छत्तीसगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 मई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के मौके पर राज्य की नर्स बहनों से रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रूबरू हुए और उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना संकट काल में नर्स बहनों द्वारा दिन-रात मरीजों की सेवा और कर्तव्य परायणता की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की विषम परिस्थिति में आप सबने जिस हिम्मत और हौसले के साथ मानवता की सेवा की है, वह काबिले तरीफ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से कई नर्स बहनों और उनके परिवार के सदस्यों के संक्रमित होने और स्वर्गवास होने के बाद भी मरीजों की सेवा में जुटा रहना उत्कृष्ट सेवा का स्वरूप है।
श्री बघेल ने एक-एक कर नर्स बहनों से कोरोना संकट काल के दौरान उनकी सेवाओं और अनुभव के बारे में सुना। बलौदाबाजार के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पलारी में कार्यरत नर्स श्रीमती वर्षा गोंड़ाने की सेवा और कोरोना महामारी के चलते परिजनों को खो देने की आपबीती सुनकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भावुक हो गए। नर्स श्रीमती वर्षा गोंड़ाने ने बताया कोरोना संक्रमण के कारण उनकी सास और ननद की मृत्यु हो गई। वह स्वयं और उनके दोनों बच्चे भी कोरोना संक्रमित हुए, अब वह सभी पूरी तरह स्वस्थ हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रूधें गले से नर्स श्रीमती वर्षा गोंड़ाने को ढांढस बधाते हुए उनकी सेवा और कर्तव्य परायणता की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने परिजनों को खोने के बाद भी आपने हिम्मत और हौसले के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है। उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है।
श्री बघेल ने कोरबा की नर्स अंजली केरकेट्टा, कांकेर की रितु साहू, अर्चना वाल्मिकी, राजनांदगांव साल्हेवारा की आमरी जंघेल, अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज में पदस्थ अनिता लकड़ा, रायगढ़ बिंजकोट में पदस्थ प्रतिभा दास सहित अन्य नर्स बहनों को उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं राज्य की सभी नर्स बहनों को उनकी सेवा के लिए सेल्यूट करता हूं। उन्होंने कहा कि चिकित्सक को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है। हमारी नर्स बहनें भी देवी के रूप में मानवता की सेवा कर रही हैं। उन्होंने कोरोना की प्रथम और द्वितीय स्टेज का जिक्र करते हुए कहा कि संक्रमण का तीसरा स्टेज भी आएगा ऐसा विशेषज्ञों का कहना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए भी हमें तैयार रहना है। स्वयं को सुरक्षित रखते हुए मरीजों की सेवा करनी है। कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के साथ ही अन्य मंत्री और आला अफसर मौजूद थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 मई। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी डॉ. एस भारतीदासन ने कोविड 19 में ड्यूटीरत शासकीय अधिकारियों- कर्मचारियों के निधन पर संवेदनशीलता के साथ उनके परिजनों को तत्काल अनुकंपा नियुक्ति और अनुदान प्रदान करने के निर्देश दिए है। निर्देशों के परिपालन में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी अधिकारी
डॉ. गौरव कुमार सिंह ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उरला मे संविदा स्टॉफ नर्स के पद पर कार्यरत स्व. नीलकंठ चंद्राकर को राष्ट्रीय नर्सेज दिवस पर श्रद्धांजलि व्यक्त की । उन्होंने स्व. नीलकंठ चंद्राकर की पत्नी श्रीमती खुशबू चन्द्राकर को अनुकम्पा अनुदान एवं अनुग्रह भुगतान के रुप में पांच लाख पचास हजार का चेक प्रदान किया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मीरा बघेल ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के समस्त संविदा कर्मचारियों के लिये वर्तमान में प्रचलित मानव संसाधन नीति - 2018 के तहत् किसी अधिकारी अथवा कर्मचारी की कार्यालयीन सेवा के दौरान दुर्घटना-नक्सली हमला-आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके परिवार के लिये 1 वर्ष के मासिक मानदेय के समतुल्य सहयोग राशि अथवा 5 लाख जो भी अधिक हो प्रदाय किया जाने का प्रावधान है। इसी प्रकार उसके आश्रित परिवार के नामांकित सदस्य को एक मुश्त 50 पचास हजार रूपये अनुकंपा अनुदान दिए जाने का प्रावधान है।
उल्लेखनीय है कि नीलकंठ चंद्राकर 5 सितम्बर 2018 से स्टॉफ नर्स, एनयूएचएम के पद पर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उरला में पदस्थ थे। वर्तमान में वे कोविड टेस्टिंग एवं कोविड तथा नॉन कोविड दोनों सेवायें शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उरला में दे रहे थे। सेवा के दौरान अस्पताल में आने वाले मरीजों के संपर्क में आने से वे संक्रमित हुए। स्वास्थ्य बिगडऩे पर तत्काल उनके परिवार के सदस्यो ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। उपचार के दौरान उनकी मृत्यु 16 अप्रेल को हो गई थी। उनका प्रकरण स्वीकृत के लिए राज्य शासन को भेजा गया जहां से उन्हें तत्काल स्वीकृति प्राप्त हुई।
श्रीमती खुशबू तथा उनके परिवार के सदस्यों ने तत्परतापूर्वक अनुकंपा अनुदान राशि स्वीकृत किए जाने पर राज्य शासन एवं जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मीरा बघेल ने सभी कर्मचारियों से अपील की कि इस प्रकार के प्रकरण संज्ञान में आने पर त्वरित सूचना संस्था प्रभारी को देना चाहिए जिससे उनके परिवार को यह सहयोग राशि तत्काल प्रदान की जा सकें। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रारंभ होने के बाद यह अनुग्रह राशि के भुगतान का जिले में प्रथम प्रकरण है। इसका प्रावधान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के 2018 के मानव संसाधन नीति में किया गया है।
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धमतरी, 13 मई। नहर नाका दानीटोला में अवैध शराब परिवहन करते दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, वहीं एक अन्य मामले में हटकेशर वार्ड से भी अवैध रूप से महुआ शराब बिक्री करते आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।
लॉकडाउन के दौरान देसी हाथ भट्टी से निर्मित महुआ शराब के परिवहन एवं अवैध बिक्री के संबंध में थाना प्रभारी कोतवाली नवनीत पाटिल को मुखबिर से सूचना मिली कि एकमोटरसाइकिल में दो व्यक्ति अवैध रूप से देसी महुआ शराब रखकर बिक्री हेतु नहर नाका की ओर जा रहे हैं। तत्काल उक्त सूचना की तस्दीक कर वैधानिक कार्यवाही हेतु उप निरीक्षक रमेश साहू के हमराह स्टाफ को रवाना किए। पुलिस स्टाफ के द्वारा मुखबिर के बताए स्थान पर घेराबंदी कर संदिग्ध बजाज प्लैटिना मोटरसाइकिल के आने पर रोककर नाम पता पूछा गया। जिसमें एक व्यक्ति ने अपना नाम दीपक कलवानी (34)एवं दूसरा व्यक्ति सैयद फैज उर्फ बाबा (27)दोनों निवासी विंध्यवासिनी वार्ड धमतरी बताएं। जिनकी गवाहों के समक्ष तलाशी ली गई। जिस पर सफेद रंग के थैला में 5 लीटर की दो सफेद जरकिन में फुल भरी हुई करीबन 10 लीटर हाथ भट्टी से बनी देसी महुआ शराब कीमती 2500 रुपए को विधिवत जब्त किया गया। आरोपियों के द्वारा अवैध रूप से देसी महुआ शराब परिवहन हेतु प्रयुक्त मोटरसाइकिल क्रमांक सीजी05एस4525 कीमती करीबन 20,000 रुपये को जब्त किया गया हैं। आरोपियों को गिरफ्तार कर वैधानिक कार्रवाई की गई।
इसी प्रकार थाना कोतवाली की दूसरी टीम के द्वारा मुखबिर सूचना पर हटकेशर वार्ड में घेराबंदी कर आरोपी सुनील साहू (28)साकिन हटकेशर हाई स्कूल के पास धमतरी को अवैध रूप से देसी महुआ शराब बिक्री करते हुए रंगे हाथ पकडक़र उसके कब्जे से 5 पॉलिथीन के पैकेट में भरी करीबन 2500 मिलीलीटर देसी हाथ भट्टी से निर्मित महुआ शराब कीमती करीबन 1250 रुपए एवं बिक्री रकम 250 बरामद की गई। जिसके विरुद्ध मौके पर आबकारी एक्ट के तहत वैधानिक कार्रवाई की गई।
रायपुर, 13 मई। भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री एवं छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेन्शनर फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में बैंकों के लापरवाही के कारण शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त कर्मचारी पेंशनर और परिवार पेन्शनर भी मार्च और अप्रेल 21 के पेंशन से वंचित हैं और खातेदार बैंक पेंशन भुगतान नही होने के लिए अधिकृत नोडल बैंक भारतीय स्टेट बैंक स्थित सेन्ट्रल पेंशन प्रोसेसिंग सेल गोविंदपुरा भोपाल को जिम्मेदार ठहरा कर अपना पल्ला झाड़ ले रहे हैं। पेंशन से वंचित पेन्शनरों के पास जानकारी प्राप्त करने की कोई अन्य कार्यप्रणाली की जानकारी नही होने से कोरोना लॉक डाउन में मायूस होकर चुप बैठने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।
राज्य के पेंशनरों को हो रही आर्थिक परेशानियों को लेकर रिजर्व बैंक आफ इंडिया को भी ट्यूट कर इस लापरवाही पर जवाबदेही तय करने और कार्यवाही करने की मांग की गई हैं।
वीरेंद्र नामदेव ने आगे बताया गया हैं कि इसी काम मे लगे एक जिम्मेदार बैंक अधिकारी के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पेंशन भुगतान में विलम्ब का मुख्य कारण पेंशनरों द्वारा बैंक शाखाओं में जीवन प्रमाण जमा नही किया जाना बताया जा रहा है। जबकि लगभग सभी पेंशनर्रो द्वारा प्रमाणपत्र जमा कर दिया गया है और अब पावती प्रस्तुत करने पर सर्टिफिकेट बाउंस होने की बात कहकर पुन: लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने को कहा जा रहा है।
उन्होंने बताया गया कि देश मे कुछ बैंको के आपस में संविलियन की प्रक्रिया से नए कोड के निर्धारण होने के कारण मुम्बई और भोपाल के बीच तालमेल में कमी होने से मार्च 2021से मासिक पेंशन खाते में जमा होने में विलम्ब हुआ है और उसके बाद कोरोना लॉकडाउन में बैंक का बन्द रहना भी देरी का कारण बताया जा रहा है।
बैंक अधिकारी के अनुसार संविलियन से सम्बंधित सम्पूर्ण कार्यवाही स्टेट बैंक मुख्यालय मुम्बई स्थित सेंट्रल पेन्शन प्रोसेसिंग सेंटर से होता है जिसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी गोविंदपुरा भोपाल में स्थापित सेंट्रल पेंशन प्रोसेसिंग सेल स्टेट बैंक से संधारित होती हैं।भोपाल से जारी दिशा निर्देश के अनुरूप आगे की कार्यवाही छत्तीसगढ़ के बैंको में संचालित होती है। मुम्बई और भोपाल के बीच की प्रक्रिया में छत्तीसगढ़ उलझा हुआ है। पेंशनर्रो की इस समस्या के निदान के लिये छत्तीसगढ़ में भी सेंट्रल पेंशन प्रोसेसिंग सेल की पूर्णकालिक शाखा की स्थापना होना जरूरी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 मई। समाज में नर्सों के योगदान को चिन्हित करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के अवसर पर डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय की ओर से 76 नर्सिंग स्टॉफ को कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित किया गया। इनमें से 7 नर्सिंग स्टॉफ को कोरोना काल में अति उत्कृष्ट सेवा हेतु सम्मान प्रदत्त किया गया। अस्पताल के फिजियोथेरेपी हाल से यह सम्मान समारोह ऑनलाइन जूम मीटिंग प्लेटफार्म पर तथा यू-ट्यूब पर लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए प्रसारित हुआ। ऑनलाइन कार्यक्रम होने के कारण अधिकांश नर्सिंग स्टाफ ने अपनी सुविधा के अनुसार अलग-अलग स्थानों से जुडक़र ऑनलाइन सम्मान ग्रहण किया।
अम्बेडकर अस्पताल के फिजियोथेरेपी हाल से समस्त नर्सिंग स्टॉफ को ऑनलाइन सम्बोधित करते हुए जवाहर लाल नेहरु चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विष्णु दत्त ने कहा कि दया व सेवा की प्रतिमूर्ति तथा द लेडी विद द लैंप के नाम से प्रसिद्ध फ्लोरेन्स नाइटिंगेल ने नर्सिंग सेवा की शुरुआत कर संपूर्ण विश्व के समक्ष मानवता की सेवा का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया। निश्चित तौर पर उनके प्रति सम्मान और आभार प्रकट करने के लिए यह खास दिन हम सभी के लिये बहुत मायने रखता है।
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनित जैन ने फ्लोरेंस नाइटिंगेल के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर समस्त नर्सिंग स्टाफ को नर्स दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि मानवता के प्रति उनकी सेवाओं के लिए हम आभारी हैं और सभी नर्सों के प्रति सम्मान और आभार प्रकट करते हैं।
सम्मान समारोह के संयोजक एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. संतोष सिंह पटेल के अनुसार, विश्वव्यापी संकट कोरोना के समय उनके सराहनीय कार्य और अथक सेवाओं के लिए उनके समर्पण तथा कर्तव्यों के प्रति प्रतिबद्धता को देखते हुए यह सम्मान दिया गया है। कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने प्रत्येक परिस्थितियों में रोगी की देखभाल की। यही वजह है कि आज उन्हें प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर उप नर्सिंग अधीक्षक श्रीमती दुर्गा दक्षिणी, सहायक नर्सिंग अधीक्षक श्रीमती वेरोनिका पॉल, श्रीमती अभिलाषा गुजराती, श्रीमती ईवा माधुरी, टी. अश्लेशम और सिस्टर शीला जेम्स उपस्थित रहीं। ऑनलाइन कार्यक्रम का प्रबंधन आई. टी. विशेषज्ञ निकुंज राठौर एवं सहयोगियों ने किया।
*इन्हें किया गया सम्मानित*
अति उत्कृष्ट सेवा के लिये उत्तरा ठाकुर, शिबू वेनु गोपाल, प्रतिभा नाग, अनामिका देवांगन, अमांदा कुजुर, शेफाली दास एवं अभिलाषा गुजराती सम्मानित हुईं। इनके साथ ही श्रीमती नमिता डेनियल, श्रीमती उर्मिला कुर्रे, दुर्गेश नंदिनी, मंजू आर्या, निशा बघेल, केशरी कौशल , सीता ठाकुर, भावना ध्रुव, गीतांजलि नायर, वीना एक्का, सुशीला भारती, कल्पना साहू, शांति लकड़ा, लक्ष्मी पटेल, दीपमाला कुर्रे, प्रीति खेस तथा नीता राठौर एवं अन्य को भी कोरोना वारियर के रूप में सम्मानित किया गया।
राजिम, 13 मई। राजिम थाना अंतर्गत अज्ञात महिला की संदिग्ध हालत में लाश बरामद हुई है। महिला का शव राजिम पोखरा मार्ग पर रावण-परसदा के बीच नर्सरी के समीप सडक़ किनारे झाडिय़ों से बरामद हुआ है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।
थाना प्रभारी विकास बघेल ने बताया कि मृतका 35 से 40 साल की उम्र की है, जो सलवार-कुर्ती पहनी हुई है। महिला के गले में गमछा और रस्सी बंधी हुई है। प्रथम दृष्टया महिला की हत्या होना प्रतीत हो रहा है। फिलहाल महिला की शिनाख्त नहीं हुई है। शिनाख्त हो जाने और पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मामले की गुत्थी सुलझ सकती है।
राजिम, 13 मई। गरियाबंद जिला पंचायत सदस्य एवं राजिम कोऑपरेटिव सोसायटी के अध्यक्ष चंद्रशेखर साहू ने विज्ञप्ति जारी कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कृषि मंत्री रविंद्र चौबे से अनाज मंडियों को तत्काल प्रारंभ करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में मंडी बंद होने से किसानों को अपनी फसल का सही दाम नहीं मिल पा रहा है और वे अपनी फसलों को औने पौने दामों पर बेचने को विवश हैं। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की मार झेलने के बाद किसानों के हाथ कुछ फसल प्राप्त हुई है वो भी सरकार की गलत नीतियों की भेंट चढ़ गई है। स्वयं को किसानों के सच्चे हमदर्द बताने वाले प्रदेश की कांग्रेस सरकार मंडियों न खोलकर क्या संदेश देना चाहती है,इसे स्प्ष्ट करें। पूरा प्रदेश आज कोरोना के संकट से जूझ रहा है लेकिन सरकार को न तो आम जनता की चिंता है और न ही किसानों की। उन्हें चिंता है तो सिर्फ शराब की। उन्हें किसानों की चिंता होती तो रबी फसल की खरीदी के लिए मंडियों को खोलने की छूट प्रदान करती लेकिन ऐसा न कर वे किसानों को शोषण होने पर मजबूर कर रही हंै।
भाटापारा, 13 मई। कोरोना महामारी के संक्रमण काल में लगे लम्बे अवधि के लॉकडाउन में पीडि़त गरीब व रोज कमाने खाने वाले 18 परिवारों को कुर्मी समाज ने किराना सामानों की एक थैली का वितरण किया गया, जिसमें सभी आवश्यक सामग्री रखे गये हैं। उक्त सहायता का वितरण परशुराम वार्ड, पटपर, रामसागरपारा, मातादेवालय, नयापारा, सुभाष वार्ड, नयागंज व हथनीपारा में किया गया। उक्त जानकारी सेवाराम वर्मा व लेखराम वर्मा ने दी है।
भाटापारा, 13 मई। सांस्कृतिक संस्था वक्ता मंच छत्तीसगढ़ प्रदेश स्तरीय काव्य लेखन प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल द्वारा बलभद्र वार्ड निवासी रामचन्द्र वर्मा को श्रेष्ठ रचनाकार के रूप में सम्मानित किया गया है। इस सम्मान के लिए अध्यक्ष राजेश पराते, सचिव देवेंद्र चावला एवं संयोजक शुभम साहू के प्रति आभार व्यक्त किया है। रामचंद वर्मा को धनेश तिवारी, शिव वर्मा, कीर्तन जायसवाल, अरुण वर्मा, विनोद, लालू वर्मा, धनेश्वर एवं छोटू ने बधाई दी है।
भाटापारा, 13 मई। कांग्रेस के राजा तिवारी ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि कोरोना महामारी के वक्त गरीब जनता को राहत देने के लिए शासन के द्वारा दो माह का मुफ्त चावल वितरण एवं अतिरिक्त चावल वितरण किया जा रहा है। आम जन को सही तरीके से राशन मिल सके, इसके लिए समस्त ग्रामीण व शहर के वितरण प्रणाली केंद्र प्रबंधक को कड़ा निर्देश देवें ताकि किसी के साथ भेदभाव न हो और सभी को इसका उचित लाभ मिल सके।
भाटापारा, 13 मई। विकासखंड में बीते 3 दिनों में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या कम हुई है। तीन दिनों के जिला कार्यालय से जारी आंकड़े बताते हैं कि कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 50 से कम है। विकासखंड में कई ग्रामों में जिसमें मोपका जैसे ग्राम शामिल हैं, वहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या अत्यधिक थी, लेकिन ग्रामवासियों ने अथक मेहनत कर और सजगता से कोरोना के संक्रमण को रोका है वहीं विभिन्न ग्रामों में भी मरीजों की संख्या कम हुई है। कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है वहीं कुछ लोग शासन के नियमों का उल्लंघन करते हुए लापरवाही कर रहे हैं, जिसमें खासकर कुछ व्यापारीगण एवं कुछ युवा लोग शामिल हैं, जो लॉकडाउन में भी कोरोना को आमंत्रित करते हुये व्यापार कर रहे हैं या सडक़ों पर बेवजह घूम रहे हैं।
विधायक नांदगांव के फिर रायपुर में डेरा क्यों?
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 13 मई। प्रदेश महिला कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं महापौर हेमा देशमुख ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजनांदगांव विधायक डॉ. रमन सिंह के बयान पर पलटवार करते कहा कि डॉ. रमन सिंह रायपुर में रहते हैं और दो घंटे के लिए राजनांदगांव के दौरे पर आते हैं।
महापौर ने कहा कि 15 साल तक प्रदेश का मुखिया रहते राजधानी रायपुर में डेरा डालने वाले रमन सिंह की पुरानी आदत आज भी नहीं गई है। राजनांदगांव का वर्तमान विधायक होने के नाते यहां रहे न कि माह में कभी-कभार राजनांदगांव में दो घंटे के लिए दौरे पर आएं।
ज्ञात हो कि डॉ. रमन सिंह ने नादगांव प्रवास के दौरान जारी बयान में कहा था कि कोरोना नीतियों पर सरकार की नाकामी से पूरे प्रदेश में बदतर हालत है, इसके लिए उन्होंने सीएम भूपेश बघेल को जिम्मेदार ठहराया था।
महापौर देशमुख ने कहा कि जनता को गुमराह करना भाजपा नेताओं की फितरत रही है। डॉ. रमन सिंह को अब यह बात याद रखना चाहिए कि जनता को भोली-भाली समझकर गुमराह नहीं किया जा सकता, जनता को ये मालूम है कि देशभर में करोना से हाहाकार मचा था और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बंगाल के चुनाव में मस्त थे।=
उन्होंने कहा कि 15 वर्षों तक प्रदेश का मुख्यमंत्री और राजनांदगांव का विधायक होने के बावजूद यहां के लिए उनका ऐसा कोई बड़ा योगदान नजर नहीं आता। उनके कार्यकाल में जो भी कार्य कराए गए, वे सभी आधे-अधूरे पड़े हैं, जिसे कांग्रेस की भूपेश सरकार पूरा करा रही है। उनके द्वारा आनन-फानन में आधे-अधूरे निर्माण कार्यों का लोकार्पण कर दिया गया। इसका बड़ा उदाहरण दिग्विजय स्टेडियम है।
अधूरे स्टेडियम और अधूरे निर्माण कार्यों का लोकार्पण करने वाले डॉ. रमन सिंह पहले मुख्यमंत्री के रूप में जाने जाते रहेंगे। गौरव पथ में एजुकेशन हब, फरहद चौक में फ्लाई ओवर का अधूरा निर्माण कार्य उन्हीं की देन है। मेडिकल कॉलेज भी अधूरा न मेडिकल ईनंष्टुमेट और न डॉक्टर। नए बस स्टैंड के पास फुटओवर ब्रिज के निर्माण में करोड़ों का घोटाला सबको पता है।
महापौर श्रीमती देशमुख ने कहा कि कोरोना काल और लाकडाउन में भूपेश सरकार द्वारा आम जनता के लिए राशन वितरण की नि:शुल्क व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि डॉ. सिंह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं, इसलिए उन्हें चाहिए कि छत्तीसगढ़ के अलावा देश के भाजपा शासित राज्यों गुजरात उत्तर प्रदेश और हरियाणा और मध्यप्रदेश की बात भी करनी चाहिए। हाल ही में उत्तरप्रदेश में कोरोना संक्रमण से लोगों की हो रही बेतहाशा मौत के बावजूद योगी सरकार द्वारा शराब दुकानों को खोल दिया गया है। कोरोना संकट की घड़ी में पेट्रोल-डीजल के दामों में रोजाना वृद्धि की जा रही है।
कोरोना संकट के बीच दवाओं, यहां तक कि सेनेटाइजर जैसे चीज पर जीएसटी वसूला जा रहा है। इन मुद्दों पर डॉ. सिंह कुछ बोलते क्यों नहीं? क्योंकि वे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और उन्हें इन मामले पर भी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा, 13 मई। विधायक शिवरतन शर्मा ने प्रेस वार्ता के माध्यम से कहा कि कांग्रेस का हमेशा दोहरा चरित्र रहा है, जब प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी देश के स्वाभिमान की रक्षा के लिये कार्य कर रहे हैं तो कांग्रेस ने हमेशा देश के स्वाभिमान को कमजोर करने का कार्य किया है।
आगे कहा कि देश में संसद भवन का निर्माण राष्ट्र गौरव का कार्य है, इस पर भी कांग्रेस संसद का विरोध कर रही है तो प्रदेश में विधानसभा भवन का निर्माण किसलिए करवा रही है। सर्व हित और सर्व समाज के लिये टीकाकरण नीति बनाया जाये लेकिन प्रदेश की सरकार ने अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिये केवल मात्र जुटी है, उसे कभी प्रदेश के जनता की चिंता नहीं रही है।
शिवरतन शर्मा ने कहा कि शहरों से गांव स्तर पर कोरोना की भयावह तस्वीर देखने को मिल रही है। उपचार के अभाव में लगातार लोगों की मौते हो रही हैं। प्रदेश की सरकार को जरा भी इसकी चिंता नहीं है, स्थिति कहीं और चिंताजनक न हो जाये इसकी चिंता करने की जरूरत है। प्रदेश सरकार की प्राथमिकता ऑनलाईन शराब बेचना अधिक है। जनता की जरा भी चिंता होती तो शराब की जगह दवा सुलभ करने के दिशा में कार्य करती है। पूरे प्रदेश में इस कोरोना काल के बाद भी अवैध तरीके से शराब बिक रहा है, जिस पर अंकुश लगाने के बजाये उसे प्रोत्सहित करने प्रदेश की सरकार जुटी है।
उक्त प्रेसवार्ता में भाजपा जिलाध्यक्ष सनम जांगड़े एवं भाजयुमो जिलाअध्यक्ष सुनील यदु शामिल हुए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 13 मई। जिला पंचायत सदस्य रोहित साहू अपनी पत्नी भुनेश्वरी साहू और पुत्री पायल साहू के साथ ब्लॉक मुख्यालय फिंगेश्वर में स्थित टीकाकरण केंद्र में वैक्सीन का पहला डोज लगवाया।
श्री साहू ने क्षेत्रों के अंत्योदय एवं बीपीएल कार्ड धारी परिवारों से अपील करते हुए कहा कि बिलकुल ना घबराएं, अपने नजदीकी स्वस्थ्य केंद्र में जाकर सरकार द्वारा निर्धारित किए गए पैमाने के अनुसार सभी लोग कोरोना वैक्सीन अवश्य लगवाएं। किसी भी तरह के अफ वाह में कोई ना आये। इसे लगवाने से किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती एवं न ही स्वास्थ्य में किसी तरह का प्रभाव पड़ता है। अगर किसी के स्वास्थ्य में किसी भी प्रकार की समस्या है तो वह डॉक्टर को जरूर बताये। कोई भी डरे नहीं, सभी आगे आकर कोरोना वैक्सीन की प्रथम डोज अभी एवं दूसरी डोज निर्धारित किए गए दिनों में लगवाएं। उन्होंने कहा कि कोविड 19 से बचने के लिए वैक्सीन ही संजीवनी है और कोई उपाय नहीं है। वैक्सीन सुरक्षा कवच के रूप में काम करेगा। रोहित साहू ने सुचारू रूप से चलाये जा रहे टीकाकरण कार्य व टीकाकरण केंद्र की सुविधाओं तथा किये गये व्यवस्था की सराहना करते हुए विकासखण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी, कर्मचारी और समस्त कोरोना वारियर्स को बधाई व धन्यवाद दिया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 13 मई। महासमुंद स्थित एक निजी स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के पालकों ने कलेक्टर को एक पत्र भेजकर स्कूल प्रबंधन और शिक्षकों पर आरोप लगाया है कि स्कूल में 20 प्रतिशत फीस की वृद्धि की गई है और इस भयंकर त्रासदी में भी बच्चों को फीस के लिए मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है। पालकों का कहना है कि स्कूल में अध्ययनरत जिन बच्चों ने फीस नहीं पटाई है उन्हें ऑन लाइन क्लासेस जाइन नहीं करने दी दिया जा रहा है और हाल ही में आयोजित पी वन परीक्षा में भी बैठने नहीं दिया गया।
इस आरोप का स्कूल की प्राचार्य पूजा शर्मा ने खंडन किया है और कहा है कि ऑनलाइन कक्षा में तकनीकी खामियों के कारण बहुत से बच्चे शामिल नहीं हो पाते हैं और रही बात परीक्षा की तो बहुत से बच्चे इसमें भी शामिल नहीं हो पाए थे। जबकि फीस को हमने जिला प्रशासन की गाईड लाईन के तहत ही बढ़ाया है। जो पालक अपने बच्चों की फीस जमा नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे पालकों से एक आवेदन मंगाया जा रहा है कि वे अमुक कारणों से फीस पटाने में अक्षम हैं। अपर कलेक्टर जोगिंदर नायक ने जिला शिक्षा अधिकारी से इस मामले को संज्ञान में लेने की बात कही है।
एक निजी स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के पालकों ने कलेक्टर महासमुंद को एक पत्र लिखकर नये सत्र में स्कूल में 20 प्रतिशत फीस वृद्धि, फीस नहीं पटा सकने वाले बच्चों को आन लाईन क्लास में एंट्री नहीं देने और परीक्षा में शामिल नहीं करने की शिकायत की है। पालकों का एक वाट्सएप ग्रुप भी है, जिसमें यह चर्चा कुछ दिनों से लगाातार चल रही है। पालकों का कहना है कि जिन बच्चों की फीस नहीं पट पाई है, उन्हें बार-बार फीस पटाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। फीस नहीं पटा सकने वाले बच्चों को परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया है। ऐसे बच्चों की आनलाईन पढ़ाई बंद कर दी गई है। ऐसे में मासूम बच्चे मानसिक रूप से प्रताडि़त हो रहे हैं। अत: कलेक्टर से अपील है कि तमाम मामलों की जांच कर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करें।
स्कूल की प्राचार्य पूजा शर्मा ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि जिन पालकों ने स्कूल की फीस नहीं पटाई है, उनसे बार-बार आवेदन मंगाया जा रहा है फिर भी पालक आवेदन नहीं देते और फीस भी नहीं पटाते। आवेदन देने के बाद पता चलता कि उनकी माली हालत क्या है। रही बात बच्चों को ऑनलाईन पढ़ाई और परीक्षा में बैठने वाली बात की, तो यह सिर्फ तकनीकी कारणों से हो रहा है। स्कूल के एक संचालक अमृत शर्मा ने भी इस मामले में कहा है कि हर निजी स्कूल में ऐसा होता है कि कुछ पालक स्कूूल की नीतियों का विरोध करते हैं। स्कूल में कहीं पर भी कुछ गलत नहीं हो रहा है। बहरहाल इस मामले में अपर कलेक्टर जोगेंदर नायक ने जिला शिक्षा अधिकारी से तत्काल मामले में संज्ञान लेने और जांच करने की बात कही है।
राजनांदगांव, 12 मई। एक व्यापारी से पीडीएस का चावल जब्त किया गया है।
सहायक खाद्य अधिकारी आशीष रामटेके एवं कृषि उपज मंडी निरीक्षक ईश्वरी प्रसाद चंद्राकर एवं टीम द्वारा सूरज नरेडी जयस्तंभ चौक डोंगरगढ़ शहर के निवास की जांच की गई। जांच में पाया गया कि सूरज नरेडी द्वारा अपने निवास स्थल में ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली के उपभोक्ताओं से चावल की खरीदी की जा रही थी। जिसका बयान एवं पंचनामा द्वारा पुष्टि किया गया। जांच में परिसर में 40 बोरी वजन 16 क्विंटल चावल पाया गया। सूरज नरेडी द्वारा अपने बयान में बताया गया कि वह कृषि उपज मंडी का अनुज्ञप्तिधारी नहीं है और उसके द्वारा स्टॉक किए गए चावल के संबंध में कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया। मौके पर मौजूद चावल को खाद्य एवं कृषि उपज मंडी की टीम द्वारा जब्त किया गया।
गैस कटर से कटिंग कर निकाला गया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 13 मई। राष्ट्रीय राजमार्ग 53 पिथौरा क्षेत्र के ग्राम टेका से मेमरा के बीच फोरलेन में बुधवार सुबह चार बजे एक ट्रक ने ओवर टेक करते समय सामने जा रहे ट्रक को पीछे से ठोकर मार दिया। ठोकर इतनी जबरदस्त थी कि ओवरटेक करने वाले ट्रक के चालक का पैर स्टेयरिंग में फंस गया। घंटे भर बाद गैस कटर से कटिंग कर उसके पैरों को बाहर निकाला गया। हादसे की सूचना मिलते ही डायल 112 व पुलिस मौके पर पहुंची और रास्ते को वन वे कराने के बाद रास्ते से ट्रक को हटाया। करीब डेढ़ घंटे बाद यातायात सुचारु रूप से दोनों ओर बहाल हुआ।
पिथौरा थाना प्रभारी केशव कोसले ने बताया कि घटना अल सुबह चार बजे की है। ट्रक क्रमांक डब्ल्यू बी सी 5128 आलू लेकर रायपुर की ओर जा रहा था। उसके सामने ओडी 19 एच 2399 एल्युमिनियम लेकर रायपुर की ओर जा रहा था। ग्राम टेका व मेमरा के बीच डब्ल्यूबी ट्रक का चालक अनुप चिन्ना ट्रक को तेज रफ्तार भगाते हुए ओडी ट्रक से आगे निकलने के लिए ओवरटेक कर रहा था, लेकिन स्टेयरिंग मुड़ा नहीं और ट्रक रफ्तार में होने की वजह से सीधे ट्रक के पीछे हिस्से में जोरदार टकरा गया।
महासमुंद, 13 मई। सिरपुर मार्ग ग्राम अचानकपुर के पास एक बाइक सवार की सडक़ किनारे लगे फेंसिंग तार व सीमेंट पोल में टकरा जाने से घटना स्थल पर ही मौत गई।
इस मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है। तुमगांव थाना प्रभारी शरद ताम्रकार ने बताया कि ग्राम फुसेराडीह निवासी बिरम सिंह घ्रुव पिता बिहारी ध्रव 35 साल अपने बाइक से सुबह छपोराडी काम से आया था। काम निपटा कर वह वापस अपने गांव जा रहा था, उसी समय ग्राम अचानकपुर मोड़ के पास उसकी बाइक अनियंत्रित हो गई और सडक़ किनारे वन विभाग द्वारा लगाए गए फैंसिंग तार व सीमेंट पोल से टकरा गया। इससे सिर पर गंभीर चोट आने के कारण उसकी मौत हो गई।
परिजनों का आरोप कि कोतवाली थाने ने आवेदन लेने से मना किया
अस्पताली मेमो के आधार पर जांच करेंगे-एसडीओपी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 13 मई। शहर के गंजपारा मोहल्ले में रहने वाले एक युवक को उसके दोस्तों ने बेहोशी की हालत में घर छोड़ा और फरार हो गए। बुधवार सुबह उसे पार्टी मनाने के लिए उसके दोस्त जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर दलदली ले गए थे। दोस्तों ने जब उसे घर में छोड़ा, तो उसकी नाक से खून निकल रहा था। परिजनों ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई है। पुलिस इस मौत पर जांच करने जुटी है। मृतक के परिजनों का आरोप है कि दोस्तों की शिकायत व मामले की जानकारी देने पहुंचे परिजनों का आवेदन कोतवाली पुलिस ने नहीं ली।
इस संबंध में एसडीओपी नारद सूर्यवंशी ने कहा है कि शिकायत नहीं ली है तो मैं दिखवाता हूं। अस्पताली मेमो पर जांच होगी। गंजपारा निवासी ओंकार तंबोली ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया-मेरे पुत्र भावेश तंबोली का मंगलवार को जन्मदिन था। सुबह सुबह उसके दोस्त घर आकर उसे पार्टी मनाने ले गए। घर लाकर बेटे को किसने छोड़ा नहीं मालूम, लेकिन भावेश को हमने दरवाजे पर शाम को खून से लथपथ बेहोशी की हालत में पाया। उसे दरवाजे पर छोडक़र कोई भाग गया था। हमने उसे अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टर सिर पर चोट लगना बता रहे थे। वहां इलाज के दौरान भावेश की मौत हो गई।
भावेश के पिता ने पार्टी के दौरान गंभीर घटना की आशंका जताई है। चिकित्सकों ने उसके सिर के पिछले हिस्से पर गंभीर चोट लगने के कारण नाक से खून निकलना व जमा होना बताया है।
थाने में 4 घंटे बिठाए रखा और रात में जुर्माना लगाकर छोड़ दिया, विरोध में सडक़ पर बहाया दूध, माफी मांगने की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 13 मई। कोरिया जिले के भरतपुर में कोरोना संक्रमण रोकने में लगे राजस्व अधिकारी पर कल एक कैंसर सर्वाइवर को वैक्सीन लगवाने के लिए बाध्य करने का आरोप लगा है। आरोप यह भी है कि उसने कई बार समझाने की कोशिश की कि चिकित्सक से बात करने की कोशिश की जा रही है, उनसे पूछने के उपरांत ही वो वैक्सीन लगा पाएगा, उसकी एक नहीं सुनी, उसे थाने में 4 घंटे बिठाए रखा और फिर रात में 500 रू का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया, इस दौरान उसके पास रखा दूध खराब हो गया और उसे वो सडक़ पर बहा कर अपना विरोध प्रकट किया। रात में पीडि़त के पिता ने राजस्व के अधिकारी को बकायदा पूरा विवरण देते हुए उनसे माफी मांगने की मांग की।
भरतपुर एसडीएम आरपी चौहान ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि दूध बांटने का समय सुबह 6 से 9 और शाम को 5 से साढ़े 6 बजे है। कल शाम साढ़े 6 बजे के बाद युवक शहर में दूध लेकर आता दिखा। उसे हमारी टीम ने वैक्सीनेशन के बारे में पूछा। जिस पर उसने वैक्सीनेशन नहीं करानी की बात कही। उसने परिवार के अन्य सदस्यों के टीका लगाने की बात कही। तथा कुछ दिन गुजर जाने के बाद खुद भी टीका लगवाने की बात कही। उसकी बाइक गुजरात का होना दिखने पर उसने सभी कागजात होना बताया। उसने टीआई से वेरिफाई भी कराने की बात कही। जिस पर उसने एक सिपाही के साथ थाने भेजा गया। जहां पर उसने ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होना बताया और बाकी कागजात घर में होना बताया। परिवार के लोगों के द्वारा एसडीएम से संपर्क कर बताया कि आज कागजात लेकर नहीं पहुंच रहे हैं। कल दिखा देंगे। कागजात खोजने पर भी नहीं मिला। इस बात से उसने टीआई को भी अवगत करा दिया। जिस पर टीआई को उसे घर जाने के लिए कह दिया। ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होने के कारण उस पर 5 सौ रुपये जुर्माना लगाया गया। वैक्सीनेशन के लिए बाध्यता का आरोप गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि कलेक्टर का आदेश है कि होम डिलीवरी करने वालों के लिए वैक्शीनेशन अनिवार्य है। एसडीएम ने यह भी बताया कि गुरुवार दोपहर साढ़े 3 बजे तक भी गाड़ी के कागजात टीआई को नहीं दिखाया गया।
इस संबंध में कैंसर सर्वाइवर के पिता रमाशंकर मिश्रा का कहना है कि कोविड गाईडलाइन के अनुसार गंभीर बीमारियों के मरीजों को चिकित्सक की सलाह पर ही वैक्सीन लगाई जानी है, परन्तु भरतपुर एसडीएम के द्वारा वैक्सीन लगाने के लिए बाध्य किया गया, मना करने पर उनके पुत्र को 4 घंटे थाने में बिठाए रखा गया, उसके बाद 500 का जुर्माना लगाकर छोड़ा गया, उसके पास रखा पूरा दूध खराब हो गया। जबकि कुछ दिन पूर्व इसी तरह हम दूध वालों को पकड़-पकड़ कर हमारा कोविड टेस्ट भी करवाया गया था।
जानकारी के अनुसार कोरिया जिले के भरतपुर एसडीएम इन दिनों पूरे भरतपुर से कोरोना मुक्त करने के अभियान में जुटे हुए है, उनके इस प्रयास की पूरा जनकपुर प्रशंसा कर रहा है, और जनप्रतिनिधि को उनके यहां पदस्थ रखने के लिए आभार जता रहा है, वहीं बुधवार की शाम देवगढ़ निवासी रमाशंकर मिश्रा जो जनकपुर में जननी डेयरी के नाम से दूध का व्यवसाय करते हैं। कंटेनमेंट जोन के नियमों को पालन करते हुए उनके 21 वर्षीय पुत्र को घरों में दूध वितरण करने के लिए भेजा। शाम 5 बजकर 30 मिनट का समय था, एसडीएम आने जाने वालों की हर दिन की तरह जांच कर रहे थे।
श्री मिश्रा बताते हैं कि एसडीएम ने उनके पुत्र के द्वारा दूध वितरण के समय खड़ा करा लिया गया और उससे पूछा गया कि उसने कोविड वैक्सीन लगाई है या नहीं, जबकि उनके पुत्र ने स्पष्ट रूप से बताया कि वह कैंसर सर्वाइवर है एवं डब्ल्यूएचओ की गाइड लाइन के अनुसार किसी भी गंभीर बीमारी से पीडि़त व्यक्ति को बिना डॉक्टर की सलाह के कोविड वैक्सीन नहीं लगानी है। साथ ही किसी को जबरन वैक्सीन लगाए जाने के लिए बाध्य नहीं किया जाना है। लेकिन विनम्रता पूर्वक बात करने के पश्चात भी उन्होंने उनके पुत्र को दूध सहित थाने भिजवा दिया व थाने में चार घंटे तक उनके आदेशानुसार बैठाए रखा गया बाद में 500रू जुर्माना आरोपित किया गया।
दूध डेयरी संचालक मिश्रा ने रात में एसडीएम के व्हाट्सअप पर एक आवेदन बनाकर पोस्ट किया। उसमें उन्होंने लिखा कि आपके इस कृत्य से मेरे बेटे के दिमाग में सरकार के प्रति गलत, हीन भावना ग्रसित कर गई है। साथ ही अधिकारी के कारण उनका 50 लीटर दूध वितरण ना हो पाने के कारण खराब हुआ है। वे एसडीएम के इस कृत्य का घोर विरोध करते हूं एवं विरोध स्वरूप संपूर्ण दुग्ध उत्पादन को सडक़ पर एसडीएम के घर के सामने बहाकर विरोध प्रदर्शित करूंगा।
उन्होंने चेतावनी देते हुए लिखा कि यदि उनके द्वारा इसी तरह का कृत्य जारी रहा तो वे सभी दुग्ध उत्पादक व्यवसाईयों को मिलकर एसडीएम के खिलाफ प्रदर्शन को बाध्य होना पड़ेगा जिसमें कॉविड के नियमों को पालन नहीं किया जा सकेगा, जिसकी संपूर्ण जवाबदारी आपकी होगी। उन्होंने उनके कृत्य की माफी मांगने ओर भविष्य में ऐसी कोई घटना न घटित हो इसके लिए सभी को आश्वस्त भी करें
शराब बेचे सही दूध न बेचे कोई
भाजपा के युवा मोर्चा के वरिष्ठ नेता शारदा प्रसाद गुप्ता ने भरतपुर में दूध व्यवसायी के कैंसर सर्वाइवर पुत्र के लिए हुए घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि सरकार शराब घर-घर पहुंचाए वो जायज है, और यदि दूध घर-घर जाकर बेचा जा रहा है, वो अपराध हो गया, इस तरह किसी को बाध्य कर वैक्सीन लगवाना मानवता को शर्मशार करने वाला वाक्या है, वीडियो देख कर मुझे बेहद दुख हुआ।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 13 मई। महासमुंद जिले में रोज सामने आने वाले कोरोना संक्रमितों के आंकड़े में थोड़ी कमी जरूरी आई है, लेकिन मौत का आंकड़ा थम नहीं रहा है। बल्कि यह आंकड़ा लगातार बढ़ते जा रहा है। मई के इन शुरुआती 11 दिनों में महासमुंद जिले के 42 लोग कोरोना के चलते दम तोड़ चुके हैं, जबकि पिछले महीने अप्रैल के शुरुआती 11 दिनों में जिले में केवल 24 मौतें हुई थी। मई महीने के इन 11 दिनों में एक बार भी ऐसा मौका नहीं आया है, जब स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन में आज हुई मौत के कॉलम में 0 लिखा हो।
12 मई को जिले में 302 नए मरीज मिले। जिले में अब तक कोरोना से 286 लोग दम तोड़ चुके हैं। इनमें से 42 की मौत इसी महीने हुई। जबकि जिले में सर्वाधिक 84 मौतें अप्रैल में हुई थी। कोरोना नियंत्रण दल के नोडल अफसर डॉ. अनिरूद्ध कसार ने बताया कि जिले में कोरोना संक्रमितों के मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इसे रोकने के लिए प्रयासरत है।
उन्होंने कहा कि समय रहते जांच और इलाज ही आपको कोरोना से बचा सकता है। इसलिए कोई भी लक्षण दिखे तो जांच जरूर कराएं। ज्ञात हो कि अप्रैल महीने के शुरुआती 11 दिनों में महासमुंद जिले में 4075 संक्रमित मिले थे। मई माह में इतने ही दिनों में 4986 मरीज सामने आ चुके हैं। महासमुंद जिले में 11 मई तक 4843 मरीज एक्टिव हैं। जानकारी मिली है कि कोविड से ठीक होने वाले मरीजों को अन्य समस्याएं उत्पन्न हो रहीं है और इस तरह के केसेस लगातार सामने आ रहे हैं। डॉक्टरों ने ऐसे लोगों को एक्सरासइज करने की सलाह दी है।
रायगढ़, 13 मई। कोरोना काल में आपदा को अवसर बनाने वाले झोलाझाप डॉक्टरों पर प्रशासन कड़ी निगरानी रख रही है। पिछले दिनों पांच झोलाछाप डाक्टरों पर कार्रवाई के बाद जिला प्रशासन ने शिकायत के बाद बरमकेला क्षेत्र के तीन और ऐसे ही क्लीनिक को सील कर दिया है।
बरमकेला बीएमओ ने बताया कि कलेक्टर व सीएचएमओ के निर्देश पर क्षेत्र में टीम बनाकर लगातार झोलाछाप डाक्टरों पर कार्रवाई की जा रही है इसके लिए स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, राजस्व विभाग की दो टीम गठित की गई है इस दौरान सोमवार को भी दोनों टीम क्षेत्र के करीब 15-16 गांव में जांच करने के लिए पहुंची थी, लेकिन जानकारी मिलते ही सभी डाक्टरों ने क्लीनिक बंद कर मौके से भाग गए, मंगलवार को सुबह से ही टीम पहुंच गई थी, जिससे तीन क्लीनिक को सील किया गया है। इस दौरान बरमकेला के खिचरी के खेमराज डनसेना, बुंदेली के ईश्वर डनसेना का क्लिनिक व खपरापाली में किसी साहू झोला छाप डाक्टर के क्लिनिक सील कर दिया गया है।
इस संबंध में बीएमओ ने बताया कि ये क्षेत्र के झोलाछाप डाक्टर इन दिनों क्लीनिक बंद कर गांव में घूम-घूमकर इलाज कर रहे हैं। जिससे इसके एवज में लोगों से मोटी रकम भी वसूल रहे हैं। इसकी शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई की जा रह है। साथ यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 13 मई। कोरिया के जिला अस्पताल बैकुंठपुर में स्थित कियोस्क लैब में एंटीजन कीट खत्म होना बता कर कोरोना लक्षण आने वालों को टू्रनॉट और आरटीपीसीआर टेस्ट करवाने की सलाह दी जा रही है।
इस संबंध में संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव का कहना है कि ज्यादा से ज्यादा टेस्ट कर संक्रमितों की पहचान करना है, एंटीजन टेस्ट बंद नहीं होना चाहिए, मंै सीएमएचओ से चर्चा करती हूं। वहीं इस संबंध में बीएमओ सुरेन्द्र पैकरा का कहना है कि एंटीजन कीट की कमी है, इसलिए एंटीजन टेस्ट रोक दिए गए है।
जानकारी के अनुसार मंगलवार को जिले में 11 मई को 700 कोरोना संक्रमित सरकारी रिपोर्ट में सामने आए, उस दिन जिले का आंकड़ा पूरे राज्य में दूसरे नंबर पर था, जिसके ठीक दूसरे दिन 12 मई को जिला अस्पताल के कियोस्क लैब में लंबी-लंबी लाइन में लगे लोगों को यह कह कर जाने के लिए बोल दिया गया, कि उनके यहां एंटीजन किट खत्म हो चुकी है। जौ
किट खत्म होने के बाद 13 मई को जांच का कार्य बंद रहा। इस दौरान काफी संख्या में लोग कोरोना जांच कराने केंद्र पर पहुंचे तो उन्हें पता चला कि किट ही नहीं हैै। कई वापस लौट गए तो कईयों को जांच में लगे लोगों ने ट्रू नॉट व आरटीपीसीआर जांच कराने की सलाह देते देखे गए।
गौरतलब है कि 12 मई को दोपहर के समय जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में वायरोलॉजी लैब का शुभारंभ संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव के द्वारा फीता काटकर शुभारंभ किया था जिसमें वर्चुअल रूप से प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव, जिले के प्रभारी मंत्री डॉ.शिव डहरिया सहित मुख्य चिकित्सा एवं स्वाथ्य अधिकारी के साथ अन्य उपस्थित रहे।
कोरिया जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में पूरे जिले भर से मरीज इलाज के लिए आते है, यहां सबसे ज्यादा रेफर मामले चिरमिरी मनेन्द्रगढ़ से बड़ी संख्या में आ रहे हंै, जो मामले आ रहे हंै, उनके ज्यादा संख्या कोरोना संक्रमितों की पाई रही है। दो तीन दिन पूर्व जिला अस्पताल में दो लोगों की मौत हो गई थी, जांच में दोनों पॉजिटिव पाए गए थे बाद मे कोविड प्रोटोकाल के तहत उन्हें घर भेजा गया था।
आरटीपीसीआर की बाध्यता खत्म
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने 5 मई को आरटी-पीसीआर को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है, जिसमें बताया गया है किन परिस्थितियों में आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना चाहिए और कब नहीं।
कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार जारी है। आरटी-पीसीआर टेस्ट के जरिए पता किया जाता है कि कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है या नहीं। देश में लैब कर्मियों पर बढ़ते दबाव को देखते हुए अब आईसीएमआर ने आरटी-पीसीआर को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। गाईडलाइन के अनुसार ऐसे में आरटी-पीसीआर जांच की जरूरत नहीं होगी। जब रैपिड एंटीजन टेस्ट में कोरोना संक्रमण पाए जाने पर आरटी-पीसीआर जांच नहीं करानी चाहिए। जब पहली बार आरटी-पीसीआर जांच में व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया। जब कोई व्यक्ति 10 दिनों तक होम आइसोलेशन में हो और तीन दिन से बुखार न आया हो। अस्पताल से छुट्टी मिलने के समय आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। अगर किसी व्यक्ति ने अंतरराज्यीय यात्रा की है तो टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है।
छत्तीसगढ़ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 13 मई। योग्यता नहीं होने के बावजूद भी क्षेत्र के गली-मोहल्लों में क्लीनिक खोलकर लोगों का इलाज करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई लगातार जारी है। बुधवार को नगर पंचायत खोंगापानी में अवैध रूप से संचालित दो क्लीनिक को सील किया गया।
नगर पंचायत खोंगापानी में कई झोलाछाप डॉक्टर भारी-भरकम बोर्ड लगाकर बेधडक़ अपनी दुकान चला रहे हैं। एक सप्ताह पहले खोंगापानी स्थित राज क्लीनिक का राजस्व एवं स्वास्थ्य अमले ने औचक निरीक्षण कर क्लीनिक के संचालन में छत्तीसगढ़ नर्सिंग होम एक्ट, ड्रग एक्ट, औषधि भंडारण एक्ट, बायोमेडिकल एक्ट एवं महामारी अधिनियम 1897 के प्रावधानों का उल्लंघन पाए जाने पर कार्रवाई की थी, वहीं बुधवार को मनेंद्रगढ़ एसडीएम एवं नायब तहसीलदार के द्वारा खोंगापानी में अवैध रूप से संचालित दो क्लीनिक सील किए गए हैं।
अधिकारियों ने कोविड-19 से अधिक प्रभावित खोंगापानी नगर पंचायत क्षेत्र का दौरा कर व्यवस्था का जायजा लिया गया तथा अवैध रूप से संचालित 2 झोलाछाप डॉक्टरों रामकोमल शर्मा वार्ड नंबर 6 बुद्धूसिंह दफाई एवं खेमराज मिश्रा वार्ड नंबर 8 पक्काधौड़ा के क्लीनिक सील किए।