बस्तर
जगदलपुर, 29 अक्टूबर। महात्मा गाँधी के आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना अंतर्गत गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की तर्ज पर संकुल केंद्र भोंड के स्कूली बच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर ले जाया गया, जिसका प्रारम्भ मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत सदस्य एवं ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष गणेश राम बघेल के साथ संकुल समन्वयक लखेराम बिसाई ने जनपद प्राथमिक शाला भोंड से किया।
बच्चे कतारबद्ध होकर गड़बो नवा छत्तीसगढ़, बाल देवो भव, लक्ष्य एक बस्तर श्रेष्ठ के नारे लगाते हुए हस्तशिल्प केंद्र सरगीगुड़ा पहुँचे, जहाँ पर बच्चों ने जाना कि हस्तशिल्प क्या है और कितने प्रकार के हस्तशिप कला है, वहाँ पर कलाकृति बनाने वाले दसरथ विश्वकर्मा जो कि सह परिवार 40 वर्षों से लकड़ी, पत्थर एवं लोहा की आकृतियां बनाकर अपना जीवन निर्वहन कर रहे हैं, उनकी जीवनी के बारे में बच्चों ने जाना, उसके पश्चात बच्चे भ्रमण करते हुए प्राथमिक शाला सरगीगुड़ा से जीआई पंचायत पहुँचे, जहाँ पर बच्चों ने विभिन्न प्रकार की कलाकृति देखे और रामनाथ कश्यप से मुलाकात की जो कि जी आई पंचायत के मुख्य शिल्पकार हैं।बच्चों से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे वे बस्तर की संस्कृति को बचाकर बस्तर का नाम रोशन कर रहे हैं।
शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम का समापन ग्राम भोंड के आदर्श गोठान में किया गया, जिसमें बच्चों ने जाना कि केंचुआ खाद या वर्मी कम्पोस्ट क्या होता है, कैसे बनता है, इसके क्या लाभ है और केंचुआ खाद पोषण पदार्थों से भरपूर एक उत्तम जैव उर्वरक है। यह केंचुआ आदि कीड़ों के द्वारा वनस्पतियों एवं भोजन के कचरे आदि को विघटित करके बनाई जाती है। साथ ही सोलर पैनल कैसे कार्य करता है, उसके क्या लाभ हैं। बच्चे जानकर काफी उत्साहित हुए।
समापन कार्यक्रम में हाईस्कूल प्राचार्य चरण कश्यप, संकुल समन्वयक लखे राम बिसाई माध्यमिक शाला एच एम,सी. एम. दास, जनपद प्राथमिक शाला प्रधान पाठक उमा तिवारी, शिक्षक संतोष बघेल, शिक्षण सेवक प्रेम सागर ठाकुर, दामू भारद्वाज, अर्चना इक्का, अंजू कश्यप, हीरादई बघेल, गायत्री साहू, दीपिका मिंज, मंगलू बघेल, दिनेश कंवर, सतीश श्रीवास्तव रसोईया सफाई कर्मचारी एवं ग्रामीण उपस्थित रहे।