महासमुन्द

कोरोना संक्रमण बढ़ा, गोबर से पेंट बनाने की योजना टली
20-Jan-2022 3:45 PM
कोरोना संक्रमण बढ़ा, गोबर से पेंट बनाने की योजना टली

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,20 जनवरी।
जिले के गोठानों में खरीदी किए जाने वाले गोबर से पेंट बनाने की योजना फिलहाल टल गई है। इसके लिए अभी तक प्रशिक्षण का कार्य ही पूरा नहीं हो पाया है। प्रशिक्षण के लिए जिले के चार लोगों को जयपुर जाना था, लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते प्रशिक्षण रुक गया। अब कोविड संक्रमण दर कम होने के बाद ही चयनित कर्मचारियों को प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा। जयपुर में भी कोविड के चलते प्रशिक्षण को बंद कर दिया है।

महासमुंद जिले के गोठानों में अब गोबर से पेंट बनाया जाएगा। स्व सहायता समूह की आय को बढ़ाने के लिए इस योजना की शुरूआत की गई है। इस विधि का प्रशिक्षण जयपुर राजस्थान में दिया जा रहा है। एक बैच का प्रशिक्षण पूरा हो गया है। दूसरे बैच का प्रशिक्षण जनवरी माह में होना थाए लेकिन कोविड के कारण यह रुक गया। इस प्रशिक्षण के लिए कृषि विभाग व गोठान प्रबंधन समिति से एक.एक अधिकारी सहित दो अन्य लोगों का चयन किया गया था। प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षक जिले के महिला स्व सहायता समूह व श्रमिकों को प्रशिक्षण देंगे। इस संबंध में कृषि विभाग के प्रभारी सहायक संचालक अमित मोहंती का कहना है कि प्रशिक्षण के लिए टीम भेजा जाना था। लेकिन जयपुर में प्रशिक्षण फिलहाल रद्द कर दिया गया है।

जिला प्रशासन महिला स्व सहायता समूह के आय को दोगुनी करने के लिए शासन लगातार प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में गोबर से पेंट बनाने वाली कंपनी से गौ सेवा आयोग के बीच एमओयू भी हुआ है। गोबर से पेंट बनाने की तकनीक को जयपुर की एक संस्था ने प्रशिक्षण देने के लिए हामी भरी है। यह कंपनी गाय के गोबर से पेंट बनाती है। वर्तमान में जिले में गोबर की आवक अच्छी है। जिले में अब तक 48 हजार 804 क्विंटल गोबर की खरीदी हो चुकी है। गोबर से ग्रामीणों को आय भी हो रही है। इसके अलावा वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट खाद आदि बनाकर आय की प्राप्ति की जा रही है।

कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इसमें इच्छानुसार रंग भी डाला जा सकता है और अपने घरों व दुकानों में भी लगाया जा सकता है। यानी जो लोग पूर्व में अपने घरों की दीवार को गोबर से लिपाई करते थे, अब पेंट के माध्यम से पोताई कर सकेंगे। गोबर से वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट खाद, गोबर के कंडे, दीप, अगरबत्ती, धूप आदि बनाया जा रहा है। इसके अलावा गोठान को गोबर गैस संयत्र से जगमग करने का भी प्लान तैयार किया जा रहा है। जिले के 28 गोठानों में गोबर गैस संयत्र स्थापित किए जाएंगे।
बसना विकासखंड के ग्राम पंचायत के संतपाली में बने गोठान में गोबर गैस स्थापित किया जा रहा है। यहां संयंत्र की स्थापना का कार्य पूर्णता की ओर है। इसके बाद गोबर गैस के यह गोठान भी गोबर गैस से जगमग होगा।

यहीं प्लान सभी गौठानों में होगा।
गोबर से पेंट बनाने का प्रशिक्षण जयपुर में दो चरणों मेंं होना था। दूसरा चरण 17 जनवरी से 21 जनवरी तक आयोजित था। पहला चरण का प्रशिक्षण दिसंबर में संपन्न हुआ। इस प्रशिक्षण में महासमुंद जिले के लोग नहीं थे लेकिन प्रदेश के अन्य जिला के प्रशिक्षणार्थी शामिल थे। प्रशिक्षण के बाद कोविड संक्रमण बढऩे के बाद प्रशिक्षण को बंद कर दिया। इसकी वजह से प्रशिक्षण फिलहाल टल गया है।

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