छत्तीसगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 12 मई। शासन के निर्देशानुसार शादी-विवाह, सामाजिक, धार्मिक आयोजनों की अनुमति अनुविभागीय दण्डाधिकारी से लेनी है। इसके मद्देनजर कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी जय प्रकाश मौर्य ने आदेश जारी कर कहा है कि शादी-विवाह तथा अन्य कार्यक्रमों में किसी भी स्थिति में दस से अधिक व्यक्ति शामिल नहीं होने चाहिए।
आवेदक को आवेदन पत्र में शादी अथवा अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने वाले व्यक्तियों की नामजद सूचना देनी होगी, इसके बाद ही आवेदन स्वीकार किया जाएगा। शादी तथा अन्य समारोह किसी भी धर्मशाला, विवाह घर, होटल इत्यादि में नहीं किए जाएंगे, बल्कि वर अथवा वधु के घर में ही सम्पादित किए जाएंगे। आदेश में यह भी कहा गया है कि होम आइसोलेशन/लक्षणात्मक व्यक्तियों के घरों में शादी का आयोजन नहीं किया जा सकता।
जिला दण्डाधिकारी ने आदेश में कहा है कि आगामी आदेश तक सभी किसी भी शादी गृह, होटल, धर्मशाला इत्यादि कोई भी विवाह, सामाजिक कार्यक्रमों के लिए बुकिंग नहीं किया जाए। इस आदेश की प्रति सभी विवाहगृह और होटल आदि में उपलब्ध कराकर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व इसकी तामिली सुनिश्चित करेंगे। इसके साथ ही यह सलाह भी वर-वधु तथा परिजनों को दी गई है कि अत्यंत आवश्यक होने की स्थिति में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए दस व्यक्तियों की उपस्थिति में विवाह कार्यक्रम संपादित किए जाएं।
राज्यपाल ने कोरोना संकट से समाधान एवं जागरूकता विषय पर वर्चुअल रूप से ली बैठक
रायपुर, 12 मई। विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के केंद्र है, वे शोध के माध्यम से नवाचार करे। कोरोना संकट पर अधिक से अधिक शोध कर इस समस्या का समाधान करने में अच्छी तकनीक दवाई या ऐसा कोई साधन ईजात करं, जिससे कोरोना संकट का सामना करने और उससे मुक्त होने में मदद मिले। यह बात राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कही। वे कल सभी शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों की कुलपतियों की वर्चुअल बैठक में अपना संबोधन दे रही थी। उन्होंने विश्वविद्यालय में ऐसे विद्यार्थियों का सर्वे करने का निर्देश दिया जिनके पालकगण का देहांत हुआ हो या वे किसी प्रकार से गंभीर रूप से प्रभावित हुए हो। उन्होंने कहा कि ऐसे विद्यार्थी की सूचीबद्ध किया जाए और उनके शिक्षा निरंतर जारी रहे, इस दिशा में उनकी मदद करें और यदि शासन या राज्य स्तर पर पहल करने की आवश्यकता हो तो मुझे सूचित करें।
राज्यपाल ने कहा कि यह बैठक बड़ी सार्थक थी। कुलपतिगण के द्वारा बहुत अच्छी सुझाव दिए गए। मैंने केंद्र सरकार से सभी विश्वविद्यालय को टीकाकरण केंद्र बनाने को आग्रह किया है ताकि अपने विद्यार्थियों का टीकाकरण कर सकें। अभी वर्तमान में 18 वर्ष से ऊपर के युवा का टीकाकरण किया जा रहा है। विश्वविद्यालय में 18 वर्ष से ऊपर के युवा अध्यनरत रहते है। उनके टीकाकरण से इस कदम के अभियान पर तेजी आएगी।
राज्यपाल ने कहा कि सभी विश्वविद्यालय अपने महाविद्यालय के माध्यम से विद्यार्थियों के साथ वर्चुअल बैठक करें, जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों को शामिल करें। इसके माध्यम से विद्यार्थियों को कोरोना संक्रमण से बचाव और प्रारंभिक लिए जाने वाले आवश्यक दवाईयों तथा अन्य कदमों की जानकारी दे और उन विद्यार्थियों के माध्यम से मोहल्ले एवं आसपास के लोगों को जागरूक करने को कहें। इससे युवा तथा आम जनता भ्रामक जानकारी से बचेंगे और सही समय पर कोरोना संक्रमण का परीक्षण कराकर इलाज करा पाएंगे। उन्होंने कहा कि अधिकतम विश्वविद्यालय ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित है। मेरा सुझाव है वे सामुदायिक रेडियों तथा पोस्टर इत्यादि के माध्यम से ग्रामीणों को जागरूक करें। इस समय में गांव में कोरोना का प्रचार हो रहा है जो भयावह स्थिति है। ग्रामीणों को जागरूक करने से गांव में संक्रमण रोकने से मदद मिलेगी। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति पाटिल द्वारा प्रदेश में वायरोलॉजिकल इंस्टीट्यूट स्थापित करने के सुझाव की सराहना करते हुए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा कोविड सेंटर बनाने की पहल की भी सराहना करते हुए अन्य विश्वविद्यालयों को ऐसा कदम उठाए जाने का सुझाव दिया। बैठक में पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति बलदेव शर्मा ने छत्तीसगढ़ी भाषा में स्लोगन और पोस्टर बनाकर सामुदायिक रेडियों में आम लोगों को जागरूक करने की जानकारी दी। बैठक में सभी कुलपतियों ने उनके द्वारा कोरोना से बचाव से सबधित सुझाव और शैक्षणिक गतिविधियां की जानकारी दी गई। राज्यपाल के सचिव अमृत खलकों ने कहा कि निजी विश्वविद्यालय अपने सीएसआर गतिविधियों के माध्यम से मदद करें और कोरोना संकट के माध्यम से लोगों आम जनता की सेवा करें।
उन्होंने कहा कि वे अधिक से अधिक रिसर्च करें, यदि विश्वविद्यालय कोरोना के संबंध में कोई अच्छी शोध करते है तो राजभवन को इनकी जानकारी प्रदान करें। इस बैठक में सभी शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालय के कुलपतिगण उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि यह बैठक कोरोना संक्रमण से बचाव एवं जागरूकता विषय पर आधारित थी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 12 मई। एनएमडीसी प्रभावित ग्राम पंचायतों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए पूर्व विधायक संतोष बाफना ने कलेक्टर को पत्र लिखकर एनएमडीसी से इस महामारी में विशेष सहायता लेकर नगरनार क्षेत्र में 200 बिस्तर वाले कोविड देखभाल केन्द्र की स्थापना करने एवं इस्पात संयंत्र भू-प्रभावित ग्राम पंचायतों में मास्क, सैनेटाइजर इत्यादि सुरक्षा साधन वितरण करने को लेकर ध्यानाकर्षित कराने का प्रयास किया है।
पूर्व विधायक ने कहा है कि कोरोना महामारी की ऐसी विपरित परिस्थितियों में जहां देशभर के तमाम औद्योगिक संस्थान स्वयं आगे आकर चिकित्सीय संस्थान खड़े करने के लिए उपकरण व अन्य साधन मुहैया कराकर अपनी सहभागिता निभा रहे हंै, वहीं कई दशकों से गौण-खनिज संपदा से सम्पन्न बस्तर अंचल से करोड़ों-अरबों रूपये के प्राप्त हो रहे राजस्व के पश्चात् भी एनएमडीसी अब तक बस्तर की जनता के लिए संवेदनशील परिस्थिति में खामोशी बनाये हुए हैं, जबकि नगरनार इस्पात संयंत्र प्रभावित क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।
इस्पात संयंत्र प्रभावित ग्राम पंचायतों में बाहर से आये हुए मजदूरों में बुखार व अन्य लक्षण विकराल रूप से फैला हुआ है। किन्तु ऐसे लोगों को अलग से क्वारंटाईन करने की क्षेत्र में व्यवस्था नहीं होने से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिसका खामियाजा अन्य ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।
इतना ही नहीं एनएमडीसी के द्वारा वर्ष 2020 में संयंत्र प्रभावित क्षेत्र के लोगों में मास्क, सैनेटाइजर इत्यादि सुरक्षा साधनों का वितरण किया गया था किन्तु इस वर्ष एनएमडीसी ने ऐसी गतिविधियों से तक किनारा कर रखा है।
गौरतलब है कि एनएमडीसी अपने हर संयंत्र में काम करने वाले मजदूरों, अन्य कर्मियों व उनके परिवार के सदस्यों के लिए एवं क्षेत्र के लोगों के लिए डॉक्टर, नर्स व पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति करता है ताकि उन्हें चिकित्सीय लाभ प्राप्त हो सके। जाहिर सी बात है कि, नगरनार संयंत्र के लिए भी नियुक्तियां की गई होंगी। लेकिन वो डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ अपनी सेवाएं कहॉ दे रहे है किस क्षेत्र के लोगों का इसका लाभ प्राप्त हो रहा है, इसकी जानकारी अब किसी को नहीं है।
पूर्व विधायक बाफना ने जिला प्रशासन के समक्ष सुझाव देते हुए कहा है कि, कोविड महामारी से मुकाबला करने के लिए एनएमडीसी की यथासंभव विशेष सहायता लेकर ग्राम धनपुंजी स्थित डीएवी स्कूल में ऑक्सीजन की सुविधा युक्त 200 बिस्तर वाले कोविड देखभाल केन्द्र की स्थापना करवाई जानी चाहिए। चूंकि नगरनार इस्पात संयंत्र के पास अपना एक ऑक्सीजन संयंत्र भी है, इसलिए ऑक्सीजन की आपूर्ति सहज रूप से उपलब्ध हो जाएगी और निश्चित रूप से नगरनार संयंत्र का पैरामेडिकल स्टाफ भी होगा। जिसे इस कार्य में लगाया जा सकता है। इसलिए एनएमडीसी को इस प्रकार की व्यवस्था करने में दुविधा नहीं होगी। और आसानी से सर्वसुविधायुक्त कोविड देखभाल केन्द्र स्थापना की जा सकती है। जिसका लाभ सीधे तौर पर बस्तर के जनमानस को मिलेगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दल्लीराजहरा, 12 मई। पर्यावरण प्रेमी वीरेंद्र सिंह ने जल संरक्षण अभियान को लेकर कहा कि तालाब और कुएं के माध्यम से ही हम बारिश के एक-एक बूंद का संरक्षण कर जल के स्तर को बढ़ा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा नए तालाब और पुराने तालाबों का गहरीकरण किया जाना चाहिए, जिससे हम जल का संरक्षण कर सकें। वहीं वीरेंद्र सिंह ने लोगों से अपील की है कि जल के महत्व को समझे और जल की एक एक बूंद का संरक्षण करें, नहीं तो आने वाले समय में हमे पानी की एक-एक बूंद को लेकर तरसना पड़ेगा।
सीसीएफ की 45वीं ई-संगोष्ठी में फिलीपींस से भी जुड़े प्रतिभागी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 12 मई। लखनपुर जिला सरगुजा -जुबेनाइल जस्टिस एक्ट 20116 में छोटे अपराधों में पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने का प्रावधान नहीं है। जेजे बोर्ड ऐसे मामलों को पहली पेशी में ही निपटाया जा सकता है। जेजे बोर्ड की अवधारणा कोर्ट से बिल्कुल पृथक है क्योंकि यह सामाजिक भागीदारी केंद्रित सुधार व्यवस्था है जो न्याय औऱ अपराध शास्त्र के सामान्य सिद्धान्तों औऱ विहित प्रक्रियाओं पर काम नहीं करती है।
देश के ख्यातिनाम किशोर न्याय विशेषज्ञ अरविंद खुरानिया ने यह बात चाईल्डकंजर्वेशन फाउंडेशन की 45 वी ई संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कही। जेजे बोर्ड की कार्यपद्धति और शक्तियों पर केंद्रित आज की संगोष्ठी में 16 राज्यों के जेजेबी सदस्यों ने भागीदारी की। खासबात यह भी रही कि फिलीपींस के सेंट कार्लो विश्वविद्यालय से भी बाल अधिकार विशेषज्ञ इस संगोष्ठी में शामिल हुए।
श्री खुरानिया ने बारीकी औऱ विस्तार के साथ किशोर न्याय बोर्ड की भूमिका से सदस्यों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि मूल रुप से यह कानून बालकों को बालमन या अनजाने में हुए अपचार को भूलाकर उन्हें एक सुगम्य और जबाबदेह नागरिक बनाने का वातावरण समाज में उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।इसीलिए छोटे अपराधों में पुलिस प्रकरण दर्ज नही करने का प्रावधान है। संगीन अपराधों को छोडक़र यह कानून मूलत: बालकों के सामाजिक समेकन पर केंद्रित करता है।उन्होंने बताया कि किशोर की परिधि में आने वाले सभी बालकों के अपराध से जुड़े मामलों को अधिकतम 6 माह में जेजे बोर्ड को निपटाना होता है। यह प्रक्रिया किसी ट्रायल की तर्ज पर न होकर जांचसंवत होती है।बोर्ड के आदेश केवल सजा या माफी नही बल्कि पुनर्वास औऱ सुरक्षा पर केंद्रित होते है। श्री खुरानिया ने बताया कि किसी भी मामले में नाबालिग को पकड़े जाने की दशा में उसे 24 घण्टे के अंदर जेजे बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत करना अनिवार्य है। इसके लिए हर जिले में रोस्टर का प्रावधान होता है जो 24 घण्टे प्रधान मजिस्ट्रेट एवं दो सामाजिक कार्यकर्ताओं की उपलब्धता सुनिश्चित करता है। श्री खुरानिया के अनुसार छोटे अपराध के मामले में बालकों को जमानत पर नही छोडऩा केवल उन्हीं परिस्थितियों में श्रेयस्कर है जब चिन्हित बालक की जानमाल की सुरक्षा सहसबन्धित घटनाक्रम या सह अपराधियों से प्रभावित होने का खतरा हो अथवा अपचारी बालक द्वारा पुन: अपराध किये जाने का अंदेशा हो।अन्यथा सभी मामलों में बालकों को प्रथम दिवस ही परिवार या सरंक्षक को सौंप दिया जाना चाहिये।
श्री खुरानिया ने बताया कि बच्चों के किसी भी प्रचलित या बंद किये जा चुके प्रकरण की जानकारी किसी असम्बद्ध पक्ष को कभी भी लीक नही की जा सकती है।गोपनीयता का यह सिद्धांत जेजे एक्ट की बुनियादी विशेषताओं में एक है। सुनवाई के दौरान भी कोर्ट रूम से अलग एक चाइल्ड फ्रेंडली माहौल में विहित प्रक्रिया पूरी की जाती है जिसमें बाहरी व्यक्ति का प्रवेश निषिद्ध रहता है।जेजे बोर्ड का यह दायित्व है कि वह अपचारी बालकों के मामले में आवश्यकतानुसार मेडिकल,लीगल,रहवास एवं अन्य जीवनोपयोगी सुविधाओं का इंतजाम जिला बाल कल्याण यूनिट के माध्यम से सुनिश्चित करे।
श्री खुरानिया के अनुसार नियमित कोर्ट में अगर कोई यह दावा करता है की अपराध दिनांक को वह बालक था यानी 18 साल से कम था तब उसकी तस्दीक के लिए न्यायालय ऐसे मामलों को जेजे बोर्ड के पास भेजने के लिए बाध्य है।अगर किसी नाबालिग का यह दावा सही निकलता है तो उच्चतर कोर्ट द्वारा दी गई उसकी सजा भी शून्य होने का प्रावधान इस एक्ट में है।
श्री खुरानिया के अनुसार बोर्ड में पदस्थ सामाजिक कार्यकर्ताओं को नियमित अंतराल से स्थानीय जेलों ,नारी निकेतनों का निरीक्षण करके यह पता लगाया जाना चाहिए कि वहाँ कोई बालक तो निरुद्ध नही है।उन्होंने सभी सदस्यों से आग्रह किया कि वे निरन्तर एक्ट का अध्ययन करते रहे क्योंकि देश मे अभी भी पुलिस और शेष स्टेक होल्डर्स इस एक्ट के क्रियान्वयन में अन्य कानून की तरह पारंगत नही है इसलिए अक्सर विसंगतियों की खबरे आती रहती है।
चाइल्ड कंजर्वेशन फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ राघवेंद्र शर्मा ने कहा कि यह पिछले साल लोकडाउन में मप्र के सदस्यों के लिए आरम्भ की गई ई संगोष्ठी की श्रंखला आज देश के 18 राज्यों से होती हुई फिलीपींस तक जा पहुंची है।इसके लिए उन्होंने फाउंडेशन की कोर टीम औऱ सचिव डॉ कृपाशंकर चौबे के प्रयासों को सराहा।संगोष्ठी का संचालन फाउंडेशन के आईटी सेल प्रभारी श्री अनिल गौर ने किया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ शबरी सेवा संस्थान लखनपुर जिला सरगुजा के सचिव सुरेन्द्र साहू बलरामपुर से कविता साहू नारायणपुर से मालिनी बधेल, सरगुजा से पुनम सिन्हा, राजेश सराठे,सरीता पांडेय, महासमुंद से रवि मानव बिलासपुर से प्रदीप कोशिक सहित अनेक लोगों ने भाग लिया यह जानकारी छत्तीसगढ़ शबरी सेवा संस्थान लखनपुर जिला सरगुजा छग के सचिव सुरेन्द्र साहू ने दिया है
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 12 मई। कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंंठपुर में 12 मई को वायरोलॉजी लैब का फीता काटकर शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर वर्चुअल रूप से प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, सांसद ज्योत्सना महंत, नगरीय प्रशासन मंत्री शिवकुमार डहरिया, शामिल रहे। यह क्षण कोरिया जिले के लिए कोरोना महामारी के दौर में उल्लेखनीय उपलब्धि के रूप में माना जा रहा है।
इस अवसर पर सिंहदेव ने कहा कि वे इस उपलब्धि के लिए प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का मुख्य रूप से धन्यवाद ज्ञापित करती हूं यह लैब कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मील का पत्थर साबित होगा।
जानकारी के अनुसार कोरिया जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर में वायरोलॉजी लैब पहले ही बनकर तैयार हो गया था कुछ तकनीकी कमियों के चलते शुभारंभ होने में विलंब हुआ। इसके शुभारंभ के साथ ही अब जिले में कोरोना मरीजों का आरटीपीसीआर जांच का रास्ता खुल गया। इसके अभाव में आरटीपीसीआर के सैपलों की जांच जल्दी नही हो पा रही थी। पहले कोरोना मरीजों की जांच हेतु आरटीपीसीआर जॉच के लिए सैंपल अंबिकापुर भेजे जाते थे।
जहां से रिपोर्ट आने में काफी समय लग जाता था अब यह सुविधा जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में शुरू हो गयी। अब जिले के मरीजों का त्वरित गति से आरटीपीसीआर जांच हो सकेगी और रिपोर्ट भी कुछ ही घंटों में प्राप्त होगा जिससे कि कोरोना संक्रमितों का उपचार भी जल्द शुरू हो सकेगा।
गौरतलब है कि छग शासन के संसदीय सचिव व बैकुंठपुर के विधायक अंबिका सिंहदेव के प्रयास से ही जिले का पहला वायरोलॉजी लैब का शुभारंभ हो पाया जिसका लाभ जिले के कोरोना मरीजों को मिलना शुरू हो गया। वायरोलॉजी लैब के वर्चुअल शुभारंभ अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के साथ स्वास्थ्य विभाग के कई चिकित्सक शामिल रहे।
रायपुर, 12 मई। छत्तीसगढ़ में कोविड 19 संक्रमण के बढ़ते केसों के मद्देनजर प्रदेश के नागरिकों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी (खेलकूद प्रकोष्ठ) द्वारा मेरी सरकार मेरी जिम्मेदारी अभियान के अंतर्गत स्वस्थ छत्तीसगढ़ प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया, जिसमें प्रदेश भर के सैकड़ों प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, इस प्रतियोगिता में योग, ध्यान, खेलकूद, व्यायाम के अभ्यास, साफ सफाई व कोरोना बचाव के संदेश इत्यादि के वीडियो आमंत्रित किए गए, परफॉर्मेंस और शोसल मीडिया में जनता की राय लेकर इनमें से 15 प्रतिभागियों का चयन स्वस्थ छत्तीसगढ़ अभियान के ब्रांड अम्बेसडर के रूप में किया गया, छत्तीसगढ़ खेल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण जैन ने प्रतियोगिता के विजेताओं के नामों की घोषणा की जिनमें प्रथम अन्नपूर्णा टिकहरिहा बेमेतरा, द्वितीय दीपक वर्मा सिमगा, तृतीय दिव्या वर्मा कुम्हारी, क्रमश: अभिजीत सरकार मनेन्द्रगढ़, वर्षा साहू रायपुर, विजया साव रायपुर, पुरुषोत्तम निषाद बलौदाबाजार, वर्षा रानी, कोटमी, शेखर वर्मा, राजनांदगांव, बेदान्त बजाज रायपुर, रुचि साहू रायपुर, साक्षी गजभिये गुढिय़ारी, रमेश अग्रवाल, सरंगगढ़, रायगढ़, सरिता पारख रायपुर मुरली शर्मा रायपुर ने प्रतियोगिता के विजेता रहे। इन सभी विजेताओं के वीडियो सोशल मीडिया में जनजागरूकता के लिए उपयोग किए जाएंगे तथा 29 अगस्त खेल दिवस पर सभी को प्रमाणपत्र व पुरस्कार प्रदान किया जायेगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 12 मई। मंगलवार को दो घंटे का ब्लॉक मिलते ही रेलवे ट्रैक के हिस्से में शेष बचे तीन गर्डर चढ़ा लिए गए। ट्रैक के हिस्से में 6 गर्डर चढऩे के बाद ब्रिज निर्माण कंपनी के अधिकारी व कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है। क्योंकि ट्रैक वाले हिस्से में गर्डर चढ़ाने के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
बताया जा रहा है कि रात तक ब्लॉक की अनुमति मिलने का कोई प्लान नहीं था। सुबह अचानक ही ब्लॉक का प्लान आया। इस दौरान रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि पुरी-अजमेर स्पेशल ट्रेन के महासमुंद स्टेशन से रवाना होने के बाद दो घंटे का ब्लॉक दिया गया। ब्रिज निर्माण कंपनी के अधिकारी, सेतु निगम व रेलवे के अधिकारियों ने तैयारी शुरू कर दी और आसानी से दो घंटे के भीतर ही गर्डर चढ़ा लिया गया। इस तरह रेलवे ट्रैक के ऊपर वाले हिस्से में 6 गर्डर चढ़ाने का काम पूरा हो गया। अब ट्रैक के ऊपरी हिस्से में गर्डर चढ़ाने का काम पूरा हो चुका है। महज महासमुंद की ओर बने ट्रैक के बगल वाले पिलर को जोडऩे के लिए 18 मीटर के गर्डर 6 लाइन में चढ़ाए जाएंगे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 12 मई। कोरिया जिले में लगातार चौथे दिन भी बारिश हुई। मई माह के एक दिन पूर्व से जिले में मौसम का मिजाज एकदम बदला हुआ है। हर दिन मौसम के बदल जाने से लोग भी हैरान है, वहीं मई के महिने में गर्मी का पता ही नही चल रहा है। वहीं मौसम विभाग की माने तो आगामी 18 मई तक इसी तरह आसमान में बादलो के साथ तापमान में लगातार गिरावट रहने के आसार बताए जा रहे है।
मंगलवार 11 मई को दिन भर मौसम खुला रहा और सुबह से लेकर शाम तक तेज धूप निकली हुई थी। वही रात के समय अचानक मौसम ने करवट लेना शुरू कर दिया और दूसरे दिन तडक़े जिले भर में बारिश हुई सुबह होने के बाद भी रिमझिम बारिश होती रही और कुछ देर बाद ॅिफर से झमाझम बारिश का क्रम शुरू हो गया।
जिला मुख्यालय बैकुंठपुर सहित जिले के अधिकांश हिस्सो में कुछ देर तक जमकर बारिश हुई। इस बीच कुछ समय के लिए तेज हवाएॅ भी चलती रही। तेज हवाओं के चलने से कई क्षेत्रों में पेड के डंगाल भी टूटकर गिर गये और कई लोगों के घरो में लगाये गये छप्पर भी उड़ गए। इस तरह तेज हवाओं के चलने से भी लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसके बाद काफी देर तक झमाझम बारिश होती रही। ऐसा लगने लगा कि मानसून अब उतर आया है। इसके पूर्व जिले में झमाझम बारिश हुई थी।
बारिश के साथ ही जिले के अधिकांश क्षेत्रो में ओले भी गिरे थे। बारिश के साथ ओले गिरने के कारण विभिन्न तरह की सब्जियों को भारी नुकसान पहुचा। जिले में लगातार चार दिनों से प्रतिदिन हो रही बारिश के कारण लोगों को गर्मी के दिनों में भी रेनकोट निकालना पडा और बारिश के दौरान लोग वर्षा से बचने के लिए रेन कोट पहनकर चलते नजर आए।
वहीं कई लोग छाते भी निकालकर चलते रहे। हालंाकि गर्मी के इस सीजन में कई लोग धूप से बचने के लिए छाते का उपयोग करते है, लेकिन इस बार , बारिश से बचने के लिए छाते का उपयोग इस दौरान कर रहे है। जिले में कई दिनों से हो रही बारिश के कारण जमीन मे गीली हो गई है और मौसम में ठंडक घुल गयी है। यही कारण है कि इस सीजन में जहां तेज गर्मी से लोगों को हलाकान होना पडता था वही इस बार रात में कुलर पंखे बंद कर हल्की गर्म कपड़ों का उपयोग करना पड रहा है।
इस बार नहीं पड़ेगी ज्यादा गर्मी
जिस तरह से मई के महीने में लगातार कई दिनों से बारिश हो रही है। उसे देखते हुए इस बार ज्यादा गर्मी पडऩे की संभावना नहीं है। मौसम विभाग की माने तो आगामी 18 मई तक आसमान में बादलों को डेरा होगा और इसी तरह का बारिश का माहौल रहने की संभावना जताई गई है। तापमान कम होकर 36 और फिर बाद में 40 डिग्री तक रहने की उम्मीद बताई जा रही है। मई महीना का पहला पखवाड़ा अब अंतिम ओर में है और इस दौरान तक जिले में बेमौसम बारिश कई दिनों तक चल रही है। लगातार बारिश होने के कारण मौसम में नमी पूरी तरह से हो गयी है जिससे कि तापमान का पारा नीचे गिर गया है।
जानकारी के अनुसार अभी कुछ दिनों तक इसी तरह का मौसम बने रहने की संभाावना जताई जा रही है। इसके बाद यदि मौसम खुलता भी है, तो उतनी गर्मी का अहसास नहीं होगा जितनी की इस मौसम में गर्मी इस दोरान पडऩी चाहिए। इसे देखते हुए इस बार नवतपा में भी ज्यादा गर्मी का सामना लोगों को नहीं करना पड़ेगा। मई माह के अंतिम सप्ताह में नवतपा शुरू होता है जिसके लिए अब कुछ ही दिन का समय बचा हुआ है आगामी माह जून से मानसून की सक्रियता शुरू हो जाती है इस तरह आगामी कुछ दिनों में इस बार तेज गर्मी की संभावना नहीं बन रही है।
शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रोंं में घंटों रही बिजली गुल
12 मई को सुबह बारिश की शुरूआत होने के साथ ही शहर क्षेत्र की बिजली गुल हो गयी और घंटों तक शहर क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बाधित रही है। सुबह के समय बिजली आपूर्ति ठप होने से लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। एक्स रे जांच के लिए मरीजों के परिजनों को बिजली आने का इंतजार करना पड़ा। शहर क्षेत्र के अलावा जिले के अनेक पंचायतों में बिजली गुल रही। जिले के कई ग्रामीण अंचलों में तो 24 घंटे से अधिक समय तक विद्युत आपूर्ति बाधित रही।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 12 मई। वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर जिले के गंगरेल डूबान के ग्रामों में चौपाल लगाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य के निर्देशानुसार राजस्व, स्वास्थ्य, पुलिस विभाग के मैदानी अमले द्वारा आठ मई को ग्राम तिर्रा, अकलाडोंगरी, कोंडागांव बी. एवं मोंगरागहन में ग्रामीण सहित सरपंच, मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पटवारी, सचिव, शिक्षकों को कोरोना वायरस से बचाव, टीकाकरण और शासन द्वारा समय-समय पर दिए गए निर्देशों के क्रियान्वयन संबंधी जानकारी दी गई।
साथ ही कोरोना संक्रमण के प्रति सचेत रहने, लोगों में नकारात्मक भ्रांतियों को दूर करने तथा कोरोना के बचाव के संबंध में शपथ भी दिलाई गई।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व चन्द्रकांत कौशिक ने बताया कि इस दौरान ग्रामीणों के मन में उठने वाले संदेह और प्रश्नों का जवाब भी दिया गया। इस अवसर राजस्व निरीक्षक भू अभिलेख दीपचंद भारती एवं अन्य अधिकारियों द्वारा भी ग्राम चौपाल को संबोधित किया गया। इस मौके पर तहसीलदार धमतरी पवन ठाकुर सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददात
महासमुंद, 12 मई। कुरुद विधायक अजय चंद्राकर ने महासमुंद के पत्रकारों के साथ एक वर्चुअल प्रेस वार्ता लेकर राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ राज्य ही एक ऐसा राज्य है जहां टीकाकरण अभियान को लेकर न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ता है। बावजूद इसके छत्तीसगढ़ में टीकाकरण की गति इतनी धीमी है कि इसे पूरा करने में चार साल से ज्यादा समय लग जाएगा।
इनका कहना है कि.कांग्रेस का हमेशा दोहरा चरित्र रहा है। जब प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी देश के स्वाभिमान की रक्षा के लिये कार्य कर रहे हैं तो कांग्रेस ने हमेशा देश के स्वाभिमान को कमजोर करने का कार्य किया है। संसद भवन निर्माण राष्ट्र गौरव का कार्य है। इस दिशा में मजबूत संकल्प लिया गया है। इस पर भी कांग्रेस राजनिति से नहीं चुकना चाहती है। कांग्रेस को बताना चाहिये कि संसद भवन का विरोध कर रही है तो प्रदेश में विधानसभा भवन का निर्माण किस लिये करवा रही है।
श्री चंद्राकर ने कहा कि जब पूरा देश इस एकजुटता के कोरोना को परास्त करने जुटा है तब कांग्रेस केवल इस मुद्दों पर गैर वाजिब सवाल उठाकर देश का ध्यान भटकाना चाहती है। कोरोना से लडऩे के लिए टीका इस समय पर महात्वपूर्ण अस्त्र है, लेकिन इस पर कांग्रेस की प्राथमिकता में टीकाकरण नहीं बल्कि उस पर टिप्पणी जरूरी है। प्रदेश में समय रहते टीकाकरण प्रांरभ कर दिया जाता तो जो परेशानियां वर्तमान हो रही है। वह नहीं होती।
इनका कहना है कि प्रदेश सरकार अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिये केवल मात्र जुटी है। उस कभी प्रदेश के जनता की चिंता नहीं रही है। जरा भी चिंता होती तो टीकाकरण के लिये आवश्यक कार्रवाई जरूर करती। प्रदेश की सरकार में अपसी संवाद नहीं बजाय विवाद अधिक है। गांवों के स्तर को कोई सुविधा नहीं है। इसका खामियाजा प्रदेश की जनता चुकाना पड़ रहा है। प्रदेश में कोरोना के जांच के नाम पर केवल औपचारिकता ही हो रहा है। कोरोना का वास्तविक स्थिति पर पर्दा डाला जा रहा है। मौत के आंकड़े भी छिपाये जा रहे हैं।
मजबूत विपक्ष जब सरकार से संवाद करना चाहता है तो प्रदेश की सरकार इससे बचना चाहती है। प्रदेश सरकार की प्राथमिकता ऑनलाईन शराब बेचना अधिक है। इस कोरोना काल में कई अधिकारियों व कर्मचारियों की मृत्यु कोरोना सेवा कार्य के दौरान हुई है। इस सारे लोगों के परिजनों को तत्काल सारे नियमों शिथिल करते हुए अनुकंपा नियुक्ति की मांग करते हैं।
बैठक में सांसद चुन्नी लाल साहू, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सरला कोसरिया, जिलाध्यक्ष रूप कुमारी चौधरी, महेंद्र जैन, देवीचंद राठी आदि शामिल हुए।
रायपुर, 12 मई। नाक, कान और गला रोग विशेषज्ञ डॉ अनिल जैन ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए हाथ धोने के अनुशासन को महत्व बताया है। यह कोरोना से बचने के लिए प्रथम रक्षा बनती है। हमेशा बार-बार साबुन से हाथ धोए। अगर एक ही जगह पर अधिकतर लोग हाथ धोते हैं तो बेहतर है वहां पर लिक्विड सोप का इस्तेमाल किया जाए ।
दूसरी जगह साबुन से हाथ धोना जो कि सहज ही उपलब्ध होता है वह ज्यादा उपयुक्त है। डां जैन ने बताया कि जो नए कोरोना वायरस आया है। इसमें देखा गया है कि यह सरफेस ट्रांसमीशन की जगह हवाओं के द्वारा ज्यादा फैलता है । इसलिए मास्क का इस्तेमाल करना और सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करना चाहिए, भीड़-भाड़ वाले इलाकों पर नहीं जाना चाहिए।
रायपुर, 12 मई। वर्ल्डोमीटर के अनुसार, मई के पहले सप्ताह में इस दुनिया में कोरोना पीडि़त हर दूसरा व्यक्ति भारतीय था। जहां पूरी दुनिया में इस अवधि में कोरोना के मामलों में 5 फीसदी की और इससे होने वाली मौतों में 4 फीसदी की कमी आई है, वहीँ भारत में कोरोना के 5 फीसदी मामले बढ़े हैं और इससे होने वाली मौतों में 14त्न की वृद्धि हुई है।
छत्तीसगढ़ की तस्वीर भारत की इस स्थिति की प्रतिनिधि तस्वीर है। यह 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से एक वह राज्य है, जहां संक्रमण की दर 15 फीसदी से अधिक है. इस वर्ष 28 फरवरी को यहां पाजिटिविटी रेट 1 फीसदी थी, जो 31 मार्च को बढक़र 11.37 फीसदी पर और फिर 21 अप्रैल को 31.72फीसदी पर पहुंच गई थी और अब घटकर 9 मई को 19 फीसदी पर आ गई है.
वास्तविकता क्या है? पिछले वर्ष 31 मार्च को प्रदेश में कोरोना के 377 सक्रिय मरीज थे, जो 1 अप्रैल को बढक़र 4563 तथा सितम्बर में 30,927 हो गए थे. इस वर्ष जनवरी में घटकर 4,327 सक्रिय मरीज रह गए थे, जो कोरोना की इस दूसरी लहर के चलते फिर से 9 मई को बढक़र 1,30,859 हो गए हैं। जहां अप्रैल प्रथम सप्ताह में हर दिन औसतन 7255 संक्रमित लोग मिले थे, वही मई प्रथम सप्ताह में औसतन हर दिन 14,207 लोग संक्रमित मिले हैं।
प्रदेश में अब तक (4 मई 2021) 7.87 लाख लोग संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 51 फीसदी लोग (3.79 लाख) केवल इस वर्ष अप्रैल में संक्रमित हुए हैं।
प्रदेश में पिछले 13 महीनों में कोरोना से कुल 10,381 मौतें दर्ज की गई हैं, जिनमें से आधे से ज्यादा 6,220 (लगभग 60 फीसदी) अप्रैल-मई के सवा महीनों में ही दर्ज की गई है. पूरे देश में कोरोना से हुई कुल मौतों का 5 फीसदी से ज्यादा छत्तीसगढ़ में दर्ज किया गया है, जो इसकी आबादी के अनुपात में लगभग दुगुना है और राष्ट्रीय औसत से ज्यादा. आज कोरोना के सक्रिय मरीजों और मौतों के मामले में देश में छत्तीसगढ़ का स्थान 8वां-9वां है.
ये सभी सरकारी आंकड़ें हैं, जो छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर की सांघातिकता और प्राणघातकता को बताते है. इस लहर ने अब गांवों पर और आदिवासी इलाकों में भी हमला कर दिया है. इसलिए पाजिटिविटी रेट के गिरने का प्रचार करना वास्तविकता को ढंकने का प्रयास भर है.
हाल ही में बीबीसी के लिए लिखी एक रिपोर्ट में पत्रकार आलोक पुतुल ने बताया है कि अब कोरोना संक्रमण सरगुजा जिले के विशेष संरक्षित आदिवासियों – पहाड़ी कोरवा - तक पहुंच गया है, जो अपने अलग-थलग जीवन के लिए जाने जाते हैं. एक सामाजिक कार्यकर्ता के हवाले से उनकी रिपोर्ट बताती है कि गरियाबंद जिले के उदंती-सीतानदी अभयारण्य से लगे हुए तौरेंगा पंचायत में एक दिन की जांच में ही लगभग 90 लोग कोरोना संक्रमित पाये गए हैं. उनके अनुसार 9 अप्रैल से 8 मई के बीच गरियाबंद जिले में कोरोना के मामले में 179 फीसदी, बलरामपुर में 185 फीसदी, जशपुर जिले में 200 फीसदी, मुंगेली में 264 फीसदी तथा मरवाही जिले में 315 फीसदी की वृद्धि हुई है. पुतुल यह भी इंगित करते हैं कि आदिवासी इलाकों में कोरोना की पहली लहर की तुलना में इस लहर में तीन गुनी से ज्यादा मौतें हो रही है, जो एक दिल दहलाने वाली स्थिति है.
लेकिन इन आंकड़ों की पूर्णता पर भी संदेह हैं. पुतुल बताते हैं कि "बिलासपुर जिले के कड़ार गांव में कई ऐसे परिवार हैं, जिनकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में जांच हुई है, वे पॉजिटिव आये, उन्हें स्वास्थ्य केंद्र से दवा दी गई, उनके घर के सामने कोरोना संक्रमित होने की सूचना चस्पां की गई और उनका नाम जिले के कोरोना संक्रमितों की सूची में नहीं है." उन्होंने बताया कि इस गांव के भरत कश्यप सहित उनके परिवार के 4 सदस्यों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, लेकिन संक्रमितों की सूची में इस परिवार के किसी भी सदस्य का नाम शामिल नहीं है.
छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद स्वास्थ्य के क्षेत्र में निजीकरण को जो बढ़ावा दिया गया, उसके कारण आज पूरे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटीलेटर पर है. स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव का दावा है कि भाजपा राज के 15 सालों की तुलना में पिछले दो सालों में स्वास्थ्य सुविधाओं में दो गुना विस्तार किया गया है. लेकिन यह विस्तार कोरोना महामारी से निपटने में सक्षम नहीं है. कोरोना लहर की दूसरी चेतावनी के बावजूद जो तैयारियां पिछले एक साल में इस सरकार को करनी थी, वह की ही नहीं गई. 36 डेडिकेटेड कोविड अस्पताल व 137 कोविड केन्द्रों में कुल 19,294 बिस्तर हैं, लेकिन पर्याप्त चिकित्सकों व पैरा-मेडिकल स्टाफ के अभाव में वे मरीजों के लिए यातना-गृह बन गए हैं. प्रदेश में ऑक्सीजन तो है, लेकिन ऑक्सीजन बेड और वेंटीलेटरों की भारी कमी है. अस्पताल में भर्ती हर दूसरे मरीज को ऑक्सीजन बेड की जरूरत है. रेमडेसिविर की कमी और कालाबाजारी आम बात हो गई है.
सरकार न इस दूसरी लहर के लिए पूरा भरोसा निजी अस्पतालों पर किया, जिन्होंने मरीजों से अनाप-शनाप बिल वसूले. इस लूट के खिलाफ आवाज उठने पर ईलाज की जो दरें घोषित की गई, वे स्वास्थ्य माफिया के साथ इस सरकार की खुली साठगांठ का उदाहरण है. मध्यम, गंभीर और अति-गंभीर मरीजों के लिए मान्यताप्राप्त निजी अस्पतालों के लिए क्रमश: 6200 रूपये, 12000 रूपये और 17000 रूपये प्रतिदिन की दरें तय की गई हैं. इसका अर्थ है कि एक कोरोना मरीज को अस्पताल में अपने 15 दिनों के इलाज के लिए मध्यम मरीज को न्यूनतम एक लाख रूपये से लेकर अति-गंभीर मरीजों को न्यूनतम तीन लाख रूपये तक खर्च करना पड़ेगा! इन दरों पर प्रदेश की गरीबी रेखा से नीचे जीने वाली दो-तिहाई आबादी के लिए इन अस्पतालों में कदम रखना भी नसीब में नहीं होगा. इन 74 निजी अस्पतालों के पास कुल 5527 बिस्तर उपलब्ध है और इस समय कोई खाली नहीं है. प्रति बिस्तर औसत ईलाज दर 12000 रूपये प्रतिदिन ही माना जाये, तो स्वास्थ्य माफिया की झोली में हर रोज 7-8 करोड़ रूपये डाले जा रहे हैं और यदि इस संकट की अवधि चार माह ही मानी जाए, तो 1000 करोड़ रूपये! लेकिन यह भी एक उदार अनुमान ही है, क्योंकि मरीजों पर 5-10 लाख रुपयों के बिल ठोंके जा रहे हैं और बिल अदायगी न होने पर लाश तक देने से इंकार किया गया है. संकट की इस घड़ी में जितनी भी स्वास्थ्य बीमा योजनायें घोषित की गई थीं, वे सब निष्प्रभावी साबित हुई है.
होना तो यह चाहिए था कि कोरोना संकट के दौरान इन निजी अस्पतालों को सरकार अधिग्रहित करती तथा यहां उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग आम जनता के लिए करती. लेकिन ऐसा करने के लिए दृढ़ राजनैतिक इच्छाशक्ति चाहिए, जो स्वास्थ्य माफिया से टकराव ले सके. लेकिन कांग्रेस सरकार में यह साहस कहां? इसके चलते कोरोना का ईलाज अब एक ऐसा मुनाफादेह धंधा बन गया है कि लगभग सभी अस्पतालों में केवल कोरोना का ही ईलाज चल रहा है और बाकी बीमारियों के ईलाज को ताक पर रख दिया गया है. ईलाज के अभाव में बाकी बीमारियों से ग्रस्त लोगों की मुसीबतों और मौतों की कहानी अभी आनी बाकी है.
ये निजी अस्पताल कमाई में इतने मशगूल हैं कि राजधानी रायपुर के एक अस्पताल में कथित रूप से शार्ट सर्किट के कारण आग लगने से 9 कोरोना मरीजों की मौत हो गई. यह अस्पताल किसी भी चिकित्सा मानक को पूरा नहीं करती थीं, इसके बावजूद सरकार की नाक के नीचे धड़ल्ले से इसे चलाने की अनुमति दे दी गई, क्योंकि इस अस्पताल में राजनेताओं का पैसा लगा होना बताया जाता है. इतनी गंभीर वारदात के एक माह बाद भी सरकारी जांच पूरी नहीं हुई है और आरोपित संचालकों को जमानत मिल गई है.
आईसीएमआर की सीरो रिपोर्ट बताती है कि देश का हर चौथा व्यक्ति इस महामारी की चपेट में है. इसके अनुसार यह अनुमान लगाया जा सकता है कि छत्तीसगढ़ में लगभग 70 लाख लोग कोरोना पीडि़त होंगे, जिनको चिन्हित कर तुरंत ईलाज करने की जरूरत है. लेकिन सरकारी नीतियां साफ़ है : जो अपना ईलाज करा सकता हो, वह जिंदा रहे, बाकी से इस 'सिस्टम' को कोई मतलब नहीं. कोरोना के इस तीसरे हमले का मुकाबला करना है, तो आम जनता को स्वास्थ्य क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ अपनी आवाज प्रखरता से उठानी होगी.
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 12 मई। कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन के निर्देश पर रायपुर स्मार्ट सिटी लि. कार्यालय से संचालित आपातकालीन खानपान सेवा के माध्यम से जरूरत मंद लोगों तक प्रतिदिन दोपहर व रात में भोजन पैकेट पहुंचाया जा रहा है। 8 अप्रैल से शुरू इस सेवा के जरिए लॉकडाउन की अवधि के शुरुआत से निरंतर भोजन पैकेट जरूरत मंद परिवारों तक पहुंचाया जा रहा है। इस काम में नगर की समाज व स्वयं सेवी संस्थाएँ अपना नि:शुल्क सहयोग व श्रम प्रदान कर रही हैं। रायपुर स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम में इसके लिए जि़ला स्तरीय अधिकारियों को भी तैनात किया गया है।
रायपुर कलेक्टर के मार्गदर्शन व रायपुर स्मार्ट सिटी लि. के प्रबंध संचालक सौरभ कुमार के निर्देशन और इस सेवा हेतु नियुक्त नोडल अधिकारी जि़ला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. गौरव कुमार सिंह के नेतृत्व में इस आपातकालीन खानपान सेल की टीम पिछले 34 दिनों में अपने विशेष वाहनों के माध्यम से सवा तीन लाख फूड पैकेट बांट चुकी है।
आपातकालीन खानपान सेल के दूरभाष क्रमांक 0771-4055574 पर जरुतमंदो की कॉल्स दर्ज कर स्पेशल फूड सेल की टीम को इसकी जानकारी प्रदान की जाती है। इसके बाद नगर की स्वयंसेवी व सामाजिक संगठनों के सहयोग से उपलब्ध नि:शुल्क पका भोजन पैकेट जरूरतमंदों तक पहुँचाया जाता है। अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजन, दिहाडी मजदूरों, भिक्षुकों एवं लॉकडाउन अवधि में आवागमन कर रहे लोगों तक पहुंचाया जाता है। रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड सहित नगर की विभिन्न जगहों पर ठेला एवं रिक्शा चालकों तक भी पके हुए भोजन के पैकेट पहुंचाये जा रहे हैं। इसके अलावा धार्मिक स्थलों एवं मुक्तिधाम परिसर के आसपास के क्षेत्रों को भी टीम चिन्हित कर नियमित रूप से भोजन पैकेट उपलब्ध करा रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 12 मई। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सिविल लाइन्स स्थित निवास स्थान से वर्चुअल माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से जुड़े। इस वर्चुअल बैठक में कोरिया जिले में ही आरटी-पीसीआर परीक्षण को पूरा करने के उद्देश्य के साथ वॉयरोलॉजी लैब का उद्घाटन किया गया, कोविड परीक्षण के लिए वॉयरोलॉजी लैब एक विशिष्ठ प्रक्रिया हैं ऐसे लैब के स्थापना हेतु रायपुर तथा दिल्ली की स्वीकृति की आवश्यकता होती है। कोरिया जिलें में वॉयरोलॉजी लैब की स्थापना करने हेतु दिल्ली से स्वीकृति प्राप्त हो गई है। अब इन जिलों के जनमानस को त्वरित ही कोविड जांच रिपोर्ट मिल जायेगी तथा संक्रमित मरीजों को जल्द-जल्द आईसोलेट किया जा सकेगा साथ ही साथ समय पर ईलाज भी प्रारंभ किया जा सकेगा।
इस वर्चुअल बैठक में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि यह हम सब के लिए उपलब्धि का दिन है कि कोरिया जिले को वॉयरोलॉजी लैब प्राप्त हुई है, गोल्ड स्टैंडर्ड टेस्टिंग माने जाने वाली आरटी-पीसीआर जांच के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरिया जिले में बैकुंठपुर में स्थापित किया है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि तो कोरिया और बैकुंठपुर के जनप्रतिनिधियों ने यह राह सुनिश्चित की जिसका अनुसरण करके छत्तीसगढ़ सरकार आने वाले समय में और भी वायरोलॉजी लैब स्थापित करने जा रही है। इस दिशा में जशपुर, चांपा-जांजगीर, बलौदा-बाजार, दुर्ग और दंतेवाड़ा इन 5 जिलों के लिए भी स्वास्थ्य विभाग के कार्य जारी हैं।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि बालोद और मुंगेली जिलों में भी आरटी-पीसीआर जांच के लिए वायरोलॉजी लैब स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है। जिससे अच्छी गुणवत्ता और अधिक संख्या में टेस्ट करके नागरिकों को सुविधा मुहैया करा सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री श्री टी एस सिंहदेव ने इस अवसर पर आप सभी विभागीय अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों का आभार व्यक्त करते हुए लोकार्पण के लिए शुभकामनाएं व्यक्त कीं। इस वर्चुअल बैठक में शहरी विकास मंत्री श्री शिव डहरिया, लोकसभा सांसद श्रीमती ज्योत्स्ना चरणदास महंत, संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव, एम्स की डॉ अनुदिता जी व डॉ अर्चना जी, विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी आलोक शुक्ला जी, एमडी एनएचएम डॉ प्रियंका शुक्ला जी समेत विभाग के गणमान्य सदस्य एवं जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा,12 मई। कलेक्टर दीपक सोनी की अध्यक्षता में मां दन्तेश्वरी हर्ब्स कलेक्शन एवं प्रोसेसिंग क्लस्टर दंतेवाड़ा (स्फूर्ति योजना) की कार्यकारणी की बैठक आयोजित की गई। बैठक में श्री सोनी ने साफ्ट इंटरवेशन कार्य योजना अंतर्गत किये जाने वाले कार्य की प्रगति की जानकारी ली। क्लस्टर डेव्लपमेन्ट एक्सक्युट खेमन्तीन नागेश को कार्य प्रतिवेदन बनाने के निर्देश दिये। हार्ड इंटरवेशन कार्ययोजना अंतर्गत सार्वजनिक सुविधा केन्द्र एवं कलेक्शन केन्द्र निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग को जारी करने के संबंध में कार्यकारणी समिति के सदस्यों द्वारा सर्व सहमति दी गई।
स्फूर्ति कलस्टर क्रियान्वयन हेतु समय सारणी एवं डीपीआर अद्यतन करने हेतु सहायक संचालक जिला कौशल विकास प्राधिकारण एवं प्राचार्य लाईवलीहुड कॉलेज को निर्देश दिय गए। एक सप्ताह के भीतर डीपीआर अद्यतन किया जावेगा। सदस्यों ने बताया कि सीडीई की नियुक्ति पूर्ण कर ली गई है, और साथ ही सीडीई एवं क्रियान्वयन अभिकारण के मध्य अनुबंध कार्य पूर्ण कर लिया गया है। कलेक्टर श्री सोनी द्वारा अगले सप्ताह पुन: बैठक लेकर समीक्षा ली जाएगी। बैठक में सीईओ जिला पंचायत अश्विनी देवांगन, एसडीएम अबिनाश मिश्रा, महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग ए.एस. जुर्री प्रमुख रूप से मौजूद थे।
राजनांदगांव, 12 मई। नगर निगम नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु ने जारी विज्ञप्ति में भूपेश बघेल सरकार पर शराब बिक्री के माध्यम से घर-घर मौत परोसने का आरोप लगाया। उन्होंने शराब की होम डिलीवरी की निंदा करते कहा कि क्या हम मरने के लिए जी रहे हैं ? या हमें और हमारे परिवार के अन्य सदस्यों को सुनियोजित ढंग से मारने का प्रयास किया जा रहा है?
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने शराब को घर-घर पहुंचाने की नीति से तो यही परिलक्षित हो रहा है। सदी के भीषण महामारी काल में प्रत्येक व्यक्ति की जान बचाने की विश्वव्यापी मुहिम चल रही है। वहीं भूपेश बघेल सरकार ने प्रदेश में शराब के माध्यम से ‘मौत’ घर-घर बांट रही है। क्या सिर्फ गिने-चुने उन शराबियों की चिंता है। उनके परिवार के सदस्यों की चिंता नहीं है। क्या भूपेश बघेल नहीं जानते शराब ही एक ऐसी वस्तु है, जो कहावत के अनुसार जर जोरू और जमीन के भीषण अंजाम से भी अधिक विनाशकारी होती है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 12 मई। विश्व नर्स दिवस पर ग्राम पंचायत सांकरा के उपस्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ नर्सों का सम्मान किया गया। शारदा ठाकुर, कविता साहू व अन्य लोगों का श्रीफल भेंट कर व गुलाल से तिलक लगाकर कर सम्मान किया।नर्सों के कार्यों की सराहना की तथा इस कोरोना काल में सभी का हौसला अफजाई किया गया।
इस मौके पर जनपद सदस्य सांकरा सुलोचना साहू, ग्राम पंचायत सचिव सांकरा मदन सेन, सुरेश धु्रव पटवारी, कम्प्यूटर आपरेटर ईश्वर मत्सयपाल, राजू पटेल, डॉ.किशोर सार्वा सहित समस्त स्टाफ के लोग उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबागढ़ चौकी, 12 मई। वैश्विक महामारी संकट के मध्य खाद की मूल्यों में बढ़ोत्तरी ने किसानों के समक्ष एक नया संकट खड़ा कर दिया है। केंद्र सरकार द्वारा खाद के मूल्य में की गई बेतहाशा वृद्धि से किसानों में रोष है। किसानों ने खाद में की गई मूल्य वृद्धि का विरोध शुरू कर दिया है।
किसानों का कहना है कि कोरोनाकाल में आज जहां जीवन चलाना मुश्किल हो गया है। ऐसे समय में राहत देने के स्थान पर केंद्र सरकार द्वारा खाद मूल्य में बढ़ोत्तरी करने से खेती महंगी हो जाएगी और आज के दौर में खेती करना घाटा का सौदा साबित होगा। किसानों ने केंद्र सरकार से अपने निर्णय पर पुर्नविचार करने तथा मूल्य वृद्धि वापस लेने की मांग की है।
अक्ती पर्व के बाद खरीफ के लिए खेती-किसानी शुरू हो जाएगा और इस वर्ष केंद्र सरकार द्वारा खाद के मूल्य में की गई वृद्धि ने किसानों को चिंता में डाल दिया है। हाथीकन्हार व चौकी नगर के कृषक रामदयाल साहू, भागवत यादव, सुनील सिन्हा, सेवकराम यादव ने बताया कि कोरोना संकटकाल में आज जहां जीवन बचाना व जीवन चलाना मुश्किल है, ऐसे हालात में डीएपी, पोटाश, कृभको, एसएसपी पावडर, एसएसपी दानेदार, जिकेटे आदि खाद के मूल्य में बेहताशा वृद्धि कर किसानों के समक्ष एक नया संकट खड़ा कर दिया है।
किसानों ने केन्द्र सरकार के निर्णय का विरोध करते कहा कि महामारी संकट के दौरान मोदी सरकार का निर्णय पूरी तरह किसानों के खिलाफ है। किसानों ने कहा कि खाद के मूल्यों में बढ़ोत्तरी से ऐसे में तो खेती की लागत बढ़ जाएगी और खेती करना पूरी तरह आज महंगा सौदा साबित होगा।
भाजपा का किसान विरोधी चेहरा उजागर - छन्नी
खाद के मूल्यों में हुई वृद्धि को लेकर खुज्जी विधायक छन्नी साहू ने केन्द्र की भाजपा सरकार पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा से पंूजीपतियों एवं व्यापारियों की पार्टी व उनकी संरक्षणदाता रही है। वह कभी भी गरीब, किसान, मजदूर का भला व विकास नहीं चाहती है। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा सही मायने में किसानो की हितैषी होती तो कोरोनाकाल के दौरान खाद के मूल्यों में बेतहाशा वृद्धि नहीं करती और किसानों के हित मेें स्वामीनाथन कमेटी के निर्णय को कब से लागू कर दिया जाता।
उन्होंने कहा कि महामारी संकट के दौरान आज गरीब किसानों को आर्थिक पैकेज एवं मदद की दरकार है तो भाजपा की मोदी सरकार किसानों के पेट में लात मारने में लगी है। उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र के किसान केन्द्र सरकार द्वारा की गई खाद के मूल्यों में वृद्धि को लेकर जल्द ही भाजपा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। लॉकडाउन एवं कोरोना प्रोटोकाल को ध्यान में रखकर विरोध प्रदर्शन व आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही है। विधायक ने कहा कि इस आंदोलन में किसानों के साथ कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता भी अपने-अपने घरों के सामने तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे और प्रधानमंत्री व कृषि मंत्री के नाम पर ज्ञापन सौंपकर किसानों के हित में खाद के मूल्य में की गई वृद्धि को वापस लेने की मांग करेंगे।
दल्लीराजहरा, 12 मई। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा कोरोना संक्रमण के बीच कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करते हुए नगर के प्रमुख चिकित्सालयों में जाकर मरीजों का सेवा कार्य कर सेवा ही संगठन है के मूल मंत्र को चरितार्थ किया।
अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी अनिल खोबरागड़े, बालोद जिला अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष कासिम कुरैशी, भाजपा दल्लीराजहरा मंडल के महामंत्री पार्षद बाबी छतवाल, बालोद जिला अनुसूचित जाति मोर्चा के कार्यसमिति सदस्य सागर गनीर एवं नगर पंचायत चिखलाकसा के पार्षद वेंकट राव, शब्बीर कुरैशी ने चिखलाकसा के ज्योति चिकित्सालय एवं दल्ली राजहरा के आरोग्य चिकित्सालय में भर्ती मरीजों एवं परिजनों से मिलकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेते हुए मास्क, फल एवं बिस्किट का वितरण किया गया। इस सेवा कार्य में अखिलेश सदासिवन का महत्वपूर्ण योगदान रहा। अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी अनिल खोबरागड़े ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय, छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के नेतृत्व में एवं अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नवीन मार्कंडेय , बालोद जिला भाजपा के अध्यक्ष कृष्णकांत पवार के मार्गदर्शन में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा कोरोना संक्रमण काल में लगातार लोगों से कोरोना नियमों का पालन करने, आपस में दूरी बनाकर रहने, मास्क लगाने एवं बार-बार साबुन से हाथ धोने, सैनिटाइजर का उपयोग करने एवं अनिवार्य रूप से टीकाकरण करने की अपील की जाती रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गंडई , 12 मई। युवा कांग्रेस की टीम ने गत् दिनों गंडई के बालक हाईस्कूल में कोरोना का पहला लगवाकर लोगों को वैक्सीन लगाने जागरूक किया।
टीकाकरण में अंत्योदय कार्डधारी में से 03, बीपीएल वर्ग से 25 एवं एपीएल वर्ग से 44 लोगों ने टीका लगवाया है। वहीं अगर तीन दिनों में लगने वाले 18 से लेकर 44 आयुवर्ग की गणना की जाए तो अंत्योदय कार्डधारी में 21, बीपीएल में 39 एवं एपीएल कार्ड वालों में 81 लोगों ने टीका लगवाया है। इस प्रकार तरह कुल 141 लोगों ने टीका लगवाया है। इस हिसाब से एपीएल कार्डधारियों ने जागरूकता दिखाते सबसे अधिक टीका लगवाया। टीका लगवाने वालों में गंडई ब्लॉक युवा कांग्रेस अध्यक्ष शुभम बघेल, मुज्जामिल रजा, उमेश भट्ट, आयश वाहने एवं शामिल थे।
युवा कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष शुभम बघेल ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 18 से 44 वर्ष के लोगों द्वारा मुफ्त में वैक्सीन लगाया जा रहा है। इसके लिए मुख्यमंत्री का गंडई युवा कांग्रेस ने आभार जताते लोगों से अधिक से अधिक संख्या में टीकाकरण करने की अपील की।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 12 मई। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह मंगलवार को शहर के सामाजिक संस्थाओं द्वारा कोविडकाल में की गई सेवा के प्रति और जरूरतमंद को भोजन तथा ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने सामाजिक लोगों को साधुवाद व्यक्त करने उनके द्वार पहुंचे। उन्होंने संस्थाओं के कार्यकर्ताओं को राजनांदगांव की जनता की सेवा करने हेतु साधुवाद व आभार व्यक्त करते कहा कि राजनंदगांव संस्कारधानी नगरी इसलिए कहलाती है, यहां मानवता एवं सेवा भावना कूट-कूट कर भरी हुई है। उन्होंने सामाजिक संस्थाओं की प्रशंसा करते कहा कि जिस नगरी में ऐसी सेवाभावी संस्था हो वहां के लोग कभी भूखे नहीं सो सकते।
मीडिया सेल के अनुसार मंगलवार को अपरान्ह 4 बजे डॉ. सिंह सिंधु भवन लालबाग पहुंचे। यहां महाजनबाड़ी, लोहाना महाजन समाज, सिख समाज, सिंधी समाज एवं चेम्बर ऑफ कामर्स एवं बढ़ते कदम के सामाजिक बंधुओं से डॉ. सिंह ने मुलाकात कर उनके कार्यों की स्थिति को जाना। सिख समाज के गुरदीप बग्गा, हरजिंदर सिंह भाटिया, त्रिलोचन सिंह बग्गा ने बताया कि सिख समाज सेवा के लिए सदैव तैयार रहता है। लोहाना महाजनबाड़ी के नाथा भाई रायचा, रमेश पटेल, हेतल भाई भोजानी, तुषार भोजनी, अक्षय भाई रायचा, तरुण आढ़तिया ने बताया कि उन्होंने 8000 लोगों को भोजन बनाकर पहुंचाने की सेवा की है।
चेंबर ऑफ कॉमर्स के हंसमुख भाई रायचा एवं राजा माखीजा ने बताया कि चेम्बर की तरफ से सोमनी कोविड सेंटर में भोजन की व्यवस्था एवं ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था भी की गई थी। सिंधी समाज के रूपचंद भीमनानी ने सिंधु कोविड सेंटर में की गई सेवा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के उत्तम गीडिया एवं राजा माखीजा ने आशा नगर में सूखा राशन के बांटने के बारे में बताया। बढ़ते कदम के अध्यक्ष डॉ. केएस कांजवानी एवं गुरमुखदास वाधवा, कौशल शर्मा एवं अर्जुन वाधवानी ने बढ़ते कदम द्वारा संचालित एंबुलेंस सेवा एवं ऑक्सीजन मशीन, कॉफिन फ्रिजर के बारे में विस्तार से बताया।
तत्पश्चात डॉ. सिंह विधानसभा कार्यालय पहुंचकर 100 सिलेंडर के माध्यम से लोगों के लिए नि:शुल्क ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करने वाले युवा मोर्चा के मोनू बहादुर सिंह, गोलू गुप्ता, प्रखर श्रीवास्तव, अतुल रायजादा, तरूण लहरवानी, ऋषिदेव चौधरी एवं आकाश चोपड़ा का हौसले बढ़ाने उनका सम्मान किया। शाम 5 बजे डॉ. सिंह समता भवन पहुंचकर अभिलेख फाउंडेशन प्रेस क्लब द्वारा संचालित कोविड सेंटर की जानकारी एवं अग्रहरि समाज द्वारा दिए गए भवन के लिए सामाजिक बंधुओं का आभार व्यक्त किया। तत्पश्चात वे उदयाचल भवन पहुंचकर शांति विजय समिति एवं उदयाचल द्वारा सुप्रसिद्ध कोविड सेंटर के माध्यम से मरीजों की सेवा की जा रही है। डॉ. रमन सिंह ने शांति विजय समिति की सेवा भावना की प्रशंसा भी की।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 12 मई। जिला भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने कोरोना और वैक्सीनेशन के मुद्दे पर पार्टी की चिंता और सुझावों पर चर्चा कर एवं कोरोना की रोकथाम में यादा संवेदनशील होकर काम के आग्रह को लेकर मुख्यमंत्री के नाम का सुझाव पत्र अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को सौंपा। जिसमें प्रदेश सरकार से इस महामारी के परिप्रेक्ष्य में जनहितों को ध्यान में रखकर ज्यादा संवदेनशील होकर काम करने संबंधी आग्रह पर जोर दिया गया है। पूर्व विधायक, जिलाध्यक्ष भाजपा डॉ. सनम जांगड़े के नेतृत्व में एवं नपा अध्यक्ष चित्तावर जायसवाल, जिला मीडिया प्रमुख रितेश श्रीवास्तव, भाजयुमो कार्यकर्ता कृष्णा द्विवेदी, सुनील यादव की उपस्थिति में सुझाव पत्र सौंपा गया।
सौंपे गए सुझाव पत्र में प्रमुख रूप से 9 बिन्दुओं में सुझाव दिए गए हैं।
गंडई, 12 मई। मूर्तिकार चित्रकार संघ द्वारा गत् दिनों ग्राम सेतवा और खौड़ा को सैनिटाईज किया। संघ के सदस्यों ने जनपद सदस्य रिखीराम पटेल से मुलाकात कर उनके कर कमलों से सेनिटाइजिंग को प्रारंभ किया। मिली जानकारी के अनुसार चित्रकार संघ द्वारा लगातार क्षेत्र के ग्राम को सैनिटाइज करने का काम किया जा रहा है। लगभग दर्जनभर सदस्यों द्वारा स्प्रेयर मशीन से काम कर रहे हैं। संघ के ब्लॉक अध्यक्ष हेमंत पटेल ने बताया कि लगातार ग्रामों में जाकर हम सभी लोग क्षेत्र को सेनेटाईज करने का काम कर रहे हैं।