गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 30 दिसंबर। विगत दिनों शासकीय हरिहर उच्चतर माध्यमिक शाला नवापारा राजिम से उत्तीर्ण छात्रों का सम्मेलन एवं गुरू सम्मान कार्यक्रम हरिहर 88 कुंभ 2 के नाम से रायपुर के जयस्तंभ चौक स्थित होटल में सम्पन्न हुआ।
विदित हो कि मध्यप्रदेश में 10$2 शिक्षा प्रणाली के अन्तर्गत 1988 में उत्तीर्ण छात्रों का यह प्रथम बैच था। जिसमें हरिहर के पांच छात्र चंद्रदेव दानी, श्रीराम फडऩवीस व दयाल जगवानी, पंकज देवांगन, आशीष श्रीवास्तव प्राविण्य सूची में स्थान प्राप्त किये थे, जो अंचल के लिए गौरव की बात थी। पहली बार यहंा सह शिक्षा का आरंभ भी हुआ। क्योंकि कन्या शाला में हायर सेकेण्डरी प्रारंभ नहीं हुआ था।
शासकीय हरिहर उच्चतर माध्यमिक शाला का नाम तत्कालीन मध्यप्रदेश के आदर्श शालाओं में होता था। छात्र ही नहीं बल्कि उसके पालक भी अपने बच्चों को इस शाला में प्रवेश दिलाकर गौरवान्वित होते थे।
कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलित कर सरस्वती माता की वंदना से हुआ। अतिथियों में गुरूजन आरबी शर्मा, एसएल शर्मा, ज्योति चक्रवर्ती, यूके चक्रवर्ती, जीएल साहू, एनके साहू, एसआर सोन, जेके पाण्डेय, आरएल साहू, आरएन तिवारी, पूर्व प्राचार्य एनके शर्मा की धर्मपत्नि, शाला के वर्तमान प्राचार्य संध्या शर्मा, एसके टिकरिहा, अल्का सिंह, श्यामा शर्मा, बीआर देवंागन आदि उपस्थित रहे। वहीं अन्य कर्मचारियों में नीलकंठ साहू, कपूरचंद, तोरण लाल, चन्द्रशेखर भी शामिल थे।
अतिथियों का सम्मान श्रीफल, शाल व स्मृति चिन्ह भेंटकर किया गया। साथ ही 88 बेच के छात्र एवं उनके पारिवारिक सदस्यों का सम्मान भी किया गया। 88 बैच के छात्र आज देश के नामचीन संस्थाओं में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। छात्र सुनील कोचर, जनक कंसारी, ओमप्रकाश साहू, डॅा. पंकज देवंागन, गैंदलाल सोनकर, लच्छूराम निषाद, आशीष श्रीवास्तव, राम फडऩवीस, ज्योति रेड्डी आदि ने अपने गुरूजनों के सम्मान में अपने छात्र जीवन का विस्तार से विचार प्रगट कर याद किया।
वहीं अतिथियों ने इस कार्यक्रम को गुरू शिष्य परंपरा का अनूठा उदाहरण मानते हुए कहा कि हरिहर 88 के प्रतिभावान मेधावी छात्र आज भारत गणराज्य के प्रतिष्ठित व सम्मानित नागरिक हो गये हैं। उनका यह प्रयास प्रशंसनीय व अनुकरणीय है। इस अवसर पर समूह गान, बच्चों का गीत, नृत्य भी किया गया। कार्यक्रम के अंत में दिवंगत शिक्षकों को श्रध्दांजली दी गई।