई है।
इसके बिना कोई अर्थव्यवस्था कभी फल-फूल नहीं सकती। निजी खपत खर्च जो कि 2019-20 में 83,21,701 करोड़ रुपये (जीडीपी का 57.1 फीसदी) से गिरकर 2020-21 में 75,60,985 करोड़ रुपये (जीडीपी का 56 फीसदी) रह गया। यह कुल जीडीपी नुकसान का 70 फीसदी है। यह दर्शाता है कि आर्थिक वृदि्ध में निजी खपत कितनी अहम होती है।
इसके पहले ही, देश लगातार चौथे साल अर्थव्यवस्था में गिरावट देख रहा था। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की निजी खपत में इतना इजाफा नहीं हो रहा था, जिससे आर्थिक वृद्धि 5 फीसदी से अधिक होने का बल मिल सके।
प्रति व्यक्ति निजी खपत 2020-21 में 55,783 रुपये सालाना रही जो कि 2019-20 में 62,056 रुपये सालाना थी। खपत खर्च को आय के स्थान पर गरीबी स्तर मापने के लिए उपयोग किया जा सकता है, जैसा भारत में होता है। खपत खर्च को इस्तेमाल करके, अंदाजे के तौर पर यह कहा जा सकता है कि महामारी आने के पहले साल में देश में मासिक प्रति व्यक्ति आय 4,649 रुपये थी। यह महामारी से पहले के साल के मुकाबले किए गए खर्च के स्तर से तकरीबन 10 फीसदी कम थी।
यह आंकड़ा क्या दर्शाता है? यह दर्शाता है कि सभी तरह की आर्थिक गतिविधियों में कमी आई है, जैसा कि महामारी के पहले साल में अंदेशा भी था। लेकिन विरोधाभासी बात यह है कि यह खर्च भी तब हुआ जब बड़ी संख्या में लोगों की आय के साधन नहीं रहे या उनकी नौकरी अनियमित हो गई। इससे यह साफ होता है कि इसमें से अधिकांश लोगों ने अपनी बचत का इस्तेमाल करके घर चलाया। सीधा हिसाब लगाया जाए तो कहा जा सकता है कि या तो लोगों के पास मौजूदा वक्त में कोई धन बाकी नहीं है या फिर लोग धीरे-धीरे नौकरियों की तरफ लौट रहे हैं, जैसा कि पिछली तिमाही के जीडीपी के आंकड़े दर्शाते हैं कि नौकरियों में इजाफा हो रहा है, भले ही यह बेहद कम क्यों न हो।
इस गिरावट ने भारत को विषम तरीके से प्रभावित किया है। विश्व बैंक के आंकड़ों का इस्तेमाल करके प्यू रिसर्च सेंटर ने आकलन किया है कि महामारी के चलते आई आर्थिक मंदी के कारण एक ही साल में भारत में गरीबों (प्रतिदिन 2 डॉलर या उससे कम की आय वाले लोग) की संख्या 6 करोड़ से 13.4 करोड़ हो गई है। यह इजाफा दोगुना से भी अधिक है।
यहां से भारत ऐसी परिस्थिति की तरफ जा रहा है जो अकल्पनीय तौर पर विपदाग्रस्त नजर आ रही है। यह आंकड़ा ऐसे समय पर आया है जब हमें लगा था कि महामारी तकरीबन खत्म हो ही चुकी है। गंभीर हानि पहुंचाने वाली दूसरी लहर भी भारत में अप्रैल में आई, जब नया वित्त वर्ष शुरू होता है। यह दूसरी लहर अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी सेंध लगा रही है, जिसके चलते अधिक क्षेत्रों में और लंबे समय तक के लिए पाबंदियां और लॉकडाउन लगाया जा रहा है। और ऐसे में जब तकरीबन 50 करोड़ लोग भारत के गांवों में रहते हैं, तो इसे दुनिया की पहली ग्रामीण महामारी कहा जा सकता है।
1 मई से 24 मई के बीच भारत में तकरीबन 78 लाख नए मामले दर्ज किए गए, जो किसी महीने में अब तक सबसे अधिक हैं। इस दौरान, दुनिया में आने वाला कोविड-19 का हर दूसरा नया मामला भारत से था। और इस महामारी के चलते दुनिया में होने वाली हर तीसरी मौत भारत में हुई। इस दौरान भारत में दर्ज हुआ हर दूसरा नया मामला ग्रामीण इलाकों से रहा जबकि हर दूसरी मौत भी गांवों में ही दर्ज की गई। यानी दुनिया का हर तीसरा मामला भारत के ग्रामीण इलाकों से निकला।
पहली लहर में ग्रामीण क्षेत्रों पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ा था, बल्कि तब यह आम धारणा थी कि कोविड-19 शहरी इलाकों की बीमारी है। जब हम यह देख ही चुके हैं कि क्षमता से अधिक भार पड़ने पर शहरों और महानगरों में स्वास्थ्य सेवाओं का ढांचा कैसे बिखरा है, तो ग्रामीण क्षेत्रों में क्या हाल हुआ होगा, इसकी कल्पना मात्र ही डरावनी लगती है।
ऐसे में सवाल उठता है कि भारत पिछले वित्त वर्ष की तुलना में अपनी आर्थिक स्थिति बरकरार रखेगा या और खराब करेगा? संकेत तो ऐसे हैं कि इस साल हालात पिछले साल के मुकाबले कहीं अधिक खराब होने वाले हैं। इस बीमारी ने ग्रामीण क्षेत्रों पर जो हमला किया है, उसके चलते देश का अच्छे हालात में लौटना मुश्किल और अप्रत्याशित लगता है।
दूसरी लहर, जो कि ग्रामीण इलाकों तक भी पहुंची है, वह देश की पहले से गरीब आबादी के लिए और भी घातक बनकर उभरी है। विशेषज्ञों का पूर्वानुमान है कि देश की 50 करोड़ से अधिक की ग्रामीण आबादी एक क्रूर चक्र में फंस जाएगी।
ग्रामीण भारतीय- जिसमें अधिकतम लोग अनौपचारिक श्रमिक बल का हिस्सा हैं और लगभग सभी परिभाषाओं से गरीब हैं- वे महामारी से होने वाले विध्वंस के कारण पिछले एक साल से अनियमित रोजगार के साथ जी रहे हैं। अधिक ग्रामीण मामलों के साथ यह दूसरी लहर पहले से मौजूद आर्थिक संकट को और बढ़ा देगी।
इतना ही नहीं, मामलों के बढ़ने के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च भी तेजी से ऊपर जा सकता है, जिससे लोगों की आय या बचत पानी की तरह बह सकती है। फिलहाल सभी राज्यों में लोगों के घर से बाहर निकलने और गतिविधियों पर रोक लगी है।
लॉकडाउन की कड़ाई पिछले साल जैसी नहीं है, इस साल इस राज्य से दूसरे राज्य तक और राज्यों के भीतर एक जिले से दूसरे जिले तक लॉकडाउन की स्तर अलग-अलग है। ठीक ऐसे ही, पाबंदियों का हटाया जाना भी राज्यों पर निर्भर करेगा। लिहाजा, जिन लोगों के पास पिछले एक साल से नियमित आय नहीं है, वे गंभीर आर्थिक अनिश्चितता की स्थिति में जी रहे हैं। सभी संकेत इस तरफ इशारा करते हैं कि इन हालातों के चलते लोग गरीबी के कुचक्र से बाहर नहीं आ पाएंगे।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनोमी (सीएमआईई) के मुताबिक, नौकरियों के खोने और बेरोजगारी के जो आंकड़ों ग्रामीण इलाकों से दर्ज कराए जा रहे हैं वे पिछले साल जैसे नहीं हैं।
सीएमआईई के ताजा आंकड़े बताते हैं कि राष्ट्रीय बेरोजगारी दर पिछले साल जून के स्तर के करीब हैं, जब देशभर में लगे लॉकडाउन और पाबंदियों के चलते बेराजगारी अपने चरम पर थी। मई 16 वाले सप्ताह में शहरी इलाकों के लिए बेरोजगारी दर 14.71 फीसदी था, जबकि ग्रामीण इलाकों के लिए यह 14.34 फीसदी था। मई माह के मासिक बुलेटिन में भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा, “महामारी ने मजदूरों के काम करने की दर को गिरा दिया है। 2019-20 में यह दर औसतन 42.7 फीसदी थी, जो घटकर 39.9 फीसदी रह गई।”
बेरोजगारी का यह स्तर, खासतौर से ग्रामीण इलाकों में, इसी को ‘गिरावट का बिंदु’ कहा जाता है। संतोष मेहरोत्रा के मुताबिक, ‘2017-18 में बेरोजगारी दर 45 साल में सबसे ज्यादा थी। कोविड-19 ने इस स्थिति को गंभीर बना दिया है।’ कई अनुमानों के मुताबिक, दूसरी लहर ने अनौपचारिक सेक्टर को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। मेहरोत्रा ने कहा, ‘पहली लहर से अलग, इस लहर में किसान और उत्पादनकर्ता भी प्रभावित हुए हैं, लिहाजा इससे ग्रामीण सप्लाई चेन पर भी असर पड़ेगा।’
ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूदा महामारी का आर्थिक प्रभाव बेहद नुकसानदेय होने वाला है क्योंकि यहां पर अधिकतर अनौपचारिक और बेहद कम कमाई करने वाली मजदूर आबादी रहती है। दूसरी तरफ भारत की ग्रामीण आय देश की कुल आय में तकरीबन 46 फीसदी का योगदान करती है।
पिछले साल ग्रामीण अर्थव्यवस्था किसी तरह स्थिर बनी रही। कृषि क्षेत्र में हुए ठोस इजाफे और सरकार की तरफ से ग्रामीण योजनाओं पर किए गए खर्च का इसमें बड़ा हाथ रहा। लेकिन इस साल, यह भी रुक कर रह गई है। लाखों लोगों के गांव लौटने के चलते कृषि क्षेत्र में रोजगार में 3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, लेकिन इस साल इसमें और लोगों को रोजगार दे पाने की क्षमता नहीं है।
इसके अलावा कृषि सौदे के नियम प्रतिकूल होने के कारण बंपर पैदावार होने पर भी कमाई कम और कम ही होती जा रही है। इस वजह से लगातार तीसरे साल सामान्य मानसून रहने के जो फायदे बढ़ा-चढ़ाकर बताए गए हैं, वे नहीं होंगे। कम आय का मतलब होगा खपत पर कम खर्च।
ठीक ऐसे ही, देश में होने वाले निर्माण और मैन्युफैक्चरिंग का 50 फीसदी ग्रामीण इलाकों में होता है। इसमें ग्रामीण आबादी सिर्फ मजदूर की भूमिका नहीं निभाती, बल्कि काम देती भी है। लॉकडाउन के चलते इन गतिविधियों पर भी असर पड़ता है और डिमांड में आई कमी के चलते यह गतिविधियां सुस्त पड़ी हैं। यहां भी ग्रामीण क्षेत्रों की आय में गिरावट दर्ज होगी। (downtoearth.org.in)
-सुनीता नारायण
कोविड-19 वैश्विक महामारी के इस भयावह दौर में विश्व पर्यावरण दिवस की तार्किकता बयान करता सुनीता नारायण का आलेख
महामारी के दौरान विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के बारे में सोचना भी मुश्किल है। अपार मानवीय पीड़ा और हानि के इस समय में पर्यावरण की आखिर क्या बिसात है? लेकिन आइए इस विषय में सोचने के लिए हम थोड़ा समय निकालें। पिछले एक महीने में हमें जिस चीज की कमी सर्वाधिक खली वह था ऑक्सीजन। आइए हम उन दिनों एवं घंटों के बारे में सोचें जो हमने अपने प्रियजनों के लिए ऑक्सीजन खोजने में बर्बाद किए। अस्पतालों की ऑक्सीजन की टंकियां खाली होने के कारण कई मरीजों की जानें चली गईं। हालात यहां तक पहुंच गए कि देशभर के उद्योगों से ऑक्सीजन के परिवहन को विनियमित करने के लिए अदालतों को संज्ञान लेना पड़ा। यह वह दौर था जब हमें ऑक्सीजन कनसेन्ट्रेटर के व्यवसाय के बारे में पता चला।
यह एक ऐसा यंत्र है जो हवा को अंदर खींचता है और हमें आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन देता है। हमने लोगों को एक-एक सांस के लिए तरसते देखा है और हम इसकी कीमत का अनुभव कर चुके हैं। अतः हमें विश्व पर्यावरण दिवस के इस अवसर पर इन चीजों को याद रखने की आवश्यकता है। प्रकृति से हमें जो ऑक्सीजन मिलती है, वह हरित आवरण को बढ़ाने और हवा, यानि हमारी हर एक सांस को प्रदूषित न करने पर आधारित है। यह एक ऐसी चीज है जिसके बारे में हम बात तो अवश्य करते हैं लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाते।
हर साल 5 जून को मनाए जाने वाले इस वर्ष के विश्व पर्यावरण दिवस का विषय पारिस्थितिकी तंत्र की मरम्मत है। वृक्षों के घनत्व में वृद्धि और पारिस्थितिकी तंत्र की देखभाल के फलस्वरूप हमारी धरती कार्बन डाईऑक्साइड को अलग करके ऑक्सीजन रिलीज करने में सफल हो पाएगी। यह गैस हमारे वातावरण को लगातार भरे जा रही है और जलवायु परिवर्तन की समस्या को भयावह बना रही है। हमें यह समझने की जरूरत है कि पेड़ लगाने या पारिस्थितिक तंत्र को बहाल करने के लिए हमें पहले प्रकृति और समाज के साथ अपने संबंधों को बहाल करना होगा। तथ्य यह है कि पेड़ मुख्यतः भूमि पर आधारित होते हैं। कौन इसका मालिक है? कौन इसकी रक्षा करता है और कौन उसे पुनर्जीवित करता है? उपज पर अधिकार किसका होता है यह भी एक महत्वपूर्ण पहलू है। भारत में, वन विभाग के पास सामान्य वन भूमि के विशाल क्षेत्रों का “स्वामित्व” है। लेकिन भारत जैसे देशों में “जंगल” नहीं है।
इसके बजाय, हमारे पास ऐसे आवास हैं जहां लोग जंगलों में जंगली जानवरों के साथ रहते हैं। ये वही वन जिले हैं जिन्हें सबसे पिछड़े और सबसे गरीब के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह भी सच है कि तमाम कानूनी एवं प्रशासनिक और कभी-कभी बाहुबल का इस्तेमाल करते हुए हमारे देश का वन विभाग ग्रीन कवर को बरकरार रखने में कुछ हद तक सक्षम रहा है। यह विभाग लोगों और उनके जानवरों को जंगलों से बाहर रखने के लिए हर दिन कड़ी मेहनत करता है। निचले पायदान पर आने वाले संतरियों से लेकर शीर्ष नौकरशाहों के बीच फाइलों के आदान-प्रदान की गति को धीमा करके खदानों एवं बांधों जैसी “विकास परियोजनाओं” के लिए पेड़ों की कटाई को भी यह विभाग भरसक रोकता है ।
वृक्ष लगाने के लिए इसके प्रबंधन का स्वामित्व लेने की आवश्यकता होती है ताकि पौधों को नुकसान न पहुंचे। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि पेड़ों का एक मूल्य होता है, चाहे उनकी पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के लिए या लकड़ी के लिए जिसका उत्पादक को भुगतान करने की आवश्यकता होती है। यह एक वृक्ष आधारित नवीकरणीय भविष्य की तैयारी होगी, जहां लकड़ी का उपयोग घर बनाने और ऊर्जा पैदा करने के लिए किया जा सकता है। यह एक सदाबहार क्रांति होगी जो गरीबों के हाथ में पैसे देने के साथ-साथ आजीविका एवं ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करके जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करेगी। आज पूरी दुनिया प्रकृति आधारित समाधानों के बारे में बात कर रही है, जिनका मैंने ऊपर वर्णन भी किया है लेकिन यह गरीब समुदाय को समाधान के केंद्र में रखे बिना किया जा रहा है।
इसका कारण समझना मुश्किल नहीं है। यह लैन्ड टेन्यर की राजनीतिक अर्थव्यवस्था के बारे में है, सबसे बेजुबान और हाशिए पर खड़े लोगों की ताकत और इंसानों की कीमत पर वनों की रक्षा के बारे में भी। इस योजना में भूमि और श्रम के मूल्य का भुगतान हवा से कार्बन डाईऑक्साइड को कम करने के सबसे सस्ते विकल्पों के संदर्भ में नहीं बल्कि उस आजीविका के संदर्भ में किया जाना चाहिए जो यह समाधान प्रदान करेगा। इससे सस्ते कार्बन ऑफसेट खरीदने का पूरा विचार अव्यवहारिक हो जाएगा। इसके अलावा एक और चुनौती जो है वह यह है कि हम हर सांस के साथ ऑक्सीजन न लेकर जहर खींच रहे हैं। हम हर साल इस पर चर्चा करते हैं जब सर्दी आती है और प्रदूषण भारी हवा और नमी की वजह से वातावरण में फंस जाता है। तब हमें इसकी भयवाहता महसूस होती है।
हम हताशा में चिल्लाते हैं। लेकिन फिर हम भूल जाते हैं। इसलिए,जैसे ही इस साल सर्दी समाप्त हुई, भारत सरकार ने कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्रों के नियम बदल दिए, जिससे उन्हें प्रदूषण फैलाने में असुविधा न हो। सीधे शब्दों में कहें तो आप गैर-अनुपालन के लिए भुगतान कर सकते हैं और यह जुर्माना प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों पर आपके द्वारा किए जाने वाले खर्च से कम होगा। बिजली कंपनियों के लिए ऑक्सीजन और बाकी लोगों के लिए दमघोंटू सांसें, नियम कुछ ऐसे ही हैं।
हमारे ऑक्सीजन को एक सिलेंडर में या एक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन द्वारा सुरक्षित नहीं किया जा सकता है। मुझे संदेह है कि हर अमीर भारतीय अब इसे खरीदेगा और रखेगा। इसे एयर प्यूरीफायर से भी सुरक्षित नहीं किया जा सकता है जिसे हमने पहले ही अपने घरों और कार्यालयों में खरीदा और स्थापित किया है। इसके बजाय, ऑक्सीजन को हमें इसे अपनी दुनिया की सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण जीवन-समर्थन प्रणाली के रूप में महत्व देना चाहिए।
इसलिए, इस विश्व पर्यावरण दिवस पर जब महामारी के कहर ने हमें क्रोधित और हताश छोड़ दिया है, आइए अब समय बर्बाद करना बंद करें। आज हम पहले से कहीं बेहतर तरीके से जानते हैं कि बात करने से जान नहीं बचती है। हमें इन बातों पर अमल भी करना होगा। हरित और अधिक समावेशी कल के लिए इस लड़ाई में ऑक्सीजन हमारी वैश्विक पीड़ा है। यह हमारे अस्तित्व की लड़ाई है, इससे कम कुछ नहीं। (downtoearth.org.in)
1. निम्नलिखित में से किसे वर्गिकी का जनक कहा जाता है?
(अ) मेण्डल (ब) लीनियस (स) खुराना (द) एंग्लर
2. स्पीसीज प्लाण्टेरम तथा सिस्टेमा नेच्युरी लिखी गई?
(अ) एंग्लर द्वारा (ब) लीनियस द्वारा (स) हुकर द्वारा (द) वेलेस द्वारा
3. वर्गीकरण की आधारीय इकाई है?
(अ) स्पीसीज (ब) ऑर्डर (स) कुल (द) वर्ग
4. बैगन किस कुल का पौधा है?
(अ) कू्रसीफेरी (ब) कुकुरबीटेसी (स) सोलेनेसी (द) मालवेसी
5. कपास के पौधे का वंशीय नाम क्या है?
(अ) क्रोटोलेरिया (ब) रैफेनस (स) निकोटियाना (द) गौसीपियम
6. कोई पद लाभ का पद है, इस बात का का निर्णय निम्नलिखित में से कौन करता है?
(अ) राष्टï्रपति एवं राज्यपाल (ब) संघीय संसद (स) उच्चतम न्यायलय (द) संघ लोक सेवा आयोग
7. लोकसभा के अध्यक्ष द्वारा अधिकारिक तौर पर एक राजनीतिक दल अथवा राजनीतिक दलों के गठबंधन को विपक्ष की मान्यता देने हेतु कम से कम कितने सदस्य होने चाहिए?
(अ) 50 सदस्य (ब) 60 सदस्य (स) 80 सदस्य (द) लोकसभा की कुल सदस्यता का एक तिहाई
8. एक मनुष्य दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है और उसे रक्ताधान की आवश्यकता होती है, किंतु उसके रक्त समूह का परीक्षण करने का समय नहीं है। ऐसे में निम्नलिखित में से कौन सा रक्त समूह उसे दिया जा सकता है?
(अ) ह्र+ (ब)ह्र- (स)्रक्च+ (द)्रक्च-
9. निम्नलिखित में से कौन, लाहौर षड्यंत्र केस से संबंधित नहीं था?
(अ) भगतसिंह (ब) सूर्यसेन (स) राजगुरु (द) सुखदेव
10. निम्नलिखित में से किसने वर्नाकुलर प्रेस एक्ट को निरस्त किया था?
(अ) लॉर्ड लिटन (ब) लॉर्ड रिपन (स) लॉर्ड डफरिन (द) लॉर्ड लैंसडाउन
11. निम्नलिखित में से किसने सबसे पहले स्वराज शब्द का प्रयोग किया?
(अ) राजा राममोहन राय (ब) बाल गंगाधर तिलक (स) महात्मा गांधी (द) स्वामी विवेकानंद
12. भारत की स्वतंत्रता की पहली लड़ाई, 1857 में कहां से प्रारंभ हुई थी?
(अ) कलकत्ता से (ब) दिल्ली से (स) झांसी से (द) मेरठ से
13. 1857 के विद्रोह के समय कौन ब्रिटिश गवर्नर जनरल था?
(अ) लॉर्ड डलहौजी (ब) लॉर्ड कैनिंग (स) विलियम बैंटिक (द) लॉर्ड मेयो
14. 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के समय इंग्लैण्ड के शाही तख्त पर कौन विराजमान था?
(अ) महारानी एलिजाबेथ प्रथम (ब) महारानी विक्टोरिया (स) जार्ज द्वितीय (द) चाल्र्स तृतीय
15. वर्ष 1858 के अधिनियम के माध्यम से भारत में अंग्रेजी शासन के नियंत्रण का अधिकार किसे दिया गया?
(अ) ब्रिटिश वायसराय को (ब) ब्रिटिश बोर्ड ऑफ कंट्रोल को (स) ब्रिटिश प्रधानमंत्री को (द) ब्रिटिश क्राउन को
16. प्रसिद्घ पत्र बहिष्कृत भारत किसके द्वारा निकाला गया?
(अ) बी.आर. अंबेडकर (ब) ज्योतिबा फूले (स) गांधी जी (द) करसोनदास मूलजी
17. बुद्घ का अर्थ क्या है?
(अ) महात्मा (ब) जीवन चक्र से मुक्त (स) जिसे बोध प्राप्त हो चुका हो (द) जिसे मोक्ष प्राप्त हो चुका हो
18. लाई हराओबा किस प्रदेश का प्रमुख नृत्य है, जिसे वे देवी देवताओं की आराधना करने के लिए करते हैं?
(अ) मणिपुर (ब) मिजोरम (स) सिक्किम (द) केरल
19. अंत्योदय कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य निम्न में से किन लोगों को लाभ पहुंचाना है?
(अ) औद्योगिक श्रमिक (ब) ग्रामीण निर्धन (स) श्रमिक (द) किसान वर्ग
20. भारत की अर्थव्यवस्था किस प्रकार की अर्थव्यवस्था है ?
(अ)समाजवादी (ब)मिश्रित (स)गांधीवादी (द) स्वतंत्र अर्थव्यवस्था
21. एशिया एंड पैसेफिक इकोनोमिक कोऑपरेशन (्रक्कश्वष्ट) का मुख्यालय कहां स्थित है?
(अ) (ब) सिंगापुर में (स) (द)
22. मिक्सड डब्ल्स प्रतियोगिताएं निम्र में से किन खेलों में होती हैं?
(अ) बैडमिंटन (ब) टेनिस (स) टेबल टेनिस (द) उक्त सभी
23. किस वेद की पाण्डुलिपियों को यूनेस्को की मेमोरी ऑफ वल्र्ड रजिस्टर में शामिल किया गया है?
(अ) ऋग्वेद (ब) सामवेद (स) युजर्वेद (द) उक्त सभी
24. इजराइली हमले के शिकार लेबनान में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए 2006 में भारत द्वारा चलाया गया अभियान?
(अ) ऑपरेशन सुकून (ब) ऑपरेशन मरहम (स) ऑपरेशन सर्द हवा (द) ऑपरेशन सद्भावना
25. निम्नलिखित में से किस पद का संबंध क्रिकेट से है?
(अ) ग्रैंड स्लैम (ब) हाफ नेल्सन (स) एशैज (द) स्क्रीन
26. जब एक गेंद को ऊपर की तरफ फेंका जाता है, तो निम्नलिखित में से कौन सा एक स्थिर रहता है?
(अ) विस्थापन (ब) गतिज ऊर्जा (स) त्वरण (द) वेग
27. डीएनए की संरचना को सबसे पहले किसने रेखांकित किया?
(अ) मेघनाथ साहा (ब) स्टीफन हॉकिंग (स) वाटसन व क्रिक (द) अलेक्जेण्डर फ्लेमिंग
28. किसके द्वारा अनुवांशिकता के विज्ञान को आनुवांशिकी कहा गया?
(अ) मेंडल (ब) कॉरेन्स (स) मूलर (द) वाटसन
29. लेप्रॉसी बेसिलस का आविष्कार निम्नलिखित में से किसने किया था?
(अ) कोच ने (ब) हेन्सेन ने (स) फ्लेमिंग ने (द) हार्वे ने
30. मनजीत बावा का संबंध निम्र में से किससे है?
(अ) चित्रकारी (ब) राजनीति (स) राजनीति (द) खेल
सही जवाब- 1.(ब) लीनियस, 2.(ब) लीनियस द्वारा, 3.(अ) स्पीसीज, 4.(स) सोलेनेसी, 5.(द) गौसीपियम, 6.(ब) संघीय संसद, 7.(अ) 50 सदस्य, 8.(ब)ह्र-, 9. (ब) सूर्यसेन, 10.(ब) लॉर्ड रिपन, 11.(ब) बाल गंगाधर तिलक, 12. (द) मेरठ से, 13.(ब) लॉर्ड कैनिंग, 14.(ब) महारानी विक्टोरिया, 15.(द) ब्रिटिश क्राउन को, 16.(अ) बी. आर. अंबेडकर, 17.(स) जिसे बोध प्राप्त हो चुका हो, 18. (अ) मणिपुर, 19.(ब) ग्रामीण निर्धन, 20.(ब) मिश्रित अर्थव्यवस्था, 21.(ब) सिंगापुर में, 22.(द) उक्त सभी, 23.(अ) ऋग्वेद, 24.(अ) ऑपरेशन सुकून, 25.(स) एशैज, 26.(स) त्वरण, 27.(स) वाटसन व क्रिक, 28.(द) वाटसन, 29.(ब) हेन्सेन ने, 30.(अ) चित्रकारी।
पॉलिडैक्टिली हाथ या पैरों की बनावट में आई एक असामान्यता होती है, जिसके कारण हाथों या पैरों में सामान्य से अधिक ऊंगलियां मिलती हैं। ये जन्मजात दोष होता है जो भ्रूण के बनने के समय क्रोमोज़ोम्स के असामान्य मिलन के कारण होता है। इस रोग को ऑपरेशन के द्वारा दूर किया जाता है।
अरब सागर के तट पर अष्टमुदी झील के निकट बसा कोल्लम एक बंदरगाह नगर है। केरल के कोल्लम शहर की स्थापना नौवीं शताब्दी में की गई थी। कहा जाता है कि इस शहर की स्थापना सीरिया के व्यापारी सपीर ईसो ने की थी।
ये खूबसूरत शहर अरब सागर के तट पर अष्टमुदी झील के पास बसा है। इब्न बतूता ने 14वीं शताब्दी में इसे भारत के पांच बड़े बंदरगाहों में शुमार किया था। बंदरगाह होने के कारण इस जगह की सुंदरता और बढ़ जाती है। समुद्र, झील, मैदान, पहाड़, नदियां, बैकवाटर, जंगल, घने जंगल आदि विविधताएं इसे अन्य स्थानों से पृथक करती हैं।
कर कटौती और संग्रहण खाता संख्या (टीएएन)टैन या कर कटौती और संग्रहण खाता संख्या एक 10 अंकीय वर्णात्मक संख्या है जिसको प्राप्त करने की आवश्यकता सभी व्यक्तियों को होती है।
टैन आय कर विभाग द्वारा टिन सुविधा केंद्रों, जिसका प्रबंधन नेशनल सिक्युरिटी डिपोजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) द्वारा किया जाता है, को प्रस्तुत आवेदन के आधार पर आबंटित किया जाता है। एनएसडीएल टैन को सूचित करेगा जिसे सभी टीडीएस/टीसीएस संबंधी भावी पत्राचार में उल्लेख करने की आवश्यकता होगी। टैन के आबंटन के लिए आवेदन का प्रपत्र 49 ख में भरा जाना और ईटीडी विवरणी के निर्मित बने किसी टिन सुविधा केंद्र में जमा करना है। आयकर अधिनियम सभी टीडीएल/टीसीएस विवरणियों, सभी टीडीएस / टीसीएस भुगतान चालानों और सभी टीडीएस/टीसीएस जारी किए जाने वाले प्रमाणपत्रों में इसका उल्लेख करना अनिवार्य बनाता है। टैन के लिए आवेदन न करने या अधिनियम के किसी भी प्रावधान का अनुपालन न करने से दण्ड दिया जा सकता है। टीडीएस/टीसीएस विवरणियां स्वीकार नहीं की जाएंगी यदि टैन का उल्लेख न किया गया हो और टीडीएस/टीसीएस भुगतान के लिए चालान बैंकों द्वारा स्वीकार नहीं किया जाएगा।
4 जून सन 1989 ईसवी को चीन की राजधानी बीजिंग के थ्येन आन मन नामक चौक पर छात्रों के खिलाफ हिंसा की घटना हुई। इस दिन हज़ारों चीनी छात्र इस चौक पर एकत्रित हुए थे और खुले राजनैतिक वातावरण कम्युनिष्ट पार्टी के अधिकारों में कमीं संसद की शक्ति और अधिकारों में वृद्धि तथा सांसदों के निर्वाचित होने की मांग कर रहे थे।
सरकार ने बार-बार चेतावनी दी, लेकिन उनका प्रदर्शन जारी रहा और अंतत: पुलिस और सेना के जवानों ने छात्रों के प्रदर्शनों को बुरी तरह कुचला। छात्रों और पुलिस की इस झड़प से चीन के विरूद्ध पश्चिमी देशों को अच्छा बहाना मिल गया और उन्होंने इस घटना पर खूब हो हल्ला मचाकर चीन की सरकार पर मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाया और उस पर दबाव बनाने का प्रयास किया।
व्रत किसे कहते हैं?
संकल्पपूर्वक किए गए कर्म को व्रत कहते हैं। मनुष्य को पुण्य के आचरण से सुख और पाप के आचरण से दुख होता है। संसार का प्रत्येक प्राणी अपने अनुकूल सुख की प्राप्ति और अपने प्रतिकूल दुख की निवृत्ति चाहता है। ऋषि- मुनियों ने वेद, पुराण, स्मृति और समस्त निबंधग्रंथों को आत्मसात् कर मानव के कल्याण के हेतु सुख की प्राप्ति तथा दुख की निवृत्ति के लिए अनेक उपाय कहे गये हैं। उन्हीं उपायों में से व्रत और उपवास श्रेष्ठ तथा सुगम उपाय हैं। व्रतों के विधान करने वाले ग्रंथों में व्रत के अनेक अंगों का वर्णन देखने में आता है। उन अंगों का विवेचन करने पर दिखाई पड़ता है कि उपवास भी व्रत का एक प्रमुख अंग है। इसीलिए अनेक स्थलों पर यह कहा गया है कि व्रत और उपवास में परस्पर भाव संबंध है। अनेक व्रत के आचरणकाल में उपवास करने का विभिन्न विधान देखा जाता है।
अनेक प्रकार के व्रतों में सर्वप्रथम वेद के द्वारा प्रतिपादित अग्नि की उपासना रूपी व्रत देखने में आता है। इस उपासना के पूर्व विधानपूर्वक अग्नि परिग्रह आवश्यक होता है। अग्निपरिग्रह के पश्चात व्रती के द्वारा सर्वप्रथम पौर्ण मास याग करने का विधान है।
वैदिक काल की अपेक्षा पौराणिक युग में अधिक व्रत देखने में आते हैं। उस काल में व्रत के प्रकार अनेक हो जाते हैं। जिस व्रत का आचरण सर्वदा के लिए आवश्यक है और जिसके न करने से मानव दोषी होता है वह नित्यव्रत है। सत्य बोलना, पवित्र रहना, इंद्रियों का निग्रह करना, क्रोध न करना, अश्लील भाषण न करना और परनिंदा न करना आदि नित्यव्रत हैं। किसी प्रकार के पातक के हो जाने पर या अन्य किसी प्रकार के निमित्त के उपस्थित होने पर चांद्रायण प्रभृति जो व्रत किए जाते हैं वे नैमिक्तिक व्रत हैं। जो व्रत किसी प्रकार की कामना विशेष से प्रोत्साहित होकर मानव के द्वारा संपन्न किए जाते हैं वे काम्य व्रत हैं; यथा पुत्रप्राप्ति के लिए राजा दिलीप ने जो व्रत किया था वह काम्य व्रत है।
भारतीय साहित्य जगत में अष्टछाप कवि आठ माने गए हैं, जो प्राय: समकालीन ही हैं।
हिन्दी साहित्य में कृष्णभक्ति काव्य की प्रेरणा देने का श्रेय श्री वल्लभाचार्य (1478 ई.-1530 ई,) को जाता है, जो पुष्टिमार्ग के संस्थापक और प्रवर्तक थे। उनके द्वारा पुष्टिमार्ग में दीक्षित होकर सूरदास आदि आठ कवियों की मंडली ने महत्वपूर्ण साहित्य की रचना की थी। गोस्वामी बि_लनाथ ने सं.1602 के लगभग अपने पिता वल्लभ के 84 शिष्यों में से चार और अपने 252 शिष्यों में से चार को लेकर अष्टछाप के प्रसिद्ध भक्त कवियों की मंडली की स्थापना की। इन आठ भक्त कवियों में चार वल्लभाचार्य के शिष्य थे- सूरदास, कुम्भनदास, सूरदास, परमानंद दास, कृष्णदास।
वहीं, अन्य चार गोस्वामी बि_लनाथ के शिष्य थे - गोविंदस्वामी, नंददास, छीतस्वामी, चतुर्भुजदास।
ये आठों भक्त कवि श्रीनाथजी के मंदिर की नित्य लीला में भगवान श्रीकृष्ण के सखा के रूप में सदैव उनके साथ रहते थे, इस रूप में इन्हें अष्टसखा की संज्ञा से जाना जाता है। अष्टछाप के भक्त कवियों में सबसे ज्येष्ठ कुम्भनदास थे और सबसे कनिष्ठ नंददास थे। काव्यसौष्ठव की दृष्टि से सर्वप्रथम स्थान सूरदास का है तथा द्वितीय स्थान नंददास का है। सूरदास पुष्टिमार्ग के नायक कहे जाते है। ये वात्सल्य रस एवं श्रृंगार रस के अप्रतिम चितेरे माने जाते हंै। सूरसागर उनकी प्रमुख रचना है।
नंददास काव्य सौष्ठव एवं भाषा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इनकी महत्वपूर्ण रचनाओ में रासपंचाध्यायी, भवरगीत एवं सिन्धांतपंचाध्यायी है। परमानंद दास के पदों का संग्रह परमानन्द-सागर है। कृष्णदास की रचनाएं भ्रमरगीत एवं प्रेमतत्व निरूपण है।
कुम्भनदास के केवल फुटकर पद पाये जाते हैं। इनका कोई ग्रन्थ नही है। छीतस्वामी एवं गोविंदस्वामी का कोई ग्रन्थ नहीं मिलता। चतुर्भुजदास की भाषा प्रांजलता महत्वपूर्ण है। इनकी रचना द्वादश-यश, भक्ति-प्रताप आदि है।
कुर्दी भाषा
कुर्दी , ईरान, तुर्की, ईराक़, सीरिया और दक्षिणी कॉकस क्षेत्र में रहने वाले कुर्दी लोगों की भाषा है। यह हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की हिन्द-ईरानी शाखा की ईरानी उपशाखा की एक सदस्य है। यह आधुनिक फ़ारसी भाषा से काफ़ी मिलती-जुलती है।
दुनिया भर में कुर्दी बोलने वालों की संख्या 1.6 करोड़ अनुमानित की गई है। तुर्की में इसे मातृभाषा या दूसरी भाषा बोलने वाले उस देश की कुल आबादी के लगभग 12 प्रतिशत अनुमानित किये गए हैं। वास्तव में कुर्दी एक भाषा नहीं बल्कि बहुत सी कुर्दी उपभाषाओं का गुट है।
1. कुमीनागा लोक नृत्य निम्नलिखित में से किस राज्य में प्रचलित है?
(अ) मणिपुर (ब) मिजोरम (स) नगालैंड (द) असम
2. लोक नृत्य लम्बाडी किस राज्य से संबंधित है?
(अ) गुजरात (ब) महाराष्ट्र (स) आंध्रप्रदेश (द) तमिलनाडु
3. जात्रा कहां का प्रमुख लोक नृत्य है?
(अ) पश्चिम बंगाल (ब) बिहार (स) पंजाब (द) उड़ीसा
4. पंडित भीमसेन जोशी के क्रियाकलाप का क्षेत्र क्या रहा है?
(अ) साहित्य (ब) शास्त्रीय संगीत (स) शिक्षा (द) पत्रकारिता
5. विश्वविख्यात चित्रकारी गुएरनिका किसकी कृति है?
(अ) पिकासो (ब) एंजेलो (स) विंची (द) राफेल
6. माइकल एंजेलो और लियोनार्डो द विंची किस देश के विश्वविख्यात चित्रकार थे?
(अ) स्पेन (ब) जर्मनी (स) इटली (द) फ्रांस
7. भाप से हाथ अधिक जलता है, अपेक्षाकृत उबलते जल से क्योंकि?
(अ) भाप में गुप्त ऊष्मा होती है (ब) भाप शरीर के भीतर घुस जाती है (स) भाप में अधिक मारक क्षमता होती है (द) भाप हल्की होती है
8. ताप स्थिर किसे स्थिर बनाए रखने का एक साधन है?
(अ) विद्युत प्रवाह (ब) ताप (स) दबाव (द) ऊष्मा विकिरण
9. ध्वनि के किस लक्षण के कारण कोई ध्वनि मोटी या पतली होती है?
(अ) तीव्रता (ब) तारत्व (स) गुणता (द) इनमें से कोई नहीं
10. प्रतिध्वनि तरंगों के कारण उत्पन्न होती है?
(अ) अपवर्तन (ब) अवशोषण (स) परावर्तन (द) विवर्तन
11. सोनार (स्ह्रहृ्रक्र) अधिकांशत: प्रयोग में लाया जाता है?
(अ) अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा (ब) डॉक्टरों द्वारा (स) इंजीनियरों द्वारा (द) नौसंचालकों द्वारा
12. अनुरणन काल तथा हॉल के आयतन के बीच संबंध का प्रतिपादन किया है?
(अ) डाप्लर ने (ब) न्यूटन ने (स) सेबिन ने (द) लाप्लास ने
13. प्रतिध्वनि का कारण क्या है?
(अ) ध्वनि का परावर्तन (ब) ध्वनि का अपवर्तन (स) ध्वनि का अवशोषण (द) ध्वनि का चाल
14. स्टेथोस्कोप ध्वनि के किस सिद्धांत पर कार्य करता है?
(अ) परावर्तन (ब) अपवर्तन (स) विवर्तन (द) धु्रवण
15. निम्नलिखित युग्मों में से कौन सुमेलित नहीं है?
(अ) शुष्क बर्फ : ठोस कार्बन डाईऑक्साइड (ब) मस्टर्ड गैस: रासायनिक युद्घ में प्रयुक्त होने वाला विषैला द्रव (स) टेफ्लान: फ्लुओरीन युक्त बहुलक (द) फुलरीन: फ्लुओरीन युक्त कार्बनिक यौगिक
16. सूर्य की ऊर्जा उत्पन्न होती है?
(अ)नाभिकीय विखंडन के द्वारा (ब) आयनीकरण के द्वारा (स) नाभिकीय संलयन के द्वारा (द) ऑक्सीकरण के द्वारा
17. आयात एवं निर्यात पर लगाए जाने वाले कर को किस नाम से जाना जाता है?
(अ) आय कर (ब) व्यापार कर (स) सीमा कर (द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
18. राष्टï्रीय खेल दिवस किस दिन मनाया जाता है?
(अ)29 जुलाई (ब)29 अगस्त (स) 29 सितंबर (द) 20 अगस्त
19. इनमें से सबसे लंबी आयुवाला जीव कौन सा है?
(अ) कछुआ (ब) हाथी (स) गोरिल्ला (द) मनुष्य
20. क्रिस्टीन, डायर, पापा मेलैंड, क्वीन एलिजाबेथ, ऑकलहोम-ये किसके नाम हैं?
(अ) परफ्यूम (ब) बोन चाइना (स) गुलाब (द) सेब
21. विश्व का सबसे बड़ा गैस क्षेत्र कहां है?
(अ) सऊदी अरब (ब) रूस (स) इराक (द) नाइजीरिया
22. विभिन्न प्रकार के प्रयासों के बावजूद भारत की आबादी चौंकाने वाली दर से बढ़ रही है। सन् 1971 और 1981 के बीच की अवधि में वृद्घि की रिकॉर्ड की गई दर है?
(अ) 15 प्रतिशत (ब) 20 प्रतिशत (स)23 प्रतिशत (द) 25 प्रतिशत
23. कौन सा चमगादड़ आकार में छोटा होता है?
(अ) फल खाने वाला चमगादड़ (ब) मांसभक्षी चमगादड़ (स)कीटभक्षी चमगादड़ (द) तृणभक्षी चमगादड़
24. अंग्रेजी में सुनहरे नियम अर्थात गोल्डन रूल्स का क्या अर्थ है?
(अ) अतीत का पछतावा नहीं (ब) न उधार दो, न उधार लो (स) दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करो जैसा अपने साथ चाहते हो (द) मध्यम मार्ग अपनाओ
25. बिल्ली और बाघ की प्रजाति के समान ही नर हिप्पोटोमस (दरियाई घोड़ा) का संबंध किस अन्य पशु की प्रजाति में भी पाया जाता है?
(अ) हाथी (ब) घोड़ा (स) गैंडा (द) सूअर
26. विश्व की सबसे लंबी नहर कौन सी है?
(अ)स्वेज नहर (ब) वोल्गा-बाल्टिक नहर (स) सेंट लॉरेंस सी-वे(समुद्री मार्ग) (द) कील नहर
27. प्रत्यावर्ती धारा को दिष्ट धारा में परिवर्तित करने वाली प्रक्रिया को क्या कहते हैं?
(अ) इनवर्टर (ब) रेक्टीफायर (स) ट्रांसफॉर्मर (द) ट्रांसमीटर
28. एक भू-उपग्रह अपनी कक्ष में निरंतर गति करता है, यह अपकेंद्र बल के प्रभाव से होता है, जो प्राप्त होता है-
(अ) उपग्रह को प्रेरित करने वाले राकेट इंजन से (ब) पृथ्वी द्वारा उपग्रह पर लगने वाले गुरुत्वाकर्षण से (स) सूर्य द्वारा उपग्रह पर लगने वाले गुरुत्वाकर्षण से (द) उपग्रह द्वारा पृथ्वी पर लगने वाले गुरुत्वाकर्षण से
29. निम्नलिखित में से कौन से संकेत शब्द फ्रांसीसी क्रांति से संबंधित थे?
(अ) अधिकार, स्वाधीनता और समानता (ब) स्वाधीनता, समानता और न्याय (स) स्वाधीनता, समानता और बंधुता (द) अधिकार, समानता और न्याय
सही जवाब-1. (स) नगालैंड, 2.(स) आंध्रप्रदेश, 3.(स) पंजाब, 4.(ब) शास्त्रीय संगीत, 5.(अ) पिकासो, 6.(स) इटली, 7.(अ)भाप में गुप्त ऊष्मा होती है, 8.(ब) ताप, 9.(ब) तारत्व, 10.(स) इंजीनियरों द्वारा, 11.(द) नौसंचालकों द्वारा, 12.(स) सेबिन ने, 13.(अ) ध्वनि का परावर्तन, 14.(अ)परावर्तन, 15.(द)फुलरीन: फ्लुओरीन युक्त कार्बनिक यौगिक, 16.(स)नाभिकीय संलयन के द्वारा, 17.(स) सीमा कर, 18.(ब) 29 अगस्त, 19.(अ) कछुआ, 20.(स) गुलाब, 21.(ब) रूस, 22.(द) 25 प्रतिशत, 23.(अ) फल खाने वाला चमगादड़, 24.(स)दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करो जैसा अपने साथ चाहते हो, 25.(द) सूअर, 26.(ब) वोल्गा-बाल्टिक नहर, 27.(स) ट्रांसफॉर्मर, 28.(ब) पृथ्वी द्वारा उपग्रह पर लगने वाले गुरुत्वाकर्षण से, 29.(स) स्वाधीनता, समानता और बंधुता।
पृथ्वी और शुक्र ग्रह को जुड़वा ग्रह कहा जाता है। ये आकार में एक जैसे हैं, लेकिन बाद में दोनों का विकास एकदम अलग हुआ है, असमान जुड़वां बच्चों की तरह। एक सूखा और दुर्गम है तो दूसरा नम और जीवन से भरपूर।
धरती और शुक्र एक दूसरे से इतने अलग क्यों हैं, इसकी वजहों का पता करने में विज्ञान अब तक नाकाम रहे हैं। लेकिन अब इसकी गुत्थियां खुल सकती है। नेचर पत्रिका में छपी एक रिपोर्ट में जापान के रिसर्चरों की एक टीम ने कहा है कि इसका जवाब इन ग्रहों की सूरज से दूरी में छुपा है। हालांकि दोनों ग्रह कॉस्मिक स्केल पर करीब हैं, धरती सूरज से 15 करोड़ किलोमीटर दूर है और शुक्र 10.8 करोड़ किलोमीटर। रिसर्च टीम का कहना है कि बहुत संभव है कि दोनों अपने केंद्र से क्रिटिकल दूरी के इस पार और उस पार चक्कर लगाते हैं। माना जाता है कि यही कारण है कि 4.5 अरब साल पहले जन्म के समय लगभग एक जैसे ग्रह ठोस अवस्था में अब इतने अलग दिखने लगे हैं।
12 हजार किलोमीटर की दूरी पर शुक्र का व्यास धरती के व्यास का 95 प्रतिशत है और उसका पिमंड 80 प्रतिशत है। वह धरती और बुध ग्रह के बीच सूरज के चक्कर लगाता है। बुध सूरज का सबसे करीबी ग्रह है। जहां तक दोनों के बीच अंतर का सवाल है तो शुक्र की सतह पर पानी नहीं है और उसका माहौल बहुत भारी और जहरीला है, जो तकरीबन पूरी तरह कार्बन डाय ऑक्साइड से बना है। सतह पर औसत तापमान 477 डिग्री सेल्सियस है।
रिपोर्ट के लेखकों का कहना है कि सूरज से क्रिटिकल दूरी के बाहर स्थित धरती जैसे टाइप वन ग्रह के पास लाखों सालों की तरल स्थिति में ठोस अवस्था में आने का समय था और इस प्रक्रिया में पत्थरों में और ठोस सतह के नीचे पानी जमा होता गया। इसके विपरीत टाइप टू ग्रह, शुक्र जिसकी मिसाल हो सकता है, ज्यादा समय तक तरल अवस्था में रहे। 10 करोड़ साल से भी ज्यादा और इन सालों में उन्हें सूरज से ज्यादा गर्मी मिली, जिसकी वजह से पानी को सूखने के लिए ज्यादा वक्त भी मिला।
उदारतावाद
उदारतावाद व्यक्तिगत स्वतंत्रता के समर्थन का राजनैतिक दर्शन है। वर्तमान विश्व में यह अत्यन्त प्रतिष्ठित धारणा है। पूरे इतिहास में अनेकं दार्शनिकों ने इसे बहुत महत्व एवं मान दिया।
उदारतावाद शब्द का प्रयोग, साधारणतया, व्यापक रूप से मान्य, कुछ राजनीतिक तथा आर्थिक सिद्धांतों, साथ ही, राजनीतिक कार्यों बौद्धिक आंदोलनों का भी परिणाम है जो 16वीं शताब्दी से ही सामाजिक जीवन के संगठन में व्यक्ति के अधिकारों के पक्ष में, उसके स्वतंत्र आचरण पर प्रतिबंधों के विरुद्ध, कार्यशील रहे हैं। 19वीं शताब्दी में उदारतावाद का अभूतपूर्व उत्कर्ष हुआ। जो भी हो, राष्ट्रीयवाद के सहयोग से इसने इतिहास का पुननिर्माण किया। यद्यपि यह अस्पष्ट था तथा इसका व्यावहारिक रूप स्थान-स्थान पर बदलता रहा, इसका अर्थ, साधारणतया, प्रगतिशील ही रहा। नवें पोप पियस ने जब 1846 ई. में अपने को उदार घोषित किया तो उसका वैसा ही असर हुआ जैसा आज किसी पोप द्वारा अपने को कम्युनिस्ट घोषित करने का हो सकता है।
जब इंसान के शरीर में किसी दुर्घटना या फिर किसी बीमारी के चलते खून की कमी हो जाए, तो उसे बाहर से रक्त चढ़ाया जाता है। आज यह काफी सरल प्रक्रिया हो गई है, लेकिन दुनिया में पहली बार 3जून सन 1667 ईसवी को मनुष्य के शरीर में बाहर से खून चढ़ाया गया।
फ्रांस के चिकित्सक जॉन बैपटेस्ट डेनिस ने पहली बार इस काम में सफलता प्राप्त की। रोगियों के शरीर में खून चढ़ाने का प्रयोग सफल हो जाने से चिकित्सा और उपचार के क्षेत्र में भारी प्रगति हुई। क्योंकि उससे पहले तक बहुत से लोग ख़ून बह जाने के बाद ख़ून की कमी के कारण मारे जाते थे। उक्त चिकित्सक ने अपने पहले प्रयोग में एक भेड़ का ख़ून मनुष्य के शरीर में चढ़ाया और बाद में फिर मानव शरीर में दूसरे मनुष्य का ख़ून चढ़ाने का सफल परीक्षण किया। इन प्रयोगों से स्पष्ट हुआ कि इंसानों में किसी जानवर का रक्त नहीं चढ़ाया जा सकता, वहीं उसे उसी रक्त ग्रुप का ही खून चढ़ाया जा सकता है। अन्य रक्त ग्रुप का खून यदि शरीर में डाला जाए, तो उसकी मौत हो जाती है। आज रक्तदान महादान बन चुका है।
ऐसा प्रत्येक पुरूष अथवा महिला जिसकी आयु 18 से 65 वर्ष के बीच हो, रक्त दान कर सकते हैं। वहीं जिसका वजन (100 पौंड) 48 किलों से अधिक हो, जो क्षय रोग, रतिरोग, पीलिया, मलेरिया, मधुमेह, एड्स आदि बीमारियों से पीडि़त नहीं हो, जिसने पिछले तीन माह से रक्तदान नहीं किया हो, रक्तदाता ने शराब अथवा कोई नशीली दवा न ली हो, वहीं गर्भावस्था तथा पूर्णावधि के प्रसव के पश्चात शिशु को दूध पिलाने की 6 माह की अवधि में किसी स्त्री से रक्तदान स्वीकार नहीं किया जाता है।
प्रतिदिन हमारे शरीर में पुराने रक्त का क्षय होता रहता है और प्रतिदिन नया रक्त बनता है रहता है।एकबार में 350 मिलीलीटर यानी डेढ़ पाव रक्त ही लिया जाता है (कुल रक्त का 20 वां भाग)। हमारा शरीर 24 घंटों में दिए गए रक्त के तरल भाग की पूर्ति कर लेता है। ब्लड बैंक रेफ्रिजरेटर में रक्त 4 - 5 सप्ताह तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
टैलिन भाषा
टैलिन , लैटिन प्राचीन भारोपीय भाषा है जो रोम के आस पास के क्षेत्र में बोली जाती थी।
ईसा से कोई आठ सौ, नौ सौ साल पहले यह भाषा उत्तर के आप्रवासियों के साथ टाइबर नदी के इलाक़े में आई। इस पर कैल्टिक बोलियों, उत्तरी इटली और यूनानी भाषाओं का प्रभाव पड़ा। फिर रोमन साम्राज्य के विस्तार के साथ-साथ यह पूरे यूरोप में प्रयोग होने लगी। अठ्ठारहवीं शताब्दी में इसका स्थान फ्रांसीसी ने और उन्नीसवीं शताब्दी में अंग्रेज़ी ने ले लिया। हालांकि अब लैटिन एक मृत भाषा है लेकिन इसका कई भाषाओं पर भारी प्रभाव रहा है।