गरियाबंद
![जैन मुनिश्री का नवापारा आगमन जैन मुनिश्री का नवापारा आगमन](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1715938659035.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 17 मई। नगर में श्री शवेतांबर श्री संघ के परम तपस्वी विनय मुनि जी एवं तपस्वी मुनि श्री विराग मुनिजी आदी ढाना 6 तपस्वियों का नगर आगमन हुआ।
मुनि श्री का पद बिहार करते हुए रायपुर की ओर से प्रात: 6 बजे नगर में सर्वप्रथम नसिया जी में प्रवेश हुआ। नसिया जी में दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष किशोर सिंघई, उपाध्यक्ष सुरित्त जैन,प्रभारी संजय पाटनी,अंकित गदिया,नीरज गंगवाल, आदि लोगों ने मुनि श्री की अगवानी की मुनिश्री जी ने सभी को आशीर्वाद प्रदान किया।
तत्पश्चात संघ पद बिहार करते हुए समाधि स्थल पहुंचे वहां से दिगंबर जैन पारसनाथ मन्दिर में दर्शन कर सदर रोड होते हुए शांतिनाथ जिनालय पहुँच कर श्री जी के दर्शन किये। वहाँ निर्माणाधीन जिनालय का निरीक्षण कर आशीर्वाद प्रदान किया तत्पश्चात मुनि श्री गांधी चौक होते श्वेतांबर मंदिर पहुंचे वहां मुनि संघ की आगवानी ट्रस्ट मण्डल के साथ रिखब चंद बोथरा, स्वरूप टाटिया, लालचंद बंगानी, विजय राज, संतोष बोथरा,लालचंद बंगानी,आदि अनेक लोगों ने किया तत्पश्चात अरहम बहू मंडल के द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। पायल बाफना द्वारा बहुत ही सुंदर भजन की प्रस्तुति की गई मुनि श्री जी ने दर्शन कर सभी नगर वासियों को अपना आशीर्वचन प्रदान किया।
श्वेतांबर जैन मंदिर में सकल जैन समाज के अध्यक्ष शिखर चंद बाफना, उपाध्यक्ष राजकुमार बोथरा, सचिव अभिषेक दुग्गड़, अजय कोचर, आशीष टाटिया सहित श्वेतांबर श्री संघ के गण मान्य लोगों ने मुनि संघ का स्वागत वंदन अभिनंदन किया।
मुनि श्री विराग मुनि जी की तपस्या वर्तमान सभी मुनी सघ में श्रेष्ठ है पिछले वर्ष इन्होंने लगातार 170 दिन का उपवास किया था एवं वर्तमान में भी उनका वास चल रहा है आज 62 वां उपवास उनका हो गया है इतने उपवास के पश्चात भी मुनि श्री बिहार करते हुए नवापारा नगर पहुंचे।
नवापारा नगर के सकल जैन समाज के लोगों के साथ ही बाहर के श्रद्धालु भी मुनि श्री के दर्शन हेतु पहुंचे राजनांदगांव के सकल जैन समाज के अध्यक्ष मनोज वैद को सकलजैन समाज के अध्यक्ष शिखर बाफना द्वारा तिलक साल से सम्मानित किया गया, अंत में सकल जैन समाज के अध्यक्ष शहर भोपाल में सभी का आभार व्यक्त किया एवं मुनिश्री के सानिध्य में प्रतिदिन अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर प्रवचन का लाभ लेने का लोगों से निवेदन किया।